देश में हर साल लाखों विधार्थी बारहवीं पास करने के पश्चात ग्रेजुएशन की डिग्री पाने हेतु BA प्रोग्राम में हिस्सा लेते है। यूं तो BA प्रोग्राम के अंतर्गत बहुत सारे विषय आते हैं। हालांकि विद्यार्थियों को उन सभी विषयों में से कुछ चुनिंदा सब्जेक्ट का चुनाव करना होता है और उन्हीं विषयों की पढ़ाई करनी होती है।
इस प्रकार 3 साल तक पढ़ाई करने के पश्चात विद्यार्थियों को बैचलर ऑफ आर्ट के कोर्स की डिग्री हासिल होती है। कई विद्यार्थी बैचलर ऑफ आर्ट्स का कोर्स करना चाहते हैं परंतु उन्हें यह नहीं पता होता है कि B.A. में कितने सब्जेक्ट होते हैं और कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं, तो आइए जानते हैं B.A. में कितने सब्जेक्ट होते हैं।
B.A. में कितने व कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं?
बीए यानी की बैचलर ऑफ आर्ट के कोर्स में कुल 17 सब्जेक्ट होते हैं। हालांकि आपको इन सभी 17 सब्जेक्ट की पढ़ाई नहीं करनी होती है बल्कि आपको अपनी पसंद के हिसाब से सब्जेक्ट का चयन करना होता है और उन सभी विषयों में से आपको मुख्यतया 3 या 4 सब्जेक्ट की ही पढ़ाई करनी पड़ती है।
अब यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप बैचलर ऑफ आर्ट के कोर्स में कौन से सब्जेक्ट लेते हैं। नीचे आपको बैचलर ऑफ आर्ट के कोर्स के सभी सब्जेक्ट के नाम दिए गए हैं, जिनमें से आप अपने पसंदीदा सब्जेक्ट का सिलेक्शन कर सकते हैं।
हिंदी साहित्य
हिंदी साहित्य को हिंदी लिटरेचर भी कहा जाता है और b.a. के कोर्स में अगर आप किसी सब्जेक्ट को लेते हैं तो आपको हिंदी भाषा की पढ़ाई अवश्य करनी पड़ती है। आपको हिंदी साहित्य के अंदर विस्तार से हिंदी भाषा के बारे में पढ़ाया जाता है।
इस प्रकार से जिन विद्यार्थियों को हिंदी भाषा की गहन जानकारी प्राप्त करनी है, उसे b.a. के कोर्स में हिंदी साहित्य सब्जेक्ट लेना चाहिए। इसमें उन्हें बहुत सारी हिंदी भाषा की कहानियां, कविताएं, नाटक, लेख और हिंदी व्याकरण की स्टडी करने का मौका मिलता है।
अंग्रेजी साहित्य
अंग्रेजी साहित्य को इंग्लिश लिटरेचर कहते हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर की भाषा होने की वजह से विद्यार्थियों को अंग्रेजी भाषा की पढ़ाई अवश्य करनी चाहिए। बैचलर ऑफ आर्ट के कोर्स में अगर आप अंग्रेजी का सब्जेक्ट लेते हैं तो इसके अंतर्गत आपको अंग्रेजी भाषा की कविता, कहानियां और लेख पढ़ने का मौका मिलता है, साथ ही अंग्रेजी ग्रामर की जानकारी भी आपको प्राप्त होती है। b.a. के कोर्स में इसकी स्टडी 3 साल तक होती हैं और इसके हर सेमेस्टर की एग्जाम को देना होता है।
सामान्य हिंदी
इस कोर्स में आपको हिंदी भाषा में लिखे गए लोकप्रिय लेख पढ़ने का मौका मिलता है साथ ही व्याकरण के बारे में भी जानकारी प्राप्त होती है। इसके अलावा आपको सामान्य हिंदी के अंतर्गत समास,व्याकरण, उपसर्ग, वाक्य और कहानी की भी स्टडी करनी पड़ती है।
सामान्य अंग्रेजी
सामान्य अंग्रेजी को “इंग्लिश जनरल” कहा जाता है। अगर आप इस सब्जेक्ट को लेते हैं तो आपको अपने मुख्य सब्जेक्ट के साथ-साथ इसे एडीशनल (अतिरिक्त) सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ना होता है। इंग्लिश जनरल इंग्लिश लिटरेचर से बिल्कुल अलग होता है। आपको इंग्लिश जनरल में लैंग्वेज से संबंधित सामान्य जानकारी की स्टडी करवाई जाती है।
संस्कृत
देश की संस्कृति में संस्कृत भाषा का काफी महत्व है। यह दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा है। आज भले ही इसे बोलने वाले या फिर समझने वाले लोगों की संख्या कम हो गई है परंतु इसके बावजूद इसकी स्टडी स्कूल और कॉलेज में करवाई जाती है।
अगर आपको संस्कृत भाषा को पढ़ने में रुचि है तो आप भी बैचलर ऑफ आर्ट के कोर्स में संस्कृत के सब्जेक्ट का सिलेक्शन पढ़ाई करने के लिए कर सकते हैं।
इतिहास
इतिहास को History कहा जाता है। इसके अंतर्गत विद्यार्थियों को भारत के इतिहास के साथ-साथ दुनिया के इतिहास की पढ़ाई करनी होती है। अधिकतर विद्यार्थी बैचलर ऑफ आर्ट के कोर्स में इतिहास का सब्जेक्ट लेना पसंद करते हैं, साथ ही वह इसे अपना मुख्य सब्जेक्ट भी बनाते हैं।
आप चाहे तो इतिहास के सब्जेक्ट का चयन करने के साथ ही साथ दूसरे सब्जेक्ट का भी सिलेक्शन कर सकते हैं, जिसका ऑप्शन आपको इंस्टीट्यूट में ऐडमिशन लेने से पहले दिया जाता है।
बीकॉम में कितने व कौन कौन से सब्जेक्ट (विषय) होते हैं ?
फिलॉसफी
फिलॉसफी यानी कि दर्शनशास्त्र का सब्जेक्ट लेने पर विद्यार्थियों को दार्शनिक विश्लेषण के बारे में स्टडी करनी होती है। ऐसे विद्यार्थी जिन्हें ज्ञान, वास्तविकता और अस्तित्व जैसी चीजों के बारे में पढ़ना काफी अच्छा लगता है, वह बैचलर ऑफ आर्ट के कोर्स में फिलासफी का सब्जेक्ट ले सकते हैं।
साइकोलॉजी
साइकोलॉजी को मनोविज्ञान भी कहा जाता है और वर्तमान के समय में यह एक ऐसा सब्जेक्ट है जिसकी सबसे ज्यादा आवश्यकता लोगों को पड़ रही है, क्योंकि आज के समय में अधिकतर लोग किसी ना किसी वजह से डिप्रेशन और तनाव जैसी चीजों का सामना कर रहे हैं।
ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए मनोविज्ञान का सहारा लिया जा सकता है। अगर किसी व्यक्ति को मनोविज्ञान में इंटरेस्ट है, तो वह साइकोलॉजी का सब्जेक्ट लेकर के पढ़ाई कर सकता है। इस सब्जेक्ट में विद्यार्थियों को मन और दिमाग की स्टडी करवाई जाती है।
अर्थशास्त्र
अर्थशास्त्र को Economics कहा जाता है और अर्थशास्त्र के अंतर्गत विद्यार्थियों को फाइनेंस, बैंकिंग, पैसे का लेन-देन, हिसाब-किताब और बाजार से संबंधित एक्टिविटी के बारे में पढ़ाई करवाई जाती है।
विद्यार्थी चाहे तो इकोनॉमिक्स की पढ़ाई करके आगे फाइनेंस की फील्ड में अपना करियर बना सकते हैं, क्योंकि आज के समय में ऐसे विद्यार्थियों की काफी डिमांड है, जिन्हें इकोनॉमिक्स की अच्छी समझ है। इकोनॉमिक्स के अंतर्गत विद्यार्थियों को देश की आर्थिक स्थिति, मार्केट की स्टडी, इंपोर्ट एक्सपोर्ट, बिजनेस मैनेजमेंट जैसी चीजें पढ़नी होती है।
10: समाजशास्त्र
समाजशास्त्र को sociology कहते हैं और इसमें हमें समाज की स्टडी करवाई जाती है। ऐसे विद्यार्थी जो सामाजिक कामों को करने में रुचि रखते हैं या फिर जो सोशल वर्कर बनना चाहते हैं, वह समाजशास्त्र का सब्जेक्ट ले सकते हैं।
11: राजनीति विज्ञान
राजनीति विज्ञान को political science कहा जाता है और यह भी विद्यार्थियों का बहुत ही लोकप्रिय सब्जेक्ट है। बैचलर ऑफ आर्ट के कोर्स में जो विद्यार्थी एडमिशन लेते हैं, वह पॉलिटिकल साइंस का सब्जेक्ट लेना पसंद करते हैं। खास तौर पर इसे ऐसे विद्यार्थियों के द्वारा लिया जाता है, जो पॉलिटिक्स में इंटरेस्ट रखते हैं।
पॉलिटिकल साइंस में विद्यार्थियों को राजनीति और उससे संबंधित सभी चीजों की स्टडी करवाई जाती है। जैसे कि उन्हें यह पढ़ाया जाता है कि देश और लोकतंत्र कैसे काम करता है, लोकतंत्र के अंतर्गत कौन-कौन सी चीजें आती हैं।
12: एलिमेंट्री कंप्यूटर
एलिमेंट्री कंप्यूटर सब्जेक्ट के अंतर्गत विद्यार्थियों को कंप्यूटर की मूलभूत जानकारियों से अवगत करवाया जाता है। आप चाहे तो बैचलर ऑफ आर्ट के कोर्स में अपने मुख्य सब्जेक्ट के साथ एलिमेंट्री कंप्यूटर का सब्जेक्ट ले सकते हैं। एलिमेंट्री कंप्यूटर सब्जेक्ट के अंतर्गत विद्यार्थियों को इनपुट, आउटपुट, सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और प्रोसेसिंग के बारे में जानकारी दी जाती है।
गृह विज्ञान
गृह विज्ञान को Home science कहा जाता है। गृह विज्ञान सब्जेक्ट के अंतर्गत विद्यार्थियों को घर परिवार और घर परिवार से संबंधित चीजों की स्टडी करनी होती है। इसमें खाना बनाना, पोषण, गृह अर्थशास्त्र, उपभोक्ता विज्ञान, बच्चों की परवरिश, आंतरिक सज्जा, मानव विकास, वस्त्र एवं परिधान, गृह निर्माण जैसी चीजें शामिल होती हैं। मैनेजमेंट के लिए भी इन सभी चीजों की आवश्यकता होती है।
फाइन आर्ट एंड पेंटिंग जर्नलिज्म
इसमें विद्यार्थियों को इंटरनेट, रेडियो, टीवी और प्रिंट मीडिया जैसी चीजों की जानकारी हासिल करनी होती है और उनकी स्टडी करनी होती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एनिमेशन, मल्टीमीडिया, ग्राफिक्स, विजुअल आर्ट, पीआर एंड एडवरटाइजिंग, फिल्म स्टडी, फोटोग्राफी, पेंटिंग, पत्रकारिता, जनसंचार जैसी स्टडी इसी सब्जेक्ट के अंतर्गत होती है।
पर्यावरण अध्ययन
पर्यावरण अध्ययन को Environment Study कहा जाता है। इस सब्जेक्ट का चयन करने वाले छात्रों को पर्यावरण की स्टडी करनी होती है। उन्हें सब्जेक्ट को लेने के पश्चात यह सिखाया जाता है कि कैसे वह पर्यावरण को सुरक्षित कर सकते हैं साथ ही उन्हें यह भी बताया जाता है कि पर्यावरण के लिए कौन सी चीजें अच्छी है और कौन सी चीजें अच्छी नहीं है। संक्षेप में कहा जाए तो पर्यावरण संबंधित जानकारी इस सब्जेक्ट में दी जाती है।
अगर बैचलर ऑफ कॉमर्स कोर्स के दरमियान किसी विद्यार्थी के द्वारा एनवायरमेंटल स्टडी सब्जेक्ट को रेगुलर कोर्स में लिया गया है, तो उसे 1 साल में इसके 2 पेपर देने होते हैं।
जियोग्राफी
Geography को भूगोल कहते हैं, स्कूली कक्षा के दौरान आर्ट्स स्ट्रीम के छात्र भूगोल के जिन विषयों का अध्ययन करते हैं उन्हीं विषयों की और गहन जानकारी पाने के लिए विद्यार्थी चाहे तो इसे मुख्य सब्जेक्ट के तौर पर ले सकते हैं। इसे मुख्य सब्जेक्ट के तौर पर लेने पर कुछ एडिशनल सब्जेक्ट इसके साथ होते हैं। आप 3 साल बैचलर ऑफ आर्ट के कोर्स की पढ़ाई करके बैचलर की डिग्री हासिल कर सकते हैं।
पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन
Public Administration को लोक प्रशासन कहा जाता है। इसका सीधा अर्थ प्रशासन के कार्य करने की गतिविधि से खुद को रूबरू करवाना है, जो विद्यार्थी सामाजिक सेवा करने के उद्देश्य से आगे चलकर के सिविल सर्विस में जाने की इच्छा रखते हैं वह पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन का कोर्स को ले सकते हैं।