जैसा की हम सभी जानते हैं की गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर रखा है। जिसके चलते घर से बहार निकलना भी मुश्किल हो गया हैं। इंसान का शरीर एक हद तक ही गर्मी बर्दाश्त कर सकता है. उससे ज्यादा तापमान होने से शरीर में परेशानी होने लगती है अब सभी का यही सवाल हैं की आखिरकार इंसान कितना तापमान बर्दाशत कर सकता है? अगर आप भी यही जानना चाहते हैं, तो हमारा यह आर्टिकल आपके लिए सही हैं क्योकि आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में इससे जुडी सभी जानकारी देने वाले हैं। इंसान कितनी गर्मी बर्दाशत कर सकता है? इससे जुडी सभी जानकारी को विस्तार से जानने के लिए आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।
शरीर का तापमान
हर साल अप्रैल से लेकर जुलाई तक गर्मी लोगों को जमकर परेशान करती है। और इस बार तो दिल्ली में गर्मी ने 12 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। क्योकि तापमान लगभग 50-52 तक पहुंच गया है। हीट वेव की वजह से गर्मी का प्रकोप अधिक देखने को मिलता हैं। अब सड़क पर चलना भट्टी में जलन बराबर हो गया है। आए दिन हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। रात में भी गर्मी से राहत नहीं मिलती है। मिनिमम टेंपरेचर भी मैक्सिमम होता जा रहा है। इसलिए हमारा यह जानना जरूरी हैं की हमारा शरीर कितनी गर्मी बर्दाश्त कर सकता है। चलिए जानते हैं।
हमारा शरीर कितनी गर्मी बर्दाश्त कर सकता है?
हम आपको बतादें की एक्सपर्ट के अनुसार चाहे गर्मी हो या सर्दी हमारे शरीर के भीतर का तंत्र शरीर का तापमान 37.5 डिग्री सेल्सियस बनाए रखने के लिए काम करता है। लेकिन आए दिन गर्मी के कारण लोगों की मौत भी हो रही है, क्योंकि हर इंसान के अंदर गर्मी को बर्दाशत करने की सीमा होती है, जो उनकी इम्यूनिटी पर निर्भर करती है। 107 फेरेनहाइट तापमान यानी की 42 डिग्री सेल्सियस के ऊपर सर्वाइवल काफी मुश्किल हो जाता है।वहीं दिमाग के पीछे का हिस्सा जिसे हाइपोथैलेमस कहा जाता है वो शरीर के अंदर के तापमान को रेगुलेट करता है। पसीना आना, मुंह से सांस लेना, गर्मी लगने पर खुली और हवादार जगह पर जाना, ये सब शरीर के अंदर के वो सिस्टम हैं जो तापमान को कंट्रोल रखते हैं।
यदि कोई इंसान अधिक तापमान में लगातार रह रहा है तो उसका मेटाबॉलिज्म खराब हो जाता है, जिससे शरीर को सुरक्षित रखने वाले एंजाइम निकलना बंद हो जाते हैं, जिस कारण उसका मल्टी ऑर्गन फेल हो जाता है और उसकी मौत हो जाती है। मानव शरीर 37.5 डिग्री सेल्सियस में काम करने के लिए बना है. ऐसे में तापमान 2-4 डिग्री ऊपर और नीचे जाने से शरीर को कोई दिक्कत नहीं होती है।
कुछ जरूरी बातें
- मानव शरीर 37.5 डिग्री सेल्सियस तक तापमान झेल सकता है।
- गर्मी से कई लोगों की मौत भी हो रही है। ऐसे में तापमान को झेलने के लिए इंसान को अपनी म्यूनिटी और खानपान पर ध्यान देने की जरूरत है।
- इसके लिए जरूरी है कि आप अपनी डाइट का भी ख्याल जरूर रखें।
- साथ ही पसीना या पानी शरीर से कैसे बाहर निकल रहा है।
- आपकी फिजिकल एक्टिविटी क्या है
- आपने कैसे कपड़े पहने हैं।
- आपको पानी खूब पीना चाहिए. पसीना ज्यादा आने से पानी की कमी होने लगती है।
FAQ’s
मानव शरीर 37.5 डिग्री सेल्सियस तक तापमान झेल सकता है।
मानव शरीर को 50 डिग्री का अधिकतम तापमान सहन करना मुश्किल होता है। इससे ज्यादा तापमान का बढ़ना मौत का कारण बन सकता है।
शरीर का सामान्य तापमान लगभग 98.6° F (37°C) होता है।
व्यक्ति को कमरे के तापमान पर अंदर ले जाएं और उसे गर्म कंबल से ढक दें ।
जैसे- कम सक्रिय थायरॉयड, जिसे हाइपोथायरायडिज्म भी कहा जाता है; खराब पोषण या एनोरेक्सिया नर्वोसा; मधुमेह; स्ट्रोक; गंभीर गठिया; पार्किंसंस रोग; आघात; और रीढ़ की हड्डी की चोटें।