दशकों से चीन हो या पाकिस्तान पड़ोसी देशों द्वारा लगातार सीमापार से देश में घुसपैठ करने का प्रयास किया जाता रहता है। इसलिए केंद्र सरकार द्वारा अलग-अलग प्रकार की फौज का गठन देश की सुरक्षा के लिए किया गया है। हालाँकि देश की बाहरी सीमा की रक्षा करने की जिम्मेदारी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स को दी गई है।

वहीं आंतरिक सीमा की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी भारत सरकार के द्वारा पैरामिलिट्री फोर्स (Paramilitary Force) को दी गई है जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के सुरक्षा बल आते हैं। चलिए देश की सुरक्षा का भार उठाने वाली इस फ़ौज के बारे में विस्तार से जानते हैं और समझते हैं कि आखिर पैरामिलिट्री फोर्स (अर्धसैनिक बल) क्या है | Paramilitary Forces Salary, पैरामिलिट्रीफाॅर्स की ट्रेनिंग व भर्ती नियम क्या है |
पैरामिलिट्री फोर्स क्या है ? Paramilitary Forces in Hindi
पैरामिलिट्री फोर्स को हिंदी भाषा में अर्धसैनिक बल कहा जाता है, यह सैनिक बल केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अंतर्गत काम करता है। पैरामिलिट्री फोर्स के अंतर्गत स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स, आसाम राइफल और भारतीय कोस्ट गार्ड जैसे सुरक्षा बल आते हैं।
पैरामिलिट्री फोर्स को भारतीय सरकार द्वारा देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बनाया गया है जिसमें नक्सल समस्या से निपटना, महत्वपूर्ण बिल्डिंग की सुरक्षा करना, वीआईपी लोगों को सिक्योरिटी देना तथा देश के अन्य आंतरिक मुद्दे शामिल हैं।
सरकार के द्वारा पैरा मिलिट्री के जवानों को देश की बाहरी सुरक्षा के लिए तैनात नहीं किया जाता है। सामान्य तौर पर उनकी तैनाती ऐसे इलाके में की जाती है जहां का वातावरण शांत होता है और जहां पर युद्ध की स्तिथि जल्दी पैदा नहीं होती है। अन्य सैनिक बालों के सामान ही पैरामिलिट्री जवानों की समयानुसार पदोन्नति होती है और वेतन में बढ़ोतरी होती है।
भारत में पैरामिलिट्री फोर्स का इतिहास | History of Paramilitary Force in Hindi
देश के आजाद होने के पश्चात भारतीय सुरक्षा बलों को कुल2श्रेणियों में बांटा गया जिनमें से पहली श्रेणी बाहरी मामलों से संबंधित थी और दूसरी कैटेगरी देश के आंतरिक मामलों से संबंधित थी। इस प्रकार से देश के अंदर होने वाले मामलों से निपटने के लिए जिस सुरक्षा बल को बनाया गया उसे ही पैरामिलिट्री फोर्स कहा गया जिसे हिंदी भाषा में अर्धसैनिक बल कहा जाता है।
देश की आंतरिक परेशानियों से निपटने के अलावा पैरामिलिट्री फोर्स के द्वारा भारत की सीमा की सुरक्षा के लिए भी काम किया जाता रहा है। पैरामिलिट्री फोर्स को नियंत्रित करने की सारी जिम्मेदारी भारत के गृह मंत्रालय की होती है। वर्तमान समय में देश में कुल 7 बल है जिन्हें गृह मंत्रालय के द्वारा अर्धसैनिक बल के तहत मान्यता दी गई है। जिनमें स पांच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल निम्नानुसार है।
- केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF)
- सशस्त्र सीमा बल (SSB)
- सीमा सुरक्षा बल (BSF)
- केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF)
- भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP)
साल 2011 के मार्च के महीने के बाद भारत देश में पैरामिलिट्री फोर्स को पुनः स्थापित किया गया और इस प्रकार इसमें कुल 3 निम्नलिखित संगठन है, जो भारत के रक्षा मंत्रालय के नियंत्रण में रहते हैं।
असम राइफल्स
ब्रिटिश इंडियन गवर्नमेंट के द्वारा साल 1835 में असम राइफल का गठन किया गया था और इस प्रकार से यह सबसे पुरानी पैरामिलिट्री फोर्स है। जब इसका निर्माण किया गया था तब शुरुआत में इसका नाम कछार रखा गया था और इसके पश्चात इसके नाम में कई बार कई बदलाव किए गए और आखरी बार इसका नाम साल 1917 में परिवर्तित किया गया और इसका नाम असम राइफल रखा गया। असम राइफल मुख्य तौर पर भारत के पूर्वोत्तर सीमा की रक्षा करने का काम करता है।
विशेष सीमा बल
अर्धसैनिक बल में विशेष सीमा बल यानी कि स्पेशल फ्रंटियर फोर्स भी शामिल है। देखा जाए तो विशेष सीमा बल मुख्य तौर पर तिब्बती शरणार्थियों से बना हुआ है जो चीन और भारत देश के बीच युद्ध की सिचुएशन में चीनी लाइनों के पीछे स्पेशल ऑपरेशन चलाते हैं।
भारतीय तट रक्षक
भारतीय तटरक्षक मुख्य तौर पर भारत की समुद्री सीमाओं की रक्षा करता है और समुद्री सीमाओं से होने वाली अवैध घुसपैठ को रोकने का काम करता है। भारतीय तटरक्षक की स्थापना वर्ष 1978 में 18 अगस्त के दिन तटरक्षक अधिनियम 1978 के अंतर्गत की गई थी। यह अर्धसैनिक बल अपने सभी काम भारत के रक्षा मंत्रालय के दिशा निर्देश के अनुसार ही करता है।
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भारत में पैरा मिलिट्री फोर्स के कार्य और कर्तव्य
जो भी उम्मीदवार इंडियन पैरा मिलिट्री फोर्स में भर्ती होना चाहते हैं उन्हें पैरामिलिट्री फोर्स के काम क्या होते हैं अथवा पैरामिलिट्री फोर्स के कर्तव्य क्या होते हैं इसके बारे में भी जानना चाहिए। नीचे आपको इन्ही की जानकारी दी गई है।
असम राइफल की जिम्मेदारी अवम कर्तव्य
- सीमा सुरक्षा अभियान चलाना सेना के कंट्रोल में आंतरिक रक्षा का ध्यान देना |
- इमरजेंसी की स्तिथि में नागरिकों की सहायता करना।
- युद्ध हो जाने की अवस्था में पीछे के इलाकों को सुरक्षित बनाने के लिए लड़ाकू बल के तौर पर काम करना।
- भारत के दूरदराज के इलाकों में कम्युनिकेशन, मेडिकल सर्विस और शिक्षा प्रदान करना।
- म्यानमार भारत बॉर्डर की रक्षा करना।
- विशेष सीमा बल के काम और कर्तव्य |
- आतंकवादी गतिविधियों पर रोक लगाना।
- विदेशी सेना की ट्रेनिंग लेना।
- विशेष ऑपरेशन चलाना।
भारतीय तटरक्षक बल के कार्यएवं कर्तव्य
- इंसानों के द्वारा बनाए गए टापू और टर्मिनल की सुरक्षा करना।
- समुद्री इलाकों में नाविकों और मछुआरों की रक्षा करना और उन्हें सहायता देना।
- साइंटिस्ट डाटा को इकट्ठा करना।
- समुद्र में पर्यावरण की रक्षा करना।
- समुद्री तस्करी को रोकना।
- नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर जल कानून का पालन करवाना।
पैरामिलिट्री फोर्स में सिलेक्शन की प्रक्रिया | How to Join Paramilitary Force
जिस प्रकार इंडियन आर्मी में सिलेक्शन होता है उसी प्रकार पैरामिलिट्री फोर्स में सिलेक्ट होने के लिए भी अभ्यर्थियों को कठोर सिलेक्शन प्रक्रिया से गुजरना होता है। सामान्य तौर पर पैरा मिलिट्री फोर्स में भर्ती होने के लिए अभ्यर्थियों को लिखित एग्जाम देनी होती है। उसके पश्चात उनका फिटनेस टेस्ट होता है और उसके पश्चात उनका मेडिकल टेस्ट होता है।
इस प्रकार हर चरण को पार करने के पश्चात जो उम्मीदवार सफल होते हैं उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है और जिस उम्मीदवार के द्वारा इंटरव्यू क्लियर किया जाता है उसे फिर ट्रेनिंग पर भेज दिया जाता है जो कि सामान्य तौर पर 6 महीने या फिर 1 साल की होती है। इस ट्रेनिंग के दौरान उन्हें निश्चित सैलरी भी दी जाती है। ट्रेनिंग पूरी करने के पश्चात उन्हें पोस्ट पर नौकरी दी जाती है।
असम राइफल्स के लिए चयन प्रक्रिया
चरण | परीक्षा का प्रकार |
पहला राउंड: | शारीरिक दक्षता परीक्षा |
दूसरा राउंड: | लिखित परीक्षा |
तीसरा राउंड: | स्किल टेस्ट |
चौथा राउंड: | चिकित्सा परीक्षा |
भारतीय तटरक्षक के लिए चयन प्रक्रिया
चरण | परीक्षा का प्रकार |
चरण 1 | शारीरिक दक्षता परीक्षा |
चरण 2 | शारीरिक स्वास्थ्य परीक्षण। |
चरण 3 | चिकित्सा परीक्षा। |
पैरामिलिट्री फोर्स में करियर हेतु आवश्यक योग्यताएं !
एक उम्मीदवार के अंदर पैरा मिलिट्री फौज में भर्ती होने के लिए कौन से कौशल होने चाहिए, उसकी जानकारी निम्नानुसार है।
- उम्मीदवार के अंदर अनुशासन होना चाहिए।
- फौज के प्रति प्रतिबद्धता होनी चाहिए।
- उम्मीदवार के अंदर दृढ़ निश्चय होना चाहिए।
- उम्मीदवार आत्म जागरूक होना चाहिए।
- उम्मीदवार का स्वभाव विनम्र होना चाहिए।
- उम्मीदवार शारीरिक और मानसिक तौर पर फिट होना चाहिए।
- वह किसी भी बदलाव को स्वीकार करने के लिए सहज होना चाहिए।
- उसके अंदर टीमवर्क कौशल होना चाहिए।
- उम्मीदवार बहादुर होना चाहिए।
पैरामिलिट्री फोर्स में करियर बनाने के फायदे | Benefits of Paramilitary Forces in hindi
नौकरी की सिक्योरिटी
अधिकांश सरकारी नौकरियों के समान ही अगर कोई उम्मीदवार पैरामिलिट्री फोर्स में नौकरी प्राप्त करने के लिए आवेदन करता है और वह सफल हो जाता है तो उसे नौकरी जाने का खतरा नहीं होता है क्योंकि पैरामिलिट्री फोर्स में जो नौकरी होती है वह परमानेंट नौकरी होती है। इसलिए नौकरी जाने का खतरा इसमें 0% होता है।
मिलिट्री डिस्काउंट
देश में हर साल विभिन्न स्थानों पर सैनिकों को स्पेशल सैनिक छूट दी जाती है। इसके अंतर्गत उन्हें सस्ती दरों पर यात्रा करने के लिए टिकट दिया जाता है, साथ ही कैंटीन में से उन्हें विभिन्न प्रकार की चीजें काफी सस्ते दाम पर प्राप्त होती हैं। इसके अलावा पैरामिलेट्री फोर्स के ऑफिसर का हॉस्पिटल में सस्ते दाम पर इलाज होता है, साथ ही कभी कभी उनका बिल्कुल फ्री में इलाज किया जाता है। समाज में पैरामिलिट्री फोर्स को सम्मान की नजरों से देखा जाता है।
अवकाश का लाभ
पैरामिलिट्री फोर्स के जवान को साल भर में तकरीबन 60 छुट्टी दी जाती है। इसके अलावा कैजुअल लीव का कोटा अलग होता है। अगर पैरा मिलिट्री जवान के द्वारा छुट्टी ली जाती है तो उसकी तनख्वाह में से ₹1 भी नहीं कटते हैं। हालांकि अगर जवान के द्वारा साल भर में 60 से अधिक छुट्टी ली जाती है तो उसकी तनख्वाह में से पैसे काटे जाते हैं।
रिटायरमेंट के विशेष फायदे
पैरामिलिट्री फोर्स में भर्ती हो जाने के पश्चात आप अपनी इच्छा के अनुसार नौकरी से रिटायरमेंट ले सकते हैं।
पैरामिलिट्री फोर्स में करियर के नुकसान
पैरामिलिट्री फोर्स में करियर के नुकसान क्या है, उसकी जानकारी नीचे दी गई है।
स्ट्रांग लाइफ स्टाइल
पैरामिलिट्री फोर्स के अंतर्गत आपको नियमित कसरत के साथ ही साथ एक व्यस्त लाइफ स्टाइल को फॉलो करना होता है और इस प्रकार से आपको अपनी लाइफ स्टाइल बोरिंग लग सकती है।
लेट प्रमोशन
पैरामिलिट्री फोर्स में प्रमोशन की रफ्तार बहुत ही धीमी होती है। आपको अपने से ऊंची पोस्ट पर पहुंचने के लिए भी कम से कम 5 साल से लेकर के 7 साल लग जाते हैं।
परिवार से दूरी
पैरा मिलिट्री फोर्स में भर्ती होने के पश्चात आपको नौकरी करने के लिए दूरदराज के इलाके में लंबे समय तक रहना पड़ता है। इस प्रकार से परिवार से आपको दूर रहना पड़ता है।
पैरामिलिट्री फोर्स में सैलरी
पैरामिलिट्री फोर्स में अलग-अलग पद होते हैं और पदों के हिसाब से उनकी सैलरी भी अलग-अलग होती है। नीचे कुछ विशेष पदों की सैलरी के बारे में हमने आपको जानकारी उपलब्ध करवाई है।
असम राइफल्स में विभिन्न पोस्ट की सैलरी
पद | वेतन |
सूबेदार मेजर | 9300 – 34800 |
सूबेदार | 9300 – 34800 |
नायब सूबेदार | 9300 – 34800 |
हवलदार: | 5200 – 20200 |
नाइक: | 5200 – 20200 |
लांस नायक: | 5200 – 20200 |
सिपाही (जीडी): | 5200 – 20200 |
भारतीय तटरक्षक में विभिन्न पोस्ट की सैलरी
पद | वेतन |
असिस्टेंट कमांडेंट | 56,000 |
डिप्टी कमांडेंट | 68,000 |
कमांडेंट (जेजी) | 79,000 |
कमांडेंट | 1,20,000 |
उप महानिरीक्षक | 1,31,000 |
महानिरीक्षक | 1,45,000 |
अतिरिक्त महानिदेशक: | 1,83,000 |
डायरेक्टर- जनरल: | 2,06,000 |
FAQ:
पैरामिलिट्री फोर्स का हिंदी में क्या मतलब होता है ?
अर्ध सैनिक बल
अर्धसैनिक बल को अंग्रेजी में क्या कहा जाता है ?
पैरामिलिट्री फोर्स
सबसे पुराना पैरामिलिट्री फोर्स कौन सा है ?
आसाम राइफल
पैरामिलिट्री फोर्स किसके अंतर्गत काम करती है ?
भारत के गृह मंत्रालय