आयुर्वेदिक डॉक्टर कैसे बने ?



एलोपैथ के दुष्प्रभाव के चलते कई लोग आयुर्वेद पद्धति से इलाज कराना पसंद कर रहे हैं जिससे आयुर्वेदिक डॉक्टर की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है अगर आप भी डॉक्टर बनने की सोच रहे हैं तो आयुर्वेदिक डॉक्टर भी एक अच्छा करियर ऑप्शन हो सकता है। यही वजह है की आयुर्वेद में लोगों की बढ़ती दिलचस्पी या आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से प्रभावित होकर आयुर्वेदिक डॉक्टर बनना चाहते हैं तो आपको बीएएमएस कोर्स को पूरा करना होगा।

आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आयुर्वेदिक डॉक्टर कैसे बने ? Ayurvedic Doctor के लिए कोर्स, फ़ीस व लाइसेंस रजिस्ट्रेशन इत्यादि के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने से पहले आयुर्वेद के बारे में जानकारी प्राप्त करना जरूरी होता है क्योंकि जिस प्रोफेशन में आप जाना चाहते हैं उस प्रोफेशन की जानकारी होना अति आवश्यक होता है।

बीएएमएस (BAMS) क्या है ?

आयुर्वेद (Ayurveda) क्या है?

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आयुर्वेद एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है जो भारत में पौराणिक कालों से चला आ रहा है। इस चिकित्सा पद्धति में पेड़ पौधे के जड़ी बूटियों के द्वारा बड़ा से बड़ा रोग का इलाज किया जाता है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। आयुर्वेद संस्कृत के शब्द आयु: + वेद से बना है जिसका मतलब ‘आयु का वेद’ होता है यानि कि जीवन की आयु को बढ़ाने से संबंधित विज्ञान देने वाला।

आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति ही दुनिया का ऐसा चिकित्सा पद्धति है जिसमें बीमारियों को ठीक करने के अलावा पूरी बीमारी को जड़ से समाप्त करने की क्षमता है। भारत में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए सभी हॉस्पिटल में आयुर्वेद डॉक्टर होना अनिवार्य किया गया है इसके अलावा विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए पंचकर्म केंद्र बनाए जा रहे हैं।

आयुर्वेदिक डॉक्टर (Ayurvedic Doctor) किसे कहते हैं?

वैसे डॉक्टर जो जो पेड़ पौधे द्वारा बनी जड़ी बूटियों से लोगों का इलाज करता है उसे आयुर्वेदिक डॉक्टर कहा जाता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने के लिए बीएएमएस के डिग्री प्राप्त करनी होती है जिसके बाद आयुर्वेदिक डॉक्टर की उपाधि दिया जाता है।

प्राचीन समय में आयुर्वेदिक डॉक्टर को वैध कहा जाता था जिसके लिए कोई कोर्स या पढ़ाई नहीं करना पड़ता था जो व्यक्ति वैध का काम करता था वह अपने रिश्तेदार को भी साथ में सिखाता था ताकि वे आगे चलकर अच्छा वैद्य बन सके। लेकिन आजकल आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने के लिए बीएएमएस का कोर्स पूरा करना पड़ता है। तो चलिए आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने के लिए किया जाने वाला कोर्स बीएएमएस कोर्स के बारे में बताते हैं।

बीएएमएस कोर्स क्या है?

यह एक अंडर ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स है जिसको पूरा करने के बाद आयुर्वेदिक डॉक्टर की उपाधि मिलता है यह कोर्स 5 साल 6 महीने का होता है जिसमें 1 साल का इंटर्नशिप भी शामिल होता है। इस कोर्स में आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति और आधुनिक दवाइयों के बारे में बताया जाता है।

बीएएमएस कोर्स को सेंट्रल काउंसिल आफ इंडियन मेडिसिन द्वारा मान्यता प्राप्त है। इस कोर्स को आयुर्वेद का एमबीबीएस भी कहा जाता है। 5.5 साल की अवधि वाले इस कोर्स में शरीर संरचना विज्ञान, विषविज्ञान, फार्मोकोलॉजी, फॉरेंसिक चिकित्सा, रोग का निदान एवं बचाव आदि के बारे में संपूर्ण शिक्षा से अवगत कराया जाता है।

बीएएमएस फुल फॉर्म (BAMS Full Form)

  • BAMS Full Form- “Bachelor Of Ayurvedic Medicine And Surgery”
  • BAMS Full Form In Hindi- “बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी”

आयुर्वेदिक डॉक्टर (Ayurvedic Doctor) बनने के फायदे

जैसा कि पहले बता चुके हैं कि आयुर्वेद चिकित्सा से इलाज करने में कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है इस कारण लोगो में इस पद्धति पर विश्वास बढ़ रहा है। आर्युवेदिक डॉक्टर की डिमांड रहने के कारण आयुर्वेद निर्माता फार्मा कंपनी की संख्या में इजाफा हो रहा है और इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। इसके अलावा बीएएमएस कोर्स और आयुर्वेदिक डॉक्टर के निम्नलिखित फायदे दर्शाए गए हैं।

  • बीएएमएस कोर्स को पूरा करने पर आयुर्वेदिक डॉक्टर की उपाधि के साथ डॉक्टर का लाइसेंस भी निर्गत किया जाता है।
  • एलोपैथिक डॉक्टर के मुकाबले इस क्षेत्र में फिलहाल काम लोग इंटरेस्ट दिखा रहे हैं। कंपटीशन कम होने की वजह से कोर्स के बाद जल्दी से सरकारी नौकरी मिलने की संभावना रहता है।
  • बीएएमएस डॉक्टर रोगी के लिए दवाइयों को खुद भी बना सकता है जबकि एक्सपीरियंस के बाद फार्मा कंपनी के लिए नई दवाइयों का खोज भी कर सकते हैं।
  • आयुर्वेदिक डॉक्टर का का स्कोप भारत के अलावा श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश में भी ज्यादा है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद इन देशों में आयुर्वेदिक डॉक्टर की नौकरी पा सकते हैं।
  • आयुर्वेदिक डॉक्टर सरकारी नौकरी के अलावा खुद के क्लीनिक या हॉस्पिटल भी खोल सकते हैं। कोर्स को पूरा करने के बाद आयुर्वेदिक डॉक्टर को अच्छा सैलरी दिया जाता है।

आयुर्वेदिक डॉक्टर (Ayurvedic Doctor) बनने के लिए योग्यता

अगर आप आयुर्वेदिक डॉक्टर बनना चाहते हैं तो आर्युवेदिक क्षेत्र के सबसे प्रमुख कोर्स बीएएमएस को पूरा करना होगा। इस कोर्स को पूरा करने के लिए निम्नलिखित योग्यता को नीचे दर्शाया जा रहा है जिसे पूरा करने के बाद आयुर्वेदिक डॉक्टर बन सकते हैं।

  • आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने के लिए न्यूनतम उम्र 17 वर्ष से अधिक होना चाहिए तभी बीएएमएस कोर्स के लिए योग्य माने जाएंगे।
  • इस कोर्स को करने के लिए स्टूडेंट को मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान से 10वीं पास होना अनिवार्य है।
  • दसवीं के बाद 11वीं और 12वीं की कक्षा में साइंस स्ट्रीम से पास होना अनिवार्य है साइंस स्ट्रीम में बायोलॉजी सब्जेक्ट से पास करने पर एडमिशन की संभावना बढ़ जाता है।
  • आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने के लिए 12वीं कक्षा में 50 परसेंट अंक के साथ पास होना आवश्यक है। जबकि आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को छूट भी दिया जाता है।

डॉक्टर (Doctor) कैसे बने

बीएएमएस कोर्स की अवधि (Duration Of BAMS Course)

आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने के लिए बीएएमएस कोर्स की अवधि साढ़े 5 साल (5 साल 6 महीने) का समय लगता है। जिसमें इंटर्नशिप करने के लिए 1 साल का समय निर्धारित है। इंटर्नशिप ट्रेनिंग के बाद ही आयुर्वेदिक डॉक्टर के तौर पर कार्य करने के लिए योग्य माने जाएंगे।

आयुर्वेदिक डॉक्टर (Ayurvedic Doctor) कैसे बने?

अगर आप आयुर्वेदिक डॉक्टर बनना चाहते हैं तो 12वीं के बाद 5.5 साल का समय देना होगा आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने के लिए नीचे दिए गए चरणों को फॉलो करना पड़ता है।

  • सबसे पहले दसवीं की परीक्षा अच्छी तरह से उत्तीर्ण करें और 11वीं में साइंस स्ट्रीम का चयन करें।
  • इसके बाद 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 50% अंक के साथ पास होना अनिवार्य होता है है इसलिए 12वीं परीक्षा के लिए अच्छी से तैयारी करें।
  • इसके बाद भारत के अच्छे कॉलेज में बीएएमएस कोर्स में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम अप्लाई करना होता है। इस कोर्स के लिए कई तरह के एंट्रेंस एग्जाम होते हैं। इस कोर्स में नामांकन के लिए NEET सबसे प्रमुख एग्जाम है।
  • इंडिया लेवल के एंट्रेंस एग्जाम के बाद सभी कॉलेज बीएएमएस कोर्स के लिए मेरिट लिस्ट जारी करते है इसलिए एंट्रेंस एग्जाम में अच्छे अंक लाएं।
  • मेरिट लिस्ट में नाम शामिल होने के बाद बीएएमएस कोर्स के लिए संबंधित कॉलेज में नामांकन कराएं और 5.5 साल का के इस कोर्स को पूरा करके आयुर्वेदिक डॉक्टर की उपाधि प्राप्त करें।

नोट:- सभी सरकारी कॉलेज बीएएमएस कोर्स में नामांकन के लिए एंट्रेंस एग्जाम करवाती है जबकि कई निजी कॉलेज डायरेक्ट ऐडमिशन देती है।

बीएएमएस कोर्स के लिए टॉप एंट्रेंस एग्जाम

भारत के सभी सरकारी संस्थान में इस कोर्स में नामांकन के लिए कई तरह के एंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट करती है। नीचे कुछ एंट्रेंस एग्जाम के नाम दर्शाए गए हैं।

  • NEET
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद एंट्रेंस एग्जाम |
  • कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी), कर्नाटक |
  • केरला स्टेट एंट्रेंस एग्जाम |
  • उत्तराखंड पीजी मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम फॉर आयुर्वैदिक |

आयुष एंट्रेंस एग्जाम

आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने के लिए दिए जाने वाले इस एंट्रेंस एग्जाम में 11वीं और 12वीं कक्षा के साइंस सब्जेक्ट से क्वेश्चन पूछे जाते हैं इसलिए इसकी अच्छे से तैयारी करते हुए टॉप कॉलेज में नामांकन लें।

बीएएमएस कोर्स फीस

बीएएमएस कोर्स का फीस सरकारी कॉलेज और प्राइवेट कॉलेज में अलग अलग होता है। अनुमानतः बीएएमएस कोर्स का औसतन फीस 10 हजार प्रति वर्ष से लेकर 2 लाख प्रति वर्ष तक हो सकता है।

बीएमएस कोर्स की संपूर्ण फीस की बात करें तो 50 हजार से 10 लाख रूपया तक लग सकता है। समय-समय पर कॉलेज के पाठ्यक्रम के अनुसार फीस बदलते रहते हैं।

आयुर्वेदिक डॉक्टर (Ayurvedic Doctor) के करियर स्कोप

अगर आप बीएएमएस कोर्स को पूरा करते हैं तो इस क्षेत्र में करियर के बहुत सारे ऑप्शन रहते हैं। सरकारी हॉस्पिटल और प्राइवेट हॉस्पिटल में आयुर्वेदिक डॉक्टर के पद पर कार्य कर सकते है।

इसके अलावा अगर आप नौकरी नहीं करना चाहते हैं तो इस कोर्स को पूरा करने के बाद खुद का क्लीनिक और हॉस्पिटल खोज सकते हैं। इस कोर्स को करने के बाद भारत के अलावा विदेश में भी आयुर्वेदिक डॉक्टर की नौकरी प्राप्त कर सकते हैं।

आयुर्वेदिक डॉक्टर (Ayurvedic Doctor) के जॉब प्रोफाइल

आयुर्वेदिक डॉक्टर के लिए बीएएमएस कोर्स करने के बाद विशेषज्ञ जॉब ऑप्शन भी मौजूद होते हैं जिसको नीचे दर्शाया जा रहा है।

आयुर्वेदिक डॉक्टर को कहां-कहां जॉब मिल सकता है?

आयुर्वेदिक डॉक्टर की डिमांड बढ़ने के कारण कई सेक्टर में आसानी से जॉब दिया जाता है।

  • सरकारी हॉस्पिटल |
  • प्राइवेट हॉस्पिटल |
  • शैक्षणिक संस्थान |
  • क्लिनिक्स |
  • आयुर्वेदिक रिसोर्ट |
  • नर्सिंग होम्स |
  • एजुकेशन सेक्टर |
  • हेल्थकेयर आईटी |
  • इंश्योरेंस सेक्टर |
  • फार्मेसी सेक्टर |
  • पंचकर्म आश्रम |
  • लाइफ साइंस सेक्टर |

आयुर्वेदिक डॉक्टर (Ayurvedic Doctor) बनने के लिए आवश्यक स्किल्स

  • आर्युवेदिक डॉक्टर बनने के लिए आपके अंदर समाज सेवा करने की भावना होना चाहिए इसके अलावा आयुर्वेदिक डॉक्टर को धैर्यवान और रोगियों के प्रति संवेदनशील रहना पड़ता है।
  • आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने के लिए जीवन चक्र और शरीर की शारीरिक रचना के बारे में संपूर्ण ज्ञान इकट्ठा करना होगा।
  • इसके अलावा आयुर्वेदिक डॉक्टर को बेस्ट पर्सनालिटी के साथ अच्छी कम्युनिकेशन स्किल आना चाहिए।
  • अगर आप आयुर्वेदिक डॉक्टर बनना चाहते हैं तो संस्कृत का ज्ञान प्राप्त करना आवश्यक होता है क्योंकि आयुर्वेदिक चिकित्सा सीखने में संस्कृत का ज्ञान होना महत्वपूर्ण होता है।

टॉप प्राइवेट रिक्रूटर्स कंपनी

नीचे दिए गए टॉप फार्मा कंपनी में आयुर्वेदिक डॉक्टर की मांग बतौर रिसर्चर के लिए किया जाता है इन कंपनीयों में आप आसानी से जॉब्स पा सकते हैं।

  • पतंजलि |
  • विको लेबोरेटरी |
  • डाबर |
  • हिमालया ड्रग कंपनी |
  • डाबर |
  • बैधनाथ |
  • चरक फार्मा |
  • ईमानी |
  • सूर्य हर्बल लिमिटेड |
  • झंडू फार्मा |
  • हमदर्द इत्यादि |

BNYS Course क्या है ?

आयुर्वेदिक डॉक्टर (Ayurvedic Doctor) की सैलरी कितनी होती है?

अगर आप बीएएमएस कोर्स को पूरा करने के बाद आयुर्वेदिक डॉक्टर की डिग्री प्राप्त कर लेते हैं और सरकारी नौकरी करने लगते है तो 70 हजार से 2 लाख प्रति महीने की सैलरी मिल सकती है।

जबकि प्राइवेट संस्थान में आयुर्वेदिक डॉक्टर की सैलरी 25 हजार से 50 हजार के बीच होता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर की सैलरी उनके एक्सपीरियंस के आधार पर कम या ज्यादा हो सकता है। ज्यादा अनुभव प्राप्त कर लेने वाले आयुर्वेदिक डॉक्टर की सैलरी सबसे ज्यादा होती है।

आयुर्वेदिक मेडिकल (Ayurvedic Doctor) स्टोर कैसे खोलें?

अगर आप आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर खोलना चाहते हैं तो सबसे पहले आपके पास मेडिकल संबंधित डिग्री होने आवश्यक है। इसके बाद मेडिकल स्टोर के लिए लाइसेंस का रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। नीचे लाइसेंस रजिस्ट्रेशन की प्रोसेस बताई जा रही है।

लाइसेंस रजिस्ट्रेशन प्रोसेस

  • आयुर्वेदिक मिस्टर मेडिकल स्टोर खोलने के लिए सबसे पहले आपके पास मेडिकल डिग्री होना आवश्यक है। मेडिकल डिग्री में बीएएमएस का डिग्री या बी फार्मा का डिग्री को भी योग्य माने जाते है।
  • इसके बाद केंद्र व राज्य औषधि मानक नियंत्रण संगठन में मेडिकल लाइसेंस रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन देना पड़ता है।
  • मेडिकल लाइसेंस के लिए आवेदन देने से पहले जीएसटी पेपर वर्क, मुंसिपल का वर्क, फायर एक्सटेंशन वर्क जमीन का पेपर वर्क आदि मौजूद होने चाहिए।
  • केंद्र व राज्य औषधि मानक नियंत्रण संगठन के ऑफिस में ऑफलाइन तरीके से फॉर्म के साथ आवश्यक दस्तावेज के साथ अटैच करके लाइसेंस की फीस भुगतान करना होता है।
  • इसके बाद ड्रग ऑफिसर आपके मेडिकल स्टोर की निगरानी करते हैं।
  • अगर आपका फॉर्म और सारे डॉक्यूमेंट सही पाए जाते हैं तो मेडिकल ऑफिसर आपको लाइसेंस प्रदान करते हैं।

आयुर्वेदिक लाइसेंस रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट

  • आधार कार्ड या पहचान पत्र |
  • जमीन का पेपर ( अगर जमीन किराए पर है तो किरायानामा का पेपर)
  • दो फोटो (पासपोर्ट साइज)
  • मेडीकल कोर्स की डिग्री ( जैसे – बीएएमएस कोर्स डिग्री, डी फार्मा डिग्री बी फार्मा डिग्री या एम फार्मा डिग्री)
  • जीएसटी रजिस्ट्रेशन पेपर |
  • इनकम टैक्स रिटर्न फाइल की पेपर |
  • बिजनेस प्रमाण पत्र (सरकारी कार्यालय द्वारा अधिकृत)

बी फार्मा (B.Pharma) क्या होता है ?

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