नमस्कार दोस्तों, आज के इस लेख में हम आपको Diwali Puja Vidhi 2025 के बारे में बताने जा रहे हैं, जैसा कि आप सभी को पता है दिवाली रोशनी और खुशियों का त्योहार है, यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर मनाया जाता है, मान्यता है कि जब भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे तो उनका घी के दिये जलाकर स्वागत किया गया था।
पूरी अयोध्या नगरी घी के दीपों से जगमग हो गई थी, इसके अलावा Diwali घर में माता लक्ष्मी का आगमन और सुख समृद्धि का प्रतीक भी है, हिंदू धर्म में यह सबसे बड़ा त्योहार है और इस दिन घरों को फूलों, लड़ियों, घी के दियों से सजाया जाता है, खासतौर पर बच्चों में दिवाली की खुशी देखते ही बनती है।
क्योंकि बच्चों के द्वारा इस दिन खूब पटाखे जलाए जाते हैं और घरों में मिठाई बांटी जाती है, लोग अपने पारंपरिक वेषभूषा पहनते हैं और लक्ष्मी की पूजा करते हैं, हालांकि आपकी पूजा तभी सिद्ध होगी जब आप दिवाली पूजा विधि अच्छे से अपनाएंगे, अगर आपको Diwali Puja Vidhi की जानकारी नहीं है तो चिंता न करें, इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ें जिसके बाद पूजा विधि से संबंधित आपको सम्पूर्ण जानकारी मिल जाएगी।

दिवाली पूजा का मुहूर्त
हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस साल दिवाली की लक्ष्मी पूजा 20 अक्टूबर 2025, सोमवार को की जाने वाली है।
पंचांग के अनुसार दिवाली प्रारंभ का समय 20 अक्टूबर 2025 को दोपहर के 3:44 से शुरू होकर 21 अक्टूबर 2025 को शाम 5:54 तक रहेगी।
इस दिन लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त रात 7:08 बजे से रात 8:18 बजे तक रहेगा।
प्रदोष काल – शाम 5:46 बजे से रात 8:18 बजे तक रहेगा।
वृषभ काल – शाम 7:08 बजे से रात 9:03 बजे तक है, यह अवधि लक्ष्मी पूजा के लिए एक अत्यंत शुभ और स्थिर लग्न का समय माना गया है।
अमावस्या तिथि प्रारंभ होने का समय – 20 अक्टूबर 2025 शाम 3:44 बजे से
अमावस्या तिथि समाप्त होने का समय – 21 अक्टूबर 2025 शाम 5:54 बजे तक
दिवाली पूजा की विधि
आपको बता दें दिवाली 2025 पूजा में सबसे पहले भगवान गणेश जी और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है, पुराणों के अनुसार माना गया है कि दीपावली के पावन अवसर पर लक्ष्मी मा हर घर में प्रवेश करती है, ऐसे में अगर आप लक्ष्मी मा और गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको अपने घर की सफाई अच्छे से करनी होगी।
और साथ ही में पूजा सामग्री को सही से व्यवस्थित रखना होगा, हालांकि अगर आपको दिवाली पूजा विधि की जानकारी नहीं है तो आप निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से दिवाली पूजा विधि को जान सकते हैं-
- दिवाली पूजा के लिए घर की सफाई सबसे महत्वपूर्ण है, अगर आप गणेश जी और लक्ष्मी मा की मन लगाकर पूजा करना चाहते हैं और चाहते हैं कि आपको दिव्य आशीर्वाद मिले घर की सफाई अच्छे से करें और घर में गंगाजल का छिड़काव करें, आप चाहें तो घर को घी या तेल के दीयों, मोमबत्ती या लड़ियों से सजा सकते हैं।
- अब आपको पूजा स्थल पर लाल सूती कपड़े से एक चौकी रखनी है और एक मुट्ठी अनाज रखें, यहां आप कुछ दान भी रख सकते हैं।
- अब आपको चौकी पर गणेश एवं लक्ष्मी की मूर्तियां रखनी है, ध्यान रहे आपके लक्ष्मी जी की मूर्ति गणेश जी के दाईं ओर रखनी है, उसके बाद आपको गणेश लक्ष्मी की मूर्ति के साथ साथ पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र कर लेना है।
- अब आपको चौकी पर रखे हुए अनाज के बीच में पानी से भरा हुआ कलश रखना है, यह कलश चांदी या कांसे का होना चाहिए, ध्यान रहे कलश के भीतर गेंदे का फूल, सिक्का, सुपारी और कुछ दाने चावल के डालने है, यह कलश आपको नारियल और आम के पत्तों से सजा लेना है।
- अब आपको दिवाली पूजा प्रारंभ करनी है जिसके लिए आपको हाथों में पीले फूल लेकर भगवान गणेश का ध्यान करना है और माता लक्ष्मी के नाम पहला दीपक जलाना है, माता लक्ष्मी सहित सभी देवी देवताओं की मूर्तियों पर चावल, फल, चंदन लगाकर हार और फूल अर्पित करने हैं।
- इसके अलावा आप चांदी के सिक्के, सुपारी, रुपए, कमल के फूल भी चढ़ा सकते हैं।
- पूजा के समय आपको भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करना है-
ॐ गं गणपतये नमः
ॐ ह्रीं श्रीं कमले कमलालये नमः
ॐ श्रीं श्रीयै नमः
सभी कार्य समाप्त करने के बाद थाली में एक दीपक जलाएं और आरती करें, इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है, और घर में सुख, समृद्धि एवं शांति बनी रहती है।
- अब आप आस पड़ोस में मिठाई, प्रसाद, भोजन बांटना है और दान पुण्य करना है।
दिवाली पूजा में लगने वाली सामग्री
Diwali Puja Vidhi में सामग्री की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है, सही और सम्पूर्ण सामग्री होने पर ही आप दिव्य शक्तियों से संपर्क कर सकते हैं, पूजा सामग्री में दिव्य ताकतें होती हैं जो आपके जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर कर देती हैं, वेदों और पुराणों के अनुसार भी सम्पूर्ण सामग्री के साथ दिवाली पूजा करना फायदेमंद होता है, दिवाली पूजा में प्रयोग की जाने वाली महत्वपूर्ण सामग्री कुछ इस प्रकार हैं-
| लकड़ी या धातु की चौकी | चौकी को सजाने की सामग्री | भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्ति |
| गंगाजल | फूल | फल |
| झाड़ू | पैसे (नोट और सिक्के) | धातु की घंटी, आरती की थाली |
| कपूर | कलाव | गेहूं के दाने |
| मिट्टी या पीतल का दीपक | कपास की बत्ती | पंचामृत |
| सबूत नारियल भूसे के साथ | अगरबत्ती | दीपक के लिए घी या तेल |
| कलश | पानी | आम के पत्ते |
| दूर्वा घास | जनेऊ | धूप |

दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का क्या महत्व है?
जैसा कि आप सभी को हिन्दू धर्म में दिवाली एक बेहद ही पावन त्योहार है, इस दिन लक्ष्मी पूजा का एक बहुत ही खास महत्व है, मारवाड़ी समुदाय में दिवाली के दिन से नया साल शुरू होता है, कार्तिक अमावस्या के दिन जब भगवान राम, मा सीता और लक्ष्मण 14 वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने उनका घी के दीप जलाकर स्वागत किया था।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का विवाह इसी दिन हुआ था, लक्ष्मी पूजा पंच देवताओं का संयुक्त सम्मान है जिसमें भगवान गणेश, माता लक्ष्मी, महाकाली, माता सरस्वती और कुबेर शामिल हैं, जब दिवाली का पावन त्योहार शुरू होता है तो सबसे पहले परिवार के सभी सदस्य एकत्रित होकर माता लक्ष्मी, भगवान गणेश की पूजा करते हैं।
हिंदू धर्म में लक्ष्मी माता की पूजा करना धन प्राप्त और समृद्धि का प्रतीक माना गया है, दिवाली के अवसर पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने से आप अध्यात्म की प्राप्ति कर सकते हैं और आपकी सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी, भगवान गणेश की पूजा से आपको ज्ञान व शिक्षा मिलती है, माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन ही नहीं प्रतिभा, कौशल और ज्ञान भी बढ़ता है।
दिवाली पूजा के समय इन बातों का ध्यान रखें
दिवाली पूजा करने से आप धन, ज्ञान, शिक्षा, सुख समृद्धि आदि की प्राप्ति कर सकते हैं, हालांकि दिवाली पूजा करते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा जो कि निम्नलिखित हैं-
- आपको गुलाबी या पीला वस्त्र पहनकर दिवाली पूजा करनी चाहिए, इस अवसर पर भूरे, नीले और काले रंग के कपड़े न पहने।
- दिवाली पूजा आपको विशेष मुहूर्त पर ही करनी है, लक्ष्मी कारक योग में पूजा करने पर आप कर्जे से मुक्त हो सकते हैं, ध्यान रहे आपको शुद्ध विचारों से माता लक्ष्मी की पूजा करनी है तभी आपको धन और समृद्धि की प्राप्ति होगी।
- आपको दिवाली के दिन जल्दी उठकर पूजा की तैयारी कर लेनी है, ध्यान रहे आपको परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिलकर पूजा करनी है, पूजा के लिए आपको जमीन पर ऊनी आसन बिछाना है।
- पूजा करते समय आपको शांत रहना है और अन्य गतिविधियों पर ध्यान नहीं देना है, पूजा करते समय आपको जल रहे दीपक के नीचे कुछ दाने चावल के रखने है।
- आमतौर पर पूजा करते समय हम गलती करते हैं कि हमें माचिस नहीं मिलती हैं, ऐसे में हम किसी अन्य दीपक से या मोमबत्ती से ही दीपक जला लेते हैं लेकिन आपको ऐसा नहीं करना है।
- पूजा करते समय देवी देवताओं को पतला चंदन न लगाएं और न ही तांबे के पात्र में चंदन रखें।
- पूजा के लिए घर का ईशाण कोने का ही चुनाव करें, इसके अलावा पूजा करते समय अपना मुह ईशान, उत्तर या पूर्व की तरफ करें, माता लक्ष्मी की पूजा करते समय सात मुख वाला दीपक जलाएंगे तो माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।
- दिवाली पूजा से पहले घर की साफ सफाई करनी है और आंगन को अच्छे से सजा लेना है, द्वारा प्रवेश पर रंगोली उकेरकर वंदनवार लगा सकते हैं, मुख्य द्वार पर लक्ष्मी मा के पदचिह्न ऐसे लगाने है कि ऐसा प्रतीत हो कदम बाहर से अंदर जा रहे हैं।
- पूजा करने के बाद अपने आसान के नीचे जल की दो बूंद जरूर डालनी है, और उसे माथे पर लगाकर ही अपने आसान से उठना है, ऐसा करने पर ही आपकी पूजा सफल होगी और फल सीधे देवराज इंद्र को चढ़ेंगे।
- आपको इस बात का ध्यान रखना है कि दिवाली पूजा के दिन किसी तरह का व्यसन या जुआ नहीं खेलना है, मान्यताओं के अनुसार इस अवसर पर किसी अन्य के घर नहीं जाना चाहिए, मिलन का दिन कार्य पड़वा को माना जाता है।
- दिवाली पूजा करने के लिए आपको एक आसान का इंतजाम जरूर करना चाहिए।
- आरती करने के लिए आपको हमेशा दोनों हाथों का प्रयोग करना है।
FAQs: Diwali Puja Vidhi
इस साल दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
जैसा कि हमने आपको बताया हिन्दू धर्म में दिवाली एक बहुत ही बड़ा और पावन त्योहार है, इस दिन पूजा को एक एक शुभ मुहूर्त पर ही करना चाहिए, हर साल दिवाली का शुभ मुहूर्त अलग अलग होता है, इस बार की दिवाली पूज का शुभ मुहूर्त रात 7:08 बजे से रात 8:18 बजे तक बन रहा है।
दिवाली पूजा कैसे करें?
दिवाली पूजा करने की एक खास विधि होती है जिसमें आपको सबसे पहले भगवान के लिए एक चौकी बनानी होती है, पूजा स्थल पर आसान लगाकर बैठना होता है, उसके बाद घी का दीप जलाकर भगवान का सच्चे मन से ध्यान करना होता है, इसके अलावा भी कुछ प्रमुख बिंदु हैं जिनके बारे में हमने ऊपर विस्तार से बताया है।
दिवाली पूजा पर माता लक्ष्मी को क्या चढ़ाएं?
दिवाली पूजा पर माता लक्ष्मी को आप फल, फूल, चांदी के सिक्के, गंगाजल, आम के पत्ते, धूप, हल्दी, मिठाई, रुपए, नारियल आदि चढ़ा सकते हैं, ध्यान रहे आप माता लक्ष्मी को जो भी चढ़ाएं पूरी श्रद्धा और साफ मन से चढ़ाएं, इसके बाद ही आपको माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलेगा।
दिवाली पर माता लक्ष्मी की ही पूजा क्यों की जाती है?
दिवाली पर अन्य देवी देवताओं की बजाय सबसे माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है, इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है कि वनवास के 14 साल बाद भगवान राम का अयोध्या आगमन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, ऐसे में इस पावन अवसर पर घर में सुख, समृद्धि और खुशी लाने के लिए माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
Conclusion:-
तो दोस्तों कैसा लगा आपको हमारा यह आर्टिकल, इस आर्टिकल में हमने आपको Diwali Puja Vidhi क्या है के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की है, जैसे जैसे इस साल की दिवाली नजदीक आ रही है लोगों में दिवाली पूजा विधि जानने की उत्सुकता पैदा हो रही है, क्योंकि हर एक व्यक्ति दिवाली को बड़ी ही धूम धाम से मनाना चाहता है।
भले ही आप दिवाली पर अच्छे खासे पटाखें, फुलझडियां जला लेंगे लेकिन आपकी दिवाली तभी सम्पूर्ण मानी जाएगी जब दिवाली पूजा को एक सही विधि से पूरा करेंगे, दिवाली एक बहुत ही पावन त्योहार है जिसे आपको अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ खुशी के साथ मनाना चाहिए, अंत में अगर आपको दिवाली पूजा विधि की जानकारी मिल गई हो तो इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
धन्यवाद।