भारत देश के साथ-साथ विश्व के अन्य देश भी कोरोना वायरस के प्रभाव से ग्रसित है, सभी देशो में कोरोना वायरस से निजात पाने के उद्देश्य से दवाओं, टीको तथा टेस्टिंग किट के शोध पर कार्य चल रहा है | भारत देश में भी कोरोना वायरस को हराने के लिए ‘फेलुदा टेस्टिंग किट’ पर कार्य चल रहा है | भारत सरकार यदि इस टेस्ट के परीक्षण में सफल हो जाती है तो हम जल्द ही कोरोना वायरस के प्रकोप से मुक्त हो सकेंगे | वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) तथा टाटा ग्रुप की रिसर्च टीम के द्वारा फेलुदा टेस्ट किट को तैयार किया जा रहा है, जिसके लिए ड्रग रेगुलेटर ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drugs Controller General of India) के द्वारा कोरोना वायरस की सही रिपोर्ट प्राप्त करने के उद्देश्य से बेहतरीन सस्ते कागज टेस्ट स्ट्रिप के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है |
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है | इस टेस्ट किट को दो वैज्ञानिको के द्वारा तैयार किया जा रहा है भारत सरकार ने फेलुदा टेस्ट किट के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है, यह टेस्ट भारत के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किया जा रहा है, इसलिए यह पूर्णरूप से भारतीय टेस्ट है | यहाँ आपको “FELUDA Test क्या है? फुल फॉर्म, फेलुदा टेस्ट के बारे में जानकारी” उपलब्ध कराई गयी है |
फेलुदा टेस्ट का क्या मतलब होता है ?
फेलुदा कोरोना टेस्ट किट को आईजीआईबी (EGIB) के वैज्ञानिक डॉ. देबज्योति चक्रबर्ती तथा सौविक मैत्री के द्वारा तैयार किया गया है | यह विश्व का सर्वप्रथम कोरोना निदान टेस्ट है, जिसके अंतर्गत वायरस को पहचानने के लिए सीएसी 9 (Cas9) प्रोटीन का प्रयोग किया गया है | यह टेस्ट स्वदेशी सीआरआईएसपीआई (CRISPI) जीन-एडिटिंग प्रौधोगिकी पर आधारित है, इस तकनीक के द्वारा कोरोना वायरस के अनुवांशिक पदार्थ को पहचानने में सहायक होगा | अभी तक आरटीपीसीआर (RTPCR) परीक्षण को दुनिया भर में कोरोना वायरस के लिए बेहतरीन तथा कारगर परीक्षण माना गया है | लेकिन फेलुदा टेस्ट किट के द्वारा होने वाले परीक्षण में आरटीपीसीआर परीक्षण की तुलना में कम समय लगता है, इस टेस्ट किट को तैयार करने में बेहद सस्ती युक्ति का प्रयोग किया गया है | सीएसआईआर के अनुसार नोवल कोरोना वायरस की पहचान करने में फेलुदा टेस्ट 96% सेंसिटिव और 98% स्पेसिफिक अभी तक रहा है |
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फेलुदा टेस्ट का फुलफॉर्म (Full form of Feluda Test)
फेलुदा (FELUDA) टेस्ट का फुलफॉर्म “FNCAS9 Editor Linked Uniform Detection Assay” (एफऍनसीएएस 9 एडिटर लिंक्ड यूनिफार्म डिटेक्शन ऐसे) होता है | वैज्ञानिक डॉ. देबज्योति चक्रबर्ती के अनुसार वह बंगाली लेखक सत्यजीत रे के बहुत बड़े प्रशंसक है, फेलुदा इनके उपन्यासों के एक प्राइवेट जासूसी किरदार का नाम है | फेलुदा बंगाली साहित्य का प्रमुख किरदार है फेलुदा तेज़ दिमाग के साथ हाजिर जवाब वाला तथा किसी भी प्रकार के केस को हल करने की क्षमता रखने वाला जासूसी किरदार है | इसलिए इस किरदार के नाम पर इस टेस्ट का नाम फेलुदा रखा गया है |
फेलुदा टेस्ट की विधि (Process of Feluda Test)
कोरोना वायरस के परीक्षण के लिए बनायीं गयी यह टेस्ट किट प्रेग्नेंसी स्ट्रिप टेस्ट किट की ही तरह होती है | इस स्ट्रिप का प्रयोग पैथोलाजी लैब में सरलता से किया जा सकता है | इस स्ट्रिप में सीएएस 9 प्रोटीन का प्रयोग किया गया है, जिससे मरीज के अनुवांशिक पदार्थ में उपस्थित कोरोना वायरस को पहचाना जा सके | इसके परीक्षण को पेपर स्ट्रिप में डाला जाता है | इस स्ट्रिप पर दो लाईने दी गयी है | इन लाइनों के द्वारा यह निर्धारित होता है, मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित है अथवा नहीं मरीज का सैंपल इस स्ट्रिप पर डालने पर यदि लाईनों का रंग परिवर्तित हो जाता है, तो मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित है, यह निश्चित हो जाता है | इस स्ट्रिप का प्रयोग समूह में कई मरीजों का एक साथ परीक्षण करने में किया जा सकता है |
फेलुदा टेस्ट किट की लागत (Cost of Feluda Test Kit)
फेलुदा टेस्ट किट के द्वारा कोरोना वायरस का परीक्षण 500 रूपये में हो जायेगा, तथा 30 मिनट के समय के अंदर ही कोरोना वायरस की सही तथा सटीक टेस्ट रिपोर्ट भी प्राप्त हो सकेगी | इस टेस्ट किट के माध्यम से कम समय तथा लागत में सही और बेहतरीन परिणाम प्राप्त हो सकेगा |
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फेलुदा टेस्ट किट को तैयार करने में लगा समय (Time Taken to Prepare Feluda Test Kit)
विश्व में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण भारत देश की सरकार ने कोरोना वायरस के परीक्षण के लिए फेलुदा टेस्ट किट को तैयार करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है | काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) के दो वैज्ञानिक डॉ. देबज्योति चक्रवर्ती और सौविक मैत्री ने इस किट को तैयार करने का काम 28 जनवरी 2020 में प्रारम्भ कर दिया था, तथा वैज्ञानिको के अनुसार 4 अप्रैल के आस-पास यह किट तैयार हो गयी थी | लेकिन इस किट के मास-प्रोडक्शन के लिए कोई कंपनी का साथ न होने के कारण यह किट पूर्णरूप से तैयार नहीं हो सकी थी, इसके लिए बाद में टेंडर के द्वारा टाटा ग्रुप की रिसर्च टीम (TATA Group of Research Team) की सहायता से यह किट तैयार की गयी है |
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