Diet Chart For Dengue Fever patient- डेंगू मच्छर के काटने से होने वाला अत्यधिक खतरनाक रोग होता है। यदि आसान शब्दों में बात की जाए तो यह एक ऐसा वायरल बुखार होता है जो एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। किसी भी व्यक्ति के मच्छर द्वारा संक्रमित हो जाने के चार दिन बाद से उस व्यक्ति में इस रोग के लक्षण देखें जा सकतें हैं।
इस विकार से ग्रस्त लोगों में आमतौर पर बुखार, सर दर्द, त्वचा पर चिकत्ते, प्लेटलेट्स का कम होना और माँसपेशियों में दर्द होना जैसे आसार देखने को मिलते हैं। और यह काफी गंभीर आसार हो सकतें हैं। इन लक्षणों की गंभीरता को कम करने के लिए स्वस्थ और संतुलित आहार लेना बेहद ज़रूरी है।
ताकि यदि आपको डेंगू रोग है तो आप इसकी जल्दी रिकवरी कर सकें। डेंगू से जल्दी रिकवरी के लिए डाइट में शामिल करें ये चीजें जिनका विवरण निम्नलिखित है। भोजन में ऐसे पौष्टिकता से भरपूर आहार और खाद्य पर्दार्थो को शामिल करें जिनमे भरपूर मात्रा में प्रोटीन शामिल हो। आप ऐसा खाना ले सकतें हैं, जिसको सम्पूर्ण आहार माना जाता हो।
Dengue se Jaldi Recovery ke liye Diet me Shamil Karen ye Cheezen
यदि एक्सपर्ट और आहार विशेषज्ञों की माने तो डेंगू के दौरान डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) की समस्या हो जाती है, ऐसे में जितना हो सके तरल पदार्थों का सेवन करें। और दिन भर में पानी पीने की मात्रा को बढ़ा दे। आपको प्रतिदिन अपने शरीर के हिसाब से पानी पीना चाहिए। एक 20kg वाले शरीर को रोज़ाना 1 लीटर पानी चाहिए होता है।
इस रोग के लिए आपके किचन में एक ऐसी चीज़ मौजूद होती है जो एंटीसेप्टिक और मेटाबॉलिज्म बूस्टर गुणों से भरी होती है। और इस रोग में अत्यंत उपयोगी भी होती है। लेकिन आपको पता ही नहीं होता। जी हाँ बिल्क़ुल हम बात कर रहें है हल्दी की। हेल्थ एक्सपर्ट, डेंगू से पीड़ित लोगों को हल्दी वाला दूध पीने की सलाह देते हैं क्योंकि यह उन्हें तेजी से ठीक करने में मदद करती है। अगर आपको हल्दी का दूध पसंद नहीं है, तो आप हल्दी का पानी भी पी सकते हैं।
डेंगू में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए
डेंगू फीवर में ये आहार खाने चाहिए। जो नीचे बताये जा रहें हैं ये इम्यून सिस्टम को भी मजबूती देते हैं।
डेंगू में पपीते के पत्तों का जूस कारागर है
डेंगू से रिकवरी के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज़ पपीता होता है। इस रोग में पपीता काफी आरामदायक भी होता है और डेंगू के बुखार में जब प्लेटलेट्स कम हो जाती हैं तो इसे बढ़ाने के लिए पपीते के पत्ते का जूस पीने की सलाह दी जाती है| पपीते के पत्तो में एल्कलॉइड, ग्लाइकोसाइड, टैनिन और सैपोनिन जैसे महत्वपूर्ण सक्रीय घटक होतें हैं। इसलिए पपीते के पत्तो का रस डेंगू बुखार से पीड़ित लोगों में प्लेटलेट्स काउंट बढ़ने के लिए इस्तेमाल करतें हैं।
डेंगू बुखार में बकरी के दूध के फायदे
दरअसल, कहा जाता है कि बकरी का दूध डेंगू में फायदेमंद होता है और इससे डेंगू से रिकवरी में काफी मदद मिलती है। बकरी का दूध प्लेटलेट्स बढ़ाता है और चमत्कारिक रूप से काम करता है। इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। यह एक डेंगू और मलेरिया के रोगी के लिए अत्यंत लाभकारी पोषक तत्व है|
डेंगू में आप इन चीज़ो का परहेज़ कर सकतें हैं। और आप इन सभी चीज़ों को Avoid करें।
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मसालेदार भोजन है खतरनाक (Spicy Food)
डेंगू के मरीजों को मसालेदार खाने से बिल्कुल दूर रहना चाहिए। यह पेट में एसिड जमा कर सकता है और अल्सर की दिक्कत बढ़ा सकता है। और ऐसा खाना आपके पाचन तंत्र को भी नुकसान पहुंचता है।
कॉफ़ी का सेवन न करें
डेंगू में शरीर को तरल पदार्थों की बहुत जरूरत होती है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप खूब चाय या कॉफी पिएं। इस समय हाइड्रेटिंग ड्रिंक्स पिएं और कैफीन को बिल्क़ुल छोड़ दें।
ऑयली और फ़ास्ट फ़ूड से परहेज़ करें
डेंगू के मरीजों को ऑयली या फ्राइड फूड बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए। इस समय हल्का खाना सबसे अच्छा रहता है।ऑयली फूड में फैट बहुत ज्यादा होता है। ऐसे लोगो को फ़ास्ट फ़ूड से भी परहेज़ रखना चाहिए।
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डेंगू बुखार में कौन से फूड्स हैं मददगार
आपको बतातें हैं कि इस रोग के लिए किस प्रकार का भोजन आपके लिए मददगार होता है। और यह भोजन आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी संतुलित और स्वस्थ रखता है।
- डेंगू के बुखार में नारियल पानी पीना बेहद फायदेमंद माना जाता है। नारिलय पानी इलेक्ट्रोलाइट्स और जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होता है। नारिलय पानी शरीर में पानी की कमी को भी पूरा करता है। डेंगू पीड़ित मरीजों में पानी की कमी हो जाती है। इस बीमारी के मरीज़ को शरीर में पानी की बेहद ज़रूरत होती है।
- ब्रोकली भी एक अच्छा ऑप्शन है। बल्कि यूँ कहिए कि इस बीमारी से पीड़ित होने पर ब्रोकली खाना जरूरी है। इसमें विटामिन की अच्छी मात्रा होती है। जो ब्लड प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने में मदद करती है। डेंगू से पीड़ित लोगों को अपने प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए ब्रोकोली खानी चाहिए।
- डेंगू बुखार में कीवी खाना चाहिए। इसमें ऐसे फल खाने लाभकारी होतें हैं जिनमे विटामिन-C पाया जाता है। जैसे- खट्टे फल, कीवी, संतरा और आँवला इत्यादि। केला जैसे फल इस रोग में बिलकुल भी नहीं लेने चाहिए। क्योकि ये काफी Heavy फल माना जाता है, और इसके Digestion में समय भी लगता है।
- डेंगू डाइट में आपको नट्स शामिल करने चाहिए| बादाम, अखरोट, और काजू में कई पोषक तत्व, जैसे स्वस्थ फैट, प्रोटीन और विटामिन होते हैं। ये आवश्यक ऊर्जा प्रदान करते हैं और स्वास्थ्यलाभ पाने में मदद कर सकते हैं।
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डेंगू के लक्षण और उपाय (Dengue Symptoms In Hindi)
डेंगू, जिसे ‘ट्रॉपिकल फ्लू’ के नाम से भी जाना जाता है| डेंगू की विशेषता तीव्र बुखार की शुरुआत है,और इस प्रकार के बुखार के बाद अक्सर लोगों में सरदर्द, मतली और उल्टी जैसे लक्षण दो से सात दिनों तक बने रहते हैं,और इन लक्षणों के चलते व्यक्ति का स्वास्थ्य आम तौर पर बेहद ख़राब हो जाता है। पूरी तरह से ठीक होने में लगभग दो सप्ताह लग सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता और डाइट अच्छी है तो वह रिकवरी में कम समय भी लगा सकता है।
डेंगू में कोई ऐसी दवा नहीं है, जो केवल कुछ ही समय में इस रोग को जड़ से ख़त्म कर दे। लेकिन ऐसे कुछ घरेलु उपाय ज़रूर हो सकतें हैं जो आपको इस बीमारी में राहत दिलातें हैं। तो आप घर पर ही डेंगू के इलाज के लिए इन टिप्स को फॉलो कर सकतें हैं।
सबसे पहले आप हल्दी वाला दूध नियमित रूप से ले सकतें हैं। और अमरूद का रस भी एक अच्छा ऑप्शिन हो सकता है। अनार और जामुन जैसे लाल फलों का सेवन करें यह भी आपके लिए इस बीमारी में फायदेमंद होता है।
उन खाद्य पदार्थों का सेवन करें जो प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करते हैं। हरी पत्तेदार सब्ज़ियों का ज़्यादा सेवन करें। जिसमे मेथी आपके लिए उपयोगी होती है।
FAQ’S
डेंगू एक ऐसा रोग है जो मलेरिया बीमारी की तरह मच्छरों के काटने से फैलता है। इन मच्छरों को ‘एडीज मच्छर’ कहते है। एडीज़ मच्छर डेंगू फैलाने के लिए सबसे ज़्यादा प्रभावकारी है। इसके अलावा यह बीमारी बरसात में सबसे अधिक तेज़ी से फैलती है। अन्यथा यह रोग किसी डेंगू मरीज़ के संपर्क में आने से ज़्यादा नहीं होता है। केवल किसी गर्भवती महिला से उसके बच्चे में तो जा सकता है।
डेंगू भुखार में आपको सबसे पहला संकेत पेट में अत्यधिक तेज़ी से दर्द होना दिख सकता है। उसके बाद इस रोग से पीड़ित होते ही उल्टियाँ लग जाती हैं,और मल में खून आना, मसूड़ों या नाक से खून आना और बहुत ज़्यादा थकान या बेचैनी होना यह लक्षण डेंगू भुखार के ही हो सकतें हैं।अच्छा तो यह होता है, कि ऐसे लक्षण देखते ही आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
डेंगू बुखार आमतौर पर 2-7 दिनों तक रहता है, मुख्यतः डेंगू में होने वाला बुखार 7 दिनों तक रह सकता है। डेंगू बुखार संक्रमित मच्छर के काटने के 4-10 दिनों के बाद सामने आता है, और यह बीमारी ठीक होने में कम से कम 7-10 लगाती है| धीरे-धीरे डाइट सही होने से यह रोग रिकवरी पर आ जाता है।
यदि आप या आपके परिवार में से किसी व्यक्ति को इस रोग के संकेत देखने को मिल रहें हैं तो इसका सबसे अच्छा और पहला इलाज तो यही है क़ि आप किसी डॉक्टर या डायटीशिन से सलाह लेकर अपनी डाइट को बेहतर बनाने का प्रयास करें। एवं डेंगू के घरेलू उपचार के तौर पर आप अनार के जूस का सेवन कर सकते हैं। पपीता भी इस रोग में अत्यधिक लाभकारी होता है। इस बीमारी में पेय पदार्थ ज़यादा से ज़्यादा लेने चाहिए।