भौतिक संसार में जीवन और मृत्यु एक चक्र है, जिसके अनुसार जिसका जन्म होता है, उसकी मृत्यु निश्चित है | परन्तु कुछ मामलें ऐसे भी होते है, जब किसी व्यक्ति की मृत्यु समय से पहले हो जाती है, यानि कि किसी दुर्घटना में मतलब अस्वाभाविक मौत होने पर कुछ कानूनी नियम का पालन करने के साथ मनुष्य के शरीर का पोस्ट मार्टम किया जाता है, जो स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाता है | पोस्ट मार्टम यानि कि Autopsy (शवपरीक्षा) रिपोर्ट सम्बंधित घटना के जिला अस्पताल में किया जाता है |
यह एक कानूनी प्रक्रिया होती है, क्योंकि यदि कोई सम्बंधित घटना में कोई अपराधी होता है तो उसका पता लगाने में इससे मदद प्राप्त होती है | यदि आप भी इसके विषय में जानना चाहते है तो यहाँ पर इसके बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है |
पोस्टमार्टम है क्या
पोस्टमार्टम दो शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ अलग-अलग करके देखे तो पोस्ट (Post) का अर्थ आफ्टर होता है तथा मार्टम (Mortem) का मतलब डेथ से जोड़ा गया है । यानी कि Postmortem व्यक्ति के मरने के पश्चात ही किया जाता है। देखा जाए तो यह भी एक प्रकार की शल्य क्रिया यानी कि सर्जरी की ही तरह होती है। पोस्टमार्टम को शवपरीक्षा (Autopsy या post-mortem examination) के जैसे अलग – अलग नाम भी दिए गए है।
पोस्टमार्टम के लिए परिजनों की मंजूरी होनी चाहिए या नहीं
पोस्टमार्टम के लिए परिजनों की मंजूरी का जवाब “हाँ” में है। इस जानकारी से आपको अवगत करा दें कि पोस्टमार्टम मनमर्जी से चिकित्सा विभाग नहीं कर सकता है, न्यायिक मामलो में कराया जा सकता है। इसके अलावा अन्य मामलों पहले परिजनों से मंजूरी लेना जरूरी होता है। या फिर परिवार का कोई नजदीकी रिश्तेदार या फिर किसी जानने वाले व्यक्ति कोई भी हो सकता है। इसके पश्चात् ही पोस्टमार्टम की प्रक्रिया की जाती है।
पोस्टमार्टम किया क्यों जाता है?
Postmortem की प्रक्रिया इसलिए होती है क्योंकि इससे व्यक्ति मौत के कारण का पता आसानी से लगाया जा सकता है। इसके अलावा सामान्य परिस्थितियों में मौत हो जाने पर अधिकतर परिवार के किसी घर के सदस्य की मृत्यु के पश्चात उसके शव का पोस्टमार्टम की प्रक्रिया नहीं करवाते है। इसके अलावा संदिग्ध परिस्थितियों में पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया करवाना अनिवार्य किया गया है | जिससे आगे की कानूनी और न्यायिक प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा न आये |
PHARMACIST (भेषजज्ञ) क्या होता है
पोस्टमार्टम कौन करता है?
पोस्टमार्टम करना आसान कार्य नहीं होता है यह कार्य कोई सामान्य डॉक्टर न करके इसे पैथोलॉजिस्ट करता हैं। हिंदी में उसे “विकृति विज्ञानी” नाम से भी जानते है। वैसे तो यह एक साधारण डॉक्टर ही होता है, लेकिन वह इस तरह के कार्य में परिपक्व होता है। उसकी सहायता के लिए एक सहायक भी रखा जाता हैं। इस प्रक्रिया के दौरान शव के चीरफाड़ की जिम्मेदारी इन्हीं इन्ही की होती है। यह अपने कार्य को करने के पश्चात डाक्टर को रिपोर्ट बनाने में सहायता प्रदान करते हैं।
इन मामलों में पोस्टमार्टम होना है जरुरी
किसी भी आपराधिक मामलें में पोस्टमार्टम रिपोर्ट की सबसे अधिक अहमियत होती है। Postmortem रिपोर्ट के माध्यम से ही पुलिस मौत का कारण जान पाती है | इसमें मृतक को जहर देकर मारा गया है या फिर उसकी मौत मारपीट या फिर अन्य वजह से हुई इसका पता लग जाता है | मृतक से जुड़े सभी साक्ष्य रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट में पक्ष रखने में मदद मिलती है।
यहाँ आपको पोस्टमार्टम के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई है | यदि इस जानकारी से संतुष्ट है, या फिर इससे समबन्धित अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो कमेंट करके अपना सुझाव दे सकते है, आपकी प्रतिक्रिया का जल्द ही उत्तर दिया जायेगा | अधिक जानकारी के लिए hindiraj.com पोर्टल पर विजिट करते रहे |