कई बार ऐसा होता है कि हमने कोई कोर्स के बारे तो सुना होता है लेकिन उसके बारे में जानकारी नहीं होती जिसकी वजह से हमारे हाथ से करियर बनाने का एक अच्छा विकल्प भी छूट जाता है। आज हम ऐसे ही एक कोर्स के बारे में जानकारी देंगे जो चिकित्सा के तीसरे सबसे बड़े क्षेत्र में प्रवेश करने का दरवाज़ा है। जो लोग 12वीं के बाद चिकित्सा में अपना करियर बनाना चाहते हैं उनके लिए यह कोर्स एक उत्तम विकल्प है। कोर्स का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप इस कोर्स के बाद जॉब तो प्राप्त कर ही सकते हैं पर इसके अलावा आप अपना क्लिनिक भी खोल सकते हैं। आईये जानते हैं विस्तारपूर्वक BHMS कोर्स के बारे में। बीएचएमएस कोर्स के लिए फ़ीस, टॉप कॉलेज व फुल फॉर्म क्या है ?
बीएचएमएस (BHMS) के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख को पूरा पढ़े | यदि आपको बीएचएमएस से जुडी जानकारी अच्छी लगे तो कृपया आगे भी शेयर करे |
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BHMS कोर्स क्या है?
BHMS एक बैचलर्स डिग्री कोर्स है। इस कोर्स की मदद से हम होमियोपैथी के क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं और इसी वजह से इस कोर्स को एक पॉपुलर कोर्स माना जाता है।
इस कोर्स को हम साढ़े पांच वर्ष में कर सकते हैं। वैसे तो इस कोर्स की अवधि साढ़े चार वर्ष है लेकिन इसमें 1 साल इंटर्नशिप भी शामिल है जिसे जरुरी माना जाता है। आजकल यह कोर्स काफी चर्चा में आ रहा है क्योंकि इस कोर्स की मदद से हम डॉक्टर बन सकते हैं।
होमियोपैथी का आविष्कार 18वीं शताब्दी में जर्मनी में हुआ था और भारत में होमियोपैथी की शुरुआत बंगाल राज्य से हुई थी। भारत का पहला होमियोपैथी मेडिकल कॉलेज कलकत्ता में ही बनाया गया था। इस कोर्स के अंतर्गत होमियोपैथी दवाईआं जिन्हें पेड़ पौधों की मदद से बनाया जाता है, उनपर अध्यन करवाया जाता है।
BHMS Full Form
BHMS का फुल फॉर्म बैचलर ऑफ़ होम्योपैथिक मेडिसिन एनफ सर्जरी (Bachelor of Homeopathic Medicine And Surgery) होता है।
BHMS कोर्स करने के फायदे
BHMS कोर्स करने के आपको बहुत सारे फायदे होते हैं। यह फायदे कुछ इस प्रकार हैं:-
- BHMS करने के बाद आप अंडर ग्रेजुएटेड व्यक्ति कहलाते हैं।
- इस कोर्स को करने के बाद आप अपना एक प्राइवेट क्लिनिक भी खोल सकते हैं।
- अगर आप कड़ी मेहनत करते हैं तो आप एक सरकारी डॉक्टर भी बन सकते हैं।
- इस कोर्स के बाद आप विदेशों में भी आसानी से नौकरी पा सकते हैं क्योंकि यह सेक्टर आजकल विदेशों में भी बहुत प्रचलन में है।
- इस कोर्स के बाद आप होमियोपैथी के अच्छे डॉक्टर बन सकते हैं और मरीजों का इलाज भी कर सकते हैं।
जैसा कि हमने बताया कि BHMS करने के आपको काफी फायदे मिलते हैं लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि अन्य कोर्स बेकार होते हैं। असल में हर कोर्स के अपने फायदे होते हैं जिन्हें आप अपनी दिलचस्पी के आधार पर चुन सकते हैं।
BHMS कोर्स के लिए योग्यता
BHMS कोर्स करने के लिए कुछ योग्यताएं हैं जिम्हें आपको पूरा करना चाहिए ताकि इस कोर्स में प्रवेश करते समय आपको किसी दिक्कत का सामना ना करना पड़े।
- कोर्स करने के लिए उम्र कम से कम 17 वर्ष होनी चाहिए।
- 12th साइंस स्ट्रीम में पूरी की गयी हो।
- 12वीं कक्षा में कम से कम 50 प्रतिशत अंक हासिल किये गए हों।
- साइंस स्ट्रीम के साथ 12th क्लास में अंग्रेजी विषय होना भी अनिवार्य है।
BHMS कोर्स कैसे करें ?
BHMS कोर्स को करने के लिए कुछ योग्ताएं पूरी करने की आव्यशकता होती है जिन्हें हमने ऊपर बता दिया है। इसके बाद आपको यूनिवर्सिटी या राज्य स्तर पर करवाए जाने वाली Entrance परीक्षा के लिए आवेदन करना होगा। प्रवेश परीक्षा में पास होने पर आपको मिले अंकों के आधार पर आपका चुनाव होता है। इस परीक्षा में आमतौर पर जनरल केटेगोरी के छात्रों को 50 प्रतिशत और अन्य श्रेणी के छात्रों को कम से कम 40 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होता है तब ही आप BHMS कोर्स में प्रवेश कर सकते हैं।
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BHMS कोर्स की प्रवेश परीक्षाएं
BHMS कोर्स करने के लिए स्टेट और यूनिवर्सिटी स्तर पर कई तरह की परीक्षाएं करवाई जाती हैं जिनमें से कुछ की जानकारी हम निम्न बताने जा रहे हैं:-
1. NEET
यह एक राष्ट्रीय स्तर पर करवाई जाने वाली प्रवेश परीक्षा है जिसका पूरा नाम National Eligibility Cum Entrance Test है और यह परीक्षा MBBS, BDS और BHMS आदि जैसे कोर्सेज़ में प्रवेश करने के लिए करवाई जाती है। इस परीक्षा को राष्ट्रिय टेस्ट एजेंसी द्वारा करवाया जाता है और यह परीक्षा ऑफलाइन मोड में होती है।
2. EAMCET
इस प्रवेश परीक्षा को राज्य स्तर पर मेडिकल, इंजीनियरिंग और कुछ अन्य कोर्सेज़ में प्रवेश करने के लिए करवाया जाता है। यह परीक्षा ऑनलाइन मोड में करवाई जाती है और तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कॉलेजों में इस परीक्षा को आयोजित करवाया जाता है।
3. BVP CET
यूनिवर्सिटी स्तर पर आयोजित करवाई जाने वाली यह परीक्षा भारतीय विद्यापीठ यूनिवर्सिटी द्वारा संचालित की जाती है। यह विश्वविद्यालय महाराष्ट्र में स्थित है और मेडिकल, इंजीनियरिंग ओर मैनेजमेंट आदि जैसे कोर्स में प्रवेश करने के लिए इस परीक्षा को करवाया जाता है।
BHMS कोर्स की फीस
BHMS कोर्स के लिए सरकारी कॉलेजों में फीस लगभग 20 हज़ार से 50 हज़ार प्रति वर्ष हो सकती हैं वहीं प्राइवेट कॉलेजों में इसकी फीस 50 हज़ार से लेकर ढाई लाख रूपये तक हो सकती है। अलग अलग कॉलेजों में इस कोर्स की फीस सुविधाओं के आधार पर अलग अलग ही निर्धारित की जाती है।
आपके लिए सबसे बेहतर यह होगा कि जब भी आप इस कोर्स में एडमिशन लेना चाहे तो आप अपने शहर के सभी कॉलेजों की फीस पता करलें और उसके बाद जो कॉलेज आपको सुविधापूर्ण लगे उस कॉलेज में आप एडमिशन ले सकते हैं।
BHMS कोर्स का सिलेबस
BHMS कोर्स में अलग अलग वर्षों में आपको अलग अलग विषयों को पढ़ना होता है और यह विषय होमियोपैथी चिकित्सा से संबंधित होते हैं। यह विषय कुछ इस प्रकार होते है:-
पहला वर्ष
कर्म संख्या | विषय |
1 | Organon of Medicine, Principles of Homoeopathic Philosophy and Psychology |
2 | Anatomy, Histology, and Embryology |
3 | Physiology including Biochemistry |
4 | Homoeopathic Pharmacy |
5 | Homoeopathic Materia Medical |
दूसरा वर्ष
कर्म संख्या | विषय |
1 | Pathology and Microbiology including Parasitology Bacteriology and Virology |
2 | Forensic Medicine & Toxicology |
3 | Organon of Medicine and Principles of Homoeopathic Philosophy |
4 | Homoeopathic Materia Medica |
5 | Surgery including ENT, Eye Dental, and Homoeo therapeutics. |
6 | Obstetrics & Gynaecology Infant care and Homoeo therapeutics |
7 | The practice of Medicine and Homoeo. Therapeutics |
तीसरा वर्ष
कर्म संख्या | विषय |
1 | The practice of Medicine & Homoeo therapeutics |
2 | Surgery including ENT, Ophthalmology & dental & Homoeo. therapeutics |
3 | Obstetrics & Gynaecology Infant care & Homoeo. therapeutics |
4 | Homoeopathic Materia Medica |
5 | Organon of Medicine |
चौथा वर्ष
कर्म संख्या | विषय |
1 | The practice of Medicine & Homoeo therapeutics |
2 | Homoeopathic Materia Medica |
3 | Organon of Medicine |
4 | Repertory |
5 | Community Medicine |
सिलेबस पूरा होने के बाद आपको एक वर्ष के लिए इंटर्नशिप करने का मौका मिलता है जिसमें आप असल ज़िंदगी में एक होमियोपैथी चिकित्सक का अनुभव प्राप्त करते हैं जो कि जॉब के लिए आपके लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध होता है।
BHMS के बाद क्या करें
BHMS करने के बाद आपके लिए रोज़गार के दरवाज़े खुल जाते हैं। आप इस कोर्स को करने के बाद अपना एक क्लिनिक खोल सकते हैं, सरकारी नौकरी पा सकते हैं या किसी और पद के लिए भी नौकरी कर सकते हैं। विदेशों में भी BHMS के बाद आप नौकरी कर सकते हैं।
अलोपैथी और आयुर्वेद के बाद होमियोपैथी तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है इसलिए आपको रोज़गार की चिंता करने की कोई भी आव्यशकता नहीं। इसके अलावा BHMS के बाद आप अगर पढ़ना चाहते हैं तो उसके लिए भी आपके पास बहुत सारे विकल्प होते हैं। इसके बाद आप चाहें तो एमएससी क्लीनिकल रिसर्च और एमएससी एप्लाइड साइकोलॉजी जैसे मास्टर डिग्री कोर्स भी कर सकते हैं।
BHMS के बाद कौन-कौन सी नौकरी कर सकते हैं
BHMS के बाद काफी सारी ऐसी जॉब प्रोफाइल हैं जिनमें प्रवेश करके आप रोज़गार प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को आसान बना सकते हैं। इनमें से कुछ Job Profiles हम निम्न बताने जा रहे हैं जो कि आजकल काफी डिमांड में हैं:-
- व्याख्याता |
- सलाहकार |
- सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ |
- चिकित्सा सहायक |
- निजी प्रैक्टिस |
- चिकित्सक |
- फार्मेसिस्ट |
- स्पा निदेशक |
- वैज्ञानिक |
BHMS कोर्स के बाद वेतन
दोस्तों मेडिकल का क्षेत्र आज के समय में इतनी डिमांड में है की अगर आपने BHMS कोर्स की सारी प्रक्रिया को अच्छे से फॉलो किया है तो आपको जॉब के लिए चिंता करने की कोई आव्यशकता नहीं है। बात करें वेतन की तो यह आप पर निर्भर करता है कि आप जॉब के लिए किस जॉब प्रोफाइल को चुन रहे हैं।
अगर सरकारी नौकरी की बात करें तो गवर्नमेंट डॉक्टर बनकर आप महीने के 25 से 30 हज़ार रूपये आराम से कमा सकते हैं। जैसे ही समय के साथ साथ आपका अनुभव बढ़ता जाता है उसके साथ ही आपके वेतन में भी बढ़ोतरी होती रहती है। आपको बस इस कोर्स के लिए सख्त मेहनत करने की जरूरत होती है।
BHMS कोर्स के लिए भारत में सर्वश्रेष्ठ कॉलेज
भारत में ऐसे बहुत सारे कॉलेज हैं जो BHMS के लिए सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं और इनमें काफी सारी सुविधाएँ भी प्रदान की जाती हैं। आप इन कॉलेजों की सहूलियत और फीस स्ट्रक्चर को ध्यान में रखकर इनमें एडमिशन ले सकते हैं। इनमें से कुछ कॉलेज हम आपको निम्न बता रहे हैं:-
- गवर्नमेंट होमियोपैथीक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल पुणे |
- होमेओपैथीक मेडिकल कॉलेज मुंबई |
- लोकमान्य होमियोपैथीक मेडिकल कॉलेज पुणे |
- चंदोला होमेओपैथीक मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर |
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होमेओपेथी कलकत्ता |