दोस्तों आज हम आपके लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी लेकर आए हैं। जी हाँ अब आप हिंदी में भी कर सकते हैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई। क्योकि आईआईटी जोधपुर ने अब इंग्लिश के साथ-साथ हिंदी मीडियम में भी बीटेक करने की सुविधाएं देने का एलान कर दिया हैं। अगर आप छात्र हैं, और हिंदी में इंजीनियरिंग करना चाहते हैं, तो हमारा यह आर्टिकल आपके लिए अनमोल हैं। क्योकि आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में इसकी सभी जानकारी विस्तार से दे रहें हैं। IIT अब हिंदी में कराएगा इंजीनियरिंग की पढ़ाई से संबंधित सभी जानकारी को आसान शब्दों में जानने के लिए आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।
Engineering में कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं
BTech in Hindi
हाल ही में आयी सुचना के अनुसार एजुकेशन मिनिस्ट्री और IIT Jodhpur इसी सेशन से इसकी शुरुआत कर रहे हैं। ये IIT जोधपुर में अधिक समावेशी और सहायक शैक्षिक वातावरण को बढ़ावा देने की दिशा में अहम बात हैं, क्योकि ज्यादातर छात्र इंजीनियरिंग की पढ़ाई तो करना चाहते हैं,लेकिन आईआईटी की पढ़ाई इंग्लिश मीडियम में ही होती थी।जिसकी वजह से हिंदी मीडियम से पढ़े कैंडिडेट चाहकर भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई नहीं कर पाते थे। लेकिन अब, उनके लिए खुशखबरी है,केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय, IIT जोधपुर मौजूदा शैक्षणिक सत्र से ही हिंदी और अंग्रेजी दोनों में बीटेक फर्स्ट ईयर के कोर्सेज शुरू करेगा। ये एक सराहनीय कदम हैं। जिससे बच्चो को भवष्य उज्जवल बनाया जा रहा हैं। इसके अलावा ये भी कहा गया हैं की जो टीचर्स इंग्लिश के सेक्शन को पढ़ाएंगे, वहीं हिंदी के छात्रों को भी पढ़ाएंगे। इससे निरंतरता और गुणवत्ता बनी रहेगी।
IIT जोधपुर इंजीनियर, छात्र-छात्राओं के लिए अच्छा मौका
दोस्तों जैसा की हम सभी जानते हैं की आज के इस युग में सभी बच्चे अपने कॅरियर को लेकर गंभीर हैं, वह जल्द से जल्द अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं। इसी बात पर ध्यान देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय, IIT जोधपुर मौजूदा शैक्षणिक सत्र से ही हिंदी और अंग्रेजी दोनों में बीटेक फर्स्ट ईयर के कोर्सेज शुरू करेगा। ताकि इंजीनियरिंग छात्र भाषा को लेकर किसी समस्या का सामना ना करें। बीटेक और एमटेक सहित अन्य सभी पाठ्यक्रमों के छात्र-छात्राओं को इस व्यवस्था से फायदा मिलेगा। विश्वविद्यालय से जुड़े 753 तकनीकी संस्थानों में यह व्यवस्था लागू होगी। इस संबंध में कॉलेजों को निर्देशित कर दिया गया है। आगामी सत्र से विद्यार्थियों को अंग्रेजी माध्यम के साथ हिंदी माध्यम में पढने का मौका मिलेगा। जिससे छात्र तकनीकी शिक्षा को अपनी भाषा में ज्यादा अच्छी तरह से समझ सकेंगे। इंजीनियरिंग करने वाले बच्चों के पास ये बहुत ही अच्छा मौका हैं।
इंजीनियर कैसे बन सकते हैं?
इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लेने के लिए जरूरी है कि आपने कक्षा 12 की पढाई साइंस स्ट्रीम से की हो। क्योकि ये बहुत ही जरूरी हैं। इच्छुक छात्र स्कूल में 11 वीं कक्षा में साइंस विषय का चयन करते हैं और यहीं से उनकी तैयारी शुरू हो जाती है। इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला के लिए छात्रों को जेईई मेन्स, जेईई एडवांस, GATE, BITSAT, CMAT, WBJEE, COMEDK UGET जैसे प्रवेश परीक्षा को उत्तीर्ण करना होता है और इसी के आधार पर ही उन्हें कॉलेज मिलते हैं। एकेटीयू के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय के मुताबिक अब छात्रों को अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी तकनीकी विषय पढ़ाए जाएंगे। जिससे विद्यार्थियों को अपनी भाषा में पढ़ने से काफी आसानी होगी। इंजीनियरिंग कोर्स मुख्य रूप से 3 वर्ष का होता है, इसे सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद छात्रों को इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त हो जाएगी और वे इंजीनियर बन जाएंगे।
इंजीनियरिंग के विषय
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप विभिन्न भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की किताबें तैयार की जा रही हैं। हिंदी और अन्य 11 क्षेत्रीय भाषाएं जिनमें तमिल, तेलुगु, उर्दू, मलयालम, बंगाली, असमिया, मराठी, कन्नड़, उड़िया, गुजराती और पंजाबी में बीटेक और बीई कोर्सेज की किताबें लिखी जा रही हैं। इसके अलावा जैसे-
- विज्ञान
- गणित
- अनुभव, निर्णय तथा सामान्य ज्ञान
- कला
- इंजीनियर पुलों और महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों के साथ-साथ बड़े पैमाने पर संक्रमण प्रतिरोधी उपकरण तथा प्रणालियों को डिजाइन करते हैं।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई कहां से करें ?
विभिन्न प्रकार के छात्र कोई मशीनों को लेकर, कोई केमिकल तो कोई कंप्यूटर संबंधी क्षेत्र में इंजीनियर बनने का सपना देखता है और इसके लिए स्कूली शिक्षा के समय से ही जरूरी तैयारी करना शुरू कर देता है।दोस्तों हम आपको टॉप 10 इंजीनियरिंग कॉलेजों के बारें में नीचे बता रहें हैं।
नाम | राज्य | स्कोर | रेंक |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, मद्रास | तमिलनाडु | 89.93 | 1 |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, दिल्ली | दिल्ली | 88.08 | 2 |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, मुंबई | महाराष्ट्र | 85.08 | 3 |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, कानपुर | उत्तर प्रदेश | 82.18 | 4 |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, खड़गपुर | पश्चिम बंगाल | 80.56 | 5 |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, रुड़की | उत्तराखंड | 76.29 | 6 |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, गुवाहाटी | असम | 74.9 | 7 |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, हैदराबाद | तेलंगाना | 66.44 | 8 |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, तिरिचिराप्पल्ली | तमिलनाडु | 64.1 | 9 |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, इंदौर | मध्य प्रदेश | 62.88 | 10 |
इंजीनियरिंग के प्रकार
ये निम्नलिखित हैं। जैसे –
- केमिकल इंजीनियर
- सिविल इंजीनियर
- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
- इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग
- मैकेनिकल इंजीनियरिंग
- कंप्यूटर साइंस
- इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग
- एयरोस्पेस इंजीनियरिंग
- ओशनिक इंजीनियरिंग
- न्यूक्लिअर इंजीनियरिंग
- बायोमेडिकल इंजीनियरिंग एंड बायोकैमिकल इंजीनियरिंग
- एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग
सफल इंजीनियरों में कौन -कौन से गुण होते हैं
- कल्पनाशील और रचनात्मक
- अच्छा संचार कौशल
- टीम में काम करने में माहिर
- काम करने के तरीके में सुधार या निर्माण कार्य में आनंद लेना
- गणित और विज्ञान में मजबूत
- अत्यधिक विश्लेषणात्मक और विस्तार-उन्मुख
मैकेनिकल इंजीनियर (Mechanical Engineer) कैसे बनें
FAQ’s
अगर 12 वीं गैर-चिकित्सा के साथ की है, तो आप सॉफ्टवेयर इंजीनियर के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए एआईईईई (अखिल भारतीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा) के लिए जा सकते हैं। आपको प्रोग्रामिंग भाषाएं जैसे C, C++, Java आदि सीखनी होंगी।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का पहला चरण यह है कि 12वीं पास करने के बाद आप किसी अच्छे कंप्यूटर कॉलेज जैसे कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, बीसीए और बैचलर ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से बैचलर ऑफ कंप्यूटर की डिग्री लें, जो 4 साल का होता है।
सरकारी इंजीनियर बनने के लिए किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री पास करें।
यह एक तथ्य है कि इंजीनियरिंग की डिग्री के साथ विश्वविद्यालय के स्नातक औसत स्नातक वेतन से कम से कम 20% अधिक कमाते हैं। वे अध्ययन के दौरान अधिकांश अन्य विषयों के स्नातकों की तुलना में अपने करियर के दौरान बहुत अधिक कमाने की उम्मीद कर सकते हैं।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए, या तो यूजी डिप्लोमा , गणित और भौतिकी योग्यता परीक्षा में अनिवार्य रूप से होना चाहिए।