वर्तमान समय में देखा जाये तो अंधभक्ति बहुत ज्यादा बढ़ गई है | अंधभक्त (andhbhakt) नाम का कोई भी शब्द या इसकी कोई परिभाषा हमारे किसी भी धर्मग्रन्थ में नही है | जबकि हमारे शास्त्रों में भक्त शब्द का प्रयोग सबसे अधिक हुआ है | शास्त्रों के अनुसार भक्त वह होते है, जो अपने माता पिता, अपने गुरुजनों के प्रति प्रेम और आदर सम्मान करते है | भक्ति अनेक प्रकार की होती है जैसे- कि मातृ भक्ति, पितृ भक्ति, ईश्वर भक्ति, गुरु भक्ति ,देश भक्ति आदि |
अंधभक्त एक ऐसा शब्द है,जो वर्तमान समय में इंटरनेट और न्यूज़ पेपर आदि में अक्सर देखने को मिलता है | अंधभक्त व्यक्ति किसी एक क्षेत्र से जुड़ा हुआ ही नहीं होता है बल्कि किसी भी क्षेत्र में आप चले जाओ वहा आपको अंधभक्त व्यक्ति मिल ही जाते है | चाहे आप राजनीति की बात करो या धर्म की बात कर ले दोनों ही क्षेत्रो में अंधभक्ति की कोई कमी नहीं है | आइये जानते है, कि अंधभक्त किसे कहते हैं (andhbhakt kise kahte hai) और अंधभक्त के लक्षण क्या है ?
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अंधभक्त का क्या मतलब है ?
अंध भक्त का सीधा अर्थ यह है, कि ऐसा व्यक्ति जो कि आंखें बंद करके विश्वास अर्थात भरोसा करता है, वह अंधभक्त कहलाता है | जैसे किसी ने क्या कहा है, इस पर विचार किए बिना तुरंत विश्वास करना अंधविश्वास है | इसके अलावा, किसी विशेष व्यक्ति के आदेश को बिना सोचे-समझे मानने को अंध-विश्वास कहा जाता है और अनुयायी को अंध-भक्त कहा जाता है | अंधभक्त वह शब्द है जो किसी चीज़ पर आंखे बंद करके विश्वास करता है अर्थात वह कोई भी हो सकता है वह एक बच्चा भी हो सकता है या बुजुर्ग भी | जैसा कि हम जानते है जिसके पास स्वयं की चेतना नहीं होती |
यह अंधभक्त सदियों से उत्पीड़न और अवहेलना के शिकार होते आए है | आदिवासी परंपराओं में इस कदर फसे हुए मानो एक घोड़े के गले में पटार डालकर किसी खुटी में डाल दिया जाता है और वह अपनी आजादी वैभव मान सम्मान को भूल जाता है | इनकी अंधभक्ति मनगढ़ंत धार्मिक रीति रिवाज, काल्पनिक ईश्वर, राजनीतिक पार्टी अथवा विशेष अपने प्रिये लोगों के प्रति हो सकती है जो हमेशा से अपने फ़ायदे के लिए सदियों से इनका उत्पीड़न करते आ रहे हैं | अंधभक्त दो शब्दों अंध और भक्त से मिलकर के बना हुआ है | अंध भक्त में अंध का मतलब अंधा होता है और भक्त का मतलब उसकी पूजा करने वाला उसे मानने वाला होता है | उसी की बातों को सुनने वाला और जैसा वह कहे उसके अनुसार सब कुछ करने वाला होता है, उसे ही अंधभक्त बोलते है |
Andhbhakt Meaning in Hindi
अन्धभक्त को हिंदी में “अन्धविश्वासी, अंधभक्त, अंधराष्ट्रवादी” कहते है, इसके अंग्रेजी में बहुत सारे अर्थ और इसकी मीनिंग होती है | इसका सही अर्थ “आँख मूँदकर किसी पर श्रद्धा रखने वाला व्यक्ति या फिरऐसा भक्त जो किसी विरोधी तर्क को न सुने उसका विरोध करे या फिर अंधविश्वासी भी कह सकते है | इंग्लिश में इसे “Superstitious, Worshippers” कहते है |
अंधभक्त शब्द चर्चा का विषय क्यों है?
अभी तक आपने अंधभक्त शब्द तो केवल भगवान् की भक्ति या फिर किसी गुरु, बाबा, मौलवी – मौलाना इन सबके अनुयायियों के लिए सुनी होगी, परन्तु अब अंधभक्त शब्द की चर्चा भारत की राजनीति में भी जोरों पर है | वर्तमान समय में भारत में बीजेपी (BJP) की सरकार है और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोक – प्रियता जोरों – शोरों पर है | सभी राजनीतिक दल के समर्थक या कुछ नेता नरेन्द्र मोदी के समर्थकों को “अंधभक्त” का नाम दे चुके है | सोशल मीडिया पर मोदी के समर्थकों को विपक्ष के समर्थक व नेता अंधभक्त कहते है |
वर्तमान समय की रजनीति स्थिति को देखते हुए इस बात का कोई स्पष्ट कारण नहीं निकाला जा सकता है कि, नरेंद्र मोदी जी को रजनीति में आदर्श मानने वाले लोग ही अंधभक्त है | अगर रजनीति की दृष्टि से स्पष्ट रूप से बताना चाहेंगे कि हमारे देश में दो बार बहुमत से चुनी जाने वाली सरकार के मुखिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जाने वाले अच्छे कार्यों और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने वाले और डिजिटल माध्यम से सरकारी योजनाओं का सीधा जनता पहुंचना, कानून को निर्गमित किये जाने पर विपक्ष के लोगो को ये बात गले से नीचे नहीं उतर रही है | इस तरह के कार्यों से जो लोग मोदी जी को अपना आदर्श मानते है, उन लोगों पर “अंधभक्त” कहकर विपक्ष के लोग दिल की भड़ास निकलते है |
अंधभक्त के लक्षण
अंध भक्तों के लक्षण इस प्रकार हैं-
- अंध भक्त किसी की भी सुनता नहीं है |
- अंधभक्त को जो बोला जाए वही करता है |
- अंध भक्तों का किसी पार्टी से कोई लेना देना नहीं होता है |
- अंध भक्तों का कहीं ना कहीं स्वार्थ जुड़ा हुआ होता है |
अंधभक्त के प्रकार
- राजनीति के अंधभक्त |
- धर्म के अंधभक्त |
- जाति के नाम पर अंधभक्त |
- देश के नाम पर अंधभक्त |
- किसी नेता के नाम पर अंधभक्त |
- किसी राजनीतिक पार्टी के अंधभक्त |
- मोदी के अंध भक्तों |
- केजरीवाल के अंधभक्त |
- राहुल गांधी के अंधभक्त |
भक्त और अंधभक्त में अंतर
- भक्त और अंधभक्त में बहुत अंतर होता है | क्योंकि भक्त हमेशा भगवान का होता है और अंधभक्त किसी का भी इस संसार में हो सकता है | इस अंध भक्तों के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है |
- भक्तों के मन में कोई लालच स्वार्थ कुछ भी छुपा नहीं होता है और वह निस्वार्थ ईश्वर की भक्ति में लगा रहता है उसे ईश्वर से कुछ नहीं चाहिए होता है, वही इंसान असली भक्त होता है |
- जबकि अंध भक्तों का अपना लालच और स्वार्थ छुपा होता है | वह उसी स्वार्थ और लालच के चलते हुए अंधभक्त बना रहता है |
- जब कोई राजनीति का अंधभक्त होता है तब उसे राजनीति से कहीं ना कहीं यह उम्मीद जुडी होती है कि उसे सपोर्ट अर्थात सहारा मिलेगा और उसका कार्य पूर्ण हो जाएगा |
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