Why Do Panic Attacks Occur- पैनिक अटैक अचानक होने वाला अटैक होता है। जो किसी भी व्यक्ति को कभी भी हो सकता है, यह अटैक ज़्यादातर किसी प्रकार का भय आपके मन में आ जाने से होता है। कभी-कभी यह इतनी तेज़ी और अचानक से होता है क़ि आप खुद को बिल्क़ुल Helpless समझने लगतें हैं। तो दोस्तों आपको पता होना चाहिए क़ि यह अटैक क्यों आता है|
पैनिक अटैक क्यों आता है? पैनिक अटैक में डर और चिंता की एक तीव्र भावना होती है।यह अक्सर आपके साथ तब होता है जब आप अपने जीवन में होने वाली किसी घटना को लेकर बेहद परेशान और चिंतित होते हैं या आप किसी तरह की खराब और तनावपूर्ण स्थिति का सामना कर रहे होते है। ज्यादा बढ़ी हुई परेशानी और चिंता व्यक्ति पर हावी हो जाती है, उसे लगता है कि अब सब कुछ खत्म हो गया। कई बार व्यक्ति को लगता है क़ि वह मरने वाला है। सब कुछ ख़त्म होने वाला है। पैनिक अटैक घबराहट और चिंता का सबसे गंभीर रूप है। लंबे समय तक चिंता में बने रहना इस अटैक का महत्वपूर्ण कारण बनता है।
Why Do Panic Attacks Occur in Hindi
आज कल हमारे पास उचित समय न होने के कारण हमारे खान-पान और लाइफस्टाइल में बहुत से बदलाव आ गए है। जिसकी वजह से बहुत सी बीमारियां हमारे अंदर पैदा हो रही है। पैनिक अटैक भी वर्तमान में तेज़ी से बढ़ने वाली एक बिमारी है। जो व्यक्तियों में चिंता भय और ड़र के कारण देखीं जा रही है। जब लोग अपने जीवन में होने वाली किसी घटना को लेकर अधिक चिंतित हो जाते है। तब यह रोग उन पर हावी हो जाता है। पैनिक अटैक का प्रभाव बच्चो पर भी देखा जा रहा है।
पैनिक अटैक क्यों होता है
पैनिक अटैक आने के कई कारण होते है। कभी-कभी बचपन के किसी बुरे अनुभव या बुरी घटना के बारे में लगातार सोचते रहने से पैनिक अटैक आ जाता है। वहीं पर अगर हम पैनिक अटैक आने के दूसरे Reason की बात करें तो फैमली हिस्ट्री भी पैनिक अटैक आने का कारण बनती है, इसके अलावा Depression, चिंता या अन्य मानसिक बीमारी पैनिक अटैक के मुख्य कारण होते है। इन सभी Situations में रोगी को एक श्रेष्ठ मनोचिकित्सक से जल्द से जल्द सलाह लेनी चाहिए।
पैनिक अटैक का आयुर्वेदिक इलाज
आयुर्वेद में पैनिक डिसऑर्डर का इलाज बिल्कुल संभव है। इसके आयुर्वेदिक इलाज के लिए आपको अश्वगन्धा का चूर्ण दिन में दो बार तीन-तीन ग्राम दूध से लेने पर इस समस्या में आराम मिलता है। इसके अलावा आप अश्वगंधा की पत्तियों का पाउडर भी दिन में तीन बार ले सकते है इसी के साथ शंखपुष्टि का पाउडर या सीरप दस ग्राम दूध में लेने पर भी इस रोग में फायदा मिलता है। ब्राहमी बटी, आँवला, मिश्री का मिश्रण, सौंफ का मिश्रण और अश्वगंधारिष्ट से भी इस रोग में लाभ मिलता है। इस इलाज के दौरान ही आपको व्यायाम भी करना बेहद ज़रूरी होता है। अपनी डाइट में कार्बोहायड्रेट की मात्रा को कम रखना चाहिए।
पैनिक अटैक का होम्योपैथिक इलाज
अगर आप या आपका कोई परिचित पैनिक अटैक जैसी बीमारी से ग्रस्त है, तो आप इन होम्योपैथिक दवाओं का सेवन अपने चिकित्सक से महत्वपूर्ण राय लेकर कर सकते है। एकोनिटम नैपेलस होम्योपैथिक एक ऐसी दवाई है, जो नकारात्मक सोच की वजह से पैदा हुए अवसाद या चिंता से छुटकारा दिलाने में काफी कारागर है। होम्योपैथिक दवा आर्जेन्टम नाइट्रिकम भी इस रोग में मदद प्रदान करती है। आर्सेनिकम एल्बम भी स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है।
पैनिक अटैक क्या है? (What is Panic Attack?)
पैनिक अटैक व्यक्ति के अत्यधिक भयभीत होने से उस पर हमला कर देता है। यह एक थोड़ी सी अवधि में आने और कम समय तक रहने वाला अटैक होता है। पैनिक अटैक का समय वैसे तो 5 से 20 मिनट होता है लेकिन कई बार ये लगातार आ सकता है। पैनिक अटैक कहीं भी, कभी भी और किसी को भी हो सकता है। यह व्यक्ति की स्थिति और उसके Emotion पर निर्भर करता है। यदि व्यक्ति अधिक डरा हुआ रहता है। तो वह इस अटैक का जल्दी शिकार हो जाता है। पैनिक अटैक क्योकि व्यक्ति के अंदर चिंता भर देता है, इसीलिए इसको चिंता के दौरे, आतंक का दौरा और घबराहट की बीमारी के नामो से भी जानतें हैं|
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पैनिक अटैक कितने प्रकार का होता है?
पैनिक अटैक तीन प्रकार के होते है। इनके बारे में नीचे कुछ जानकारी दी जा रही है।
- सिचुएशन संवेदनशील पैनिक अटैक– यह वह स्थिति है जो व्यक्ति के दिमाग की परिस्थिति से सम्बंधित होती है, इस तरह के पैनिक अटैक सामान्य तौर पर जब होतें हैं, जब व्यक्ति पर कोई मानसिक दुष्प्रभाव पड़ता है। ऐसी परिस्थिति में आने के बाद आधे घंटे तक इस अटैक का खतरा बना रहता है।
- सिचुएशन पैनिक अटैक– इस अटैक को स्थितिगत अटैक कहा जाता है। यह किसी खास कारण से होता है। जैसे कुछ लोगों को सार्वजनिक रूप से बोलने या बोलने के विचार से ही पैनिक अटैक आ जाता है।
- अप्रत्याशित या अनएक्सपेक्टेड पैनिक अटैक– यह वह स्थिति होती है, जिसमे किसी भी प्रकार के कोई लक्षण देखने को नहीं मिलते हैं। इस प्रकार के अटैक कभी भी कहीं भी आ सकते है। इसका कोई समय नहीं होता है।
पैनिक अटैक के लक्षण (Panic Attack Symptoms)
पैनिक अटैक के लक्षण बिना किसी सूचना के आ सकते हैं। चलते समय, सोते समय, गाड़ी चलाते समय, काम करते समय, आदि के दौरान आपको अचानक डर का सामना करना पड़ सकता है। घटना होने की संभावना अलग-अलग होती है। परिवार के साथ होते हुए भी कभी-कभी व्यक्ति को इसके लक्षण देखने को मिलते हैं। ये ज़रूरी नहीं की किसी विशेष जगह और विशेष कारण से ही आप इस अटैक के लक्षणों को महसूस करें। इसके सामान्य Symptoms निम्नलिखित होतें हैं।
- इस अटैक में हृदय गति अत्यधिक तेज़ हो जाती है।
- आपको शरीर का हिलना भी महसूस होता है।
- तेज़ी से ठंड लगना भी इस अटैक का लक्षण है।
- इस समस्या में पसीना आना भी आम बात है
- आपको लगेगा की जैसे आपकी मृत्यु होने वाली है, मृत्यु का डर होना।
- अपने शरीर पर नियंत्रण खोना।
- सिर में दर्द का शुरू हो जाना।
- ऐंठन का महसूस होना।
- इस परिस्थिति में जी मिचलाना भी संभव है।
- अचानक से बुखार वाली गर्मी महसूस करना।
- हाथों और पैरों का सुन्न होना।
- अचानक से चक्कर आना।
- सम्पूर्ण शरीर में झुनझुनी का आना।
- घुटन का महसूस होना।
- इस बीमारी के रहते मांसपेशियों में तनाव देख सकतें हैं।
सब्जियों के नाम हिंदी और इंग्लिश में
पैनिक अटैक के नुकसान (Panic Attack Affect)
आजकल पैनिक अटैक भी एक तेजी से बढ़ती बीमारी साबित हो रही है। अचानक बहुत तेज दर्द और बेचैनी पैनिक अटैक के लक्षण हैं। इसके अतिरिक्त हृदय गति तेज़ होना, सांस लेने में कठिनाई, और डर की भवना जैसे लक्षण भी पैनिक अटैक के मुख्य लक्षण है। यदि यह लक्षण आपको भी दिखते और प्रभावित कर रहे हैं, तो यह पैनिक अटैक का संकेत है। इस अटैक से आपको बड़ा नुकसान यह होता है कि आपके अंदर डर और घबराहट कहीं न कहीं जन्म ले लेती है और थम जाती है।
पैनिक अटैक के लिए घरेलू उपचार
इस अटैक में आप पेट से गहरी सांस लें, धीरे-धीरे और लगातार फेफड़ों को भरते हुए सांस अंदर और बाहर दोनों समय 4 तक गिनें। पर्याप्त नींद लेनी चाहिए। अच्छी डाइट के सेवन से इस रोग में फायदा मिलेगा। हरी पत्तेदार सब्ज़िया भी एक अच्छी दवाई साबित हो सकती हैं।
पैनिक अटैक में क्या खाना चाहिए
इस रोग में आपका शरीर घबराहट की वजह से बुरा महसूस करने लगता है। इसके रोगी को पानी या अन्य हाइड्रेटेड पेय पदार्थ की ज़्यादा ज़रूरत होती है। इसके अलावा आप साधारण कार्बोहाइड्रेट, जैसे- ब्रेड, अनाज, या फल ले सकतें हैं। इस बीमारी में प्रोटीन की अच्छी मात्रा लेनी चाहिए, इसके लिए अंडा, पनीर, या मांस को अपने भोजन में शामिल करें।
फलों का नाम हिंदी और अंग्रेजी में
FAQ,s
पैनिक अटैक से आपकी मृत्यु नहीं होगी। लेकिन पैनिक अटैक के चलते आपको ऐसा लग सकता है कि आप मर रहे हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि आपको इस अटैक में बहुत घबराहट होती है। कभी-कभी आप पैनिक अटैक के लक्षणों और किसी दूसरी स्थिति के बीच अंतर नहीं बता पाते। और आप भ्रमित रहतें हैं, इस भरम के रहते आप घबरातें हैं जिससे आप कहीं न कहीं इस प्रश्न को सोचने लगतें हैं। कि क्या पैनिक अटैक जानलेवा होता है, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है दोस्तों इस अटैक में मरने का खतरा नहीं होता।
चिंता को नियंत्रित करना बहुत चुनौतीपूर्ण माना जाता है। लेकिन यदि आप सही डाइट का सेवन करें और वर्तमान में जीने का अभ्यास करें, अपने उस बीते हुए समय को कम से कम याद करें जो आपकी चिंता का कारण हो तो आप इस अटैक को केवल 6 महीनो में आराम से सही कर सकतें है। ज़्यादा से ज़्यादा इस अटैक को सही होने में 7 से 8 महीनो का समय लग सकता है।
पैनिक अटैक भयावह होते हैं, लेकिन वे खतरनाक नहीं होते। अटैक से आपको कोई शारीरिक नुकसान नहीं होगा और अगर आपको पैनिक अटैक आता है तो आपको तुरंत अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत नहीं है, कुछ घरेलु उपचार करके इस परिस्थिति को सही किया जा सकता है, लेकिन यदि आपको लगे क़ि आपकी हालत बहुत तेज़ी से बिगड़ रही है तो आप अपने चिकित्सक से परामर्श लें। और ज़रूरी उपचार की मांग करें।
इस अटैक में कई प्रभावी चिकित्सा उपचार और मनोचिकित्सा के विशिष्ट रूप शामिल हैं, लेकिन दवाओं के बारे में बात करें तो इस अटैक में सेरोटोनिन रीअपटेक इनहिबिटर (एसआरआई), सेरोटोनिन और नोरेपेनेफ्रिन रीअपटेक इनहिबिटर (एसएनआरआई) और बेंजोडायजेपाइन जैसी दवाएं काम करती है। सेरोटोनिन आपके मूड को नियंत्रित करने में मददगार दवा है| ऐसे आमतौर पर दिन में एक बार लिया जाता है।
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