All 12 Rashi Name in Hindi and English: राशि और राशिफल के बारे में सबसे अधिक चर्चा हिंदू समुदाय के लोगों के द्वारा की जाती है। रोजाना समाचार चैनल पर सुबह-सुबह 7:00 बजे के आसपास ही पंडित जी के द्वारा राशिफल के बारे में जानकारी दी जाती है।
हमारे ब्रह्माण्ड में अनेक ग्रह है। इन ग्रहो की चलने की प्रकिर्या गति करने का ढंग इन सभी से राशियों का पता चलता है। जैसे हम सूर्य को पृथ्वी के चारो और घूमता देखतें हैं या यूँ कहिए की ये पृथ्वी सूर्य के चारो और चक्कर लगाती है न क़ि सूर्य पृथ्वी के। ठीक उसी प्रकार यह भी हम लोग जानते ही हैं क़ि हमारे सम्पूर्ण अंतरिक्ष में अनेक चीज़े मौजूद होती हैं जैसे- तारे, ग्रह, आकाशगंगाएं आदि और यही तारे इस अंतरिक्ष में घूमते फिरतें हैं। इन ही तारो के समूह को हमारे पूर्वजों ने कोई न कोई आकृति दे दी और इन्हे राशियां कहा जाने लगा।
इन्ही राशियों के बारे में हम आपको परिचित करने जा रहें हैं। ये राशियाँ वैसे तो 12 होती हैं। लेकिन ये चार तत्वों के अनुसार कार्यरत होतीं है। चार तत्व – वायु राशियाँ, अग्नि राशियाँ, जल राशियाँ, पृथ्वी राशियाँ – सभी एक साथ मिलकर एक व्यापक संपूर्णता बनाते हैं, हम आपको 12 राशियों के नाम और चिन्ह भी बताने वाले हैं। अलग- अलग तत्वों में भिन्न- भिन्न राशियों का कार्य होता है। जो निम्नलिखित दर्शाया जा रहा है।
12 राशियों के नाम – All Rashi Name in Hindi and English (Rashi List)
- मेष (Mesh)
- वृषभ (Vrishabh)
- मिथुन (Mithun)
- कर्क (Kark)
- सिंह (Sinh)
- कन्या (Kanya)
- तुला (Tula)
- वृश्चिक (Vrishchik)
- धेनु (Dhenu)
- मकर (Makar)
- कुम्भ (Kumbh)
- मीन (Meen)
12 राशियों के अक्षर | 12 Rashiyon Ke Akshar
क्रमांक | राशि का नाम | 12 राशियों के अक्षर |
1. | मेष | चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ |
2. | वृष/वृषभ | ई, उ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो |
3. | मिथुन | का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह |
4. | कर्क | ही, हू, हे, हो, डा, डी, डु, डे, डो |
5. | सिंह | मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे |
6. | कन्या | ढो, प, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो |
7. | तुला | र, री, रू, रे, रो, ता, ति, तू, ते |
8. | वृश्चिक | तो, न, नी, नू, ने, नो, या, यि, यू |
9. | धनु | य, यो, भा, भि, भू, ध, फा, ढ, भे |
10. | मकर | भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी |
11. | कुम्भ | गू, गे, गो, स, सी, सू, से, सो, द |
12. | मीन | दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, च, ची |
राशियो के चिन्ह
राशि | संकेत/चिन्ह |
मेष | मेढा |
वृष/वृषभ | बैल |
मिथुन | युवा दंपत्ति |
कर्क | कैकडा |
सिंह | शेर |
कन्या | कुवारी कन्या |
तुला | तराजू |
वृश्चिक | बिच्छु |
धनु | धनुष, धर्नुधारी |
मकर | मगरमच्छ |
कुम्भ | घड़ा, कलश |
मीन | मछली |
राशियों के गुरु का नाम
01. | मेष | मंगल |
02. | वृष/वृषभ | शुक्र ग्रह |
03. | मिथुन | बुध्द ग्रह |
04. | कर्क | चंद्रमा |
05. | सिंह | सूर्य |
06. | कन्या | बुध |
07. | तुला | शुक्र ग्रह |
08. | वृश्चिक | मंगल |
09. | धनु | वृहस्पति |
10. | मकर | शनि देव |
11. | कुम्भ | शनि देव |
12. | मीन | बृहस्पति |
राशियों के नाम हिंदी व अंग्रेजी में (Rashi Name in Hindi & English)
मेष | Aries |
वृष/वृषभ | Taurus |
मिथुन | Gemini |
कर्क | Cancer |
सिंह | Leo |
कन्या | Virgo |
तुला | Libra |
वृश्चिक | Scorpius |
धनु | Sagittarius |
मकर | Capricornus |
कुम्भ | Aquarius |
मीन | Pisces |
12 राशियों के नाम और उनकी जानकारी
प्रत्येक राशि की अपनी ताकत और कमजोरियां, विशिष्ट लक्षण, इच्छाएं और जीवन और लोगों के प्रति अपना दृष्टिकोण होता है| आकाश में एक काल्पनिक बेल्ट जिसमें अधिकांश ग्रहों के स्पष्ट पथ शामिल हैं और जो 12 सितारा समूहों या संकेतों में विभाजित है। ऐसे समूहों को ज्योतिषयों द्वारा प्रतिपादित करके राशियों का नाम दिया गया।
दूसरे शब्दों में हम कह सकतें हैं क़ि ”राशि वास्तव में आकाशस्थ ग्रहों की नक्षत्रावली की एक विशेष आकृति व उपस्थिति का नाम है। आकाश में न तो कोई बिच्छू है और न कोई शेर, पहचानने की सुविधा के लिए तारा समूहों की आकृति की समता को ध्यान में रखकर महर्षियों ने परिचित वस्तुओं के आधार पर राशियों का नामकरण किया है।”
वायु राशियाँ
मिथुन [ 21 मई- 20 जून ]- मिथुन राशि राशि चक्र की तीसरे नंबर की राशि होती है। इसका प्रतीक चिन्ह दो कन्याएँ होती है। मिथुन और कन्या राशि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मिथुन और कन्या राशि के स्वामी बुध ग्रह माने जाते हैं तो दूसरी तरफ बुध ग्रह के स्वामी भगवान गणेश और विष्णु माने जाते हैं तो मिथुन और कन्या राशि के जातकों के इष्ट देव भगवान विष्णु और गणेश जी हैं।
तुला [ 23 सितंबर– 22 अक्टूबर ]- तुला राशि का चिन्ह तराज़ू होता है। तुला राशि का स्वामी शुक्र को माना जाता है। तुला राशि वाले लोग जन्म नक्षत्र, चित्रा, स्वाती या विशाखा होते है। इसलिए इस राशि के लोगों पर मंगल, राहु, बृहस्पति और शुक्र का ज्यादा प्रभाव रहता है। तुला राशि के देवता/देवी माता षोडशी या माता ब्रह्मचारिणी को माना जाता है।12 राशियों में तुला सातवें नंबर की राशि है।
कुंभ [ 20 जनवरी 18 फरवरी ]- कुंभ राशि की बात करें तो यह राशि चक्र की ग्यारहवीं राशि है। इस राशि को वायु तत्व की तीसरी राशि माना जाता है। यह राशि अपने आप में बहुत देवी/देवताओं की उपासना की प्रतीक होती है इस राशि के देवता भगवान शिव, श्री हनुमान जी एवं देवियों में मां काली, एवं माता सिद्धि दात्री को माना जाता है। कुंभ राशि के लोग अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित होते हैं। कुंभ राशि का चिन्ह घड़ा होता है|
अग्नि राशियाँ
मेष [ 21 मार्च 19 अप्रैल ]- मेष राशि राशि चक्र की पहली राशि है इस राशि का चिन्ह ”मेढा’ या भेडा है। जिसको कई स्थानों पर भेड़ के नाम से भी जाना जाता है। इस राशि का चक्र प्रथम बिन्दु प्रतिवर्ष लगभग 50 सेकेण्ड की गति से पीछे खिसकता जाता है। यदि मेष राशि वाले व्यक्तियों की बात करें तो इनके स्वभाव में एक प्रकार का क्रोध होता है। अक्सर यह लोग अपने गुप्त भेदों के खुल जाने से भयभीत हो जातें हैं।
सिंह [ 23 जुलाई 22 अगस्त ]- दोस्तों सिंह राशि इस चक्र की पांचवे नंबर की राशि है। जैसा के इसके नाम से ही अनुमान लगाया जा सकता है इसका प्रतीक शेर को माना जाता है। सिंह राशि का स्वामी सूर्य है और इस राशि का तत्व अग्नि है। इसके तीन द्रेष्काण और उनके स्वामी सूर्य,गुरु, और मंगल, हैं। सिंह राशि का स्वामी ग्रह सूर्य (सूरज) होता है। सूर्य को पिता सरकारी तंत्र और आत्मा का कारक ग्रह माना जाता है।
धनु [ 22 नवंबर 21 दिसंबर ]- इस राशि के प्रतीक के बारे में बात की जाएं तो इसका प्रतीक बेहद अलग होता है। ऐसा चिन्ह धर्नुधर होता है। इसमें ख़ास ये होता है क़ि धर्नुधर का पिछ्ला हिस्सा घोड़े जैसा होता है। धनु राशि का माननीय ग्रह बृहस्पति को माना जाता है और इसलिए, यह भगवान विष्णु और भगवान हनुमान के आशीर्वाद से सीधा संबंध साझा करता है| इसके अलावा मंगलवार या शनिवार को व्रत रखना चाहिए। यह नौवें नंबर की राशि है।
जल राशियाँ
कर्क [ 21 जून 22 जुलाई ]- कर्क राशि काल पुरुष की कुंडली में चौथी राशि होती है। इस राशि का प्रतीक केकड़ा होता है। इस राशि के देवता भगवान शिव को माना जाता है। इस राशि के व्यक्तियों को शिव रात्रि का अखंड सम्मान और पूजा पाठ का कार्य निहित शांतिपूर्वक करना चाहिए। ज्योतिष में राशि चक्र की चौथी राशि कर्क है। इस राशि का गृह चंद्र को माना जाता है।
वृश्चिक [ 23 अक्टूबर 21 नवंबर ]- वृश्चिक राशि के कारक ग्रह चंद्र, मंगल और गुरु माने गए हैं। वृश्चिक राशि राशि चक्र की आठवीं राशि होती है। इसका चिन्ह बिच्छू होता है। वृश्चिक राशि की देवी माँ भगवती तारा या माता शैलपुत्री को माना जाता है। इस राशि के लोगो को अटल माँ भगवती तारा की आराधना में विलम्ब रहना चाहिए। वृश्चिक राशि का संबंध मंगल ग्रह से है। इसलिए इस राशि के जातकों को मंगलवार के दिन पवनपुत्र हनुमान जी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए और व्रत रखना चाहिए।
मीन [ 19 फ़रवरी 20 मार्च ]- इस राशि का प्रतीक चिन्ह मछली की एक जोड़ी होती है।यह गुरु की दूसरी और भचक्र की अंतिम राशि है। इस राशि के जातकों में करुणा की भावना होती है | मीन राशि के जातक कलात्मक विचारों के होते हैं। मीन राशिफल के अनुसार, कला, संगीत, साहित्य लेखन जैसे विषय मीन राशि वालों के प्रिय विषय होते हैं। यदि शिक्षा क्षेत्र में जातक इन विषयों का चुनाव करते हैं तो जातक अधिक सफलता प्राप्त होती है।
पृथ्वी राशियाँ
वृषभ [ 20 अप्रैल 20 मई ]- वृषभ राशि के ग्रह स्वामी शुक्र को माना है। तुला और वृषभ राशि की इष्ट देवी शेरावाली मां दुर्गा हैं | यही कारण है इस राशि के लोगों को मां दुर्गा की विशेष पूजा करनी चाहिए और मंत्र ‘देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि द्विषो का जाप करना चाहिए। इस राशि के प्रतीक चिन्ह बैल को मन गया है। वृषभ राशि चक्र की दूसरी राशि है|
कन्या [ 23 अगस्त 22 सितंबर ]- यह राशि अपने आप में माता भुवनेश्वरी या माता चन्द्रघंटा को देवी अवतार घोषित कर चुकी है। इस राशि के लोगो को माँ चंद्रघंटा की उपासना करनी चाहिए। इस राशि का चिह्न हाथ में फ़ूल की डाली लिये कन्या है। कन्या राशि का स्वामी ग्रह बुध को माना जाता है।
मकर [22 दिसंबर 19 जनवरी ]- इस राशि के प्रतीक को बकरा कहा जाता है। मकर राशिफल के मुताबिक राशि चक्र में मकर राशि का स्थान दसवाँ है। मकर राशि के जातको को ब्रस्पतिवार का उपवास करना चाहिए। इस राशि के जातक को ऊँ श्री विष्णवे नमः मंत्र के जाप से व्यवसाय में लाभ होगा। मकर राशि का स्वामी ग्रह शनि है, इस राशि के जातक के लिए शनि देव और हनुमानजी की पूजा शुभ रहती है।
FAQ’s
मेष, कुंभ
12 राशियों के नाम : मेष , वृषभ , मिथुन , कर्क, सिंह , कन्या, तुला, वृश्चिक, धेनु, मकर, कुम्भ , मीन |
राशि को इंग्लिश में Sign of Zodiac कहते है |
ये राशियाँ मोटे तौर पर निम्नलिखित आधुनिक नामों वाले खगोलीय नक्षत्रों के अनुरूप हैं। मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन। इन राशियों के अलग-अलग चिन्ह होतें हैं।
ज्योतिष शास्त्र में मीन राशि चक्र की 12वीं राशि है, जिसे 19 फरवरी से 20 मार्च तक की अवधि को नियंत्रित करने वाला माना जाता है। इस राशि का चिन्ह मछली होता है।
राशि चक्र को क्रांतिवृत्त के साथ 12 बराबर भागों (“चिह्नों”) में विभाजित किया गया है ये चिह्न मोटे तौर पर निम्नलिखित आधुनिक नामों के साथ खगोलीय नक्षत्रों से मेल खाते हैं मेष , वृषभ , मिथुन , कर्क , सिंह , कन्या , तुला , वृश्चिक , धनु , मकर , कुंभ और मीन ।