ONDC in Hindi: देखा जाए तो आज कई E-commerce कंपनियां भारत समेत पूरे विश्व में अपने व्यापार को बढ़ा रही है एक रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले कुछ वर्षों में ऑनलाइन व्यापार लगभग 200 बिलियन डॉलर होने की संभावना है और इसमें कुछ ही कंपनियों का प्रभुत्व है जैंसे Amazon, Flipkart, Myntra, Meesho आदि। इनमें सबसे अधिक लोकप्रिय Amazon है उसके बाद Flipkart तो इसी नंबर पर Myntra है। इन तीनों ही प्लेटफार्म्स का भारत में कहे तो एक छत्र राज है। इसी प्रतिस्पर्धा को रोकने के भारत सरकार ने ONDC का गठन किया है, जो एक Open Source Network पर कार्य करेगा और सभी छोटे-बड़े E-commerce Apps व Websites को एक प्लेटफार्म पर कनेक्ट करेगा। आज इस आर्टिकल में आप ONDC क्या है | ओएनडीसी का फुल फॉर्म ONDC App कैसे काम करता है, इसके बारे में जानेंगे।
तो आईये अब हम ONDC के बारे में सभी जानकारियां और डिटेल में जानते हैं।
बिजनेस के लिए लोन कैसे प्राप्त करें
ONDC क्या है?
ONDC यानि की “Open Network For Digital Commerce” एक गैर लाभकारी संगठन के रूप में स्थापित एक नेटवर्क है, जिसका मुख्य उद्देश्य है, कि सभी ऑनलाइन छोटे-बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को एक ओपन प्लेटफार्म पर लाकर लोकतंत्रीकरण किया जाए अर्थात एक केंद्रीकृत मॉडल से ओपन सोर्स नेटवर्क की तरफ ले जाया जाए।
वर्तमान में Amazon, Flipkart व Myntra जैसी E-commerce Websites अथवा Apps का स्वामित्व है, जिसके कारण छोटे व्यवसाय ई कॉमर्स पर अपनी पहचान नहीं बना पाते, इसी समस्या का निराकरण है, ONDC, जिसमें सभी सभी छोटे-बड़े E-commerce Platforms के प्रोडक्ट्स व वस्तुएं, एक ही ओपन सोर्स नेटवर्क यानि ONDC पर रजिस्टर्ड व उपलब्ध होंगे। जिससे आप अपने बजट के मुताबिक किफायती मूल्य पर जिस भी ऐप अथवा वेबसाइट से खरीददारी करना चाहें कर सकते हैं।
देखा जाए तो ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों को एक ही ऐप में अर्थात जैंसे Amazon है, तो उसी पर पंजीकृत होना आवश्यक है, लेकिन ONDC के माध्यम से यदि कोई व्यक्ति अमेजन पर पंजीकृत है, तो वह फ्लिपकार्ट से भी वस्तु खरीद सकता है या लेन देन कर सकता है, बशर्ते Flipkart, ONDC से जुड़ा होना चाहिए।
ओएनडीसी का फुल फॉर्म
ONDC का Full Form “Open Network For Digital Commerce” है।
ONDC का गठन
ONDC का गठन केंद्र सरकार के द्वारा एक गैर लाभकारी संगठन के रूप में किया गया है, जिसमें 9 सदस्यीय संगठन है, जिसे सलाहकारी परिषद के रूप में गठित किया गया है। इसका नोडल मंत्रालय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के तहत आता है।
इसके संस्थापक सदस्यों में Infosys के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणी की मुख्य भूमिका इसके गठन में रही है। वर्तमान में इसे देश के 5 शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया गया है। यदि ये पायलट प्रोजेक्ट सफल होता है, तो इसे सम्पूर्ण भारत में लागू कर दिया जायेगा।
ONDC के उद्देश्य
ONDC का मुख्य उद्देश्य सभी E-Commerce और ऑनलाइन व्यापार करने वाले प्लेटफार्म्स को एक प्लेटफार्म में लाकर खुली प्रतियोगिता में लाना है और कंपनियों की मोनोपाली और एक छत्र राज को समाप्त करना है। इसके मुख्य उद्देश्य निम्न हैं –
- ONDC का मुख्य उद्देश्य किसी एक विशिष्ट प्लेटफार्म को ओपन सोर्स पद्धति पर विकसित नेटवर्क को बढ़ावा देना हैं।
- जिस प्रकार UPI एकीकृत भुगतान प्रणाली पर आधारित है, उसी प्रकार ONDC के माध्यम से भी सभी E Commerce कंपनियों, विभिन्न ऐप को एक एकीकृत परिचालन या एक ही App पर लाने का प्रयास है।
- यह एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को संदर्भित करता है।
ONDC के लाभ
- ONDC केटलॉगिंग, इन्वेंट्री प्रबंधन, ऑर्डर प्रबंधन और ऑर्डर पूर्ति जैंसे कार्यों का मानकीकरण करना।
- छोटे व्यवसायों के लिए नेटवर्क पर खोजे जाने योग्य व्यवसाय का संचालन करना सरल और आसान हो जायेगा।
- किसी अन्य प्लेटफार्म से जुड़े होने के बाबजूद किसी अन्य प्लेटफार्म पर खरीदारी कर सकते हैं।
- प्रतिस्पर्धा में छोटे ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं और नए प्रवेशकों को प्रोत्साहित करता है।
- समान अवसर की भागीदारी की परिकल्पना करना।
- ऑनलाइन प्लेटफार्म को और सुलभ बनाना।
ONDC App कैसे काम करता है?
ONDC एक Mediator का काम करेगा, जिसमें Buyers, Sellers, Platforms और Technology एक साथ कनेक्टेड होंगे, जैंसे यदि आप एक विक्रेता हैं और आपको ऑनलाइन प्रोडक्ट सेल करना है तो आपको उसे ऑनलाइन स्टोर करना होगा, इसके लिए अपनी एक App या Website बना सकते हैं और उसे ONDC से कनेक्ट कर सकते हैं। ONDC से कनेक्ट होने के बाद आपने उस ऐप अथवा वेबसाइट में जितने भी प्रोडक्ट्स को स्टोर किया होगा, वे सभी दूसरे प्लेटफार्म में भी दिखाई देने लगेंगे जिससे कोई भी उपभोक्ता चाहे तो उसे Paytm से या Phone Pay से भी ऑर्डर कर सकता हैं, क्योंकि पेटीएम भी ONDC से कनेक्टेड होगा।
इसे सामान्य शब्दों में ऐसे समझ सकते हैं, कि अभी आपको कोई सामान खरीदना है या बेचना है, तो आपको Amazon पर स्टोर करना होगा या फ्लिपकार्ट में स्टोर करना होगा या आप जो सामान खरीदना चाहते हैं, तो उसे सिलेक्ट करके Cart में डालना होगा और उसे उसी प्लेटफार्म से खरीद सकते हैं, लेकिन ONDC से कनेक्ट करके आप किसी भी प्लेटफार्म से खरीद या बेंच सकते हैं और जितने भी प्लेटफार्म ONDC से कनेक्ट होने वो सभी प्रोडक्ट सभी प्लेटफार्म्स में दिखाई देने लगेंगे आप किसी भी App से उस प्रोडक्ट को खरीद या बेंच सकते हैं अर्थात आप सिर्फ एक ऐप से सभी प्रोडक्ट को Access कर सकते हैं।
ONDC Seller and Buyer Registration Process in Hindi
ओएनडीसी पर अपना सामान कैसे बेचे: ONDC पर एक सेलर या वेंडर व Buyer के रूप में पंजीकरण करने के लिए आप ONDC India Official Portal https://ondc.org/ पर विजिट कर सकते है | ONDC के प्रयोग के लिए बहुत सी कम्पनियों ने अपनी ऐप्स बनाने शुरू कर दिए हैं। पायलट प्रोजेक्ट के सफल होते ही यह प्रोजेक्ट संपूर्ण भारत में लागू कर दिया जाएगा और बहुत जल्द ही सार्वजनिक रूप से चालू हो जाएगा। अभी तक कई कम्पनियों ने ONDC एप बनाने चालू कर दिए हैं, इनमें से कुछ Seller App हैं तो कुछ Buyer App हैं। लेकिन अभी इस प्रोजेक्ट को पूरे देश में लागू होने में समय लगेगा।
Paytm और Phone pay जैसी कंपनियों ने अपने उपयोगकर्ताओं के लिए ओएनडीसी से संबद्ध विक्रेता से खरीददारी की सुविधा देने लगीं हैं।
ONDC, E-Commerce के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी भूमिका अदा कर रहा है। ONDC के आ जाने से सभी ऑनलाइन प्लेटफार्म एकीकृत ओपन सोर्स प्लेटफार्म से कनेक्ट हो रहे हैं, जो की एक अच्छी पहल है और ये पहल भारत में खुदरा व्यापारियों के साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी अधिक संसाधन एक ही प्लेटफार्म से उपलब्ध करायेगा।
Note: अभी ONDC एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाया जा रहा है तो इस प्रकार, अभी बेहद ही सिमित क्षेत्रो में इसकी उपलब्धता है |
FAQ’s
ONDC फिलहाल अभी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पांच शहरों में शुरू किया है, यह प्रोजेक्ट सफल हो जाने के बाद ही सरकार द्वारा इसे देश भर में शुरू करने का फैसला लिया जाएगा।
ओएनडीसी पायलट प्रोजेक्ट में पांच शहरों में लांच किया जाएगा, जिसमें दिल्ली-एनसीआर, बंगलूरू, कोयंबटूर, शिलांग व भोपाल को शामिल किया गया है।