ESI Scheme क्या है ?



किसी भी कर्मचारी या मजदूर के ऊपर आश्रित परिवार वालों के लिए ESIC योजना बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है जिसका मुख्य तौर पर इस्तेमाल किसी भी प्रकार के इलाज के लिए किया जाता है। देश की लगभग हर छोटी बड़ी कंपनी ESIC के अंतर्गत अपने कर्मचारियों का रजिस्ट्रेशन करती है और अपनी तरफ से भी थोड़ा अंशदान करती है, साथ ही कर्मचारियों से भी थोड़ा अंशदान करवाती है।

ESI Scheme में शामिल होने पर कर्मचारी को तो फायदा मिलता ही है, साथ ही उसके परिवार वालों को भी फायदा मिलता है। इस प्रकार से अगर आप एक वर्कर है तो आपको “ईएसआई कार्ड क्या है” और विशेषताएं, लाभ इत्यादि सम्पूर्ण जानकारी होनी चाहिए, जो आपको इस आर्टिकल में दी जा रही है।

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ईएसआई स्कीम [ESI Scheme] क्या है?

मुख्य तौर पर ESI योजना को भारत सरकार के द्वारा ऐसे मजदूरों के लिए चालू किया गया है, जो मजदूरी करते हैं। दरअसल इस योजना में शामिल मजदूरों को परमानेंट या फिर अस्थाई विकलांगता, बीमारी या फिर काम के दौरान चोट लग जाने पर अथवा काम के दरमियान एक्सीडेंट की वजह से मौत हो जाने पर अथवा बिजनेस से संबंधित बीमारियों जैसी स्वास्थ्य संबंधी इमरजेंसी में सहायता देने के लिए चालू किया गया है।

क्योंकि मजदूरों की इतनी कमाई नहीं होती है कि वह आपातकाल की स्थिति में इतने अधिक पैसे इकट्ठा कर सके और अपना इलाज करवा सके।कई बार तो ऐसी स्थिति पैदा हो जाती है कि मजदूरों की नौकरी भी चली जाती है। इस प्रकार से इस योजना में मजदूर और मजदूर की फैमिली को इंश्योरेंस कवरेज दिया जाता है, साथ ही इसमें मैटरनिटी कवरेज भी दिया जाता है। इस योजना में शामिल होने पर मजदूरों और उनके परिवार वालों को स्वास्थ्य से संबंधित बेहतर सुविधाएं प्राप्त होती हैं। इसके अलावा विकलांगता या फिर आमदनी का नुकसान होने पर उन्हें नकद बेनिफिट भी दिया जाता है। अगर योजना में शामिल किसी कर्मचारी की काम के दरमियान मौत हो जाती है तो उसकी मृत्यु के पश्चात नॉमिनी को या फिर उसके परिवार वालों को पेंशन भी प्राप्त होती है।

ईएसआई हेतु पात्रता [ESI Card Eligibility]

ईएसआई के लिए कौनसी पात्रता होती है, उसकी इनफार्मेशन नीचे दी जा रही है।

  • फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारी या होटल, सिनेमा, रोड, ट्रांसपोर्ट, न्यूज़ पेपर, एजुकेशनल और मेडिकल इंस्टिट्यूट अथवा दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों को ईएसआई की सर्विस मिलती है।
  • जिस इंस्टिट्यूट में कम से कम 10 व्यक्ति काम करते हैं वह इंस्टिट्यूट ईएसआई के लिए पात्र होता है |
  • 21000 तक जिन कर्मचारियों की महीने की तनख्वाह है वही ईएसआई के लिए पात्र माने जाते हैं।
  • अगर कर्मचारी दिव्यांग है तो महीने की तनख्वाह की लिमिट ₹25000 है।
  • जिन मजदूरों की रोजाना की मजदूरी ₹50 तक है उन्हें अंशदान से अलग रखा जाता है। हालांकि मजदूर जिस कंपनी में काम करते हैं, उस कंपनी को अपना अंशदान देना होता है।

ईएसआई स्कीम के अंतर्गत कवरेज

वर्ष 1952 के आसपास में दिल्ली और कानपुर में ईएसआई स्कीम को चालू किया गया था और उसके बाद धीरे-धीरे इसका विस्तार किया जाने लगा। जिस प्रकार औधौगीकरण का विकास हुआ है उसी प्रकार ईएसआई ने सामाजिक सुरक्षा के अपने कर्तव्यों को अच्छी तरह से निभाया।

साल 2019 में 31 मार्च तक हमारे भारत देश में कुल 34 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में यह योजना पहुंच चुकी थी और वर्तमान के समय में तकरीबन 12,00000 फैक्ट्री और बिजनेस इंस्टीट्यूट के 3 करोड़ से अधिक कर्मचारी और उसके परिवार इस स्कीम का बेनिफिट हासिल कर रहे हैं। इस प्रकार देखा जाए तो वर्तमान के समय में 13 करोड़ से भी अधिक लोग ईएसआई स्कीम से जुड़े हुए हैं।

ईएसआई स्कीम में क्या कवर नहीं होता?

अभी के समय में जो कर्मचारी महीने में 21000 या फिर उससे अधिक रुपए कमा रहे हैं उन्हें ईएसआई की योजना में शामिल नहीं किया जाता है।साथ ही हम आपको यह भी बता दें कि चंडीगढ़ और महाराष्ट्र में ईएसआई स्कीम के तहत कवरेज के लिए बिजनेस इंस्टीट्यूट या फैक्ट्री में वर्कर या फिर कर्मचारी की वर्तमान संख्या 20 होनी आवश्यक है, वही दूसरे इलाकों में यह संख्या 10 ही रखी गई है।

ईएसआई योजना की विशेषताएं और लाभ [ESI Benefits]

जो भी ईएसआई योजना के लाभार्थी होते हैं, उन्हें बहुत सारी सेवाएं प्राप्त होती है जिनमें से कुछ मुख्य सेवाओं की जानकारी नीचे आपको बताई जा रही है।

  • मेडिकल:- जो व्यक्ति ईएसआई में शामिल होता है उसे ईएसआई के अंतर्गत मेडिकल खर्च को काफी कम और उचित हेल्थ सुविधा प्रदान की जाती है।
  • आश्रित:– काम करने के दरमियान अगर किसी कर्मचारी को चोट लग जाती है या फिर काम करने के दरमियान अगर वह बीमार हो जाता है, तो ऐसी स्तिथि में कर्मचारियों के आश्रितों को आर्थिक सहायता दी जाएगी, साथ ही वह मासिक इनकम के भी हकदार होंगे और जितने भी आश्रित होंगे, उन्हें बराबर भुगतान किया जाएगा।
  • कवरेज:– जो भी मजदूर इस योजना में शामिल होंगे उन्हें नौकरी लगने के पहले दिन से ही योजना में शामिल कर लिया जाएगा। इसके अलावा योजना में शामिल कर्मचारी के आश्रितों को भी योजना के अंतर्गत कवर प्राप्त होगा।
  • अंतिम संस्कार की लागत: योजना में शामिल कर्मचारियों के अंतिम संस्कार पर तकरीबन ₹15000 ईएसआई के द्वारा दिए जाते हैं। यह पैसे मृत हो चुके व्यक्ति के आश्रित या फिर अंतिम संस्कार के काम करने वाले व्यक्ति को दिए जाते हैं।
  • मैटरनिटी:– लाभार्थी महिला अपनी रोजाना की मजदूरी का 100 प्रतिशत लाभ तकरीबन 26 सप्ताह तक पाने के लिए हकदार होती है और मेडिकल कंसलटेंट के आधार पर इसे 1 महीना और बढ़ाया जा सकता है।
  • दिव्यांगता:- स्थाई अपंग होने की सिचुएशन में वर्कर जब तक पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाता है तब तक वह अपनी मंथली पेमेंट का 90 परसेंट पाने का हकदार होता है और अगर कोई कर्मचारी परमानेंट विकलांग होता है तो 90 परसेंट मंथली सैलरी उसे जिंदगी भर प्राप्त होगी।
  • बीमारी:– अगर कोई वर्कर योजना में शामिल है और उसे कोई बीमारी हो जाती है तो उसके रोजाना के खर्चे के लिए नकद की सर्विस भी इस योजना में शामिल है। ऐसी स्तिथि में तकरीबन 91 दिनों तक उसकी रोजाना की मजदूरी का 70 prtisht हिस्सा उसे प्राप्त होगा, जिसे 2 बार ले सकते हैं।
  • बेरोजगारी:– अगर कोई वर्कर किसी समस्या की वजह से बेरोजगार हो जाता है तो 2 साल तक उसे उसकी मंथली सैलरी का अधिकतम 50 पर्सेंट पैसा प्राप्त होगा।

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ईएसआई कार्ड क्या है? [What is ESI Card in Hindi]

ईएसआई कार्ड का अन्य नाम पहचान कार्ड भी होता है। जो वर्कर ईएसआई की योजना में शामिल होता है उस वर्कर और उस वर्कर के परिवार वालों को ईएसआई कार्ड प्राप्त होता है और इसी कार्ड की सहायता से जब वह हॉस्पिटल या फिर डिस्पेंसरी में जाते हैं, तब उन्हें फायदा प्राप्त होता है।

ईएसआई कार्ड के ऊपर कार्ड धारक का नाम छपा हुआ होता है। इसके अलावा कार्ड धारक के पिता का नाम, उसके घर का पता छपा हुआ होता है। इसके साथ ही ईएसआई कार्ड पर एक यूनिक ईएसआई इंश्योरेंस नंबर भी प्रिंटेड होता है साथ ही कार्ड पर व्यक्ति की फोटो और उसके आश्रितों के बारे में भी इंफॉर्मेशन होती है। यह एक प्लास्टिक कार्ड होता है।

ईएसआई कार्ड कैसे बनवाएं? [ESI Card Online Registration]

ईएसआई कार्ड बनवाने के लिए आपको ईएसआईसी की ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट करना होता है और आपको वेबसाइट पर अकाउंट बनाना होता है। उसके पश्चात आपको आवश्यक जानकारियों को भरकर के आवेदन की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है।

इसके बाद ईएसआईसी के द्वारा एक मैग्नेटिक स्मार्ट कार्ड वर्कर के दिए हुए एड्रेस पर सेंड किया जाता है अथवा कई बार वर्कर ईएसआईसी की ब्रांच में जाकर के भी इस कार्ड को प्राप्त कर सकता है।

ईएसआई कार्ड कैसे डाउनलोड करें? | Download ESI Card Online [Portal]

नीचे आपको स्टेप बाय स्टेप ईएसआई कार्ड डाउनलोड करने की प्रक्रिया बताई जा रही है।

  • नीचे आपको ईएसआईसी की ऑफिशियल वेबसाइट का लिंक दिया गया है। नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करके आपको ईएसआईसी की ऑफिशियल वेबसाइट पर चले जाना है।
  • विजिट वेबसाइट:HTTPS://WWW.ESIC.IN/ESICINSURANCE1/ESICINSURANCEPORTAL/PORTALLOGIN.ASPX
  • ईएसआईसी की ऑफिशियल वेबसाइट पर पहुंचने के पश्चात आपको निर्धारित जगह में यूजर नेम और उसके बाद पासवर्ड और उसके बाद कैप्चा कोड को डालकर के लॉगइन बटन दबाना है।
  • लॉगइन होने के बाद आपकी स्क्रीन पर एक पेज आएगा, जहां पर आपको ईएसआईसी में महत्वपूर्ण लिंक दिखाई देगा। उस लिंक में से आपको ई पहचान कार्ड लिंक वाले ऑप्शन पर क्लिक कर देना है।
  • लिंक पर क्लिक करने के बाद आपको निर्धारित जगह मे जिस एम्पलाई का प्रिंट लेना है, उसका नाम या फिर उस एंप्लोई की
  • ईएसआईसी नंबर को डालना है और सर्च करना है।
  • सर्च करने के बाद आपको VIEW बटन पर क्लिक करना है।
  • अब आपको VIEW COUNTER FOIL वाले ऑप्शन पर क्लिक कर देना है।
  • अब आपको अपने डिवाइस की स्क्रीन पर नाम, एंप्लोई का एड्रेस, डिस्पेंसरी, बायोडाटा और नॉमिनी का ई पहचान दिखाई देगा।
  • अब आप चाहे तो स्क्रीन पर दिखाई दे रहे डॉक्यूमेंट का प्रिंट आउट निकाल सकते हैं या फिर उसे पीडीएफ फॉर्मेट में सेव कर सकते हैं। इस प्रकार से जो फाइल निकाली जाएगी या फिर जो फाइल पीडीएफ फॉर्मेट में सेव की जाएगी, उसे ही ई पहचान कार्ड कहा जाएगा।

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