दोस्तों जैसा की हम सभी जानते हैं की बूढ़ा हो या जवान योग हर किसी के लिए फायदेमंद हैं। अगर बात महिलाओ की करें तो योग उनके लिए ज्यादा जरूरी हैं। क्योकि अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल जिम्मेदारियां के बीच अक्सर महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति ध्यान नहीं दे पाती हैं। इसकी वजह से उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी एक महिलां हैं, तो हमारा यह आर्टिकल आपके काफी काम आने वाला हैं। क्योकि आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में ऐसे योगासन के बारें में बताने वाले हैं। जिसमें महिलाओं की 10 समस्याओं का हल है। इस महत्वपूर्ण योगासन को विस्तार से जानने के लिए आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।
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योगासन क्या हैं ?
योग हमारे जीवन का अहम हिस्सा हैं। नियमित रूप से योगासन करने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता हैं। योगा ट्रेनर मीनाक्षी छाबड़ा बताती हैं कि योग करने से महिलाओं का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। नियमित योगाभ्यास से वे कई तरह की बीमारियों से बच सकती हैं। दोस्तों महिलाओं को सेहतमंद रहने के लिए योग को रूटीन का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए। यह बात पूरी तरह सच है। निरोगी रहने में योग आपकी काफी मदद कर सकता है। खासकर, महिलाओं के लिए योग बहुत जरूरी माना जाता है। वेट लॉस से लेकर डाइजेशन सुधारने तक में योग बहुत फायदेमंद होता है। यहां तक कि महिलाओं की फर्टिलिटी सुधारने और पीरियड्स से जुड़ी परेशानियों से निजात दिलाने में भी योग का अहम रोल है।
अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रही हैं, तो भी आपको योग को रूटीन में शामिल करना चाहिए। यहां हम आपको 1 ऐसे योगासन के बारे में बता रहे हैं, जो महिलाओं की 10 समस्याओं का हल है। चलिए जानते हैं –
महिलाओ के लिए जरूरी हैं योगासन
महिलाओं के शरीर में उम्र के अलग-अलग पड़ाव पर कई हार्मोनल बदलाव होते हैं। हार्मोनल बदलावों का असर, महिलाओं के पूरे शरीर पर होता है। सेहतमंद रहने के लिए और हार्मोनल बदलावों के अनुसार शरीर को ढ़ालने के लिए, महिलाओं को डाइट और रूटीन पर ध्यान देना चाहिए। सेहतमंद रहने में योग काफी हद तक मदद कर सकता है। क्योकि योग, निरोगी काया की कुंजी है।
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- सबसे पहले मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं।
- हिप्स को घुटने के नीचे रखें।
- अब हाथों को घुटनों पर रखें।
- घुटनों को एक-दूसरे के थोड़ा पास लाएं।
- पैरों के बीच थोड़ी दूर रखें।
- अब टोज (पैरों के टॉप्स) से फर्श की तरफ दबाव डालें।
योगासन
इसके अलावा आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हर महिला को स्वस्थ और फिट रहने के लिए रोज जरूर करने चाहिए
सुखासन (Sukhasana):
- सुखासन एक आरामदायक योग आसन है जो दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
- बैठें और सांस लें, पेट से गहरी श्वास लें।
- यह शरीर को ताजगी देता है और दर्द को कम करता है।
योग करने के बाद कौनसे 5 काम करें
ताड़ासन
- इस योगासन को करने के लिए जमीन पर सीधे खड़े हो जाएं।
- इसे करते समय आप अपनी कमर को सीधा रखें और आपके पैर आपस में जुड़े होने चाहिए।
- फिर हाथ जोड़ने की मुद्रा में खड़े हो जाएं और धीरे-धीरे अपने हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं।
- इसके बाद अपनी एड़ियों पर उठने की कोशिश करें और शरीर का भार अपने निचले हिस्से पर डालें।
- आप इस प्रक्रिया को 10-15 बार दोहराएं।
- इस प्रकार आप इस योग को पूरा कर सकते हैं।
कटिचक्रासन (Kati Chakrasana):
- कटिचक्रासन एक योग आसन है जो पेट और कमर की मांसपेशियों को मजबूत करता है और दर्द को कम कर सकता है।
- खड़े होकर बाएं हाथ को दाहिने ओर जोड़ें और ऊंची उठें।
- दर्द की स्थिति में इस आसन का नियमित रूप से प्रदर्शन करने से लाभ हो सकता है।
बद्धकोणासन
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पैरों को सीधा करके बैठ जाएं।
- फिर अपने घुटनों को मोड़कर दोनों तलवों को एक-दूसरे से मिला लें।
- इसके बाद अपने हाथों को इंटरलॉक कर लें और पैरों के तलवों को पकड़ लें।
- अपने दोनों पैरों को ऊपर-नीचे हिलाएं।
- इस आसन को आप 3-5 मिनट तक कर सकती हैं।
- इस प्रक्रिया को 3-5 बार दोहराएं।
शवासन (Shavasana):
- शवासन एक आरामदायक योग आसन है जो दर्द को कम कर सकता है और मानसिक तनाव को दूर कर सकता है।
- सीधे लेट जाएं और आराम से सांस लें।
- इससे शारीरिक और मानसिक ध्यान में सुधार होता है और दर्द कम होता है।
- बालासन
- दोस्तों इसके लिए आप सबसे पहले मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं।
- फिर अपने शरीर का सारा भार एड़ियों पर डाल दें।
- अब गहरी सांस भरते हुए आगे की ओर झुकें। ध्यान रहे कि आपका सीना जांघों से छूना चाहिए।
- फिर अपने माथे से फर्श को छूने की कोशिश करें।
- कुछ सेकंड तक इस स्थिति में रहने के बाद वापस सामान्य अवस्था में आ जाएं।
- आप इस प्रक्रिया को 3-5 बार कर सकती हैं।
सेतुबंधासन
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं।
- अब अपने घुटनों को मोड़ें और तलवों को जमीन पर रखें।
- अपने दोनों हाथों से पैरों की एड़ियों को पकड़ें।
- सांस लेते हुए धीरे-धीरे अपनी बॉडी को ऊपर उठाएं।
- इस मुद्रा में 1-2 मिनट तक रहें।
- इसके बाद सांस छोड़ते हुए प्रारंभिक मुद्रा में आ जाएं।
- इस प्रक्रिया को 3-5 बार दोहराएं।
मलासन (Malasana):
- मलासन एक योग आसन है जो पेट की समस्याओं को दूर करता है और दर्द को कम कर सकता है।
- घुटनों के बल बैठें और पीठ को सीधा रखें।
- इससे पेट में सूजन कम होती है और दर्द में आराम होता है।
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शीर्षासन (Shirshasana):
- शीर्षासन एक विशेष योग आसन है जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और दर्द को कम कर सकता है।
- सीधे खड़े होकर सिर को जमीन पर रखें और शारीर को उल्टा करें।
- इससे शरीर का रक्त संचार सुधारता है और दर्द में सुधार होता है।
FAQ’s
बढ़ती उम्र की महिलाओं को ये आसन जरूर करना चाहिए, खासकर की 30 साल की उम्र के बाद हर महिला को भुजंगासन शुरू कर देना चाहिए। भुजंगासन को पाचन, लिवर और किडनी के कार्यों में सुधार करने वाला योगासन माना जाता है। यह आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है।
क्योकि योग मानसिक स्वास्थ्य, हार्मोनल संतुलन और माइंडफुलनेस सहित शरीर और मन को सहारा दे सकता है।
मासिक धर्म के दौरान जिन योगासनों से बचना चाहिए उनमें शीर्षासन, सर्वांगासन, धनुरासन, हलासन, कर्णपीड़ासन और बकासन शामिल हैं।
योग शक्ति, संतुलन और लचीलेपन में सुधार करता है ।
पश्चिमोत्तानासन एक बैठने वाला आसन है जिसमें आगे की ओर झुककर सिर घुटनों को छूता है। यह आसन प्रजनन क्षमता के लिए उपयोगी है क्योंकि यह अंडाशय और गर्भाशय पर दबाव डालता है और उन्हें उत्तेजित करता है। यह तनाव को भी कम करता है और हैमस्ट्रिंग, कूल्हों और पीठ के निचले हिस्से को खिंचाव देता है।
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भुजंगासन
धनुरासन
तितली आसन
चक्की चालनासन
बालासन
उत्काटसन
सेतुबंधासन