NUE Explained in Hindi
एनयूई (NUE) एक पेमेंट फ्रेमवर्क है जिसका मौसोदा रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने तैयार किया है जिससे भारत में NPCI के अलावा भी अन्य कंपनी UPI जैसे पेमेंट प्रणाली का निर्माण कर सकेगी और भारत के डिजिटल पेमेंट सिस्टम में सहयोग कर सकेगी | अभी तक लगभग 48% डिजिटल लेनदेन भारत सरकार की प्रणाली NPCI के द्वारा होता है |

देश में नई कंपनियों को लाइसेंस देने से एनपीसीआई को कड़ी टक्कर मिलेगी व डिजिटल टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा | आज है NUE के जुड़े आपके सवालो का जवाब इस लेख के जरिये देने की भरपूर कोशिश करेंगे लेकिन यदि आपके मन में आये NUE के सवाल हमे कमेंट बॉक्स या कांटेक्ट फॉर्म के माध्यम से भी लिख सकते है |
आइये जानते है क्या है NUE, इसका फुल फॉर्म व एनयूई (NUE) का क्या मतलब है और क्यों यह चर्चा का विषय भी है | आपके प्रतियोगी परीक्षा में उम्मीद है यह सवाल जरूर बनेगा और आप ध्यान से एनयूई (NUE) से जुडी सारी जानकारी प्राप्त करे |
क्या है एनयूई (NUE) | What is New Umbrella Entity
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने देश के डिजिटल मिशन के तहत जिसका मकसद देश की इकॉनमी को कैशलेस बनाना है, उसी सन्दर्भ में यह कदम उठाया है और एक एनयूई (NUE) जैसे पेमेंट फ्रेमवर्क का कांसेप्ट दिया है| एनयूई (NUE) के जरिये देश में अन्य कंपनी भी UPI मॉडल की तर्ज़ पर अपना खुद का पेमेंट नेटवर्क बना सकेगी, जिससे देश में डिजिटल वित्तीय लेनदेन में सुधार होगा | इसके जरिये आरबीआई देश में रिटेल पेमेंट सेक्टर में नये खिलाडी चाहता है जिससे डिजिटल लेनदेन में प्रतिस्पर्धा बढे और गुणवत्ता में सुधार हो |
इससे डिजिटल लेनदेन में पारदर्शिता व टैक्स चोरी से अर्थव्यस्था में सुधार होगा| एनयूई (NUE) के जरिये देश में डिजिटल वित्तीय लेनदेन पर अच्छी तरह से नज़र भी रखी जा सकेगी |
एनयूई (NUE) का फुल फॉर्म क्या है
एनयूई (NUE) का फुल फॉर्म ‘न्यू अंब्रेला एंटिटी’ है और अंग्रेजी में NUI Ka Full Form ‘New Umbrella Entity’ है |
न्यू अंब्रेला एंटिटी की जरुरत क्यों है?
देश में तेज़ी से बढ़ते हुए डिजिटल लेनदेन को लेकर सरकार और आरबीआई चिंतित है क्योंकि ज्यादातर लेनदेन में NPCI शामिल है और आने वाले समय में यह बढ़ने से NPCI अतिरिक्त दबाव हो जाएगा | सरकार चाहती है देश में अन्य न्यू अंब्रेला एंटिटी शामिल हो और आने वाली स्तिथि को सम करने में सहयोग करे | जैसे अभी NPCI UPI, IMPS को नियंत्रित करता है वैसे भी न्यू अंब्रेला एंटिटी भी अपना नेटवर्क के जरिये यह सब कार्य कर पाएगी और NPCI को बेहद ही कड़ी टक्कर मिलेगी |
न्यू अंब्रेला एंटिटी लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाली कंपनीया
- रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफिबीम एवेन्यूज, गूगल और फेसबुक |
- टाटा समूह, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, मास्टकार्ड, भारती, पे यू |
- अमेजन, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, पाइन लैब्स, बिलडेस्क और वीजा कार्ड |
- पेटीएम, इंडसइंड बैंक, ओला फाइनेंशियल, सेंट्रम फाइनेंस, जेटापे और ईपीएस |
न्यू अंब्रेला एंटिटी (NUE) कैसे काम करेगा
- न्यू अंब्रेला एंटिटी (NUE) को 6 भागो में बांटा जाएगा जिसके तहत
- पहले भाग में रिटेल स्टोर, एटीएम, पीओएस और आधार आधारित पेमेंट शामिल है
- दूसरे भाग में पेमेंट से संबंधित सभी तरह के सेटलमेंट होंगे जिनमें बैंक और नॉन बैंक दोनों शामिल होंगे व इसी के अंदर पेमेंट फ्रॉड से सम्बंधित कार्य शामिल होगे |
- तीसरे भाग में निष्पक्षता, इक्विटी और प्रतिस्पर्धात्मक शामिल है जिसके जरिये सिक्यूरिटी व गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाएगा |
- चौथे भाग में रिटेल पेमेंट को शामिल किया गया है |
- पांचवे भाग में एनपीसीआई द्वारा संचालित पेमेंट सिस्टम से सम्बंधित विषय को रखा गया है |
- छठे भाग में खाते से संबधित विषय को रखा गया है जिसके जरिये किस खाते को एक्टिव रखना है या किसे बंद करना है आदि के विषय में चर्चा की जायेगी |
हमे आशा है कि आप सभी पाठको को एनयूई (NUE) के विषय में अच्छी जानकारी प्राप्त हुई होगी और इसके विषय में जरूरी ज्ञान आपको प्राप्त हो चूका होगा, अपना सवाल हमे कमेंट बॉक्स पर जरूर लिखे साथ ही यह लेख सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करे |