खसरा खतौनी और जमाबंदी का क्या मतलब होता है



दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जो पूर्ण रूप से किसान हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके पास खेत तो होते हैं, लेकिन वो पूरी तरह से किसान बनकर खेतों में काम नहीं कराते है | इसके अलावा ऐसे लोगों को खेतों से सम्बंधित पूरी जानकारी भी नहीं होती है, कि उनके खेत किस जगह पर पर और कितनी जमीन के वो हकदार है क्योंकि, इस प्रकार की जानकारी रखने के लिए लोगों को खसरा खतौनी और जमाबंदी के विषय में जानकारी होना बहुत ही आवश्यक होता है , क्योंकि इन्ही के माध्यम से लोग अपनी जमीन की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते है |

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इसलिए यदि आप भी खसरा खतौनी और जमाबंदी के विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको खसरा खतौनी और जमाबंदी क्या मतलब होता है , खसरा और खतौनी में क्या अंतर है? इसकी पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है | 

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खसरा क्या है ?

खसरा भारत में इस्तेमाल किया जाने वाले एक कानूनी कृषि दस्तावेज है , यह एक  ऐसा दस्तावेज हैं, जो  जमीन और फसल के विवरण को पूरी तरह से साफ कर देता है। खसरा  से लोगों को परांपरागत  रूप से पूरे विस्तार से “सभी क्षेत्रों और उनके क्षेत्रों, माप, की जानकारी  प्राप्त हो जाती है  | इसके साथ ही खसरा में वह कौन सा किसान नियोजित करता है, कौन सी फसल, किस तरह की मिट्टी, जमीन पर कौन से पेड़ हैं” इसकी जानकारी भी प्राप्त हो जाती है | खसरा संख्या राज्य के राजस्व विभाग द्वारा बताई गई भूमि की पार्सल पहचान संख्याएं होती हैं। यह एक ऐसी संख्या है, जो गांव के भीतर अद्वितीय होने की उम्मीद है।  

खतौनी क्या है ?

खतौनी जमीन से सम्बंधित वह एक शब्द है, जो मुख्य रूप से एक गांव के ख्रासों पर आधारित एक सार कहा जाता है क्योंकि यह उस गांव में किसी व्यक्ति या परिवार की सभी होल्डिंग्स को सूचीबद्ध  करने के काम को पूरा करता है। इसके साथ ही यह किसी भी व्यक्ति से संबंधित उस व्यक्ति की खतौनी में सूचीबद्ध होंगे।

Khewat (खेती): एक मालिक की भूमि होल्डिंग्स की एक सूची।

Khewat-Khatauni (खेत-खतौनी): एक संयुक्त Khewat और Khatauni।

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जमाबंदी क्या है ?

जमबंदी (Jamabandi) एक हिंदी शब्द है , जिसका इस्तेमाल प्रमुख रूप से  भारत के विभिन्न राज्यों जैसे – हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मणिपुर आदि में इस्तेमाल होने वाली भूमि रिकॉर्ड शब्द के लिए किया जाता है | यह एक दस्तावेज हैं, जिसका उपयोग जमाबंदी भूमि रिकॉर्ड / राजस्व रिकॉर्ड  के लिए किया जाता है। यह विभिन्न क्षेत्रों जैसे – फर्ड, पर्च या कई अन्य अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है, लेकिन इनमे से सबसे प्रचलित नाम  जमाबंदी ही है।

जमाबंदी  से किसी भी गांव के अधिकारों के भूमि रिकॉर्ड (ROR) को देखा जा सकता है। जमाबंदी रजिस्टर में मालिकों का नाम, भूमि का क्षेत्र, मालिकों के शेयर, अन्य अधिकार, खेती, किराया और राजस्व और जमीन पर देय अन्य कर शामिल होते है |

खसरा और खतौनी में क्या अंतर है 

क्र.स. खसरा खतौनी
1 खसरा एक कानूनी कृषि दस्तावेज  है , जिसका  इस्तेमाल  भारत के लिए किया जाता  है खतौनी वह शब्द होता है, जो मुख्य रूप से एक गाँव के खसरों पर आधारित एक सार है और यह  गांव में किसी व्यक्ति या परिवार के सभी होल्डर्स को सूचीबद्ध करता है
2. खसरा भूमि और फसल के विवरण को निर्दिष्ट करने के काम को पूरा करता है | खतौनी में ऑनर के अलावा यदि किसी और द्वारा खेती कराई जा रही है, तो उसे भी इसके अंतर्गत शामिल किया जाता है और इसके साथ ही मालूम किया जाता है कि, यह जमीन किसकी है,  जमीन है, सिचाई की सुविधा, पहले से कहीं गिरवी तो नहीं है जैसी सभी चीजें भी शामिल होती है |  
3. खसरा एक नबंर होता है |  ये ऐसे  नंबर होते है, जो राज्य के राजस्व विभाग द्वारा निरूपित भूमि पार्सल की पहचान करता है  | ये सभी खसरे जो किसी व्यक्ति के हैं, तो उस व्यक्ति की खतौनी में सूचीबद्ध किये जाएंगे ।

यहाँ पर हमने आपको खसरा खतौनी और जमाबंदी के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई है | अन्य सम्बंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए कमेंट करे | अधिक जानकारी के लिए पोर्टल hindiraj.com पर विजिट करे |

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