बड़ा मंगल बजरंगबली का दिन होता है । इस बड़े मंगलवार को अधिकतर लोग एक पर्व के रूप में मनाते हैं | यह मंगलवार हर साल ज्येष्ठ माह के पहले मंगल को मनाया जाता है। इस दिन अत्याधिक महत्व माना जाता है, क्योंकि इस दिन मर्यादा पुरुषोतम श्रीराम के परम भक्त श्री हनुमान जी की पूजा बहुत ही श्रद्धा के साथ की जाती है | वहीं मान्यता है कि, इस दिन ऐसा करने से व्रती के सभी संकट दूर हो जाते हैं और उसके जीवन में किसी प्रकार की भी बाधा ना आते हुए केवल मंगल ही मंगल होता है।
यह एक ऐसा पर्व है, जिसे हिंदू के साथ-साथ को कुछ मुस्लिम के लोग भी मनाते है | इस बार यह बड़ा मंगलवार 12 मई को मनाया गया है | इसलिए यदि आप भी बड़े मंगलवार के विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको बड़ा मंगल (Bada Mangal) क्या है, कब मनाया जाता है, इतिहास और महत्व ? इसकी पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है |
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बड़ा मंगल (Bada Mangal) का उद्देश्य
बड़े मंगलवार के दिन मर्यादा पुरुषोतम श्रीराम के परम भक्त श्री हनुमान जी की पूजा और बड़ी ही श्रध्दा के साथ आराधना की जाती है | इस दिन अधिकतर लोग अपने घरों में पुए बनवाकर बजरंगबली को भोग लगाते है और पूरी भक्ति के साथ उनकी पूजा करते है क्योंकि, माना जाता है कि, ऐसा करने से व्रती के सभी संकट दूर हो जाते हैं और उसके जीवन में अब शुभ ही शुभ होता चला जाता है | लोगों के जीवन में इस दिन बहुत अधिक महत्व होता है |
बड़ा मंगल (Bada Mangal) कब मनाया जाता है ?
बड़ा मंगल (Bada Mangal) हर साल ज्येष्ठ माह के पहले मंगल को मनाया जाता है, जिसमें हनुमान जी की पूजा की जाती है | इस बार यह बड़ा मंगलवार 12 मई यानी कि कल मनाया गया है |
बड़ा मंगल का इतिहास
धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, आधुनिक समय में एक बार अवध के नवाब मोहम्मद अली शाह के पुत्र की तबीयत बहुत अधिक खराब हो गई थी। फिर उन्होंने अपने बेटे का इलाज हर अस्पतालों में कराने की कोशिश की, लेकिन जब सभी जगहों पर इलाज कराने के बाद भी उनके पुत्र की सेहत में किसी भी प्रकार का कोई भी सुधार नहीं दिखाई दिया, तो कई लोगों ने उन्हें लखनऊ स्थित अलीगंज के हनुमान मंदिर जाने की सलाह दी। इसके बाद अवध के नवाब मोहम्मद अली शाह की पत्नी रुबिया अपने पुत्र को लेकर हनुमान मंदिर पहुंच गई |
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रुबिया पुत्र को स्वस्थ देखकर बहुत खुश हुई
इस मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि, जो भी अस्वस्थ व्यक्ति यहां आता है, वह हनुमान जी की कृपा से स्वस्थ होकर ही घर लौटता है। जब रुबिया अपने पुत्र को लेकर अलीगंज के हनुमान मंदिर पहुंची, तो मंदिर के पुजारी ने रुबिया को अपने बेटे को मंदिर में ही छोड़ देने के लिए कहा | मंदिर के पुजारी के वचनानुसार, रुबिया पहुंची तो अपने पुत्र को स्वस्थ देखकर अत्याधिक प्रसन्न हुई और हनुमान जी को प्रणाम कर पुजारी को शुक्रिया कहा।
इसके बाद अवध के नवाब मोहम्मद अली शाह ने इस मंदिर का कायाकल्प करवाया और हर साल ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाले पहले मंगल को बड़ा मंगल मनाने की घोषणा भी कर दी | इस दिन नवाब मोहम्मद अली शाह ने विधिवत हनुमान जी की पूजा-आराधना करवाई और प्रसाद में गुड़ धनिया बंटवाए। साथ ही मंदिर परिसर में प्याऊ भी लगवाए। उस समय से यह पर्व हर साल हिन्दू और मुस्लिम दो दोनों धर्मों के लोगों के द्वारा बहुत ही धूम-धाम के साथ मनाया जाने लगा है |
बड़ा मंगल (Bada Mangal) का महत्व क्या है ?
ऐसी मान्यता है कि, जो व्यक्ति सच्चे मन और हृदय से हनुमान जी का पूजा करता है, उसकी सभी समस्याएं हनुमान जी दूर कर देते हैं। इसके अलावा आज भी हनुमान जी के उस मंदिर की चमक पहले जैसी ही बनी हुई है। उस मंदिर में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोग हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। जबकि बड़ा मंगल के दिन और भी बड़ी संख्या में लोग उपस्थित होते है और हनुमान जी से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
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