बरसात के मौसम में मच्छरों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होती है, यह मच्छर न सिर्फ वयस्कों के लिए बल्कि नवजात शिशुओं के लिए भी खतरनाक साबित होते हैं या यूं कहिए कि नवजात शिशुओं की त्वचा विशेष रूप से संवेदनशील और नाजुक होती है, इसलिए मच्छरों के काटने का नवजात शिशुओं की त्वचा पर बेहद जल्दी और दुष्प्रभाव पड़ता है।
मच्छरों के काटने से आपके नवजात शिशु को कई प्रकार के नुकसान हो सकते हैं। नवजात शिशुओं में बीमारियों के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। मच्छरों के काटने से शिशुओं की त्वचा पर एलर्जी हो सकती है। इससे लालिमा, खुजली, सूजन और दर्द हो सकता है, इतना ही नहीं मच्छरों के काटने से नवजात शिशुओं को नींद में बाधा आ सकती है|
लगातार खुजली और दर्द के कारण शिशु सो नहीं पाते जिससे उनकी नींद पूरी नहीं होती और इसका प्रभाव उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ सकता है। तो देखिए वैसे तो हमें देखने में लगता है कि मच्छर एक बहुत ही छोटा-सा कीट है लेकिन आपको अब यह पता चल ही गया होगा कि यदि यह आपके बच्चों को काट ले तो आपके बच्चों को कितना नुकसान पहुंच सकता है।
तो अगर आप भी यह चाहती हैं कि आपका शिशु ऐसे किसी नुकसान में ना हो और मच्छरों से सुरक्षित रहे तो नवजात बच्चों को ऐसे रखे मच्छरों से दूर और उसकी पूरी देखभाल करें इन उपायों को अपनाकर आप अपने बच्चों को मच्छरों के काटने से बचा सकती हैं।
Navjaat Bachchon ko Aise Rakhen Machchharon se Dur
डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया भारत में मच्छरों से होने वाली कुछ आम बीमारियाँ हैं। इन बीमारियों का कोई खास इलाज या उपचार नहीं है, लेकिन सौभाग्य से, इन्हें रोका जा सकता है। मच्छर नवजात बच्चों को आसानी से प्रभावित करते हैं, और बच्चों में मच्छर के काटने का असर तुलनात्मक रूप से खतरनाक होता है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। और त्वचा नाज़ुक और संवेदनशील होती है यहाँ हम आपके बच्चे के साथ-साथ आपके परिवार के सदस्यों को मच्छरों से बचाने के लिए कुछ सुझाव दे रहे हैं। आप इन सुझावों को अपनाकर अपने आप को, अपने शिशुओं और परिवार को मच्छरों से सुरक्षित रख सकती हैं।
मच्छरदानी का उपयोग करें
नवजात बच्चों के सोने की जगह पर मच्छरदानी लगाना एक सरल और प्रभावी उपाय है, इससे बच्चों को मच्छरों से पूरी तरह से सुरक्षित रखा जा सकता है। यह ध्यान रखें कि मच्छरदानी का आकार सुनिश्चित होना चाहिए कि वह शिशु के सोने की जगह को पूरी तरह ढक सके। मच्छरदानी को शिशु के बिस्तर पालन या बेबी कॉट पर सही ढंग से फिट करें, ताकि मच्छर ना आ सके। मच्छरदानी को नियमित रूप से धोएं और साफ-सुथरी रखें धूल गंदगी या अन्य कचरे के जमा होने से बचने के लिए इसे समय-समय पर धो लें और साफ कर ले। मच्छरदानी की नियमित जांच करें, कि कहीं उसमें कोई छेद या फटा हुआ स्थान तो नहीं है यदि कोई खराबी हो तो उसे तुरंत मरम्मत करें या नई मच्छरदानी का उपयोग करें। इस प्रकार मच्छरदानी का उपयोग करके आप अपने नवजात बच्चों को मच्छरों से बचा सकती हैं।
मच्छर रोधी क्रीम का उपयोग
बाजार में बच्चों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई मच्छर रोधी क्रीम उपलब्ध है, इनका उपयोग बच्चों के नाजुक त्वचा पर करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए क्रीम को बच्चों की त्वचा पर लगाते समय ध्यान दें की क्रीम आंखों, मुंह और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में ना लग जाए। इसके अलावा आप थोड़ा ध्यानपूर्वक मच्छर रोधी क्रीम का इस्तेमाल करके भी मच्छरों से छुटकारा पा सकते हैं और अपने शिशुओं की सुरक्षा कर सकते हैं।
सजग जल प्रबंधन रखें
मच्छर आमतौर पर पानी के ठहरे हुए स्थान पर पनपते हैं। घर के आसपास पानी जमा होने वाले स्थानों को साफ करें और नियमित रूप से जल प्रबंधन पर ध्यान दें। बर्तन, फूलों के गमले और अन्य कंटेनर में पानी ना ठहरने दे। इसकी नियमित रूप से सफाई करें बरसात में बारिशों के कारण इस परेशानी का ज्यादा अंदेशा रहता है।
स्वच्छता बनाए रखें
घर की स्वच्छता मच्छरों की संख्या को कम करने में सहायक होती है। नियमित रूप से घर की सफाई करें, खासकर उन स्थानों पर जहां मच्छर छुप सकते हैं जैसे की कमरों की दीवारों की सफाई और फर्श की सफाई। अपने घर के हिसाब से आप साप्ताहिक, मासिक या वार्षिक सफाई कर सकती हैं परंतु केवल यह जरूरी है कि सफाई होती रहे।
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नीम का तेल बच्चों को लगाएं
नीम का तेल मच्छर रोधी गुणों से भरपूर होता है। एक पतला घोल तैयार करें और उसे बच्चों की त्वचा पर हल्के हाथ से लगाए यह एक ऐसा घरेलू उपचार है जिसका आपके बच्चों की त्वचा पर कोई गलत प्रभाव नहीं पड़ेगा।
लैवेंडर और पुदीना का तेल
लैवेंडर और पुदीना का तेल भी मच्छरों को दूर करता है इन्हें पानी में मिलाकर धुँआ, स्प्रे के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
सुरक्षित कपड़े पहनाए
बच्चों को हल्के और ढीले कपड़े पहनाए जो पूरी तरह से शरीर को ढलते हो इससे मच्छरों के काटने का जोखिम कम हो जाता है। कपड़े हवादार और आरामदायक हो कपड़ों की Sleeves भी Full होनी चाहिए, ताकि बच्चे को गर्मी और त्वचा की जलन से राहत मिले और पूरे कपड़े होने की वजह से मच्छर जल्दी से उनके त्वचा पर बैठ ना सके।
खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगवाएं
घर की खिड़कियों और दरवाजों पर मच्छर रोधी जाली लगाना एक अच्छा तरीका हो सकता है। यह मच्छरों को अंदर आने से रोकता है और ताजगी को भी बनाए रखना है।
कूलर और एयर कंडीशनर का उपयोग करें
मच्छर गर्म और नमी वाले वातावरण में अधिक सक्रिय होते हैं । कूलर या एयर कंडीशनर का उपयोग करने से कमरे में तापमान नियंत्रित रहता है और मच्छर कम सक्रिय होते हैं।
मच्छर रोधी जड़ी बूटियाँ
कुछ जड़ी बूटियाँ जैसे तुलसी, लौंग और नीम मच्छर रोधी गुण रखती हैं। आप इन जड़ी बूटियों का उपयोग शिशु के बिस्तर के आसपास करने के लिए कर सकते हैं ध्यान दें कि शिशु के सीधे संपर्क में ना लाएं।
हवा का प्रवाह बनाए रखें
कमरे में हवा का अच्छा प्रवाह मच्छरों को दूर रख सकता है यदि संभव हो तो खिड़कियों और दरवाजों को खोले ताकि ताजगी बनी रहे और खिड़कियों पर जाल होने की वजह से मच्छर अंदर नहीं आ सकेंगे।
इन सुझावों का पालन करके आप अपने नवजात बच्चों को मच्छरों से सुरक्षित और आरामदायक रख सकते हैं |
FAQ
मच्छरों को बच्चों से दूर रखने के लिए आप कपूर का इस्तेमाल कर सकती है लेकिन इतना ध्यान रखें की कपूर का इस्तेमाल आप चाहे जैसे भी करें बस नवजात शिशु से थोड़ा दूरी पर करें बिल्कुल उसके संपर्क में ना लाएं |
बच्चों को मच्छर से बचाने के लिए आप बरसात के मौसम में अपने बच्चों को पूरे कपड़े पहनाकर रखिए कपड़ों की Sleeves पूरी होनी चाहिए और उसके अलावा किसी गंदी जगह पर बच्चों को खेलने ना दे |
मच्छरों पर नियंत्रण रखने के लिए घर के आसपास पौधों में जमा पानी को नियमित रूप से हटाए |मच्छरदानी का उपयोग करें |मच्छर रोधी क्रीम का त्वचा पर प्रयोग करें |घर और बगीचे के नियमित सफाई करें, ताकि मच्छर के लारवा और अंडे को हटाया जा सके मच्छरों को नष्ट करने वाली दवाओं को स्प्रे करें |
छोटे बच्चों को मच्छरों से बचाने का सबसे अच्छा और आसान तरीका मच्छरदानी ही है क्योंकि यदि हम उनकी त्वचा पर कोई मच्छर रोधी क्रीम या स्प्रे वगैरा इस्तेमाल करेंगे तो उनकी त्वचा पर एलर्जी होने का खतरा भी हो सकता है क्योंकि छोटे बच्चों की त्वचा अत्यधिक नाजुक और संवेदनशील होती है |