जब आप किसी से पूछते हैं कि कंप्यूटर क्या है तो इसका जवाब तो लोग आराम से दे देते हैं लेकिन जब उनसे आप पूछते हैं कि कंप्यूटर की बेसिक जानकारी दीजिये तो यह सवाल सुनकर ही लोग दुविधा में पड़ जाते हैं। क्योंकि यह जानकारी काफी कम लोगों के पास होती है।
परंतु अब आप इस दुविधा में नहीं पड़ेंगे क्योंकि इस लेख में आपको हम Basic Computer Knowledge in Hindi के साथ साथ कुछ अन्य जानकारियां आपको देने वाले हैं। यह सारी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे साथ इस लेख के अंत तक जुड़े रहें।
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Basic Knowledge of Computer in Hindi (कंप्यूटर की बेसिक जानकारी)
कंप्यूटर आधुनिक जीवन के लिए इतना महत्त्वपूर्ण है कि इसके बारे में जितनी जानकारी आपको दी जाए उतनी कम है। और एक ही भाग में इस जानकारी को नहीं दिया जा सकता। इसलिए हमने Basic Knowledge of Computer in Hindi को कुछ भागों में विभाजित करके निम्नलिखित आपको जानकारी दी है।
What is Computer in Hindi (कंप्यूटर किसे कहते है ?)
कंप्यूटर असल में एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो कई सारे उपकरणों के साथ मिलकर बनी है। लेकिन मुख्य तौर पर यह चार उपकरणों के साथ मिलकर बना हुआ है जोकि हैं – डिस्प्ले (Display), माउस (Mouse), कीबोर्ड (Keyboard), मदर बोर्ड (Motherboard), और CPU.
जब आप कंप्यूटर को कोई डाटा Input की तरह देते हैं तो कंप्यूटर डाटा के साथ प्रोसेस करके आपको आउटपुट दे देता है। यदि आपको समझ नहीं आया तो कोई बात नहीं, मैं आपको आसान भाषा में समझने की कोशिश करता हूं।
जैसे कि मुझे अगर मैंगो जूस पीना है तो मैं मिक्सर को इस्तेमाल में लाऊंगा। मैंगो जूस बनाने के लिए कुछ सामग्री की भी जरूरत होगी जोकि आम का पल्प, सक्कर, दूध, और मिक्सर होगी। इसमें से मिक्सर CPU की तरह होगा जो सामग्री को अच्छे से मिलाने की प्रोसेस करेगा, कंप्यूटर के लिए इनपुट आम के पल्प, सक्कर, और दूध होंगे और इन सभी को मिलाकर जूस जो हमें मिलेगा वह आउटपुट होगा। ठीक इसी प्रकार से कंप्यूटर भी काम करता है।
कंप्यूटर की परिभाषा (Definition of Computer in Hindi)
कंप्यूटर की परिभाषा काफी आसान है। कंप्यूटर एक ऐसा यंत्र या फिर मशीन है जो प्रक्रियाओं (Processes), गणना (Calculations) और संचालन (Operations) को दिये गए निर्देशों के आधार किसी सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर प्रोग्राम के माध्यम से Perform करती है।
कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं ? (Types of Computer with Example)
अलग अलग कार्यों के लिए अलग अलग कंप्यूटर उपयोग में लाए जाते हैं। कंप्यूटर वैसे तो कई प्रकार के होते हैं लेकिन इनमें से कुछ मुख्य प्रकार के जो कंप्यूटर हैं उनकी जानकारी निम्नलिखित आपको हम प्रदान करने जा रहे हैं:-
- On the basis of application (Application के आधार पर)
- On the basis of purpose (उद्देश्य के आधार पर)
- On the basis of size (Size के आधार पर)
On the Basis of Application (Application के आधार पर)
एप्लिकेशन के आधार पर कंप्यूटर तीन प्रकार के होते हैं जोकि कुछ इस प्रकार हैं:-
- Analog Computer – यह कंप्यूटर Analog data को प्रोसेस करता है। इसमें Analog data उस डाटा को कहा जाता है जो अंकों के रूप में नहीं होते। यह Physical quantity के रूप में होते हैं और इनकी गणना नहीं की जा सकती। Voltage, Temperature, Pressure आदि इसके उदाहरण हैं।
- Digital Computer – इस कंप्यूटर को व्यवसाय के उद्देश्य के लिए बनाया गया है। यह Numerical डाटा को स्टोर करके रखते हैं। इस प्रकार के कंप्यूटर 0 और 1 के आधार पर डाटा को स्टोर करके रखते हैं। असल में 0 और 1 को बाइनरी डिजिट कहा जाता है। यह कंप्यूटर वर्तमान में सबसे ज़्यादा प्रचलित हैं।
- Hybrid Computer – इसमें डिजिटल और Analog दोनों के ही गुण पाए जाते हैं। ज़्यादातर इसका इस्तेमाल अस्पतालों में किया जाता है जिसमें मरीज़ का ब्लड प्रेशर या धड़कन आदि को एनालॉग के रूप में मापा जाता है और फिर उस डाटा को अंकों के रूप में दिखाया जाता है।
On the Basis of Purpose (उद्देश्य के आधार पर)
उद्देश्यों के आधार पर हम कंप्यूटर को दो भागों में विभाजित कर सकते हैं जिसकी जानकारी यह रही:-
- General Purpose Computer – इसके नाम से ही ज़ाहिर होता है कि इस कंप्यूटर का इस्तेमाल आम कार्यों को करने के लिए किया जाता है। यह कंप्यूटर एक बार में कई कार्य करने की क्षमता रखता है। जैसे कि हम letter, document, game playing, watching movie, listening audio आदि जैसे कार्य एक बार में ही करें। ऐसे करना General Purpose Computer में संभव है।
- Special Purpose Computer – इसके भी नाम से हमें मालूम चल रहा है कि इस कंप्यूटर का इस्तेमाल कुछ ख़ास किस्म के कार्यों को करने के लिए किया जाता है। इसे कई लोग Dedicated कंप्यूटर भी कहते हैं। जैसे कि मौसम की भविष्यवाणी के लिए अलग कंप्यूटर बनते हैं और मिसाइल बनाने के लिए अलग। तो इन्हें Special Purpose Computer कहा जाएगा।
On the Basis of Size (Size के आधार पर)
इस बात में कोई संदेह नहीं कि अलग अलग कार्यों के लिए अगर अलग अलग कंप्यूटरों का इस्तेमाल किया जाएगा तो इनके साइज़ भी अलग अलग होंगे। साइज़ के आधार पर कंप्यूटर चार प्रकार के होते हैं जिनके बारे में निम्नलिखित हमने आपको बताया है:-
- Super Computer – इस कंप्यूटर में सबसे ज़्यादा CPU लगे होते हैं जोकि एक दूसरे के जैसे ही काम करते हैं। गति और प्रदर्शन के आधार पर यह कंप्यूटर सबसे ताकतवर होते हैं। यह किसी ख़ास कार्य के लिए बनाए जाते हैं और ज़्यादातर इसे special purpose organization द्वारा ही बनाया जाता है। जैसे कि NASA की कोई रिसर्च या फिर मौसम की भविष्यवाणी के लिए मापन आदि।
- Mainframe Computer – इसकी गणना काफी तेज़ होती है और यह कंप्यूटर बहुत सारा डाटा स्टोर करने की क्षमता रखता है। हालांकि सुपर कंप्यूटर के मुकाबले में इसकी गति और स्टोरेज क्षमता कम होती है। बड़ी बड़ी कंपनियों द्वारा इसका इस्तेमाल किया जाता है। जैसे कि बैंक या फिर कोई बीमा कंपनी आदि।
- Mini Computer – साइज़ में यह कंप्यूटर काफी छोटे होते हैं और आमतौर पर इसका इस्तेमाल छोटे बिज़नेस के लिए किया जाता है। उदाहरण के तौर पर Railway reservation system, banking transaction आदि के लिए मिनी कंप्यूटर को इस्तेमाल में लाया जाता है।
- Micro Computer – इसका साइज बहुत ही छोटा होता है और इसमें CPU भी केवल एक ही लगा होता है। इसका Cost भी कुछ ज़्यादा महंगा नहीं होता है। ऐसे कंप्यूटर का इस्तेमाल घर, स्कूल और दफ्तर आदि में किया जाता है। Desktop computer, Laptops, PDA (Personal Digital assistant), Smart phones और Tablets आदि माइक्रो कंप्यूटर के ही प्रकार हैं।
कंप्यूटर के भाग व उनके कार्य (Main/Basic Parts of a Computer)
कई सारे भागों के मिलने पर कंप्यूटर बनता है। कंप्यूटर के वैसे तो बहुत सारे भाग होते हैं लेकिन मुख्त तौर पर इसके पांच भाग -सीपीयू (CPU), मॉनिटर (Monitor), माउस (Mouse), कीबोर्ड (Keyboard), यूपीएस (UPS) होते हैं। इन भागों को भी आगे दो भागों में विभाजित किया जाता है जिसकी जानकारी निम्नलिखित है:-
- हार्डवेयर (Hardware)
- सॉफ्टवेयर (Software)
कंप्यूटर के हार्डवेयर (Hardware)
हार्डवेयर वह भौतिक संरचना होती है जिसे देखा जा सकता है और छुआ भी जा सकता है। कंप्यूटर को निर्देश देने और आउटपुट प्राप्त करने के लिए हार्डवेयर उपकरणों को ही इस्तेमाल में लाया जाता है। मुख्य तौर पर यह 5 प्रकार के होते हैं जिनकी जानकारी निम्नलिखित आपको बताई गई है:-
- सीपीयू (CPU) – यह उपकरण कंप्यूटर के भीतर इलेक्ट्रॉनिक सर्किटरी है जो कंप्यूटर प्रोग्राम बनाने वाले निर्देशों को निष्पादित करता है। इसका पूरा नाम सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit) होता है। इसे कंप्यूटर का दिमाग भी कहा जाता है क्योंकि इसके अंदर ही सभी प्रकार के प्रोसेस होते हैं। हम कह सकते हैं कि पुरे कंप्यूटर को यही भाग कंट्रोल करता है।
- मॉनिटर (Monitor) – यह एक आउटपुट डिवाइस है जो कंप्यूटर द्वारा की गई प्रोसेस को करने के बाद रिजल्ट को दिखाता है। देखने के लिए यह एक सामान्य टीवी के रूप में होता है जो बड़े, छोटे या किसी भी साइज़ में हो सकता है। एक HD रिज़ोलुशन और बड़े साइज़ वाला मॉनिटर हमें साफ़ और बढ़िया रिजल्ट दिखाता है। आमतौर पर मॉनिटर दो प्रकार के होते हैं जोकि हैं – एलसीडी मॉनिटर (LCD Monitor) और सीटीआर मॉनिटर (CRT Monitor).
- माउस (Mouse) – कंप्यूटर में जो Cursor होता है उसे मूव करने के लिए माउस का इस्तेमाल किया जाता है। आप जो भी माउस देखेंगे तो आपको मालूम पड़ेगा कि इसमें तीन बटन – लेफ्ट बटन, राईट बटन और स्क्रॉल बटन होते हैं। माउस को इस्तेमाल करने के लिए इसे माउस पैड या सपाट सतह (Flat Surface) पर रखा जाता है ताकि आसानी से इसका इस्तेमाल किया जा सके।
- कीबोर्ड (Keyboard) – हार्डवेयर में से सबसे ज़्यादा उपयोग किये जाने वाले उपकरणों में से एक कीबोर्ड है। यह एक इनपुट डिवाइस है जिसके द्वारा कंप्यूटर में डाटा को इनपुट किया जाता है। इसमें बहुत सारे बटन होते हैं जिनसे हम सुचना को टाइप कर सकते हैं और कंप्यूटर को इनपुट दे सकते हैं। कीबोर्ड भी दो प्रकार के होते हैं जोकि – 1) केबल कीबोर्ड और 2) वायरलेस कीबोर्ड हैं।
- यूपीएस (UPS) – यूपीएस का पूरा नाम Uninterruptible Power Supply होता है। जब आप कंप्यूटर पर कोई जरूरी काम कर रहे होते हैं तो अचानक लाइट चली जाए तो हमारा बहुत बड़ा नुक्सान हो सकता है। इससे निजात पाने के लिए यूपीएस का इस्तेमाल किया जाता है। असल में लाइट जाने के बाद 15 मिनट तक यह कंप्यूटर को ऑन रख सकता है ताकि अपना जरूरी काम आप निपटा सकें।
सॉफ्टवेयर (Software)
कंप्यूटर के इस अंग को देखा नहीं जा सकता। इस भाग को केवल मॉनिटर के द्वारा देखा जा सकता है। मुख्य तौर पर आप इसे दो भागों में बांट सकते हैं:-
- सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) – कंप्यूटर के लिए यह बहुत जरूरी होता है। इसे ऑपरेटिंग सिस्टम के नाम से भी जाना जाता है और यह कंप्यूटर सिस्टम को चलाने के लिए सिस्टम सॉफ्टवेयर उसे निर्देश देता है। विश्व में बहुत सारे सिस्टम सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं जिनमें से माइक्रोसॉफ़्ट विंडोज़, एप्पल मैक ओएस और लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम काफी मशहूर हैं।
- एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) – किसी विशेष कार्य को करने के लिए एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है। अलग अलग कामों के लिए अलग अलग एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर होते हैं। जैसे कि फोटो को एडिट करने के लिए फोटोशॉप नामक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है।
कंप्यूटर की कार्यप्रणाली (How Does A Computer Work in Hindi?)
जैसा कि हम सभी जान चुके हैं कि कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है। अन्य इलेक्ट्रॉनिक मशीनों की तरह कंप्यूटर भी इनपुट, प्रोसेस और आउटपुट के सिद्धांत पर काम करता है। अत हम कह सकते हैं कि कंप्यूटर की कार्य प्रणाली को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है। इन भागों की जानकारी कुछ इस प्रकार है:-
- इनपुट (Input) – कंप्यूटर को जो निर्देश दिये जाते हैं उन्हें इनपुट कहा जाता है। इनपुट को देने में कंप्यूटर के कुछ उपकरण हमारी मदद करते हैं। यह उपकरण की-बोर्ड, माउस, बैनर, माइक्रोफोन, वेब कैमरा, बार कोड रीडर, अप्टकॉल मार्क रीडर, जोयास्टिक आदि होते हैं।
- प्रोसेसिंग (Processing) – कंप्यूटर को जब इनपुट दे दिया जाता है तो कंप्यूटर दिये गए निर्देश पर प्रोसेस करता है। इस प्रोसेसिंग के कार्य को CPU द्वारा किया जाता है।
- आउटपुट (Output) – सारी प्रोसेसिंग करने के बाद कंप्यूटर हमें जो रिजल्ट देता है उसे आउटपुट कहा जाता है। इस आउटपुट को दिखाने में जो भी उपकरण इस्तेमाल में लाए जाते हैं उन्हें आउटपुट उपकरण कहा जाता है। आउटपुट के उदाहरण कुछ यह हैं:- मानीटर, प्रिंटर स्पीकर, हैडफ़ोन आदि .
कंप्यूटर की विशेषताएं (Computer Characteristics in Hindi)
कंप्यूटर की बहुत सारी विशेषताएं हमें देखने को मिलती हैं लेकिन निम्नलिखित आपको हम इनमें से कुछ विशेषताओं की जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं:-
- आदेश देकर कंप्यूटर से एक ही तरह के कार्य बार बार तीब्रता और विश्वसनीयता के साथ करवाए जा सकते हैं।
- कंप्यूटर अपने External और Internal संग्रहण माध्यमों द्वारा असीमित डाटा और सूचनाओं को स्टोर करके रख सकता है।
- दिए गए निर्देशों के आधार पर विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों में कंप्यूटर तुरंत ही निर्णय लेने की क्षमता रखता है।
- कंप्यूटर का इस्तेमाल करके कुछ ही सेकंड्स में भंडारित सुचना में से आवश्यक सुचना को प्राप्त किया जा सकता है।
- एक ही प्रकार के काम को बार बार करने पर कंप्यूटर के कार्य की गुणवत्ता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
- पासवर्ड का उपयोग करके कंप्यूटर को गोपनीय बनाया जा सकता है और आवश्यक डाटा को संभाल के रखा जा सकता है।
- एक मशीन होने के कारण कंप्यूटर मानवीय दोषों से रहित है। इसका अर्थ है कि कंप्यूटर को थकान और बोरियत महसूस नहीं होती जिसकी वजह से बार बार यह एक ही काम को सामान क्षमता के साथ कर सकता है।
- कंप्यूटर में मौजूद मेमोरी को डाटा, सुचना और निर्देशों के Permanent Storage के लिए उपयोग किया जा सकता है। क्योंकि इलेक्ट्रिक तरीके से स्टोर होने की वजह से इसमें सूचनाओं के समाप्त होने की संभावना बहुत कम रहती है।
- कंप्यूटर की लगभग सभी गणनाएं त्रुटिहित होती हैं। गणना में यदि कोई त्रुटि आती है तो डाटा या प्रोग्राम में मानवीय गलतियां इसका कारण हो सकती हैं।