सीने में जमे बलगम को निकाल फेकेगा गिलोय का यह काढ़ा, जानें फायदे और बनाने का तरीका- कभी-कभी श्वास नलिकाएं संकुचित हो जाती हैं, और बलगम का निर्माण बढ़ जाता है जिससे सीने में जकड़न महसूस होती है। यहां तक की कभी-कभी इतनी ज्यादा सिकुड़ जाती है कि व्यक्ति को सांस आना भी बंद हो जाता है। इसके अलावा धूल परागकण या एलर्जी के कारण भी बलगम और जकड़न हो सकती है।
आपको बता दे क़ि अगर आप भी सीने में बलगम की छोटी सी बीमारी से परेशान है तो गिलोय एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि हो सकती है, जिसका उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। गिलोय का इस्तेमाल सीने में बलगम और जकड़न को कम करने में सहायक हो सकता है।
गिलोय की औषधिय गुण जैसे- एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट स्वास्थ्य नलिकाओं की सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जिससे शरीर को सर्दी खांसी और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से लड़ने में मदद मिलती है। जब सर्दी-खांसी होती है तो शरीर अतिरिक्त बलगम का निर्माण करता है।
जिससे सीने में जकड़न और भारीपन महसूस हो सकता है। वैसे तो सीने में बलगम और जकड़न कई कारणो से होती है जैसे- एलर्जी बैक्टीरियल इनफेक्शन, अस्थमा, सर्दी खांसी वगैरा, लेकिन यदि आपको मौसमी सर्दी-खांसी हो गई है और वह जाने का नाम ही नहीं ले रही है। जिसके कारण आपके सीने में बलगम जमा रहता है|
और आपको बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है, तो आपको बताएंगे कि आप अपनी इस परेशानी से निजात कैसे पा सकते हैं। आपके सीने में जमे बलगम को निकल फेकेगा गिलोय का यह काढ़ा जिसको बनाने की प्रक्रिया आपको इस लेख में नीचे बताई जा रही है।

Seene me Jama Balgam ko Nikal fekega Giloy ka Yah Kadha
मुलेठी का काढ़ा- मुलेठी का काढ़ा बनाने के लिए आपको एक गिलास पानी में 5 काली मिर्च को कूटकर, एक टुकड़ा मुलेठी का डालना होगा, अब इसके बाद 5 पत्तियां तुलसी की और एक छोटा टुकड़ा अदरक का डालकर धीमी आंच पर उबालना होगा। जब पानी उबलकर आधा रह जाए तब इसमें चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर डाल दें और दो-तीन उबाल आने दें। इसके बाद एक कप में छान लें और शहद मिलाकर पिएं। मुलेठी के इस काढ़े को सुबह पीने से ज्यादा फायदा होता है। तो यदि संभव हो तो इसका सेवन सुबह को करें।
सीने में जमा बलगम को दूर करने के लिए गिलोय का काढ़ा
काढ़ा बनाने के लिए सामग्री- गिलोय- 2 तने, काली मिर्च- 4,लौंग- 2 ,दालचीनी का टुकड़ा- आधा इंच, अदरक- 1 इंच, तुलसी के पत्ते- 4,अजवाइन- आधा टीस्पून।
काढ़ा बनाने की विधि- काढ़ा बनाने के लिए सभी चीजों को 2 कप पानी में डालकर उबालें। अब इसे आधा रह जाने पर छान लें।और इसे गुनगुना ही पिएं। आपको कुछ दिनों में राहत महसूस ज़रूर होगी। आप इस काढ़े का सेवन 8 से 10 दिन तक करें।
कैसे बनाएं घर पर गिलोय का काढ़ा?
गिलोय का काढ़ा आप घर पर भी बना सकते हैं, गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए आपको सबसे पहले गिलोय के पत्ते चाहिए होंगें। गिलोय के पत्तों को अच्छी तरह धो लीजिए और किसी कपड़े से पोंछ लीजिए। अब एक बर्तन में दो कप पानी उबलने के लिए गैस पर रख दीजिए। पानी उबालने के बाद उसमें गिलोय के पत्ते डालें अब आप इसमें अदरक का छोटा सा टुकड़ा डाल दीजिए। यदि आप अदरक का उपयोग करना नहीं चाहते हैं तो आप अदरक को छोड़ भी सकते हैं।
अब पत्तों को धीमी आंच पर 10 से 15 मिनट तक पकने दीजिए। जब तक पानी आधा न हो जाए। अब अपने बनाए हुए काढ़ा को छानकर एक कप में डालें इस काढ़े में आप नींबू का रस और शहद भी मिला सकते हैं। जिससे इसका स्वाद अच्छा हो जाएगा गिलोय का काढ़ा तैयार है। इसे आप दिन में एक बार सीने के बलगम को और जुकाम को ठीक करने के लिए लें सकते हैं।
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गिलोय के काढ़े के फायदे
गिलोय एक औषधीय पौधा है। जिसे आयुर्वेद में महत्वपूर्ण माना जाता है। गिलोय इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करता है। यह पाचन को बेहतर बनाता है और गैस, अपच और अम्लता जैसी समस्याओं को काम करता है। गिलोय शरीर से विषाक्त पदार्थ को निकालने में सहायक होता है, जिससे शरीर की सफाई होती है। गिलोय का सेवन सर्दी खांसी और बुखार में राहत दिलाने में सहायक होता है। गिलोय रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे डायबिटीज के मरीजों को लाभ मिलता है। यह सूजन को कम करता है और जोड़ों के दर्द में राहत प्रदान करता है।
गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बायोटिक, एंटी-एजिंग, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-वायरल, एंटी-डायबिटिक और एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं। यह, इम्यूनिटी को मजबूत रखने का काम करता है। इससे सीने में जकड़न, कफ और सर्दी-खांसी भी दूर होती है। सीने में जमा कफ को दूर करने में काली मिर्च और लौंग भी फायदेमंद है। इन दोनों की तासीर गर्म होती है। इनके सेवन से गले की खराश और इंफेक्शन दूर होता है।
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सीने में जमे बलगम को निकल फेंकेगें ये अन्य काढ़े
अदरक और हल्दी का काढ़ा
अदरक और हल्दी का काढ़ा बनाने के लिए सबसे पहले आपको एक पेन में दो कप पानी गर्म करने के लिए रखना होगा। जब पानी गर्म होकर उबलने लगे तो उसमें कटा हुआ अदरक डाल दीजिए। पानी को 5 से 7 मिनट तक उबलने दीजिए, ताकि अदरक का रस अच्छे से पानी में घुल जाए। अब हल्दी पाउडर डाल दीजिए और अच्छे से मिलाइए। इस मिश्रण को 2 से 3 मिनट और उबलने दें। काढ़े को छान ले ताकि अदरक और हल्दी के टुकड़े बाहर निकल जाएं यदि चाहे तो काढ़े में शहद और नींबू का रस मिलाकर पी सकते हैं। जिससे इसका स्वाद अच्छा हो जाएगा गरम-गरम काढ़ा पीने से आपको राहत मिलेगी और यह आपकी सेहत के लिए भी लाभकारी होगा।
तुलसी और काली मिर्च का काढ़ा
तुलसी और काली मिर्च का काढ़ा बनाने के लिए आपको एक छोटे बर्तन में एक कप पानी उबालना होगा। जब पानी उबलने लगे तो उसमें तुलसी की पत्तियां अदरक और काली मिर्च डालें। यदि आप लौंग का उपयोग कर रहे हैं तो उसे भी डालें। अब धीमी आंच पर 5 से 7 मिनट तक उबाल लें काढ़ा जब थोड़ी मात्रा में रह जाए तब उसे छान ले छानने के बाद यदि आप चाहे तो इसमें शहद मिला सकते हैं। शहद मिलाने से यह थोड़ा मीठा हो जाएगा और इसका स्वाद अच्छा रहेगा। तुलसी और काली मिर्च का काढ़ा तैयार है। यह सर्दी, जुकाम खांसी और गले की खराश के लिए फायदेमंद होता है।
अजवाइन का काढ़ा
एक बर्तन में दो कप पानी गर्म करें पानी गर्म होने पर उसमें अजवाइन और छोटी इलायची डाल दें। अब अदरक को बर्तन में डालकर काढ़ा को 5-10 मिनट उबालें। जब पानी लगभग आधा हो जाए और अच्छी तरह से उबल जाए तब गैस बंद कर दें। काढ़ा को छानकर एक कप में निकाल ले अगर आप चाहे तो इसमें शक्कर भी मिला सकते हैं।
दालचीनी और शहद का काढ़ा
दालचीनी और शहर का काढ़ा बनाने के लिए एक छोटे पेन में एक कप पानी उबाले। जब पानी उबलने लगे उसमें दालचीनी का टुकड़ा डाल दीजिए। दालचीनी को 5 से 10 मिनट तक उबलने दें ताकि पानी में उसका स्वाद और गुण आ जाए। गैस बंद कर दे और काढ़े को ठंडा होने दें ठंडा होने के बाद काढ़े को छान लें। छने हुए काढ़ा में एक चम्मच शहद डालें और अच्छे से मिलाएं आपका दालचीनी औरशहद का काढ़ा बनकर तैयार है। इसे सुबह खाली पेट पीना फायदेमंद होता है।
FAQ
गिलोय का सेवन विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि बुखार, जुखाम और सूजन को कम करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा गिलोय का उपयोग डायबिटीज, यकृत की समस्याओं और पाचन संबंधी समस्याओं के इलाज में भी किया जाता है। यह एक प्राकृतिक उपचार है जो शरीर को ऊर्जा देने संपूर्ण स्वास्थ्य को सुधारने और प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ बनाने में सहायक होता है।
गिलोय का काढ़ा इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करता है। यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है, और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। सूजन और दर्द को कम करने में सहायक होता है। यह शरीर से ख़राब पदार्थों को बाहर निकलता है, और यकृत की सेहत में सुधार करता है। शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है। थकावट को काम करता है,लेकिन इसे अपने चिकित्सक की सलाह पर ही लेना चाहिए।
गिलोय में विटामिन-सी और विटामिन-ए पाया जाता है, इसके अलावा गिलोय में अन्य पोषक तत्व जैसे- मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं।