CHO Full Form – मेडिकल क्षेत्र में CHO एक बेहद सम्मानित ऑफिसर रैंक है, यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) के अंतर्गत आने वाली एक महत्वपूर्ण पोस्ट है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (Community Health Officer) का योगदान भुलाया नहीं जा सकता, जो देश के ग्रामीण क्षेत्रो में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की CHO विशेष जिम्मेदारी लेते हैं |
यह आशा वर्कर और ग्राम प्रधानों के साथ मिलकर के स्वास्थ्य से संबंधित कार्य को करते हैं। और इस प्रकार जनहित में कार्य करके लोगों के सम्मान और स्नेह के पात्र बनते हैं, आइये इस लेख में जरा विस्तार से जानते हैं की CHO Kaise Bane | सीएचओ का फुल फॉर्म – CHO ऑफिसर योग्यता, सैलरी क्या होती है ?
प्रधानमंत्री टीबी मिशन योजना क्या है
सीएचओ (CHO) क्या है ?
CHO का संक्षिप्त नाम “Community Health Officer” होता है और हिंदी भाषा इन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी कहा जाता है। यह पोस्ट भारत सरकार द्वारा चालू की गई आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत चालू की गई है।
दरअसल देश में स्वास्थ्य से संबंधित जितने भी उपकेंद्र थे, उन्हें आयुष्मान भारत योजना के आने के पश्चात हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में तब्दील कर दिया गया। और इन्हीं की देखरेख की जिम्मेदारी हेतु एक विशेष पद सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत शामिल किया गया।
CHO के मुख्य कार्य
जो व्यक्ति कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के पोस्ट पर पोस्टड होता है उसे आशा वर्कर और ग्राम प्रधान तथा एएनएम के साथ मिलकर के हेल्थ से संबंधित कार्यों को करना होता है। भारत के जितने भी राज्य हैं उन सभी राज्यों के हर जिले में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की तैनाती होती है। बता दें कि मिड लेवल हेल्थ प्रोवाइडर और कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर एक ही होता है।
इनका मुख्य कार्य देश के ग्रामीण इलाके में लोगों को स्वास्थ्य संबंधित सुविधाएं उपलब्ध करवाना है। इन कार्यों में मरीजों का इलाज करवाना, ओपीडी का संचालन करना एवं गर्भवती अवम स्तनपान कराने वाली महिलाओं को स्वास्थ्यउचित सलाह देना जैसी क्रियाएं शामिल हैं। इसके अलावा दुर्घटना की स्तिथि में वह व्यक्ति को प्राथमिक उपचार भी उपलब्ध करवाते हैं।
सीएचओ बनने के लिए योग्यता
CHO बनने हेतु अभियार्थी को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से GNM Nursing/Bsc Nursing/Post Basic Nursing/BAMS का डिग्री प्राप्त करना करना अनिवार्य है | इसके साथ ही अभियार्थी को राज्य के नर्सिंग काउंसिल में पंजीकृत होना भी चाहिए | सीएचओ की योग्यता के लिए निम्न बिन्दुओ को अवश्य पढ़े :-
- सीएचओ बनने के लिए व्यक्ति के पास बीएससी नर्सिंग या पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग अथवा GNM की डिग्री होनी चाहिए।
- महिला और पुरुष दोनों की ही उम्र अधिकतम 35 साल होनी चाहिए। हालांकि हर राज्य में उम्र सीमा अलग-अलग होती है।
- सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी बनने के लिए व्यक्ति को स्वास्थ्य क्षेत्र में कम से कम 2 साल का एक्सपीरियंस भी होना चाहिए।
- व्यक्ति मानसिक तौर पर बिल्कुल स्वस्थ होना चाहिए।
इसके अलावा ध्यान दें सीएचओ की नौकरी के लिए जब एप्लीकेशन फॉर्म भरा जाता है तो अलग-अलग समुदाय के विद्यार्थियों से अलग-अलग एप्लीकेशन फीस ली जाती है। सामान्य तौर पर यह फिस ₹200 से लेकर के ₹500 के बीच में होती है। आरक्षित वर्गों को फीस में छूट होती है।
सीएचओ (CHO) कैसे बने
अगर आप सीएचओ अधिकारी की पोस्ट प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको 10वीं कक्षा से ही इसकी तयारी करनी पड़ेगी।बाद में 11 ग्याहरवीं कक्षा साइंस स्ट्रीम से लेकर 12वीं में आपको फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के सब्जेक्ट में अच्छे अंकों से पास होना होगा।
उसके पश्चात आपको सी एच ओ बनने के लिए संबंधित कोर्स को पूरा करना पड़ेगा। इस प्रकार से आप 2 साल से लेकर के 3 साल के अंदर सी एच ओ की पोस्ट प्राप्त करने में सफलता हासिल कर लेंगे। नीचे हमने आपको विस्तार से सी एच ओ कैसे बना जाता है के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाई है।
1. 12वीं पास करें
सर्वप्रथम हाईस्कूल पास करने के पश्चात आपको 11वीं कक्षा में साइंस संकाय से फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के सब्जेक्ट को लेना है और मेहनत पूर्वक तत्पश्चात 12वीं कक्षा पास करनी है। प्रयास करें कि बेहतर अंकों के साथ 12वीं क्लास में साइंस संकाय के साथ पास किया जाए ताकि आगे की प्रक्रिया को करने में आसानी हो !
2. कोर्स में एडमिशन ले और पूरा करें
12वीं कक्षा पास करने के पश्चात आपको सी एच ओ बनने के लिए जीएनएम कोर्स अथवा बीएससी नर्सिंग कोर्स में एडमिशन लेना है। भारत में ऐसे बहुत सारे इंस्टीट्यूट और कॉलेज मौजूद है जो इन कोर्स को करवाते हैं। हालांकि हम आपको बता दें कि इन कोर्स में आपको डायरेक्ट एडमिशन नहीं मिलेगा, बल्कि इसके पहले आप को विभिन्न एंट्रेंस एग्जाम में से किसी एक एंट्रेंस एग्जाम में शामिल होना पड़ेगा।
अगर आप एंट्रेंस एग्जाम को पास कर लेंगे तभी आपको कोर्स में एडमिशन मिलेगा। कोर्स में एडमिशन प्राप्त होने के पश्चात आपको जितने दिनों के कोर्स की अवधि है, उतने दिनों तक मेहनत और लगन से स्टडी करनी है और कोर्स कंप्लीट करके कोर्स का सर्टिफिकेट अथवा डिग्री हासिल करनी है।
3. एग्जाम में शामिल हो
डिग्री अथवा सर्टिफिकेट हासिल करने के पश्चात आपको सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी की पोस्ट के लिए निकलने वाली एग्जाम के लिए अप्लाई करना होता है और इस एग्जाम को पास करना पड़ता है।
सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी की पोस्ट की एग्जाम के अंतर्गत आपको जनरल नॉलेज, एप्टिट्यूड, रिजनिंग, विषय विशिष्ट पाठ्यक्रम इत्यादि टॉपिक की अच्छे से स्टडी करनी होती है। सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी की एग्जाम में कुल 100 प्रश्न होते हैं जिनके 100 अंक होते हैं और 2 घंटे का समय अभ्यर्थियों को एग्जाम को देने के लिए दिया जाता है।
4. ट्रेनिंग प्राप्त करें और नौकरी ज्वाइन करें
एग्जाम पास करने के पश्चात आपको कम से कम 6 महीने की ट्रेनिंग किसी हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में जाकर के लेनी होती है और ट्रेनिंग पूरी करने के पश्चात व्यक्ति को सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी की पोस्ट पर नौकरी प्रदान की जाती है।
सीएचओ CHO का एग्जाम सिलेबस
सी एच ओ की एग्जाम में मुख्य तौर पर आपको जनरल नॉलेज,एप्टिट्यूड, रिजनिंग और विषय विशिष्ट पाठ्यक्रम से संबंधित सवालों का जवाब देना होता है। नीचे जानिए आपको सी एच ओ कि एग्जाम को क्लियर करने के लिए क्या क्या पढ़ना पड़ता है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या कार्यकत्री कैसे बने
जनरल नॉलेज
- खेल और संस्कृति |
- समाज और विराशत |
- तीर्थ स्थान |
- राजनीती और साहित्य |
- राज्य के प्रमुख कार्यक्रम |
- राज्य का सामान्य ज्ञान |
- प्रशिद्ध नदियाँ |
- पर्यटन श्थल |
- सरकार की महत्त्वपूर्ण योजनायें |
एप्टीट्यूड
- सूचकांक और सूरदास |
- कर्मपरिवर्तन और संयोजन |
- LCM और HCF |
- द्विघातीय समीकरण |
- समय और कार्य साझेदारी |
- क्षेत्रमिति |
- समय और दुरी |
- सरल समीकरण |
- अनुपात और समानुपात |
- लाभ और हानि |
- औसत |
- चक्रवृद्धि ब्याज |
- प्रतिशत |
- साधारण ब्याज |
रीजनिंग
- कोडिंग और डिकोडिंग |
- लॉजिकल रीजनिंग |
- आंकड़ा निर्वचन |
- दिशा |
- सदृश्य |
- वर्णमाला श्रंखला |
- क्यूब्स और पासा |
- विश्लेष्णात्मक तर्क |
- पहेलियाँ मौखिक तर्क |
विषय विशिष्ट पाठ्यकम
- एनाटोमी और फिजियोलॉजी |
- मनोरोग नर्सिंग |
- लेखाकर्म |
- पोषण |
- जीव रसायन |
- मनोविज्ञान |
- स्वास्थ्य शिक्षा और संचार |
- कौसल |
- फार्मेसी |
- अस्पताल और नैदानिक |
- मानसिक स्वास्थ्य |
- नर्सिंग प्रबंधन |
- नर्सिंग की मूल बातें |
- ओषध |
- मेडिकल सर्जिकल नर्सिंग |
- शरीर विज्ञानं |
- क्लिनिकल पैथालोजी |
- जहारज्ञान |
- गायनकोलोगिकल नर्सिंग |
- मिडवैफरी |
क्या सीएचओ की नौकरी परमानेंट है ?
आयुष्मान भारत योजना की नई गाइडलाइन के अनुसार ऐसा कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति लगातार कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के तौर पर 6 साल तक काम करता है, अथवा व्यक्ति 6 साल का कार्यकाल पूरा कर लेता है तो उसे स्थाई नौकरी पर रख लिया जाएगा। बता दें कि व्यक्ति 6 साल का कार्यकाल पूरा करने के पश्चात प्रतियोगी एग्जाम में भाग लेकर के प्रमोशन पाने का भी हकदार होता है।
कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर (CHO) की सैलरी [वेतनमान व सुविधा]
कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर (CHO) की शुरुवाती सैलेरी ₹25000 प्रति महीना होती है। हालांकि कुछ राज्यों में यह सैलरी अधिक होती है। कर्नाटक राज्य में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की महीने की सैलरी ₹32,500 होती है। वही छत्तीसगढ़ राज्य में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी की सैलरी ₹31,500 होती है। उत्तर प्रदेश में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी की महीने की सैलरी ₹25000 होती है और मध्य प्रदेश में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की महीने की सैलरी ₹40000 होती है।
किसी व्यक्ति का चयन जब सी एच ओ के पोस्ट पर होता है तो आरम्भ में उस व्यक्ति को ₹25000 की सैलरी प्राप्त होती है। और अगर व्यक्ति के द्वारा अच्छा काम किया जाता है तो आगे चलकर के उसे प्रोत्साहन राशि के तौर पर ₹15000 दिए जाते हैं और इसके पश्चात धीरे-धीरे कार्य अनुभव प्राप्त करने पर और वर्ष बढ़ने पर व्यक्ति की सैलरी में भी बढ़ोतरी की जाती है।
हालांकि हम यहां पर स्पष्ट तौर पर यह भी कह देना चाहते हैं कि भारत के हर राज्य में सी एच ओ की सैलरी अलग-अलग होती है। किसी राज्य में सी एच ओ की सैलरी कम है तो किसी राज्य में सी एच ओ की सैलरी ज्यादा है।
FAQ
सी एच ओ का फुल फॉर्म क्या होता है ?
Community Health Officer
कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर को हिंदी में क्या कहते हैं ?
सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी
सी एच ओ की सैलरी कितनी होती है ?
शुरुआत में 25000 हर महीने
सी एच ओ कौन होता है ?
सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी