हिंदी व्याकरण के माध्यम से आप सभी ने पहले भी कई प्रकार की जानकारियां हासिल की होंगी जिनके माध्यम से आप अपने वाक्यों और शब्दों को कहीं अधिक अच्छे तरीके से जाहिर कर पाते हैं और सही तरीके से हिंदी भाषा को समझ पाते हैं।
ऐसी स्थिति में हिंदी व्याकरण को सीखने के लिए कई प्रकार के महत्वपूर्ण बातें ध्यान में आती हैं जिनमें से मुख्य नामों में से “सर्वनाम” हैं। आपको हिंदी व्याकरण के मुख्य “सर्वनाम” के बारे में समुचित जानकारी देने वाले हैं ताकि आप भी इसका उपयोग आसानी के साथ करते हुए आगे बढ़ सके।
सर्वनाम क्या है ? What is pronoun in Hindi
हम जब भी हिंदी भाषा का उपयोग करते हैं तो संज्ञा के बाद मुख्य रूप से सर्वनाम का ही इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में हम सभी सर्वनाम को एक विकारी शब्द के रूप में देखते हैं जहां हम इसका उपयोग संज्ञा के बाद वाले शब्दों के रूप में कर सकते हैं।
अगर आप सर्वनाम को विस्तार से जानना चाहते हैं, तो बता दें सर्वनाम में कई बार वचन और कारक का इस्तेमाल होता है जिसमें आपस में ही रूपांतरण किया जा सकता है।
ऐसे में अगर आप सर्वनाम का उपयोग करते हैं, तो निश्चित रूप से ही आपके वाक्य को कहीं अधिक उचित बनाता है जो आपके लिए भी श्रेयस्कर होता है।
सर्वनाम के कुछ मुख्य उदाहरण
अगर आपने सर्वनाम की परिभाषा को सही तरीके से समझ लिया हो, ऐसे में उसके उदाहरण के माध्यम से भी आप आसानी से समझ सकते हैं।
- वह किताब मेरी है जिसे दूसरे बच्चे ने लिया है।
- वह कौन है जो बार-बार मेरी ही सीट में बैठ जाता है।
- तुम दोनों बहुत ही होशियार बच्चे हो।
- वे सभी कुछ ना कुछ खाते ही रहते हैं।
- कल मामा किसके बारे में बातें कर रहे थे?
- मैंने और तुमने मिलकर अच्छे से व्यायाम किया।
- देखो तो कोई उधर जा रहा है।
हिंदी भाषा के कुल सर्वनाम
जब भी हिंदी भाषा में सर्वनाम की बात की जाती है तो इसमें कुल 11 सर्वनाम पाए जाते हैं। इन सभी 11 सर्वनाम को हिंदी में मूल सर्वनाम कहा जाता है क्योंकि इनका ज्यादा से ज्यादा उपयोग हम हिंदी भाषा में करते हैं और वाक्य प्रयोग भी किया जाता है।
ऐसे में कुछ मुख्य सर्वनाम ऐसे होते हैं जिन्हें वचन या कारक के माध्यम से बदल दिया जाता है और यह योगिक सर्वनाम के नाम से पुकारे जाते हैं।
हिंदी भाषा के मुख्य 11 सर्वनाम
- मैं
- वह
- यह
- तुम
- तु
- जो
- आप
- क्या
- कुछ
- कौन
- कोई नहीं
सर्वनाम के मुख्य भेद
सर्वनाम हिंदी व्याकरण का अहम हिस्सा होने के कारण उसके कुछ 6 भेद होते हैं जिनके बारे में हम आपको विस्तार से जानकारी देने वाले हैं।
पुरुषवाचक सर्वनाम
सर्वनाम के भेद में सबसे पहला नाम पुरुषवाचक सर्वनाम का लिया जाता है। पुरुष सर्वनाम का उपयोग ऐसी जगह पर किया जाता है जहां पर किसी प्रकार की बात की जाती है या बात सुनी जाती है। कभी-कभी पुरुषवाचक सर्वनाम का उपयोग होने वाली बातचीत के दौरान भी किया जाता है जहां ज्यादातर मैं, आप, यह, वह, कोई के माध्यम से सर्वनाम का उपयोग होता है।
पुरुषवाचक सर्वनाम के मुख्य प्रकार
उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम
सामान्य रूप से उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम का इस्तेमाल वक्ता स्वयं के लिए ही करता है जहां पर वह किसी कार्य को अंजाम देता है। ऐसे में यदि किसी भी प्रकार के सर्वनाम में प्रथम वचन में अपना रूप परिवर्तित करता हो और कोई अन्य सर्वनाम बनाता हो ऐसी स्थिति में उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम का इस्तेमाल किया जा सकता है।
उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम का उदाहरण
- मैं एक पढ़ा लिखा व्यक्ति हूं और अच्छी नौकरी करता हूं।
- आज मैंने सुबह से ही खाना नहीं बनाया है क्योंकि मुझे भूख नहीं है।
यहां पर आपने गौर किया होगा कि इन वाक्यों में व्यक्ति खुद के बारे में बातें कर रहा है और इसीलिए यह उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम बनता है।
पर्यायवाची शब्द (Synonyms word) किसे कहते हैं ?
मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम
इस सर्वनाम का उपयोग ऐसी जगह किया जाता है जहां पर वक्ता द्वारा बात सुनने के लिए उपयोग होता है जिसमें मुख्य रुप से तू, आप, तुम का इस्तेमाल होता है।
मध्य पुरुषवाचक सर्वनाम का उदाहरण
- तुम पढ़ाई में बहुत अच्छे हो।
- आपका ध्यान पढ़ाई पर नहीं बल्कि दूसरी तरफ ज्यादा है।
अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम
इस प्रकार का सर्वनाम का उपयोग उनके लिए किया जाता है जो तीसरे व्यक्ति के रूप में हमारे सामने प्रस्तुत होते हैं और जो वक्ता एवं बात सुनने वाले दोनों का ही कार्य कर सकते हैं। जिनमें मुख्य रुप से हम यह, वह, यहां, वहां का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम का उदाहरण
- यह मेरे घर का छत है।
- वह मेरे भाई का बेटा है।
- यहां आना सख्त मना है।
निश्चयवाचक सर्वनाम
यह मुख्य प्रकार के सर्वनाम है जिनका उपयोग किसी निश्चित रूप से व्यक्ति या वस्तु के लिए किया जाता हो। हम अपने ज्यादातर वाक्यों में इस प्रकार के सर्वनाम का इस्तेमाल करते हैं जहां किसी भी चीज के लिए निश्चिंतता का भाव निहित होता है।
निश्चयवाचक सर्वनाम के उदाहरण
- यह मेरा बैग है, जिसे तुम ने ले लिया है।
- यह टिफिन मेरा नहीं है इसे तुम ले जाओ|
- तुम्हारी किताब मेरे पास नहीं है तुम उसे ले जाओ।
अनिश्चयवाचक सर्वनाम
यह एक ऐसा सर्वनाम है जिसके माध्यम से किसी निश्चित व्यक्ति या वस्तु का बोध नहीं किया जा सकता है और हमेशा एक असमंजस की स्थिति बनी होती है। अनिश्चयवाचक सर्वनाम में हम कभी भी एक प्रकार से निश्चय पूर्ण बात नहीं कर सकते और कभी कभी वाक्य पूर्ण भी नहीं होता है। ऐसी स्थिति में हम कोई या कुछ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं।
अनिश्चयवाचक सर्वनाम के उदाहरण
- कोई मेरी कॉपी ले लिया है लेकिन नहीं दे रहा है।
- जिसने भी खाना बनाया है उसने दाल में नमक ज्यादा डाल दिया है।
- तुमने अपने सामान में इतना ज्यादा क्या रखा है?
प्रश्नवाचक सर्वनाम
जब भी हम किसी अध्याय का बोध करते हैं, तो उसमे प्रश्न नजर आते हैं। ऐसे में हम ऐसे प्रश्नों को प्रश्नवाचक सर्वनाम की श्रेणी में रखते हैं। जिसके अंतर्गत मुख्य रूप से कौन, क्या, किसकी जैसे सर्वनाम का उपयोग करते हुए प्रश्न बनाया जाता है।
प्रश्नवाचक सर्वनाम के उदाहरण
- तुमने कल रात खाने में क्या खाया था?
- हमारे देश का राष्ट्रपति कौन है?
- तुम इतनी रात को क्यों सोने जाते हो?
- आज तुम्हें किसकी याद आ रही है?
संबंधवाचक सर्वनाम
कई बार हम ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं जिनके बीच में संबंध होता है लेकिन हम उन्हें पहचान नहीं पाते। ऐसे में संबंधवाचक सर्वनाम उन्हें कहा जाएगा जो निश्चित रूप से ही अलग-अलग वाक्यों या शब्दों के बीच में संबंध का बोध कराते हैं और कभी-कभी उन संबंधों के बीच में भी इस्तेमाल किया जाता है।
संबंधवाचक सर्वनाम का उदाहरण—
- जो बच्चे जी तोड़ मेहनत करते हैं, वे परीक्षा में अव्वल आते हैं।
- जो भी कल विद्यालय में प्रथम आएगा उसे इनाम दिया जाएगा।
- जिस किसी व्यक्ति को भी इस दुर्गा पंडाल में आना है वह आराम से आ सकता है।
- वह बार-बार रोने वाला बच्चा आखिर क्या चाहता है?
निजवाचक सर्वनाम
कई बार हम अपने बारे में कई सारी बातें सोचते हैं और उसके जरिए ही बातों को जाहिर करते हैं। ऐसे में निजवाचक सर्वनाम उन्हें कहा जाता है जिन वाक्यों में शब्दों का प्रयोग करता स्वयं के लिए ही करते हैं और निश्चित रूप से ही नए-नए वाक्यों को बनाया जाता है। ऐसे में निजवाचक सर्वनाम मैं हमेशा आप, अपना, स्वयं जैसे सर्वनाम का उपयोग करते हैं।
निजवाचक सर्वनाम का उदाहरण
- तुम मुझे मेरा काम मत सिखाओ।
- मैं अपना काम स्वयं कर लूंगा।
- मैंने दुनिया के बड़े-बड़े शहर देखे हैं।
- मुझे तो समझ नहीं आता कि आखिर तुम क्या चाहते हो?
सर्वनाम का विशेष प्रयोग | Special use of pronoun in Hindi
सर्वनाम का हिंदी ही नहीं बल्कि अंग्रेजी में भी विशेष रूप से योगदान माना जाता है क्योंकि हमारे वाक्यों में सर्वनाम की बार-बार पुनरावृति देखी जा सकती है जिसके ना होने पर वाक्य को अधूरा माना जाता है।
ऐसे में अगर आप का वाक्य कभी सही नहीं भी होता तो निश्चित रूप से ही सही करने के लिए इनमें रूपांतरण किया जा सकता है। ऐसे में अगर सर्वनाम को सही जगह इस्तेमाल किया जाए तो निश्चित रूप से ही वाक्यों में विशेष बदलाव देखा जा सकता है जो कहीं ना कहीं सर्वनाम के लिए आवश्यक होता है। इसका उपयोग लिखने पढ़ने में आसानी से किया जाता है।
पुरुषवाचक और निजवाचक सर्वनाम में विभिन्नता
कुछ सर्वनाम ऐसे होते हैं जो लगभग 1 जैसे प्रतीत होते हैं लेकिन उनमें भी विभिन्नता पाई जाती है जिनमें मुख्य रुप से पुरुषवाचक और निजवाचक सर्वनाम होते हैं। कुछ लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती और लोग भी निरंतर रूप से गलती करते आते हैं लेकिन अगर ध्यान रखेंगे तो इन दोनों को ही आप समझ सकेंगे।
ऐसे में यह देखा जाता है कि निजवाचक सर्वनाम सिर्फ खुद के बारे में जानकारी देना होता है जहां आप निश्चित रूप से “आप” का इस्तेमाल करते हैं लेकिन पुरुषवाचक सर्वनाम थोड़ा अलग होता है जिसमें आपको सही रूप से शब्दों का चयन करते हुए आगे बढ़ना होता है और जिसके माध्यम से आप सही तरीके से ही वाक्य को स्थापित कर सकते हैं।
संबंधित प्रश्न MCQ
सर्वनाम के कुल कितने भेद होते हैं?
मुख्य रूप से सर्वनाम के 6 भेद होते हैं जिनमें अलग-अलग विशेषताएं होती हैं और आप इन भेद के माध्यम से ही उस सर्वनाम को पहचान सकते हैं।
निजवाचक सर्वनाम का उदाहरण बताओ?
निजवाचक सर्वनाम का उपयोग स्वयं के लिए किया जाता है और वाक्य में उपयोग किया जाता है। उदाहरण के तौर पर मैं अपना काम स्वयं कर सकता हूं। मुझे मेरा काम मत सिखाओ। मैंने दुनिया में बड़े-बड़े काम निपटाए हैं।
प्रश्नवाचक सर्वनाम क्या है?
प्रश्नवाचक सर्वनाम का उपयोग किसी भी प्रकार का सवाल पूछने के लिए किया जाता है और उसका उपयोग व्याकरण में भी निहित है।
उदाहरण के रूप में
- तुम यहां क्यों आए हो?
- तुमने मेरा बैग देखा है क्या?
- आज तुम कहां जा रहे हो?
हिंदी भाषा में कुल कितने सर्वनाम है?
अब तक हिंदी भाषा में कुल 11 सर्वनाम के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है जिनका मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है।
सर्वनाम का उपयोग क्यों किया जाता है?
सामान्य रूप से सर्वनाम का उपयोग हिंदी व्याकरण में वाक्यों को सरलता से दर्शाने के लिए किया जाता है और साथ ही साथ सर्वनाम के माध्यम से वाक्यों को सही तरीके से शब्दों का उपयोग के बारे में जानकारी ली जाती है।