प्यारी दोस्तों जैसा की आप सभी जानती हैं की पीरियड्स में कुछ परेशानी होना आम बात हैं। लेकिन मानसून में पीरियड्स के दिनों में हाइजीन मेंटेन करना बहुत ही जरूरी हैं। बरसात का मौसम हर किसी को पसंद होता ही हैं। क्योकि मानसून अपने साथ ताजगी और खुशनुमा मौसम लेकर आता है, लेकिन यह मौसम महिलाओं के लिए पीरियड्स के दौरान मुसीबत भी खड़ा कर सकता है। इसलिय अगर आप मानसून में पीरियड्स हाइजीन मेंटेन रखना चाहते हैं, तो हमारा यह आर्टिकल आपके लिए ख़ास साबित होने वाला हैं। क्योकि आज हम आपको इसकी सभी जानकारी आसान शब्दों में दे रहें हैं। मानसून में पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।
मानसून में पीरियड्स में ऐसे मेंटेन रखें हाइजीन
जैसा कि हम सभी जानते हैं मानसून के मौसम में नमी और आर्द्रता के कारण वजाइनल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इस मौसम में महिलाओ को पीरियड्स के दौरान ज्यादा परेशानी होती हैं। क्योकि इस वातावरण में ह्यूमिडिटी के बढ़ने की वजह से जर्म और बैक्टीरिया भी अपना विस्तार करने लगते हैं. इस मौसम में इन जर्म को प्रजनन करने का सही तापमान मिल जाता है और जहां कहीं भी इन्हें गंदगी या नमी मिलती है, वे वहां घंटे भर में अपना विस्तार करने लगते हैं। अगर हम बेसिक हाइजीन भी मेंटेन करें तो हम कई सेहत संबंधी समस्याओं से बच सकते हैं. तो आइए जानते हैं कि मॉनसून में किन बातों को ध्यान में रखकर हम सिजनल बीमारियों से बच सकते हैं।
बारिश के पानी में ना भींगे
हम आपको बतादें कि अगर आप बारिश के पानी से गीले हो गए हैं तो हो सकता है कि आपको फंगस, खुजली, रैशेज आदि स्किन संबन्धी परेशानियों का सामना करना पड़े. इससे बचने के लिए बेहतर होगा कि आप बारिश के पानी से बचें. अगर गीले हो जाएं तो घर आकर तुरंत गर्म पानी से नहाएं और कपड़ों को भी धो लें. ऐसा करने से आप फंगल आदि से बच सकेंगें।
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ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन करें
यदि आप इसका सेवन करते हैं तो आपको पीरियड्स में होने वाले दर्द से छुटकारा मिलता है। क्योकि ओमेगा-3 फैटी एसिड में ब्लूबेरी, पालक, साग, फ्लैक्स सीड्स, अखरोट मौजूद होता है। इसके अलावा मैग्नीशियम और कैल्शियम रिच फूड्स को भी डाइट में शामिल करें। मैग्नीशियम रिच फूड्स का सेवन करने से मसल्स क्रैम्प्स से छुटकारा मिलता है और मूड स्विंग की समस्या नहीं होती। होल ग्रेन्स, नट्स, सीड्स और केला आदि में मैग्नीशियम पाया जाता है।
फूड हाइजीन का ख्याल रखें
जैसा की हम सभी जनते हैं की मानसून के मसम में नमी ज्यादा होती है। नमी के कारण खाने में बैक्टीरीया पनपने लगते हैं जिससे खाना दूषित हो जाता है। ऐसी स्थिति में आपको बीमारी और पीरियड्स में पेट संबंधित समस्याओं से बचने के लिए, घर का बना ताजा भोजन ही खाना चाहिए। क्योकि ये आपकी सेहत के लिए फायदेमंद साबित होता हैं।
मानसून के मौसम में दूध पीने का तरीका
हाइड्रेट करें।
यह सबसे ज्यादा जरूरी हैं की पर्याप्त पानी पिएँ और हाइड्रेटेड रहें। क्योकि मानसून की नमी के कारण बहुत ज़्यादा पसीना आता है। जिससे हम शरीर से तरल पदार्थ और नमक ज़्यादा बार खो देते हैं। हाइड्रेटेड रहने से मूत्र मार्ग साफ़ और सुरक्षित रहता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और पीएच संतुलन बनाए रखने में भी मदद करता है। पर्याप्त पानी पीने से बैक्टीरिया का संतुलन बना रहता है और योनि संक्रमण का जोखिम कम होता है।
आयरन रिच फूड्स का सेवन करें-
ये बहुत जरूरी हैं खासकर अगर पीरियड्स की तारीख नजदीक है। पीरियड्स में ब्लड लॉस के कारण आयरन की मात्रा शरीर में कम हो जाती है। मानसून में आयरन का सेवन करने से इम्यूनिटी बढ़ती है और शरीर में एनर्जी रहती है। मसालेदार भोजन के बजाय, सादा दही, स्ट्रॉबेरी और हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे प्रोबायोटिक युक्त भोजन का सेवन बढ़ाएँ। ये योनि में स्वस्थ बैक्टीरिया के विकास में मदद करने के लिए जाने जाते हैं।
मदद लेने में कभी भी संकोच न करें।
यदि किसी कारण आपको योनि में संक्रमण या बीमारियों के लक्षण दिखाई देते हैं, तो हमेशा मदद के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें और सलाह लें। ओवर-द-काउंटर दवाइयाँ और मलहम केवल आपातकालीन और तत्काल ज़रूरतों के मामले में ही जवाब होना चाहिए। हमेशा सबसे अच्छा है कि पहले किसी पेशेवर से सलाह लें और उनके द्वारा बताए गए चरणों का पालन करें।
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पीरियड्स के दौरान सावधानीया
ऐसे में आप एक्सपर्ट के बताएं इन टिप्स की मदद से मानसून में हाइजीन मेंटेन रख सकते हैं, इससे संक्रमण से भी बचाव हो सकता है।
- मानसून की नमी बहुत परेशान करने वाली होती हैं। इसलिए कुछ जरूरी बातो का ख़ास ख्याल रखना चाहिए।
- मानसून संक्रमण और असुविधा की संभावनाओं को लेकर कुख्यात है।
- मानसून में, दिन में दो बार अंतरंग क्षेत्र को साफ करने की सलाह दी जाती है। अगर आपको अत्यधिक पसीने की समस्या का सामना करना पड़ता है, तो अधिक बार साफ करें और थपथपाकर सुखाएं।
- वहां बार-बार सफाई करने और उसे सूखा रखने से उसे बैक्टीरिया के संक्रमण और गंध से मुक्त रखा जा सकता है।
- मानसून के मौसम में पीरियड्स के दौरान उचित अंतरंग स्वच्छता बनाए रखना बहुत ज़रूरी है। हमेशा सुनिश्चित करें कि आपका अंतरंग क्षेत्र साफ, सूखा और स्वच्छ हो।
- अपने मासिक धर्म उत्पादों को अधिक बार बदलें (हर 4-6 घंटे में)।
- साथ ही अतिरिक्त योनि स्राव को सोखने और उसे नीचे ताज़ा रखने के लिए पैंटीलाइनर का उपयोग करें।
- जघन बाल आपकी अंतरंग स्वच्छता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह घर्षण को कम करके और बैक्टीरिया के संचरण को रोककर एक सुरक्षात्मक भूमिका निभाता है।
- इस प्रकार, नम मानसून के मौसम के दौरान, अपने जघन बालों को केवल तभी शेव करने की सलाह दी जाती है जब आवश्यक हो क्योंकि यह बैक्टीरिया के प्रसार को रोक सकता है और संक्रमण के जोखिम को कम कर सकता है।
- आपके योनि क्षेत्र में साबुन का उपयोग बिलकुल भी उचित नहीं है क्योंकि उनका पीएच फैक्टर आपके प्राकृतिक योनि पीएच से बहुत अधिक होता है।
- साबुन के बार-बार उपयोग से खुजली और लालिमा हो सकती है और पीएच स्तर में भारी असंतुलन हो सकता है, जो संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया के अतिवृद्धि को बढ़ावा दे सकता है।
सब्जियों के नाम हिंदी और इंग्लिश में
FAQ’s
आम तौर पर उचित स्वच्छता मानी जाने वाली प्रथाओं में नियमित रूप से नहाना या नहाना, नियमित रूप से हाथ धोना और खास तौर पर भोजन को छूने से पहले हाथ धोना, चेहरा धोना , सिर के बाल धोना, बाल छोटे रखना या हटाना, साफ कपड़े पहनना, दांत साफ करना और नाखूनों और पैरों के नाखूनों को काटना शामिल है।
हर कुछ घंटे पर अपना सेनेटरी नैपकिन या मेंस्ट्रूअल कप बदलें।
नैपकिन को हर 4 से 6 घंटे पर बदलना चाहिए
इससे हम फंगस, खुजली, रैशेज आदि स्किन संबन्धी परेशानि कई सेहत संबंधी समस्याओं से बच सकते हैं
नहाना और साबुन लगाना
दांतों, मुंह और नाक की सफाई
बालों की सफाई और कटवाना
नाखूनों की देखभाल
शरीर के अन्य हिस्सों की सफाई
स्वस्थ आहार लेना
स्वस्थ नींद लेना
व्यायाम करना