12 ज्योतिर्लिंग कहां कहां है?



हर व्यक्ति अपने धर्म को बहुत सम्मान देता है और पूर्वजों के बनाए गए रीति-रिवाजों का बहुत ध्यान पूर्वक पालन करता है। हर व्यक्ति के लिए उसका धर्म बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। ऐसे ही हिंदू धर्म का पालन करने वाले लोगों के लिए हिंदू धर्म बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। इसलिए आज हम हिंदू धर्म का पालन करने वाले लोगों के लिए 12 ज्योतिर्लिंग से जुड़ी जानकारी लेकर आए हैं। क्योंकि कुछ लोगों को अभी भी 12 ज्योतिर्लिंग के बारे में संपूर्ण व स्पष्ट जानकारी प्राप्त नहीं होगी। परंतु इसमें कोई बड़ी बात नहीं है।

हम जानकारी हासिल कर सकते हैं। तो अक्सर गूगल पर 12 Jyotirling Names & Places in India के बारे में सर्च किया जाता है। जिसका उत्तर आज के इस लेख के माध्यम से देने वाले है। तो चलिए आगे बढ़ते है और 12 ज्योतिर्लिंग कहां कहां है जानते हैं।

Lord Shiva Names in Hindi

12 Jyotirling : (भगवान शिव के पवित्र 12 ज्योतिर्लिंग)

दुनिया भर में हिंदू धर्म को मानने वाले लोगो के लिए ज्योतिर्लिंग का विशेष महत्व है। ज्योतिर्लिंग का शाब्दिक अर्थ ‘ज्योति का लिंग’ है, जोकि भगवान शिव की दिव्य ज्योति को प्रतिष्ठित करता है। भारत में 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंग हैं इनका संबंध महाकाल शिव जी से है।

हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि त्योहार काफी महत्वपूर्ण होता है। इस दिन सभी शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ रहती है। शिवजी के 12 ज्योतिर्लिंगों में महाशिवरात्रि पर खास आयोजन किए जाते हैं। माना जाता है कि इन 12 जगहों पर ज्योति रूप में शिवजी विराजमान होते हैं। इस वजह से ही इन 12 मंदिरों को ज्योतिर्लिंग कहा जाता है।

आपको बताए तो ऐसा कहा जाता है कि 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने पर भक्तों के सारी समस्याएं कष्ट दूर हो जाते हैं। उनके जन्म जन्मांतर के सारे पाप मिट जाते हैं। तो चलिए अब आगे बढ़ते हुए 12 ज्योतिर्लिंग कहां-कहां पर है यह जानते है।

12 ज्योतिर्लिंग कहां कहां है लिस्ट (List) – 12 Jyotirling In India

क्र. सं.12 ज्योतिर्लिंग के नाम12 jyotirling places
1.सोमनाथ का मंदिरसौराष्ट्र क्षेत्र, गुजरात
2. मल्लिकार्जुनश्रीशैल, आंध्र प्रदेश
3. महाकालेश्वरउज्जैन, मध्य प्रदेश
4.ओंकारेश्वरखंडवा, मध्य प्रदेश
5.केदारनाथरुद्रप्रयाग, उत्तराखंड
6.भीमाशंकरपुणे, महाराष्ट्र
7.काशी विश्वनाथवाराणसी, उत्तर प्रदेश
8.त्र्यम्बकेश्वरनासिक, महाराष्ट्र
9.वैद्यनाथ देवघर, झारखंड
10.नागेश्वरद्वारका, गुजरात
11.रामेश्वरमरामेश्वरम, तमिलनाडु
12.घृष्णेश्वरऔरंगाबाद, महाराष्ट्र

भगवान शिव जी के कितने अवतार हैं

12 ज्योतिर्लिंग के नाम – 12 Jyotirling Ke Naam

1-सोमनाथ का मंदिर

हिंदू धर्मावलंबियों के लिए सोमनाथ का मंदिर काफी महत्वपूर्ण मंदिर है। यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है जो कि गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बंदरगाह में स्थित है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण स्वयं चन्द्र देव ने किया था। जिसका उल्लेख संग वेद में भी स्पष्ट रूप से किया गया है। सोमनाथ मंदिर मित्र गणों की सॉन्ग नारायण बलि आदि धार्मिक कर्मकांड के लिए प्रसिद्ध है। चैत्र, भाद्रपद, कार्तिक माह में यहाँ श्राद्ध करने का विशेष महत्व बताया गया है। इसी कारण इन तीन महीनों में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ काफी रहती है।

2-मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग

दूसरे नंबर पर श्री मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग है। जोकि आंध्र प्रदेश में कृष्णा जिले में कृष्णा नदी के किनारे पर श्री शैल पर्वत पर बना हुआ है। इस ज्योतिर्लिंग को दक्षिण का कैलाश भी कहा जाता है। हिंदू धर्म ग्रंथों में इस ज्योतिर्लिंग की महिमा का वर्णन करते हुए कहा गया है कि श्री शैलेश पर्वत पर भगवान शिव की आराधना करने से व्यक्ति को अमीर व्यक्ति अश्वमेध यज्ञ के सामान फल प्राप्त होने के साथ-साथ दर्शन करने वाले के सारे पाप भी मिट जाते हैं।

3-महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग

तीसरे नंबर पर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग आता है। जो की मध्य प्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है। यहाँ पर कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। यह ज्योतिर्लिंगों भी 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। वैसे ऐसा कहा जाता है की जो महाकाल का भक्त है उसका काल भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता। ऐसा भी सुना गया है की यह पृथ्वी का एक मात्र मान्य शिवलिंग है। महाकाल की महिमा का वर्णन इस प्रकार से भी किया गया है

आकाशे तारकं लिंगं पाताले हाटकेश्वरम् ।

भूलोके च महाकालो लिंड्गत्रय नमोस्तु ते ॥

ऊपर दी गई पंक्तियों से यह तात्पर्य है कि आकाश में तारक लिंग, पाताल में हाटकेश्वर लिंग तथा पृथ्वी पर महाकालेश्वर ही मान्य शिवलिंग है। यहाँ प्रति बारह वर्ष में सिंहस्थ मेला आयोजित होता है। सिंहस्थ कुम्भ मेले के बारे में यह कहा जाता है कि जब समुद्र मंथन के पश्चात देवता अमृत कलश को दानवों से बचाने के लिए वहाँ से पलायन कर रहे थे, तब उनके हाथों में पकड़े अमृत कलश से अमृत की बूँद धरती पर जहाँ-जहाँ भी गिरी थी, वो स्थान पवित्र तीर्थ बन गए। और उन्हीं स्थानों में से उज्जैन भी एक है।

4-ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग

12 ज्योतिर्लिंग में से एक ओंकारेश्वर भी एक है। जोकि मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है। ऐसे कहा जाता है की इस मंदिर में शिव के परम भक्त कुबेर ने काफी तपस्या की थी। आपको बता दें की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुबेर के स्नान हेतु शिवजी ने अपनी जटा से कावेरी नदी उत्पन्न की थी। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग ॐ के आकार में है। इस कारण ही इसे ओंकारेश्वर या ॐकारेश्वर कहा जाता है। वैसे यह भी माना जाता है कि ॐ शब्द की उत्पत्ति भगवान बह्मा के मुख से हुई थी।

कहा जाता है की यहाँ पर भगवान शिव के साथ यहां माता पार्वती भी रहती हैं और वह शिवजी के साथ चौसर (पासे) खेलती हैं। इस कारण ही शयन आरती के बाद ज्योतिर्लिंग के पास चौसर की बिसात सजाई जाती है। सबसे हैरान करने वाली बात तह यह है की गर्भग्रह में शयन की आरती के बाद कोई भी नहीं आता परन्तु ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में सुबह पांसे उल्टे मिलते हैं।

5-केदारनाथ ज्योतिर्लिंग

हिमालय की गोद में बसे उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग ज़िले में केदारनाथ मंदिर है। इस केदारनाथ मंदिर की काफी मान्यता है। जलवायु के कारण इस मंदिर के कपाट भगवान शिव के भक्तो के लिए अप्रैल माह में खोले जाते है और नवंबर माह में मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते है। इस मंदिर की धार्मिक मान्यता बहुत है। इसका कारण यह भी है की यहाँ बद्रीनाथ धाम भी है। कहा जाता है की केदारनाथ के दर्शन किए बिना बद्रीनाथ धाम की यात्रा करता है उसे यात्रा का फल नहीं मिलता है।

6-भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग

छठे नंबर पर भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग आता है। जोकि महाराष्ट्र के पुणे से लगभग 110 किमी दूर सहाद्रि पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर को भक्त मोटेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। मन जाता है की इस मंदिर भगवान शंकर ने कुंभकरण के पुत्र भीमेश्वर का वध किया था। जो भी व्यक्ति इस मंदिर पर आकर सच्चे दिल से मन्नत मांगता है उसके सारे दुःख दूर हो जाते है।

7-काशी विश्वनाथ

12 ज्योतिर्लिंगों सातवें नंबर पर काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग आता है। जोकि उत्तर प्रदेश के वाराणसी ज़िले में है। इस मंदिर को काफी मनीयताएँ प्राप्त है। इस मंदिर के दर्शन करने के लिए काफी दूर दूर से भक्त आते है। वैसे यह भी कहाँ जाता है भारत के महान व्यक्तियों जैसे- रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद के साथ साथ शंकराचार्य, संत एकनाथ जी ने इस मंदिर के दर्शन किए है। हलाकि पुरे साल ही मंदिर में भक्तो की भीड़ रहती है परन्तु शिवरात्रि के समय काशी विश्वनाथ मंदिर में पाव रखने की भी जगह नहीं मिलती है।

8- त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग

सभी हिन्दू भाई बहनों का त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर एक बहुत महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। यह मंदिर महाराष्ट्र के त्र्यम्बक गांव में स्थित है। यह मंदिर पवित्र गोदावरी नदी के निकट है। त्र्यम्बकेश्वर मंदिर तीन पहाड़ियों के बीच स्थित है। आपको बता दें की ब्रह्मगिरी, निलागिरि और कालगिरी भी शामिल है। सभी हिन्दू भाई बहन इस त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिलिंग को काफी मानते है।

9- वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग

अब नवे नंबर पर वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग है। जोकि झारखंड के देवघर में स्थित है। इस ज्योतिलिंग को बैजनाथ धाम के नाम से भी जानते हैं। वैसे कहाँ जाता है की जो इस मंदिर में जाकर पुरे दिल से मन्नत मांगते है। तो उनकी मन्नतो को ज़रूर पूरा किया जाता है। कहा जाता है की भोलेनाथ यहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते है। इस कारण इस शिवलिंग को ‘कामना लिंग’ भी कहा जाता है। देवघर के वैद्यनाथ धाम में स्थापित ‘कामना लिंग’ भी रावण की भक्ति का प्रतीक है।

10-नागेश्वर ज्योतिर्लिंग

यह नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात में स्थित है। मंदिर में इन अद्भुत शिवलिंगों के दर्शन व पूजन के लिए दूर-दूर से श्रद्घालु आते हैं। सावन में विशेष रूप से सोमवार को खासा भीड़ रहती है। इस शिवलिंग का नाम ‘नागेश्वर ज्योतिर्लिंग’ पड़ा है। वैसे कहा जाता है कि ‘नागेश्वर ज्योतिर्लिंग’ के दर्शन करने के बाद जो मनुष्य उसकी उत्पत्ति और माहात्म्य सम्बन्धी कथा को सुनता है। वह समस्त पापों से मुक्त हो जाता है।

11- रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग

यह रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग ग्यारहवें नंबर पर आता है। जोकि तमिलनाडु के रामनाथपुरम में स्तिथि है। वैसे तो सभी ज्योतिलिंगो की अपनी अपनी विशेषता है परन्तु रामेश्वरम ज्योतिर्लिग एक विशेष स्थान रखता है। ऐसा माना जाता है की जितना महत्व काशी का है उतना ही ज़यादा महत्व यह रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग भी रखता है। कहा जाता है की जो व्यक्ति इस ज्योतिर्लिंग की विधिपूर्वक आराधना करता है तो उसे ब्रह्महत्या जैसे महापाप से भी मुक्ति मिल सकती है। जो भी व्यक्ति इस ज्योतिलिंग पर गंगा जल चढ़ाएगा वह साक्षात जीवन से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त कर लेता है।

12-घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग

बारहवां ज्योतिर्लिंग मंत्र ज्योतिर्लिंग है। इस ज्योत्रिलिंग को द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति के नाम से जाना जाता है। वैसे माना जाता है की जो भी व्यक्ति इस ज्योतिलिंग पर जाकर सच्चे दिल से प्रार्थना करता है। उसकी सभी मनोकामनाए पूरी और पापो से मुक्ति मिलती है।

भगवान विष्णु के अवतार कितने हैं ?

भारत में 12 ज्योतिर्लिंग से सम्बंधित प्रश्न/उत्तर

12 ज्योतिर्लिंग की स्थापना किसने की थी?

गुरु शंकराचार्य ने इनको पुनर्स्थापित किया है।

रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड में कौन सा ज्योतिर्लिंग है?

रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड में केदारनाथ ज्योतिर्लिंग स्थित है। इस ज्योतिलिंग की काफी मान्यता है।

गुजरात में कितने शिवलिंग है?

गुजरात में दो ज्योतिर्लिंग है पहला ज्योतिर्लिंग सोमनाथ है, और दूसरा नागेश्वर ज्योतिर्लिंग है जो द्वारका के सौराष्ट्र में स्थित है।

Leave a Comment