भारत एक विविधता से भरपूर देश है, जिसकी भौगोलिक संरचना में नदियों का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। भारत में अनेक नदियां हैं जो देश के विभिन्न हिस्सों में बहती हैं, और देश के आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, और इन नदियों पर बने पुल न केवल यातायात के साधन होते हैं बल्कि वे देश की प्रगति और विकास का भी प्रतीक है।
पुल न केवल नदियों के दोनों किनारो को जोड़ते हैं बल्कि आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक एकीकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत में नदियों पर बने पुलों का सबसे बड़ा लाभ यह है कि वह परिवहन और यातायात को सुगम बनाते हैं।
यह पुल सड़कों, रेल मार्गों और अन्य परिवहन साधनों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नदियों पर बने बड़े पुल जैसे कि कोलकाता का हावड़ा ब्रिज और मुंबई का बांद्रा ब्रिज सीलिंग यातायात का प्रमुख केंद्र है और लाखों लोगों की दैनिक आवाजाही को आसान बनाते हैं। भारत की नदियां और उन पर बने पुल देश की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं|
यह पुल कई जगहों पर इतने लंबे भी हैं कि हम और आप इनकी लंबाई का अनुमान भी नहीं लगा सकते हैं जी हां दोस्तों भारत में बेहद लंबे पुल भी मौजूद हैं जिनकी लंबाई के बारे में आज हम आपको इस लेख में बताएंगे कि भारत में सबसे लंबा नदी पुल कौन-सा है।
भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों की सूची
भारत का सबसे लंबा नदी पुल कौन सा है?
भारत देश में नदियों के ऊपर बने पुल न केवल यातायात की सुविधा प्रदान करते हैं बल्कि यह इंजीनियरिंग के अद्वितीय उदाहरण भी है। भारत में सबसे लंबा नदी पुल ”भूपेन हजारिका सेतु” या ढोला सदिया पुल के नाम से जाना जाता है। भूपेन हजारीका सेतु जो ढोला सदिया पुल के नाम से प्रसिद्ध है असम राज्य में स्थित है। यह पुल ब्रह्पुत्र नदी की सहायक नदी लोहित पर बना है। इस पुल का उद्घाटन 26 में 2017 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किया गया था यह पल असम के ढोला क्षेत्र को अरुणाचल प्रदेश के सादिया क्षेत्र से जोड़ता है।
कितना लम्बा है पुल
इस पुल की कुल लंबाई 9.15 किलोमीटर है, जो इसे भारत का सबसे लंबा नदी पुल बनता है। इस पुल की चौड़ाई 12.9 मीटर है, जो इसे बड़े वाहनों और सैन्य टैंकों के आवागमन के लिए समक्ष बनता है। इसका निर्माण भारतीय सेवा की रणनीतिक जरूरत को ध्यान में रखकर किया गया है ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य आपूर्ति तेजी से पहुंचाई जा सके।
मंजूरी के दो साल बाद शुरू हुआ था निर्माण
भूपेन हजारिका सेतु का निर्माण कई चुनौतियों से भरा हुआ था। ब्रह्मपुत्र और लोहित जैसी बड़ी और व्यापक नदियों पर पुल का निर्माण करना इंजीनियरिंग का एक जटिल कार्य था इस परियोजना को पूरा करने में लगभग 5 साल लगे, और इसमें 950 करोड रुपए की लागत आई। पुल के निर्माण में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया, जिससे यह भारत के सबसे प्रतिष्ठ निर्माण कार्यों में से एक बन गया और इसका निर्माण मंजूरी के 2 साल बाद शुरू हुआ।
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भारत का दूसरा सबसे लंबा पुल कौन-सा है
भारत का नदी पर बना दूसरा सबसे लंबा पुल महात्मा गांधी सेतु है| यह पुल बिहार राज्य में गंगा नदी पर स्थित है और इसकी कुल लंबाई लगभग 5.6 किलोमीटर है| इस पुल का उद्घाटन 1982 में हुआ था और इसका नाम महात्मा गांधी के सम्मान में रखा गया है|
विश्व का सबसे लंबा पुल कौन सा है?
डेनयांग-कुनशान ग्रैंड ब्रिज ने दुनिया के सबसे लंबे पुल के रूप में 2023 का रिकॉर्ड बनाया है, जो आश्चर्यजनक रूप से 102.4 मील तक फैला है। बीजिंग और शंघाई के बीच चीन की हाई-स्पीड रेल का एक प्रमुख खंड, यह वास्तुशिल्प चमत्कार 100 फीट ऊंचा है और इसके निर्माण के दौरान 10,000 से अधिक लोगों के प्रयास शामिल थे। हाई-स्पीड ट्रेन में यात्रियों को तराई, झीलों, नदियों और चावल के खेतों के लुभावने दृश्यों का आनंद मिलता है, जिससे यात्रा पुल की तरह ही यादगार बन जाती है।
इंजीनियरिंग चमत्कारों की दुनिया में, पुल मानवीय सरलता और नवीनता के प्रमाण के रूप में सामने आते हैं। ऐसी ही एक असाधारण संरचना ने लंबाई और भव्यता में अन्य सभी को पीछे छोड़ते हुए वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है। 2023 तक, डेनयांग-कुशान ग्रैंड ब्रिज को दुनिया के सबसे लंबे पुल का खिताब प्राप्त है।
भारत में शीर्ष 10 सबसे लंबे पुलों की सूची
- भूपेन हजारिका ब्रिज- भूपेन हजारिका सेतु या ढोला-सदिया सेतु भारत का सबसे लम्बा पुल है। जिसका उद्घाटन 26 मई 2017 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कर दिया गया। यह 9.15 किलोमीटर (5.69 मील) लम्बा सेतु लोहित नदी को पार करता है, जो ब्रह्मपुत्र नदी की एक मुख्य उपनदी है।
- दिबांग रिवर ब्रिज- दिबांग रिवर ब्रिज 6.2 किमी लंबा बीम ब्रिज है जो भारत के अरुणाचल प्रदेश में दिबांग नदी पर फैला है। यह बोमजिर और मालेक गांवों को जोड़ता है और अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी हिस्से में डम्बुक और रोइंग के बीच सभी मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करता है।
- महात्मा गांधी सेतु- महात्मा गांधी सेतु पटना से वैशाली जिला को जोड़ने को लिये गंगा नदी पर उत्तर-दक्षिण की दिशा में बना एक पुल है। यह दुनिया का सबसे लम्बा, एक ही नदी पर बना सड़क पुल है। इसकी लम्बाई 5,750 मीटर है। भारत की प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने इसका उद्घाटन मई 1982 में किया था।
- बांद्रा-वर्ली सी लिंक-मुंबई का राजीव गांधी बांद्रा-वर्ली सी लिंक (Bandra Worli Sea Link) पुल, इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन नमूना है। यह पुल दक्षिणी मुंबई में स्थित है और बांद्रा को वर्ली से जोड़ता है। यह पुल 5.6 किलोमीटर लंबा है और इसका वज़न 56,000 अफ़्रीकी हाथियों के बराबर है। इसे बनाने में 90,000 टन सीमेंट और 38,000 किलोमीटर इस्पात की रस्सियां लगी हैं। इस पुल पर लगने वाले खास तरह के इस्पात के तारों को चीन से मंगाया गया था। जंग से बचाने के लिए इन तारों पर खास तरह का पेंट लगाया गया है और प्लास्टिक के आवरण भी चढ़ाए गए हैं।
- बोगीबील ब्रिज- बोगीबील ब्रिज देश का सबसे लंबा रेल कम सड़क पुल है। यह ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी और दक्षिणी तट पर धेमाजी और डिब्रूगढ़ को जोड़ने का काम करता है। इस पुल के शुरू होने से ऊपरी असम और अरुणाचल प्रदेश में रहने वाले लाखों लोगों के आवागमन में सहूलियत होती है।
- विक्रमशिला सेतु- विक्रमशिला सेतु भारत में पानी पर बना छठा सबसे लंबा पुल है। 4.4 किलोमीटर लंबा दो लेन वाला यह पुल गंगा के विपरीत दिशा में चलने वाले NH 33 और NH 31 के बीच संपर्क का काम करता है। यह गंगा के दक्षिणी तट पर भागलपुर की ओर बरारी घाट से लेकर उत्तरी तट पर नौगछिया तक चलता है। यह भागलपुर को पूर्णिया और कटिहार से भी जोड़ता है।
- वेम्बनाड रेल ब्रिज- वेम्बनाड रेल ब्रिज दक्षिणी भारतीय राज्य केरल में स्थित एक रेल ब्रिज है। यह भारत का सबसे लंबा रेल पुल है जिसकी लंबाई 4.62km है। पुल का निर्माण भारत के सबसे दक्षिणी छोर कन्याकुमारी को मुंबई से रेल के माध्यम से जोड़ने के लिए चल रही परियोजना के हिस्से के रूप में किया गया था।
- दीघा-सोनपुर ब्रिज- दीघा-सोनपुर रेल-सह-सड़क पुल अथवा जे पी सेतु (लोकनायक जय प्रकाश नारायण सेतु), गंगा पर बना पुल है जो पटना और सोनपुर को जोड़ता है। इसकी लम्बाई 4,556 मीटर है। 4,556 मीटर (14,948 फीट) लंबाई का यह पुल भारत में असम में बोगीबील ब्रिज के बाद दूसरा सबसे लंबा रेल-सह-सड़क पुल है।
- गोदावरी ब्रिज- इसका उद्घाटन 1974 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था। पुल की कुल लंबाई 4.1 किमी है, जिसमें रेलवे खंड 2.7 किमी की लंबाई और सड़क खंड 1.4 किमी की लंबाई को कवर करता है।
- मुंगेर-गंगा ब्रिज- गंगा-मुंगेर पुल भारत के बिहार राज्य के मुंगेर में गंगा नदी पर निर्माणाधीन रेल-सह-सड़क पुल है। 3.19 किलोमीटर लंबा यह नदी पुल दो शहरों बख्तियारपुर और ताजपुर को जोड़ेगा और दो राष्ट्रीय राजमार्गों NH 80 और NH 31 को भी जोड़ेगा।
भारत का सबसे लंबा पुल किस नदी पर है?
भूपेन हजारिका सेतु या ढोला-सदिया सेतु भारत का सबसे लम्बा पुल है। जिसका उद्घाटन 26 मई 2017 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कर दिया गया। यह 9.15 किलोमीटर (5.69 मील) लम्बा सेतु लोहित नदी को पार करता है, जो ब्रह्मपुत्र नदी की एक मुख्य उपनदी है।
भारत के प्रमुख जलप्रपात कौन-कौन से हैं
FAQ,S
भारत में सबसे लंबा नदी पुल ”भूपेन हज़ारिका सेतु” है जिसे ”ढोला-सदिया पुल” के नाम से भी जाना जाता है। यह पुल असम राज्य में ब्रह्मपुत्र नदी पर बना है और इसकी लंबाई लगभग 9.15 किलोमीटर है। यह पुल असम के ढोला और अरुणाचल प्रदेश के सादिया को जोड़ता है। भूपेन हजारिका सेतु की स्थापना 26 में 2017 को की गई थी इसका उद्घाटन भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किया था।
भारत में सबसे लंबे पांच पुल हैं- 1) ढोला सादिया ब्रिज या डॉ भूपेन हजारिका ब्रिज (9.15 किमी) 2) महात्मा गांधी सेतु (5.75KM), 3) बांद्रा-वर्ली सी लिंक (BWSL) (5.77KM), 4) बांद्रा-वर्ली सी लिंक या राजीव गांधी सी लिंक (5.6 किमी) 5) बोगीबील ब्रिज (4.94 किमी
भारत में सबसे ऊँचा पुल चेनाब पुल है। चेनाब नदी पर बना यह पुल, नदी तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर बना है, जो वास्तव में पेरिस के एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है। हिमालय की ऊंची-ऊंची पहाड़ियों में बना चेनाब पुल इंजीनियरिंग की एक मिसाल है।
असम में ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर बना धौला-सादिया पुल एशिया का सबसे बड़ा पुल है, जो साल 2011 में बनना शुरू हुआ था। 9.15 किलोमीटर लंबा यह पुल ना सिर्फ असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच के सफर की दूरी को कम करेगा बल्कि समय की भी बचत होगी।
बिहार का सबसे लंबा महात्मा गांधी सेतु बिहार के दो प्रमुख भागों को जोड़ने का काम करता है, जो कि उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के मध्य की दूरी को घटाता है।
भारत का सबसे लंबा नदी पुल जिसका नाम भूपेन हजारिका सेतु है ब्रह्पुत्र नदी पर स्थित है इसे ढोला सदिया पुल भी कहा जाता है। यह पुल असम राज्य में ढोला और सादिया को जोड़ता है।