जाने हस्त रेखा ज्ञान के बारें में सभी जानकारी।



दोस्तों आज हम आपको एक अहम जानकारी देने जा रहें हैं। जिसका नाम Hast Rekha Gyan हैं।  हस्तरेखा शास्त्र सामुद्रिक शास्त्र का एक अंग है। जिसकी रचना सामुद्र ऋषि ने की थी। हस्तरेखा शास्त्र विज्ञान की प्राचीन शाखा है, जो हाथ की रेखाएं और चिह्नों के आधार पर व्यक्ति के चरित्र और भविष्य का आंकलन करती है। अगर आप भी Hast Rekha Gyan से संबंधित सभी जानकारी जानना चाहते हैं, तो हमारा यह आर्टिकल आपके लिए ख़ास साबित होने वाला हैं,इसलिए आपसे अनुरोध हैं की आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।

हस्तरेखा का ज्ञान – हस्त रेखा देखने की विधि

Hast Rekha Gyan

जैसा की हम सभी जानते हैं की लोग अपने भविष्य को जानने के लिए उत्सुक रहते हैं, जीवन रेखा को काटने वाली छोटी रेखाएं रोध रेखा कहलाती हैं। ये रेखाएं जीवन रेखा को जिस स्थान पर काटती हैं। ये  रेखाएं व्यक्ति के दुर्घटना व बीमारी के बारें में बताती हैं। साथ ही इसके सिद्धांतों के आधार पर हाथों का सूक्ष्म रूप से अध्ययन कर के भविष्य बताया जाता है। हस्त रेखाएं शुक्लपक्ष और कृष्णपक्ष में बनती-बिगड़ती रहती हैं, लेकिन हाथों की बनावट में बदलाव नहीं आता। हथेली की रेखाएं अच्छे और बुरे भाग्य के बारे में बताती है।

बाधा रेखा

ये जीवन रेखा को काटने वाली छोटी रेखाएं रोध रेखा कहलाती हैं। इसके अनुसार यह ज्ञात होता है कि जातक के जीवन में किसी आयु में दुर्घटना या बीमारी होगी।

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सर्कल लाइन

किसी भी मनुष्य के हाथ में सात पर्वत होते हैं। सभी का अपना अपना स्थान होता हैं, अगर उस पर्वत पर वृत्त रेखा है, तो उसका सकारात्मक प्रभाव कम हो जाता है।

द्वीप चिह्न

अलग -अलग हाथ में अलग अलग प्रतीक होते हैं। जिनमें 8 विशेष प्रतीक शामिल हैं। उनमें से एक द्वीप है। इस प्रकार का चिह्न हथेली पर दिखाई देना भाग्य के निम्नतम स्तर का प्रतीक है।

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स्वास्थ्य रेखा

इस रेखा का जीवन रेखा से मेल न खाना शरीर की दृढ़ता, दीर्घायु और शक्ति का प्रतीक है। क्योकि अगर यह रेखा किसी शख्स के हाथ पर गहरी को तो ऐसा व्यक्ति भविष्य में गंभीर बीमारी से पीड़ित रहता है।

बनावट के आधार पर हाथो के प्रकार।

 ये 7 तरह के हाथ होते हैं।

  • निम्न श्रेणी का हाथ,
  • वर्गाकार हाथ,
  • चमसाकार हाथ,
  • दार्शनिक हाथ,
  • कलापूर्ण हाथ,
  • आदर्श हाथ
  • और मिश्रित हाथ।

बेडौल बनावट वाला हाथ निकृष्ट माना गया है। यह जरूरत से ज्यादा छोटा, मोटा, भरा और भारी होता है। अंगूठा हाथ के सामान्य अनुपात में बहुत छोटा होता है। हस्त रेखा शास्त्र में समकोणिक अथवा चौकोर हाथ को वर्गाकार हाथ कहा जाता है। ऐसे हाथ को बहुत अच्छा माना गया है। इसके आलावा कलाई के पास वाला हथेली का हिस्सा अधिक चौड़ा होता है उसे चमसाकार हाथ कहते हैं। दार्शनिक हाथ लंबा, गठीला किंतु बीच में कुछ झुका हुआ हाथ, जिसकी उंगलियों के जोड़ उभरे हुए और नाखून लंबे होंते हैं। कलापूर्ण हाथ मामूली लंबाई-चौड़ाई वाला हाथ, जिसमें उंगलियों का ऊपरी हिस्सा पतला और निचला मोटा सा हो, कलाकार या व्यावसायिक हाथ की श्रेणी में आता है।नुकीली, पतली, नीचे हल्की और ऊपर भारी उंगलियों वाला मुलायम, चिकना तथा लंबा हाथ आदर्शवादी हाथ कहलाता है।मिश्रित हाथ वाले लोग कभी कुछ सोचते हैं और कभी कुछ। ऐसे लोगों के मन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। ये लोग कोई भी फैसला लेते समय डरे हुए या कन्फ्यूज रहते हैं।

FAQ’s
हस्त रेखाओं का ज्ञान कैसे करें?

हस्तरेखा से भविष्य देखने के लिए सबसे पहले अंगुलियों, अंगूठे और हथेली की बनावट देखनी चाहिए। फिर बायां हाथ देखें, इसके बाद दायां हाथ और अब दोनों हाथों की रेखाओं और बनावट में अंतर समझें।

हाथ की जीवन रेखा कैसे देखें?

ये रेखा हथेली में इंडेक्स फिंगर और अंगूठे के बीच में से शुरू होकर अंगूठे के नीचले हिस्से को घेरे हुए कलाई की तरफ जाती है।

हस्त रेखा से आयु कितनी होती है?

हर एक रेखा की औसत आयु 20 से लेकर 25 साल होती है।

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