आजकल खराब जीवन शैली और गलत खान-पान के कारण लोग दिल से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे है। आपको बता दें कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को खानपान की गलत आदतें बढ़ा देती है। जिससे प्लाक रूपी पदार्थ आर्टरीज में एकत्रित होने लगता है जो हृदय में ब्लड के प्रेशर को कम कर देता है इससे शरीर को हृदय संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ना भी इसका सबसे बड़ा कारण होता है। गलत है बिट के अलावा नींद की कमी और दिनों दिन बढ़ रहा इस स्टेज पर हार्ट ब्लॉकेज (Heart Blockage) का कारण बनने लगता है। मगर उससे पहले शरीर में दिखने वाले संकेत, जो हार्ट ब्लॉकेज की ओर इशारा करते हैं। अगर आप उन लक्षणों को पहचान लेते हैं तो आप तुरंत डॉक्टर के पास जाकर समय पर इलाज शुरू कर सकते हैं। अगर आप भी दिल के दौरे की चेतावनी के कुछ जरूरी संकेत? heart blockage symptoms in hindi के बारे में जानना चाहते हैं तो यह आर्टिकल अंत तक जरूर पढ़ें। ताकि आप हार्ट ब्लॉकेज के संकेत के अलावा heart blockage के कारण और बचने के उपाय जान सके।
Heart Blockage किसे कहा जाता है?
हार्ट ब्लॉकेज या फिर दिल की नसें बंद होना हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। दिल की धड़कन का रुकना या हार्ट ब्लॉकेज एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है। ऐसी स्थिति तब उत्पन्न होती है जब रक्त वाहिकाओं में प्लाक नामक चिपचिपा पदार्थ जम जाता है। यह प्लाक फैट, कोलेस्ट्रॉल, शरीर में मौजूद हानिकारक पदार्थ, कैल्शियम और फाइब्रिन नामक एक पदार्थ से बनता है। और यह कोरोनरी आर्टरी को पतला या अवरोध कर सकता है। जो हृदय में रक्त के बहाव को रोकता है जिसके कारण व्यक्ति को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिससे हृदय तक पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त खून नहीं पहुंच पाता है। इसके कारण सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, या जकड़न और चक्कर आना जैसे लक्षण महसूस होते हैं। अगर दिल में रक्त का प्रभाव बाधित होता है तो उससे हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी अन्य गंभीर बीमारियों खतरा बढ़ जाता है।

दिल के दौरे (Heart Blockage) की चेतावनी के कुछ जरूरी संकेत
दिल के दौरे की चेतावनी के कुछ जरूरी संकेत का समय पर पता लगाना जरूरी है ताकि आपको पहले से ही बेहतर तरीके से निदान और इलाज में मदद मिल सके। तो चलिए जानते हैं हार्ट ब्लॉकेज होने के शुरुआती लक्षणों के बारे में।
- सीने में दर्द (Chest Pain)
दिल की नसें ब्लॉक होने की स्थिति में सीने में दर्द या भारीपन महसूस हो सकता है। इसके चलते सीने में जकड़न महसूस होने लगती है। आमतौर पर यह दर्द सीने के बीच में या फिर बाई तरफ महसूस होता है। हालांकि कई बार यह दर्द कंधे, गर्दन या जबड़े तक भी फैल सकता हैं। यह समस्या कुछ मिनटों से लेकर कुछ घंटों तक बनी रहती है। ऐसे में स्वेटिंग और सांस फूलने का सामना करना पड़ता है। आपको अगर ऐसे लक्षण नजर आ रहे है तो तुरंत डॉक्टर से जाकर संपर्क करें।
- सांस लेने में तकलीफ (Shortness of Breathing)
Heart Blockage होने पर सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। क्योंकि धमनियों में ब्लॉकेज के कारण पर्याप्त मात्रा में शरीर में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है। इसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत होती है। ऐसी स्थिति मेंशरीर तेजी से सांस लेने की कोशिश करता है। जिससे एंजाइना, हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ने लगता है। इस तरह के लक्षण अगर आपको दिखाई दे रहे तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर जांच करवाएं।
- थकान और कमजोरी का अनुभव (Tiredness)
अत्यधिक थकान और कमजोरी महसूस होना दिल के दौरे का संकेत हो सकता है। आपको अगर बिना ज्यादा काम किए भी हर वक्त थकान और कमजोरी महसूस होती है तो इसे नजर नजर अंदाज न करें। नेशनल हार्ट लंग्स एंड ब्लड इंस्टिट्यूट के अनुसार, आर्टिरीज में ब्लॉकेज के चलते ब्लड फ्लो की अनियमितता बढ़ने लगती है। जिससे ऑक्सीजन का प्रभाव भी प्रभावित होने लगता है। ऐसे में सिरदर्द, थकान और काम करने में असमर्थता का सामना करना पड़ता है और यह थकान किसी भी कार्य को करने के दौरान तेजी से बढ़ने लगती है। आपको अगर ऐसे लक्षण नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर अपनी जांच करवाएं।
- टांगों के निचले हिस्से में सूजन (Swelling in Lower Legs)
National Library of Medicine की रिसर्च के अनुसार, टांगों के निचले हिस्से में सूजन का आना दिल की समस्या का एक मुख्य संकेत है। रक्त का प्रभाव शरीर में धीमा होने से पैरों की नसों में वापस लौटने लगता है। जिससे टिशूज में तरल पदार्थ का निर्माण होने लगता है। हृदय रोगों से ग्रस्त होने पर पैरों के अलावा पेट में भी सूजन हो सकती है। इससे वेटगेन का सामना करना पड़ता है। इसलिए ऐसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
- चक्कर आना (Dizziness)
दिल का दौरा होने पर मरीज को बेहोशीय चक्कर आने की समस्या हो सकती है क्योंकि ऐसा हृदय में रक्त के प्रवाह में कमी के कारण होता है। अगर आपको बार-बार इसी संकेत नजर आ रहा है तो तुरंत अपने हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह ले ताकि आप इन लक्षणों को पहचान कर तुरंत डॉक्टर के पास जाकर समय से अपना इलाज शुरू कर सके।
- खांसी का बढ़ना (Coughing)
खांसी का बढ़ना भी हार्ट ब्लॉकेज का संकेत हो सकता है। जब हृदय ब्लड को पूरी तरह से पंप नहीं कर पता है तो ऐसी स्थिति में खासतौर पर फेफड़ों में फ्लूइड बनने लगता है जो शरीर से म्यूकस की शक्ल में बाहर निकलता है। इस तरह के म्यूकस का रंग गहरा होता है। जिसके चलते बार-बार खांसी का सामना करना पड़ता है। अगर आपको इस तरह के लक्षण दिखाई दे रहे है तो फौरन डॉक्टर से मिलकर जांच करवाएं।
- ठंडा पसीना आना (Cold Sweating)
बहुत ज्यादा या ठंडा पसीना आना भी हार्ट ब्लॉकेज का संकेत हो सकता है। आपको अगर बिना किसी स्पष्ट कर के ठंडा पसीना आ रहा है तो इसे भूलकर भी नजर अंदाज न करें। क्योंकि यह लक्षण दिल की नसें ब्लॉक होने का हो सकता है। ऐसी स्थिति में अपने डॉक्टर की तुरंत सलाह लें। ताकि समय पर आपकी जांच हो सके।
हार्ट ब्लॉकेज के कारण (Causes of Heart Blockage)
हार्ट ब्लॉकेज के अलग-अलग कारण हो सकते है। उनमें से कुछ कारण के बारे में नीचे विस्तार से बताया है। जो कि कुछ इस प्रकार है।
हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) – हाई ब्लड प्रेशर के कारण नसों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है जिससे नसों में संकुचन की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है और रक्त के बहाव में रुकावट आती है। जो हार्ट ब्लॉकेज का कारण होता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल (High Colostral Level) – एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर को खराब कोलेस्ट्रॉल के रूप में भी जाना जाता है। रक्त में अत्यधिक एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का अधिक होना दर्शाता है कि प्लाक का निर्माण नसों में हो गया है। जिससे धमनियों में रुकावट आ गई है जो हार्ट ब्लॉकेज का मुख्य कारण बन सकता है।
धूम्रपान और तंबाकू का सेवन (Smoking and Tobacco Consumption) – स्वास्थ्य के लिए धूम्रपान और तंबाकू का सेवन हानिकारक है। धूम्रपान और तंबाकू का सेवन रक्त वाहिकाओं को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। जिसकी वजह से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती है। और हार्ट ब्लॉकेज का कारण बन जाती है।
मोटापा और गतिहीन जीवन शैली (Obesity and Sedentary Lifestyle) – अत्यधिक वजन, मोटापा और गतिहीन जीवन शैली हृदय की धड़कन की रुकावट के लिए जिम्मेदार होते हैं। जो हार्ट ब्लॉकेज का मुख्य कारण बन सकता हैं।
Heart Blockage से बचने के लिए इन टिप्स को फॉलो करें
रेगुलर एक्सरसाइज करें
हृदय रोगों से बचने के लिए किसी फिटनेस एक्सपर्ट की मदद से व्यायाम के अलावा मेडिटेशन करें। ऐसा करने से शरीर में बढ़ाने वाले तनाव और वसा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। कुछ देर दिन भर में वॉक करने से शरीर को फायदा मिलता है और ब्लॉकेज से राहत मिल सकती है।
स्वस्थ आहार लें
हार्ट ब्लॉकेज से बचने के लिए आहार में मिनरल, विटामिन और फाइबर की भरपूर मात्रा लें। ऐसा करने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित बनाए रखने में सहायता मिलती है। इसके अलावा सीड्स और नट्स का सेवन करें। यह शरीर को फायदा पहुंचाते हैं। साथ ही शरीर को ओमेगा 3 फैटी एसिड की प्राप्ति हो सके इसके लिए मछली का सेवन करें। जिसे ब्लॉकेज को रेगुलेट किया जा सकता है।
स्मोकिंग करने से बचें
नियमित रूप से स्मोकिंग करने से ब्लड वेसल्स डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। जिससे प्लाक बिल्डअप होने लगता है। ऐसी स्थिति में शरीर में ब्लड का प्रवाह प्रभावित होता है। इसलिए हृदय रोगों से बचने के लिए स्मोकिंग से दूरी बनाकर रखें।
समय–समय पर डॉक्टर से सलाह ले
एक हेल्थी लाइफस्टाइल मेंटेन करके हार्ट ब्लॉकेज से बचा जा सकता है इसके लिए अपनी दवाओं के जोखिमों को समझना और समय-समय पर अपने डॉक्टर से सलाह लेना हार्ट ब्लॉकेज के जोखिम को कम कर सकता है।
FAQs
Que – हार्ट ब्लॉकेज क्यों होता है?
Ans – हार्ट ब्लॉकेज की समस्या तब होती है जब हृदय की धमनी में कोलेस्ट्रॉल, फैट और अन्य पदार्थ जम जाते हैं। इससे धमनिया संकुचित हो जाती है और रक्त का प्रभाव भी कम हो जाता है। जिससे सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और दिल का दौरा भी पड़ सकता है।
Que – हार्ट ब्लॉकेज में क्या खाना चाहिए?
Ans – हार्ट ब्लॉकेज में अनार, दालचीनी, लहसुन, हल्दी, तुलसी और अदरक का सेवन करना चाहिए। इन सभी से हार्ट ब्लॉकेज की स्थिति में सुधार हो सकता है।