कोरोना वायरस के प्रकोप से बचनें के लिए चेहरे पर मास्क लगानें के साथ ही अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर से अधिक से अधिक हाथ धुलनें की बात सामनें आयी | ऐसे में कोरोना के खतरे को देखते हुए मास्क और सैनिटाइजर बिक्री बढ़ गई, जिससे मार्केट में उसकी कमी होने लगी | दुकानदार मास्क और सैनिटाइजर को मनमाने दामों में बेचने लगे | ऐसी स्थिति में सरकार नें मास्क और सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तु की सूची में डाल दिया |
हाल ही में ससंद में आवश्यक वस्तु (संशोधन) बिल 2020 पास हो गया है, बिल पास होने के बाद अब आलू, प्याज, टमाटर, अरहर, उड़द समेत सभी दालें और सरसों समेत सभी तिलहन से भंडारण की सीमा हट गई है अर्थात अब सरकार इनके बाजार भाव में भी हस्ताक्षेप नहीं करेगी । आवश्यक वस्तु अधिनियम क्या है ? संशोधन और इसकी धाराओं के बारें में आपको यहाँ विस्तार से जानकारी दे रहें हैं |
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आवश्यक वस्तु अधिनियम क्या होता है (What Is Essential Commodities Act)
यह अधिनियम संसद द्वारा सन 1955 में पारित हुआ था | इसके अंतर्गत आवश्यक वस्तुओं को रखा जाता है जो हमारे जीवन- यापन के लिए आवश्यक है | आवश्यक वस्तु अधिनियम एक्ट के अंतर्गत सरकार आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन, की बिक्री, आपूर्ति आदि को नियंत्रित करती है, ताकि यह आवश्यक वस्तुएँ उपभोक्ताओं को सामान्य मूल्य और सरलता के साथ प्राप्त हो सके | इस एक्ट के अंतर्गत यदि सरकार किसी वस्तु को आवश्यक वस्तु घोषित करती है, तो सरकार को यह अधिकार है कि वह उस प्रोडक्ट का अधिकतम खुदरा मूल्य निर्धारित कर दे |
मूल्य निर्धारित होनें के बाद भी यदि कोई व्यक्ति उसे अधिक दाम में बेचता है, तो उस व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्यवाही किये जानें का प्रावधान है | इस कानून को अमल में लाने के लिए खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग कार्य करता है और आवश्यकता पड़ने पर स्थानीय पुलिस के साथ यह विभाग जमाखोरी की जाँच के लिए छापा मार सकता है | पुलिस के पास ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार करने का अधिकार होता है |
इस एक्ट के अंतर्गत सरकार राज्यों की स्टॉक लिमिट निर्धारित करने के साथ ही वस्तुओं के स्टॉक पर रोक लगाने का निर्देश देती है, ताकि चीजों की आपूर्ति प्रभावित न हो और उचित दाम में वस्तु उपलब्ध हो सके | मुख्य रूप से केंद्र सरकार किसी वस्तु को जमा करने की एक समय सीमा का निर्धारण करती है और राज्य सरकार उस समयावधि के अन्दर कोई खास सीमा भी तय कर सकते हैं | ऐसी स्थिति में यदि राज्य और केंद्र के बीच कोई विवाद होता है तो केंद्र सरकार के नियम ही मान्य होंगे |
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आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 (Essential Commodities – Amendment Bill 2020)
सरकार ने आवश्यक वस्तुओं की सूची में एक अहम् बदलाव किया है, इस सूची से अनाज, दाल-दलहन, खाद्य तेल-तिलहन, आलू और प्याज को हटा दिया है । इसका मतलब है कि अब इन वस्तुओं के भंडारण की सीमा अर्थात स्टॉक लिमिट हट गई है । अब इन वस्तुओं का ज्यादा भंडारण करने पर किसी प्रकार की कानूनी कार्यवाही नहीं होगी । कंपनियां या कोई व्यापारी इन वस्तुओं को किसी भी सीमा तक जमा करने के लिए पूर रूप से स्वतंत्र है ।
सरकार नें इन आवश्यक वस्तुओं को एक अध्यादेश के माध्यम से बीते जून में ही हटा दिया था, परन्तु अध्यादेश एक सीमित अवधि तक ही मान्य होता है और उसे स्थायी रूप देने के लिए इस बारे में कानून बनाना आवश्यक है । आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 को सरकार ने बीते 22 सितंबर को इससे संबंधित विधेयक को संसद के दोनों सदनों से पारित हो गया,और अब राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलते ही यह एक कानून बन जायेगा |
आवश्यक वस्तु अधिनियम बनाने का कारण (Reason for making Essential Commodities Act)
हमारे दैनिक जीवन में उपयोग होनें वाली कुछ ऐसी वस्तुएं होती हैं, जिसके बिना जीवन व्यतीत करना मुश्किल होता है | सरकार ऐसी आवश्यक वस्तुओं को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत आवश्यक वस्तु की सूची में डाल देती है | इसके पीछे सरकार का यह मकसद होता है, कि लोगों को जरूरी चीजें सही कीमत पर मिले |
सरकार द्वारा आवश्यक वस्तुओं की सूची में समय-समय पर बदलाव होता रहता है, हाल ही में सरकार ने मास्क और सैनिटाइजर को भी सूची में शामिल किया था | आवश्यक वस्तुओं में पेट्रोलियम (पेट्रोल, डीजल, नेफ्था और सोल्वेंट्स आदि), खाना (बीज, वनस्पति, दाल, गन्ना, गुड़, चीनी, चावल और गेहूं आदि), टेक्सटाइल्स, जरूरी ड्रग्स, फर्टिलाइजर्स शामिल है |
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आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सजा का प्रावधान (Provision of Punishment under Essential Commodities Act)
आवश्यक वस्तु अधिनियम के सेक्शन 7(1) ए (1) के अंतर्गत रिकार्ड मेनटेन न रखना, इनकम टैक्स रिटर्न आदि से सम्बंधित नियमों का उल्लंघन करनें पर दोषी व्यक्ति को तीन महीने से एक साल तक की सजा देने का प्रावधान है | सेक्शन 7(1) ए (2) के अंतर्गत बड़े अपराध जैसे जमाखोरी करना, कालाबाजारी और मुनाफाखोरी आदि के लिए सजा का प्रावधान है | इस प्रकार का में जुर्म करने वाले को 7 वर्ष तक जेल की सजा या जुर्माना, या दोनों हो सकते है |
शिकायत करनें हेतु टोल फ्री नंबर (Toll free number to Complain)
यदि कोई दुकानदार आवश्यक वस्तु अधिनियम में शामिल वस्तुओं का निर्धारित मूल्य से अधिक लेता है, तो आप इसकी शिकायत नैशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन नंबर 1800-11-4000 पर कर सकते हैं | इसके आलावा आप ऑनलाइन भी शिकायत www.consumerhelpline.gov.in पर कर सकते हैं | विभाग की वेबसाइट www.consumeraffairs.nic.in और मेल dsadmin-ca@nic.in के माध्यम से और dirwm-ca@nic.insecy.doca@gov.in पर भी शिकायत भेज सकते हैं |
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यहाँ आपको आवश्यक वस्तु अधिनियम क्या है, संशोधन, धाराएं क्या है, इसकी जानकारी से अवगत कराया गया है | यदि आप इस जानकारी से संतुष्ट है, और इससे समबन्धित अन्य जानकारी प्राप्त करने के इच्छुक है तो कमेंट के माध्यम से अवश्य पूछें, आपकी प्रतिक्रिया का जल्द ही उत्तर देने का प्रयास किया जायेगा | अधिक जानकारी के लिए hindiraj.com पोर्टल पर विजिट करते रहे |
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