Tulsidas Biography in Hindi: आज के लेख में हम आपको भारत के एक पेज महान हिंदू संत के बारे में बताने वाले हैं जिनका नाम तुलसीदास है गोस्वामी तुलसीदास एक धर्म सुधारक के साथ-साथ दार्शनिक हिंदू संत थे भारत की धरती पर बहुत से महान संतों का जन्म हुआ उन सभी संतो में से एक संत तुलसीदास भी थे|
और आज के लेख में हम आपको गोस्वामी तुलसीदास के जीवन से संबंधित जानकारियां प्रदान करेंगे गोस्वामी तुलसीदास के जीवन से संबंधित सभी जानकारियां जानने के लिए हमारे साथ अंत तक बन रहे|

Tulsidas Biography in Hindi (तुलसीदास का जीवन परिचय)
नाम | गोस्वामी तुलसीदास |
जन्म स्थान | उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के रायपुर में |
जन्म दिनांक | 13 अगस्त 1532 |
मृत्यु | 13 जुलाई 1963 |
मृत्यु का स्थान | वाराणसी के अस्सी घाट |
नागरिकता | भारतीय |
धर्म | हिंदू |
जाति | ब्राह्मण |
भाषा | अवधि |
वैवाहिक स्थिति | शादीशुदा |
रचयिता | श्री रामचरितमानस, हनुमान चालीसा |
गुरु | नरहरी दास |
तुलसीदास जी का परिवार (Tulsidas Ki Family)
पिता का नाम | आत्माराम शुक्ला दुबे |
माता का नाम | हुलसी दुबे |
पत्नी का नाम | बुद्धिमती (रत्नावली) |
बच्चों के नाम | बेटा- तारक शैशवावस्था में ही निधन |
तुलसीदास जी की शिक्षा (Tulsidas ji Ki Shiksha)
बाबा तुलसी की प्रारंभिक शिक्षा उनके गुरु नरसिंह दास जी के आश्रम में हुई थी तुलसी दास जी 7 वर्ष के थे जब उनके माता-पिता ने शिक्षा दीक्षा के लिए नरहरि बाबा के आश्रम भेज दिया जो की श्री अनंतानंद जी की प्रिय शिष्य थे हरि बाबा के आश्रम में रहते हुए तुलसीदास ने मात्र 14 से 15 वर्ष की आयु में सनातन धर्म व्याकरण संस्कृत हिंदू साहित्य दर्शन वेदांग ज्योतिष शास्त्र आदि विषयों की शिक्षा प्राप्त की थी|
गोस्वामी तुलसीदास के गुरु नरसिंह दास ने ही इनका नाम रामबोला से तुलसीदास रखा था शिक्षा प्राप्त करने के बाद तुलसीदास अपने घर चित्रकूट वापस लौट आए और लोगों को महाभारत राम कथा सुनाने लगे|
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तुलसीदास जी का शुरुआती जीवन
- ऐतिहासिक जानकारी और साक्षी के आधार पर बात करें तो गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म 1511 ईस्वी में कासगंज उत्तर प्रदेश में एक सूर्य पारी ब्राह्मण परिवार में हुआ था लेकिन कुछ विद्वान मानते हैं कि तुलसीदास जी का जन्म राजापुर जिले के चित्रकूट में हुआ था|
- मुगल शासक अकबर को तुलसीदास जी का समकालीन सम्राट माना जाता है तुलसीदास जी के पिता का नाम आत्माराम शुक्ला दुबे एवं माता का नाम हुलसी दुबे था तुलसीदास जी की माता एक आध्यात्मिक महिला एवं ग्रहणी थी|
- तुलसीदास जी के जन्म के संबंध में एक बहुत ही चर्चित प्रसंग सुनने को मिलती है कि तुलसीदास जन्म के समय 12 माह तक अपनी मां के गर्भ में थे| जब तुलसीदास जी का जन्म हुआ तो वह काफी हष्ट पुष्ट बालक के रूप में दिखाई दे रहे थे एवं तुलसीदास जी के मुंह में दांत थे अपने जन्म के साथ ही तुलसीदास ने राम नाम लेना शुरू कर दिया था| जिस कारण तुलसीदास जी के बचपन का नाम रामबोला पड़ गया जन्म की यह सब घटनाएं देख उनके आसपास के रहने वाले लोग भी आश्चर्यचकित थे|
तुलसीदास जी के साहित्य जीवन के बारे में
तुलसीदास ने अपने साहित्यिक जीवन में कई बड़े कार्य किए हैं ऐसा माना जाता है कि भगवान शंकर ने उन्हें स्वयं संस्कृत भाषा की वजह स्थानीय भाषा में अपनी कविता लिखने को कहा था यह बात तुलसीदास ने कही है वह कहते हैं कि जब मैंने आंख खोली और जो देखा कि शिव और पार्वती ने आशीर्वाद दिया है|
उनको अयोध्या जाने और वहां पर अपनी कविता को अवधी भाषा में लिखने का आदेश दिया है तुलसीदास ने पहले मानस, मंदिर चित्र, सतना में मूर्ति बनाई फिर उन्होंने वाराणसी के लोगों के लिए संस्कृत में कविता लिखना प्रारंभ किया|
गोस्वामी तुलसीदास जी की मृत्यु (Tulsidas ji Ki Death)
तुलसीदास का निधन सन 1623 में श्रवण के महीने में गंगा नदी कैसी घाट पर हुआ था यहीं पर तुलसीदास का अंतिम संस्कार किया गया था| वह भारत के महान कवि हुए और उन्होंने कई रचनाएं ऐसी की जिसकी कभी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है|

तुलसीदास जी की रचनाएं (Tulsidas ji Ki Rachnaye)
तुलसीदास द्वारा बहुत सी रचनाएं लिखी गई है लेकिन अपने जीवन में कुछ ऐसी प्रसिद्ध रचना भी उन्होंने लिखी है| जिसके द्वारा दुनिया उन्हें आज तक जानती हैं इन रचनाओं को भाषा के आधार पर दो भागों में बांटा गया है जिनके बारे में नीचे आपको बताया गया है|
अवधि | ब्रज |
रामचरितमानस | विनायक पत्रिका |
बरवाई रामायण | वैराग्य संधिपनी |
रामलला नहछू | दोहावली |
पार्वती मंगल | साहित्यरत्न |
जानकी मंगल | गीतावली |
रामाज्ञ | कृष्ण गीतावली |
तुलसीदास जी की रचनाएं हनुमान चालीसा
तुलसीदास भारत के बहुत महान कवि हैं उन्होंने ऊपर बताई गई 12 रचनाओं के अलावा भी कुछ ऐसी रचनाओं की हैं जिनको भारत के लोग बड़े आदर के साथ प्रतिदिन उन रचनाओं को पढ़ते हैं| इन रचनाओं का एक अलग ही स्थान है जिनके बारे में नीचे बताया गया है|
हनुमान चालीसा | 40 छंद, 40 चौपाई और दो दोहे अवधि |
संकट मोचन | हनुमानाष्टक अवधि 8 श्लोक |
तुलसी सत्सई | 747 दोहा अवधि और ब्रज सात रंगों, सरगों या सर्गो में विभाजित है| |
हनुमान बाहुका | ब्रज में 44 श्लोक |
यहाँ पर हमने आपको तुलसीदास का जीवन परिचय के बारे में बताया | यदि आप इस जानकारी से संतुष्ट है, या फिर इससे समबन्धित अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो कमेंट करे और अपना सुझाव दे सकते है, आपकी प्रतिक्रिया का जल्द ही निवारण किया जायेगा | अधिक जानकारी के लिए hindiraj.com पोर्टल पर विजिट करते रहे
FAQ’s
रामबोला दुबे|
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के रायपुर में|
13 अगस्त 1532 में|
तुलसीदास की धर्म पत्नी का नाम रत्नावली था|
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