अनौपचारिक पत्र कैसे लिखे



अनौपचारिक पत्र (इनफॉर्मल लेटर) एक बेहद ही महत्वपूर्ण स्किल है व अक्सर स्कूल या कॉलेज में Informal Letter से सम्बंधित परीक्षा में भी प्रश्न पूछे जाते है | केवल अच्छे पत्र के अनुसार ही आपको परीक्षा में अंक दिए जाते है | आज इसी विषय में चर्चा करते हुए हम अनौपचारिक पत्र (इनफॉर्मल लेटर) क्या होता है, अनौपचारिक पत्र कैसे लिखा जाता है (Informal Letter Writing in Hindi) व इसके कुछ फॉर्मेट के बारे में भी जानेगे | 

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अनौपचारिक पत्र किसे कहते हैं (What is Informal Letter) ?

अनौपचारिक पत्र (Informal Letter) हमेशा निजी या व्यक्तिगत (Personal) लोगो से सम्बंधित होता है | इन पत्रों की सबसे खास बात यह होती है, कि इन पत्रों में आत्मीयता का भाव प्रदर्शित होता है अर्थात अपने पन की झलक होती है, इसके साथ ही इसमें अपनी निजी बातों का उल्लेख किया जाता है | अनौपचारिक पत्र लेखन में लेखक अपनें सुख और दुख को बतानें के साथ ही उसके साथ अपनें व्यक्तिगत संबंधों का उल्लेख किया जाता है |

अनौपचारिक पत्र के प्रकार (Types of informal letter)

  • बधाई पत्र (Greeting Letter)
  • निमंत्रण पत्र (Invitation Letter)
  • शुभकामना पत्र (Greeting Card)
  • सांत्वना पत्र (Consolation Letter)
  • विशेष अवसरों पर लिखे गये पत्र (Letters written on special Occasions)
  • किसी प्रकार की जानकारी देने हेतु (To give any kind of information)
  • किसी प्रकार की सलाह देने हेतु (To give any kind of advice)

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अनौपचारिक पत्र लिखनें से सम्बंधित महत्वपूर्ण बातें (Important Things Related To Writing Letters)

  • अनौपचारिक पत्रों में लिखनें की भाषा बहुत ही स्पष्ट और सरल होनी चाहिए।
  • पत्र में कहीं भी काट-छांट नही होनी चाहिए।
  • पत्र में लिखी गयी बात का उल्लेख पूर्ण रूप से किया जाना चाहिए।
  • इस प्रकार के पत्र की शुरुआत और अंत प्रभावशाली होना चाहिए।
  • पत्र लेखन में लेख स्वच्छतापूर्ण होना चाहिए।
  • अपना पता और दिनांक लिखने के बाद एक पंक्ति छोड़कर आगे लिखना चाहिए |
  • पत्र लिखनें वाले व्यक्ति तथा प्रापक की आयु, योग्यता, पद आदि का ध्यान रखा जाना चाहिए |

अनौपचारिक पत्र के संबोधन के प्रकार (Types Of Informal Letter Addresses)

  • पूज्य – पिता जी, माता जी, गुरु जी आदि के लिए |
  • आदरणीय – चाचाजी, मामाजी, भाई साहब, दीदी, भाभी जी आदि के लिए |
  • श्रद्धेय – चाचा जी गुरुवर इत्यादि |
  • प्रिय – भाई, बहन, मित्र इत्यादि के लिए |

अनौपचारिक पत्र लिखनें का प्रारूप (Informal letter Writing format)

  • पता (Address) – पत्र में बाईं ओर सबसे ऊपर प्रेषक (पत्र भेजने वाले) का नाम व पता लिखा जाता है।
  • दिनांक (Date) – यह पत्र जिस दिन लिखा जा रहा है, उस दिन की तिथि या दिनांक |
  • संबोधन (Exhortation) – जिस व्यक्ति को पत्र लिखा जा रहा है, आपके के साथ संबंध के अनुसार संबोधन का प्रयोग किया जाता है।
  • अभिवादन (Greeting) – पत्र में संबंध के अनुसार अभिवादन जैसे कि सादर प्रणाम, चरण स्पर्श, नमस्ते, नमस्कार, मधुर प्यार आदि |
  • मुख्य विषय (Main Subject)– मुख्य विषय को मुख्यतः 3 अनुच्छेदों में विभाजित करना चाहिए। पहले अनुछेद की शुरुआत में “हम/मैं यहाँ कुशल हूँ, आशा करता हूँ कि आप भी वहाँ कुशल होंगे।”

दूसरे अनुच्छेद में पत्र लिखनें के कारण का उल्लेख किया जाता है और तीसरे अनुछेद में समाप्ति से पहले, कुछ वाक्य अपने परिवार व सबंधियों के कुशलता के लिए लिखे जाते है |

  • समाप्ति (End Of Letter)– अंत में प्रेषक का सम्बन्ध जैसे- आपका पुत्र, आपकी पुत्री, आपकी की भतीजी आदि”।

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अनौपचारिक पत्र का प्रारूप पीडीएफ (Informal Letter Format In PDF)

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