दोस्तों आज हम आपको एक बहुत बड़ी खुशखबरी देने जा रहें हैं। कल 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद के मानसून सत्र के दौरान बजट पेश कर दिया हैं। इस बजट के तहत केंद्र सरकार ने नाबालिग बच्चे के लिए एनपीएस में निवेश की घोषणा की है। यह निवेश नई योजना एनपीएस वात्सल्य के माध्यम से माता-पिता कर सकेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि नाबालिग के वयस्क होने पर योजना को निर्बाध रूप से सामान्य एनपीएस खाते में परिवर्तित किया जा सकता है।’ अगर आप भी NPS-Vatsalya योजना का लाभ प्राप्त करना चाहते है, और इसकी सभी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं,तो हमारा यह आर्टिकल आपके काफी काम आने वाला हैं। इसलिय आपसे अनुरोध हैं. की आप हमारे इस आर्टिकल के साथ अंत तक जुड़े रहें।
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क्या है NPS ‘वात्सल्य’ स्कीम?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के तहत ‘वात्सल्य’ स्कीम की घोषणा की है। एनपीएस-वात्सल्य, नाबालिग बच्चों के लिए माता-पिता और अभिभावकों द्वारा योगदान की एक योजना है। जिसे केंद्र सरकार की ओर से बच्चों के बड़े होने पर उनकी फाइनेंशियल सिक्योरिटी एन्श्योर करने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है। साथ ही बच्चे के 18 साल के होने पर इस स्कीम को नॉन-NPS स्कीम में भी बदला जा सकता है। इस स्कीम में माता-पिता अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उनकी ओर से निवेश कर सकते हैं। जब बच्चे बालिग होंगे, तो यह अकाउंट रेगुलर NPS में बदल जाएगा। साथ ही, इस बजट में मुद्रा योजना के तहत लोन की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की घोषणा
वित्तमन्त्री सीतारमण जी के द्वारा NPS ‘वात्सल्य’ स्कीम को बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर शुरू क्या जा रहा हैं। एनपीएस की मदद से सेवानिवृत्त होने के बाद भी एक निश्चित आमदनी आपके खाते में आती है। आप इस योजना के तहत अपने नाबालिग बच्चों के नाम पर भी निवेश कर सकेंगे।‘एनपीएस-वात्सल्य’ योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक सराहनीय योजना हैं। इस स्कीम का उद्देश्य बच्चों के भविष्य को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। साथ ही इसे पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
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NPS Vatsalya स्कीम की विशेषताएँ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एनपीएस-वात्सल्य योजना के तहत माता-पिता अपने नाबालिग बच्चे के नाम पर निवेश कर सकेंगे। इसकी कुछ विशेषताओ के बारें में हम आपको नीचे बता रहें हैं। चलिए जानते हैं।
नॉन-NPS स्कीम में बदलने का विकल्प
इस योजना के तहत जब बच्चे 18 साल के हो जाएंगें। तब इस स्कीम को नॉन-NPS स्कीम में भी बदला जा सकता है।
नियोक्ता योगदान की सीमा बढ़ाई गई:
केंद्र सरकार की ओर से प्राइवेट सेक्टर में नियोक्ताओं के लिए NPS योगदान की सीमा कर्मचारी की बेसिक सैलरी के 10% से बढ़ाकर 14% कर दी गई है।
उच्च रिटर्न
इसके अलावा NPS योगदान को स्टॉक और बॉन्ड जैसे बाजार से जुड़े इंस्ट्रूमेंट में निवेश किया जाता है, जिससे उच्च रिटर्न प्राप्त होता है।
पात्रता
- केंद्र सरकार द्वारा इस योजना का लाभ भारत के मूल निवासियों को दिया जाएगा।
- एनपीएस-वात्सल्य योजना के तहत 18 से 70 बीच का कोई भी व्यक्ति लाभ प्राप्त कर सकता हैं।
- साथ ही भारत का वह नागरिक जो विदेश में रहता हैं।
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FAQ’s
नेशनल पेंशन सिस्टम ।
यदि आप अपने वेतन का 10% मासिक NPS में योगदान करते हैं, तो आपका नियोक्ता इस राशि का मिलान करेगा।
वर्तमान में, कोई व्यक्ति कुल राशि का 60% तक एकमुश्त निकाल सकता है, जबकि शेष 40% राशि वार्षिकी योजना में जा सकती है। नए एनपीएस दिशानिर्देशों के तहत, यदि राशि 5 लाख रुपये से कम या उसके बराबर है, तो ग्राहक वार्षिकी योजना खरीदे बिना पूरी राशि निकाल सकते हैं।
एनपीएस में ब्याज दर बाजार से जुड़ी होती है। पिछले रुझान 9% से 12% प्रति वर्ष की सीमा में रहे हैं। पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर वर्तमान रिटर्न 7.10% प्रति वर्ष है।
वार्षिकी के प्राप्तकर्ता की मृत्यु होने पर, वार्षिकी जीवन भर उनके पति/पत्नी को मिलती रहती है।
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