पेटेंट क्या है? इसके उद्देश्य, प्रकार, महत्व, फायदे और नुकसान



पेटेंट एक कानूनी अधिकार है जो किसी व्यक्ति या संस्था को किसी विशेष खोज या नए अविष्कार के लिए दिया जाता है। पेटेंट शब्द का अर्थ एकस्व है। पेटेंट एक कानूनी दस्तावेज है जो पेटेंट कार्यालय द्वारा आविष्कार को संरक्षण चाहने वाले विषय की रक्षा के लिए दिया जाता है। आसान भाषा में कहे तो पेटेंट सरकार द्वारा आविष्कारक को दिया गया एक विशेष अधिकार है। जो दूसरों को उसकी अनुमति के बिना पेटेंट का फायदा उठाने से रोक सकता है। Patent किसी भी डिजाइन, प्रोडक्ट या प्रक्रिया के लिए दिया जा सकता है।

ताकि अन्य कोई इस पेटेंट की नकल न करें। अगर कोई व्यक्ति या संस्था किसी पेटेंट का इस्तेमाल करती है तो उसे पहले पेटेंट इस्तेमाल करने की अनुमति लेनी होगी अन्यथा उसके ऊपर केस दर्ज हो सकता है। पहली बार भारत में पेटेंट के लिए 1911 में अधिनियम बनाया गया था जिसे पेटेंट अधिनियम के द्वारा 1970 में बदल दिया गया।

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भारत में पेटेंट का इतिहास

पेटेंट मूल्यवान संपत्ति है जो किसी को अपने आविष्कार को दुरुपयोग के डर के बिना सार्वजनिक रूप से साझा करने में सक्षम बनाती है इसके अलावा पेटेंट वैज्ञानिक समुदाय के लिए प्रगति को सुलभ बनाकर देश के विकास और वृद्धि को गति देता है। भारत में पहली बार पेटेंट संबंधी कानून 1856 का अधिनियम VI था। जिसका उद्देश्य नई वस्तुओं के आविष्कार को प्रोत्साहित करना था। इसके बाद कोलकाता के सिविल इंजीनियर जॉर्ज अल्फ्रेड डेपेनिंग ने 3 मार्च 1856 को पेटेंट के लिए तत्कालीन सरकार के समक्ष आवेदन दिया था।

डेपेनिंग को 2 सितंबर को पेटेंट मिल गया। इस प्रकार इसे भारत का पहला पेटेंट माना जाता है। इसके बाद कानून में समय-समय पर बदलाव किए गए। सन 1911 में पहले के सभी विधानो को बदलते हुए भारतीय पेटेंट और डिजाइन अधिनियम 1911 लाया गया। यह यह अधिनियम पेटेंट के लिए 1970 तक लागू रहा, जो कि 1972 में लागू हुआ था।

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पेटेंट के प्रकार

पेटेंट केवल एक ही रूप में नहीं आते बल्कि अलग-अलग तरह के आविष्कारों के लिए अलग-अलग तरह के पेटेंट दिए जाते हैं कानूनी तौर पर Patent तीन प्रकार के होते हैं। पहला उत्पाद पेटेंट, दूसरा डिजाइन पेटेंट और तीसरा प्लांट पेटेंट। इन तीनों पेटेंट का विवरण नीचे दिया गया है।

  1. उत्पाद पेटेंट – जब कोई कंपनी अपने प्रोडक्ट का पेटेंट करवाती है। तो उसका प्रोडक्ट पर एकाधिकार हो जाता है। जिसका अर्थ होता है कि कोई भी कंपनी प्रोडक्ट की नकल नहीं कर सकती है। उत्पाद पेटेंट नई प्रक्रियाओं या मशीनों के लिए होते हैं। उदाहरण के लिए  आपने देखा होगा कि बाजार में कोई भी साबुन या टूथपेस्ट एक जैसे नहीं होते है। 
  • प्रक्रिया या डिजाइन पेटेंट डिजाइन पेटेंट केवल किसी वस्तु के डिजाइन के लिए उपयोग किया जाता है। जब किसी भी प्रोडक्ट को बनाने की एक निश्चित प्रक्रिया होती है। अगर कोई कंपनी उस प्रक्रिया को पेटेंट करवा लेती है तो अन्य कोई दूसरा इस प्रक्रिया को इस्तेमाल कर नया प्रोडक्ट नहीं बन सकता है। डिजाइन पेटेंट भौतिक वस्तु के लिए नहीं होते है।
  • प्लांट पेटेंट (Plant Patent) – प्लांट पेटेंट नए प्रकार के पौधों के लिए दिया जाता है। उन नए पौधों के लिए प्लांट पेटेंट दिया जाता है जो बीज या किसी अन्य तरीके से उत्पन्न होते हैं। जो मानव द्वारा आविष्कृत या खोजे गए होते है। अगर कोई बागवानी नए प्रकार की गुलाब की प्रजाति विकसित करता है जो पहले कभी नहीं देखी गई और उसमें कुछ विशेष गुण है जैसे कि एक मनमोहन खुशबू, अद्वितीय रंग तो बागवानी को उस गुलाब के पौधे के लिए प्लांट पेटेंट मिल सकता है। 

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पेटेंट का महत्व क्या है?

तो आईए जानते हैं कि किसी भी कंपनी को पेटेंट क्यों करवाना चाहिए और पेटेंट का महत्व क्या है, तो आईए जानते हैं कि आखिरकार पेटेंट का महत्व क्या है।

  • व्यापार को बढ़ाने में सहायता – पेटेंट आपको बाजार में बहुत जरूरी प्रतिस्पर्धी बढ़त देते हैं। यह अन्य संस्थाओं को आविष्कार की नकल करने पर रोक लगाता है। ताकि बाजार में प्रतिस्पर्धीयों का जोखिम कम हो सके। अगर आप कुछ ऐसा प्रोडक्ट या प्रक्रिया का आविष्कार कर रहे हैं जिसे लोग आगे चलकर कॉपी कर सकते हैं। और अगर आपके पास इसका पेटेंट अधिकार है तो आपका बिजनेस मार्केट में वृद्धि कर सकता है। जिसका सबसे अच्छा उदाहरण एप्पल का आईफोन है क्योंकि एप्पल के पास उसके प्रोडक्ट का पेटेंट है जिसे कोई और कंपनी नहीं बन सकती है एप्पल अपना बिजनेस लगातार वृद्धि कर रहा है।
  • 20 साल की सुरक्षा जब कोई व्यक्ति या बिजनेस में निवेश करता है तो जरूरी होता है कि उसकी खोज का लाभ उसे लंबे समय तक मिलता रहे। भारत के पेटेंट अधिनियम के अनुसार अगर कोई अपनी खोज को पेटेंट करवाता है। तो उसे 20 साल तक सुरक्षा मिलती है। उसके पेटेंट के सामान्य अवधि उस तिथि से 20 वर्ष तक होती है जिस दिन से पेटेंट के लिए आवेदन किया गया था। यानी पेटेंट आवेदन की तारीख से 20 साल तक वैध रहता है। जिसका अर्थ है कि कोई भी इंसान इस खोज का इस्तेमाल 20 साल तक बिना इसके मालिक के अनुमति के नहीं कर सकता है।
  • कमाई का नया सोर्स – किसी वस्तु को बनाने, बाजार में बेचने और बेचने के लिए पेटेंट का उपयोग किया जाता है। पेटेंट का उपयोग उन वस्तुओं के लिए किया जाता है जिन्हें उपभोक्ता खरीदते हैं। जब आप किसी प्रोडक्ट या प्रक्रिया को पेटेंट करवा लेते हैं तो कोई भी आपकी अनुमति के बिना इसको नहीं बना या बेच सकता है।  अगर कोई कंपनी या संस्था आपसे इस प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने के लिए अनुमति लेती है तो उसे आपको रॉयल्टी देनी होगी जो आपका बिजनेस के रेवेन्यू को बढ़ाने में मदद करेगी।

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पेटेंट से होने वाले फायदे 

  • विशेष अधिकार  – पेटेंट प्राप्त करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि पेटेंट आविष्कारक को विशेष अधिकार देता है। दूसरे शब्दों में कहे तो यह उल्लंघनकर्ताओं को दूर रखता है और उन्हें आविष्कार को बेचने, बनाने या विपणन करने से रोक लगाता है। साथ ही यह मलिक को ऐसे उल्लंघनकर्ताओं से कानूनी रूप से निपटने में भी सक्षम बनाता है।
  • स्वामित्व की भावना – पेटेंट आविष्कारक को अपने आविष्कार को सार्वजनिक डोमेन में साझा करने की सुरक्षा और आत्मविश्वास देता हैं। जिससे आविष्कारक अपने स्वामित्व को खोने के किसी भी डर के बिना अपने आविष्कार वैज्ञानिक समुदाय और निवेशकों के साथ साझा कर सकते हैं।
  • आविष्कार को लाइसेंस देने या बेचने का अवसर – कई बार आविष्कारक खुद का आविष्कार का दोहन नहीं करना चाहते हैं ऐसे मामलों में आविष्कारक अन्य किसी उद्यम को बेचने या उसका व्यवसायीकरण करने के अधिकार लाइसेंस के रूप में दे सकता है। जिससे आविष्कारक को रॉयल्टी और राजस्व प्राप्त होगा।
  • निवेश पर उच्च प्रतिफल – आविष्कार को विकसित करने में पर्याप्त समय और धन का निवेश करने के बाद अनन्य अधिकारों के अंतर्गत आविष्कारक वाणिज्यिक बाजार में ला सकता है और इस प्रकार निवेश पर उच्चतर लाभ प्राप्त कर सकता है।  जो संगठन अपना समय और प्रयास एक मजबूत पेटेंट पोर्टफोलियो बनाने में लगाते हैं। उन्हें निवेश पर कुछ रिटर्न मिलता है। और वह अपने डोमेन में बाजार के अग्रणी के रूप में उभर कर आते है। ऐसा ही एक सफल उदाहरण आईबीएम (International Business Machine Corporation) है। जो अपने नव आचारों को ईमानदारी के साथ पेटेंट करवाता है। 
  • बिजनेस में फंडिंग लेने या मिलने में काम आता है अगर आपने किसी प्रोडक्ट का पेटेंट करवा रखा है और आप अपनी कंपनी के लिए इन्वेस्टमेंट की तलाश कर रहे हैं तो आपको फंड मिलने में आसानी होगी। आपके पास उस प्रोडक्ट या प्रक्रिया का पेटेंट के कारण एकाधिकार हो जाता है ऐसे में बिजनेस में लाभ के अवसर बढ़ जाते हैं। और इन्वेस्टर ऐसी कंपनियों में आसानी से इन्वेस्ट कर देते हैं।

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FAQ’s

Que – पेटेंट कराना क्यों जरूरी है?

Ans –  अपने आविष्कार का लाभ उठाने के लिए आविष्कारक को पेटेंट कराना आवश्यक है। यह अन्य संगठनों को आविष्कार की नकल करने से रोकता है जिससे बिजनेस में प्रतिस्पर्धीओं का जोखिम कम हो जाता है।

Que – Patent की अवधि कितने वर्ष के लिए वैध रहती है?

Ans – Patent की अवधि आवेदन की तारीख से 20 साल तक वैध रहती है।

Que – पेटेंट कितने प्रकार का होता है?

Ans – कानूनी तौर पर पेटेंट तीन प्रकार के होते हैं। पहला उत्पाद पेटेंट दूसरा प्रक्रिया पेटेंट और तीसरा प्लांट पेटेंट।

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