प्लाज्मा चिकित्सा क्या है



कोरोना वायरस दुनियाभर में विकराल रूप धारण कर चुका है, और इसके संक्रमण से मरनें वाले लोगो की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है | कोरोना वायरस को रोकने के लिए दुनिया के कई देशो में इसके इलाज की खोज की जा रही है। कोरोना संकट के बीच डॉक्टर की तरफ से इलाज ढूंढने के लगातार प्रयास जारी है। हालाँकि कोविड -19 के लिए अभी तक कोई सटीक इलाज की खोज नही हुई है, परन्तु इस वायरस के प्रसार को निष्क्रिय करने वाली वैक्सीन, प्रमुख एंटीजन्स के एंटीबॉडीज, मोनोक्लोनल और आरएनए आधारित वैक्सीनों के विकास में भी प्रगति दर्ज की गई है |

कोरोना के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी कारगर मानी जा रही है। प्लाज्मा थेरेपी कोरोना से पहले भी कई बार संकट के मौके पर अपना सटीक काम कर चुकी है। दुनिया के कई अन्य देशों में भी इस थेरेपी का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत के अलावा अमेरिका, स्पेन, दक्षिण कोरिया, इटली, टर्की और चीन सहित कई देशो में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। तो आईये जानते है, कि प्लाज्मा थेरेपी क्या है, और कैसे काम करती है ?

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प्लाज्मा क्या है (What Is Plasma)

प्लाज्मा ब्लड अर्थात खून का तरल हिस्सा है, यह पानी और प्रोटीन से बना होता है | यह लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स को शरीर के माध्यम से प्रसारित करने के लिए एक माध्यम प्रदान करता है | इसमे इम्युनिटी के महत्वपूर्ण घटक भी होते है, जिन्हें एंटीबॉडी के रूप में जाना जाता है|

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प्लाज्मा थेरेपी क्या है (What Is Plasma Therapy)

प्लाज्मा थेरेपी के अंतर्गत कोई ऐसा व्यक्ति जो कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर अब वह पूर्ण रूप से स्वस्थ हो चुका है, ऐसे मरीज के शरीर से प्लाज्मा लिया जाता है। यह प्लाज्मा उसके खून में बनता है। इस थेरेपी में एंटीबॉडी का प्रयोग किया जाता है। प्लाज्मा थेरेपी में कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके व्यक्तियों के खून से प्लाज्मा निकालकर दूसरे कोरोना वायरस संक्रमित रोगी को चढ़ाया जाता है। दरअसल संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति के शरीर में उस वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बन जाती है, और 3 हफ्ते बाद उसे प्लाज्मा के रूप में किसी संक्रमित व्यक्ति को दिया जा सकता है ताकि उसके शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगे।

प्लाज्मा संक्रमण से स्वस्थ हुए व्यक्ति के खून से अलग कर निकाला जाता है। एक बार में एक संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति के शरीर से 400ml प्लाज्मा निकाला जा सकता है। इस 400ml प्लाज्मा को दो संक्रमित मरीजो को दिया जा सकता है।

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प्लाज्मा थेरपी कार्य कैसे करती है (How Plasma Therapy Works)

डाक्टरों के अनुसार कोरोना वायरस की तीन स्टेज है।पहली स्टेज में वायरस शरीर में प्रवेश करता है, दूसरी स्टेज में यह फेफड़ों तक पहुंचता है और तीसरे में शरीर इससे लड़ने वाली प्रतिरोधक क्षमता को समाप्त करने की कोशिश करता है,यह स्टेज सबसे खतरनाक स्टेज होती है, जिसमें शारीर के कुछ अंग भी ख़राब हो सकते है | शोधकर्ताओं के मुताबिक  प्लाज्मा से इलाज के लिए सबसे उपयुक्त दूसरी स्टेज होती है, क्योंकि पहली में इसे देने का फायदा नहीं है और तीसरी में यह कारगर नहीं रहेगा उनके मुताबिक, प्लाज्मा थेरपी मरीज को तीसरी स्टेज तक जाने से रोक सकती है।

प्लाज्मा थेरेपी सिस्टम इस धारणा पर कार्य करता है, जो मरीज किसी संक्रमण से ठीक हो जाते है,ऐसे व्यक्ति के शरीर में वायरस के संक्रमण को बेअसर करने वाले प्रतिरोधी एंटीबॉडीज अर्थात प्लाज्मा विकसित हो जाते है| इसके बाद उस वायरस से पीड़ित नए मरीजों के खून में पुराने ठीक हो चुके मरीज का खून डालकर इन एंटीबॉडीज के जरिए नए मरीज के शरीर में मौजूद वायरस को समाप्त किया जा सकता है। प्लाज्मा थेरेपी कोई नई थेरेपी नहीं है। डॉक्टरो के अनुसार यह एक प्रॉमिनेंट थेरेपी है, जिसका इस्तेमाल कई वायरल संक्रमण में हुआ है।

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