Cheque Bounce Meaning in Hindi
अब दुनिया में अधिकतर लोग ऐसे है, जो धन का आदान करने के लिए एटीएम (ATM) या चेक (Cheque) का इस्तेमाल करते है, क्योंकि बैंक की तरफ से उपलब्ध कराई जाने वाले चेक से आप किसी को भी पैसा प्रदान कर सकते हैं, इसके लिए केवल आपको उस बैंक की एक चेक काटकर देनी होती है | इससे लोगों को किसी वस्तु को खरीदने के लिए कैश को लेकर नहीं चलना होता है, लेकिन बहुत से लोग ऐसे होते हैं कि, वो चेक काटकर दे देते हैं, लेकिन बैंक में बैलंस न होने की वजह से उनका चेक बाउंस (Cheque Bounce) हो जाता है |
इसलिए बैंक की साख बचाने और सामान्य जन- जीवन में बैंकों के प्रति विश्वास बढ़ाने और लोगों को इस तरह की सुविधाएं प्रदान करने के लिए लोकसभा में नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स (संशोधन) बिल, 2017 (अमेंडमेंट) बिल को पास किया गया है, जिसके बारे में आपको भी जानकारी लेना बहुत ही जरूरी है, अन्यथा आपको सजा हो सकती है या फिर जुर्माना भी भरना पड़ सकता है | इसलिए यदि आप भी चेक बाउंस के विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको चेक बाउंस क्या होता है , नये नियम , पेनाल्टी, चेक बाउंस केस में बचाव के लिए क्या करे | इसके पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है |
चेक बाउंस (Cheque Bounce) का क्या है ?
यदि आप किसी बैंक की चेक काटकर किसी दूसरे व्यक्ति को प्रदान करते हैं और वह व्यक्ति उस बैंक में जाकर आपकी द्वारा दी गई चेक को लगाता है और यदि आप द्वारा चेक में भरी गई राशि बैंक अकाउंट में पर्याप्त नहीं है, तो बैंक आपके चेक को बाउंस घोषित कर देता है | इसके अलावा यदि आप किसी के द्वारा चेक प्राप्त करते हैं तो उस चेक का इस्तेमाल आप तीन महीने के अंतर्गत ही कर सकते है, क्योंकि तीन महीने बाद आपकी चेक बाउंस हो जाती है | इसलिए बैंक में चेक लगाने के बाद बैंक अकाउंट में पर्याप्त धन न होने की वजह से आपको बैंक के द्वारा धन की प्राप्ति नहीं हो पाती है | इस प्रक्रिया को चेक बाउंस (Cheque Bounce) कहते है | चेक बाउंस होने पर वह व्यक्ति आपके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही भी कर सकता है, जिससे आपको सजा या जुर्माना हो सकता है क्योंकि, यह दंडनीय अपराध माना जाता है |
चेक बाउंस के नए नियम (New Rules of Check Bounce)
चेक बाउंस के लिए संसद द्वारा कुछ नए नियम जारी किये गए है, जिसके माध्यम से यदि किसी का चेक बाउंस होता है, तो वह व्यक्ति चेक प्रदान करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही कर सकता है, कोर्ट में अपील दाखिल कर सकता है | इसके बाद कोर्ट शिकायतकर्ता को तुरंत धनराशि का 20 प्रतिशत खाता धारक द्वारा देने का निर्देश दे सकता है | इसके बाद यदि कोर्ट द्वारा खाता धारक को किसी प्रकार की सजा नहीं सुनाई जाती है, तो शिकायतकर्ता को मुआवजे की राशि को ब्याज सहित वापस करना होता है और इसके साथ ही चेक जारी करने वाले को व्यक्ति को 60 दिन के अंदर ही मुवाअजा भरना होता है |
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पेनालिटी (Penality)
यदि चेक में धन की संख्या अधिक है तो इसे आप दो किश्तों में जमा कर सकते है और इसके साथ ही आपको 60 दिन की अवधि के बाद 30 दिन की अतिरिक्त छूट भी प्रदान की जाती है | वहीं यदि आरोपी को ट्रायल कोर्ट की तरफ से बरी नहीं किया जाता है, तो मामला अपीलीय अदालत को सौंप दिया जाता है | यहाँ पर मामला पहुंचने के बाद आरोपी को कुल राशि का 20 प्रतिशत अधिक देना पड़ जाता है | इसके साथ ही चेक जारी करने वाले पर 20 प्रतिशत दंड का प्रावधान भी है |
चेक बाउंस केस में बचाव के लिए क्या करे
- यदि आप किसी को चेक प्रदान करते है और आपका चेक किसी कारण से बाउंस हो जाता है, तो इसके लिए आप सबसे पहले उस व्यक्ति से सम्पर्क करें, जिसे आपने चेक प्रदान किया है |
- इसके बाद उसे चेक बाउंस होने के कारण के बारे में अच्छे से बताए |
- अपनी गलती को स्वीकार करें |
- उससे दोबारा चेक लेने के लिए कहे |
- उसे कार्यवाही करने पर रोक लगाने की कोशिश करे |
- यदि वह व्यक्ति आपकी ये सभी बाते स्वीकार कर लेता है, तो आप अपने आपको चेक बाउंस केस से बचा सकते है |
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यहाँ पर हमने आपको चेक बाउंस के विषय में सम्पूर्ण जानकारी उपब्ध कराई है | यदि आपको इससे सम्बंधित अन्य जानकारी प्राप्त करनी है तो आप www.hindiraj.com पर विजिट कर सकते है |