पैथोलॉजी क्या होता है ?



कई बार ऐसा होता है कि देश के युवा वर्ग को अपने भविष्य को लेकर चिंता होती है और ऐसे में उन्हें समझ नहीं आता कि आखिर वे किस दिशा में बढे़। ऐसे में आज के समय में मेडिकल क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए कई सारे तरीके मौजूद हैं जिनके माध्यम से आप आगे बढ़कर खुद का भविष्य उज्जवल कर सकते है।

मेडिकल क्षेत्र, ऐसा क्षेत्र है जहां पर लगातार युवाओं की मांग बढ़ती जा रही है और साथ ही साथ ऐसे मौके भी दिए जाते हैं जिससे भविष्य में उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो। इसी कड़ी में आज हम आपको पैथोलॉजी (Pathology) विभाग के बारे में उचित जानकारी देने वाले हैं ताकि आप भी इसमें अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकें।

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पैथोलॉजी (Pathology) क्या है?

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जैसा कि हम सभी को पता है आज के समय में कई प्रकार की बीमारियों ने हमें घेर रखा है। ऐसे में किसी भी बीमारी के बारे में उचित तरीके से जानकारी प्राप्त करना पैथोलॉजी (Pathology) के अंतर्गत आता है। पैथोलॉजी के माध्यम से हमे हमारी जांच में एलगी, फंजाई,  बैक्टीरिया,वायरस माइक्रो के  बारे में पता चलता है। सीधे शब्दों में कहा जा सकता है कि पैथोलॉजी के माध्यम से हम किसी भी बीमारी के बारे में आसानी से पता लगा सकते हैं और उनका इलाज शुरू किया जा सकता है।

ऐसे में किसी भी बीमारी के लक्षण दिखने पर डॉक्टर सबसे पहले पैथोलॉजी में जाकर टेस्ट करने की सलाह देते हैं ताकि सही तरीके से बीमारी को पकड़ा जा सके और फिर इलाज शुरू किया जा सके। इस बात को आप सभी ने भी गौर किया होगा और समझा भी होगा।

पैथोलॉजी (Pathology) के प्रकार

पैथोलॉजी (Pathology) मुख्य प्रकार से दो होते हैं

क्लीनिकल पैथोलॉजी (Pathology)

क्लीनिकल पैथोलॉजी (Pathology) के अंतर्गत मुख्य रूप से ब्लड और यूरीन की जाँच की जाती है। जिसके अंतर्गत ब्लड और यूरिन के माध्यम से किसी भी व्यक्ति के अंदर होने वाली समस्या का पता लगाया जा सकता है। जब ब्लड और यूरीन को शरीर से बाहर निकाल कर उसका आकलन किया जाता है, तो हमें इसका अध्ययन माइक्रोस्कोपिक एवोल्यूशन टिशू के आधार पर करना होता है ताकि सही तरीके से बीमारी का पता लगा सके।

एनाटॉमिकल पैथोलॉजी (Pathology)

इस पैथोलॉजी में आपकी बॉडी में उपस्थित टिशू का टेस्ट किया जाता है जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के ऑर्गन के बारे में भी सही जानकारी ली जा सकती है। एनाटॉमिकल पैथोलॉजी के अंतर्गत कई सारी गंभीर बीमारियों का भी अध्ययन किया जाता है जिसमें मुख्य रुप से कैंसर शामिल होता हैं। इस प्रकार की पैथोलॉजी में शरीर के ऊतकों को निकाल कर उसकी सही जानकारी और टेस्ट किया जाता है।

पैथोलॉजिस्ट ( Pathologist) कैसे बने?

अगर आप भी इस  क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं, तो यह आपके लिए सुनहरा अवसर हो सकता है जिसके माध्यम से आप जागरूक होकर कार्य कर सकते हैं और नई नई जानकारियों को भी हासिल किया जा सकता है। अगर आप पैथोलॉजिस्ट बनना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको पैथोलॉजी से संबंधित पढ़ाई करनी होती है और आप सही तरीके से आगे बढ़ सकते हैं। इसके अंतर्गत आपको कुछ मुख्य कोर्स के अंतर्गत रहते हुए पढ़ाई करनी होगी जिसके माध्यम से आप पैथोलॉजिस्ट बन सके।

  • DMLT.
  • Bsc in pathology.
  • Bachelor in medical lab technician.
  • MD in Pathology.

इनमें से किसी भी कोर्स  को आप अपने अनुसार कॉलेज का चुनाव करते हुए कर सकते हैं।

पैथोलॉजी ( Pathologist) कोर्स करने के बारे में जानकारी

अगर आप पैथोलॉजी ( Pathologist) कोर्स करना चाहते हैं, तो यह आपको आसानी के साथ विभिन्न कॉलेजों में उपलब्ध हो जाता है जहां आप अपनी इच्छा अनुसार सारे कोर्स कर सकते है। कुछ कॉलेज ऐसे होते हैं, जहां पर आपको अपने पुराने अंकों के आधार पर दाखिला मिल जाता है और कुछ कालेजों में आज भी पैथोलॉजी कोर्स करने के लिए एंट्रेंस एग्जाम होता है।

इसके अलावा अगर आप पैथोलॉजी में एमडी करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको सबसे पहले एमबीबीएस करना होगा और उसके बाद ही आप आगे की पढ़ाई जारी रख सकते हैं।

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पैथोलॉजी ( pathology) करने के लिए शैक्षणिक योग्यता

अगर आप पैथोलॉजिस्ट  बनने के लिए एक पैथोलॉजी कोर्स करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपके पास कुछ मुख्य योग्यताओं का होना आवश्यक है।

  1. इसके लिए सबसे पहले आपको 12वीं की परीक्षा साइंस स्ट्रीम से देनी होगी जिसके अंतर्गत बायोलॉजी, केमिस्ट्री, फिजिक्स सब्जेक्ट होना आवश्यक है।
  2. 12वीं में साइंस स्ट्रीम होने के साथ-साथ 60% से  70% अंक होना आवश्यक माना गया है।
  3. अगर आप पैथोलॉजी में एमडी करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल करनी होगी।
  4. इसके अलावा अगर आप DMLT का कोर्स करना चाहते हैं तो किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से दसवीं की परीक्षा में 60% से ज्यादा अंक हासिल करने होंगे। DMLT का कोर्स आप दसवीं कक्षा के बाद कर सकते हैं।

पैथोलॉजी ( pathology) कोर्स करने में लगने वाला समय

अगर आप पैथोलॉजी का कोर्स करके पैथोलॉजिस्ट बनना चाहते हैं तो इसके लिए अलग-अलग कोर्स के लिए आपको अलग-अलग समय देना होता है।

  1. अगर आपने पैथोलॉजी में बीएससी करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको 3 साल का समय लगेगा।
  2. इसके अलावा अगर आप बैचलर इन मेडिकल लैब टेक्नीशियन का कोर्स करना चाहते हैं, तो आपको इसमें भी 3 वर्ष का समय लगता है जिसके अंतर्गत आपको बेसिक से लेकर सारी जरूरी जानकारी दी जाती है जहां आप आसानी के साथ ही लैब टेक्नीशियन का काम पूरा कर सकते हैं।
  3. अगर आप पैथोलॉजी में एमडी करना चाहते हैं, तो आपको एमबीबीएस करने के बाद लगभग 3 वर्ष का समय देना होगा जहां आप एमडी इन पैथोलॉजी कर सकते हैं।

पैथोलॉजी ( pathology) करने के लिए भारत के मुख्य कॉलेज

अगर आप भी पैथोलॉजी का कोर्स करके एक सफल पैथोलॉजिस्ट बनना चाहते हैं, तो इसके लिए हम आपको भारत के कुछ मुख्य कॉलेजों की जानकारी दे रहे हैं जहां आप एडमिशन ले कर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं।

  1. ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस, न्यू दिल्ली |
  2. कालीकट यूनिवर्सिटी |
  3. रामा मेडिकल कॉलेज |
  4. हवाबाग वुमन कॉलेज |
  5. जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी |
  6. सेंट जॉन्स मेडिकल कॉलेज, बैंगलोर |
  7. कानपुर यूनिवर्सिटी |
  8. लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी |
  9. मगध यूनिवर्सिटी |
  10. क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर |

पैथोलॉजी ( pathology) कोर्स करने के बाद मिलने वाले जॉब के विकल्प

अगर आपने पैथोलॉजी का कोर्स कर लिया हो, तो फिर आप इन मुख्य जॉब को हासिल कर सकते हैं।

  1. मेडिकल लैब एग्जामिनर |
  2. प्रोफेसर |
  3. फॉरेंसिक टेक्नीशियन |
  4. कंसलटेंट |
  5. साइटोपैथोलॉजी |
  6. लैब असिस्टेंट |
  7. मेडिकल लैब टेक्नीशियन |
  8. डरमेटो पैथोलॉजी |

पैथोलॉजी ( pathology) कोर्स में लगने वाली फीस

अगर आप पैथोलॉजी का कोई भी कोर्स  करें तो उसमें आपको अलग-अलग फीस देनी होती है, जहां सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों की फीस में भी काफी फर्क नजर आता है। जब भी आप किसी कॉलेज में दाखिला लेते हैं, तो पूर्ण रूप से फीस के बारे में जानकारी लेकर ही दाखिला लेना सही होगा।

अगर आप पैथोलॉजी में बीएससी करना चाहते हैं, तो आप प्राइवेट और सरकारी दोनों कॉलेज से ही कर सकते हैं जहां पर प्राइवेट कॉलेज की फीस लगभग ₹50,000से लेकर ₹ 700000 तक होती है जबकि सरकारी कॉलेज में इस कोर्स की फीस लगभग ₹25000 से लेकर साढे ₹ 40000 होती है।

इसी प्रकार यदि आप पैथोलॉजी में एमडी करना चाहते हैं तो इसके लिए प्राइवेट कॉलेज में लगभग 3,00000 रुपए का खर्च आता है जबकि सरकारी कॉलेज से यह कोर्स करने पर आपको 1,00000 से लेकर 2,00000 रुपए तक खर्चा आ जाता है।

इसके अलावा अगर आपने डीएमएलटी कोर्स किया हो तो आपको प्राइवेट कॉलेज में ₹50,000 से ₹40,000 खर्च करने पड़ सकते हैं, तो वहीं सरकारी कॉलेज के माध्यम से इस कोर्स को करने पर आपको लगभग ₹30000 की फीस देनी पड़ सकती है।

पैथोलॉजिस्ट को मिलने वाली सैलरी

अगर आपने किसी अच्छे इंस्टिट्यूट से पढ़ाई की है, तो आपको आसानी से ही हर महीने ₹30,000 से लेकर ₹40,000 की सैलरी  मिल जाती है। इस क्षेत्र में अगर आपने ज्यादा दिनों तक कार्य कर दिया हो और आपको ज्यादा अनुभव हो चुका हो, तो ऐसे में आपको ₹50,000 से लेकर ₹60,000 प्रति महीने की सैलरी प्राप्त हो सकती है।

पैथोलॉजी में मिलने वाली भविष्य की संभावनाएं

आज के समय में पैथोलॉजी का कोर्स कर लेने पर आपको कई प्रकार की संभावनाएं मिल जाती है जहां पर आप विभिन्न बीमारियों का पता लगाने के लिए मानसिक रूप से तैयार होते हैं।

  • अगर आपने पैथोलॉजी का कोर्स कर लिया हो तो किसी सरकारी या प्राइवेट हॉस्पिटल में पैथोलॉजिस्ट के तौर पर कार्य किया जा सकता है।
  • इसके अलावा अगर आप चाहे तो खुद का पैथोलॉजी लैब खोलकर वहां पर लैब असिस्टेंट का काम किया जा सकता है।
  • अगर आपने पैथोलॉजी का कोर्स कर लिया हो तो आप किसी प्राइवेट लैब में भी पैथोलॉजिस्ट के रूप में कार्य शुरू कर सकते हैं।

दसवीं के बाद पैथोलॉजी कोर्स करने का तरीका

अगर आपने दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली हो और उसके बाद आप पैथोलॉजी कोर्स करना चाहते हैं तो अब यह भी आपके लिए संभव है जहां पर दसवी परीक्षा उत्तरण करने वालों के लिए DMLT कोर्स उपलब्ध है।

एक प्रकार का डिप्लोमा प्रोग्राम होता है जिसके अंतर्गत पैथोलॉजिस्ट कोर्स  में ही आपको ट्रेनिंग दी जाती है और नए नए तरीके बताए जाते हैं जिसके माध्यम से आप पैथोलॉजी का काम शुरू कर सकते हैं।

पैथोलॉजी ( pathology) लैब में जाने से पहले रखें सतर्कता

  • सामान्य तौर पर ऐसा होता है कि जब भी डॉक्टर के द्वारा पैथोलॉजी लैब में जाकर टेस्ट करने के लिए कहा जाता है तो हम थोड़ा घबरा जाते हैं। ऐसे में हमें घबराने की नहीं बल्कि सतर्क होने की आवश्यकता होती है।
  • ऐसा इसलिए हम कह रहे हैं क्योंकि कुछ पैथोलॉजी लैब ऐसे होते हैं जो झूठी रिपोर्ट बनाते हैं और झूठी बीमारी होने का दावा करते हैं। पिछले 2 सालों में ऐसे कई आंकड़े मौजूद हैं जहां पैथोलॉजी लैब द्वारा लापरवाही का आरोप लगाया गया है और लोगों को बेवजह परेशान किया गया है।
  • ऐसे में आप भी अगर किसी प्रकार की जांच करने जा रहे हो तो पहले पैथोलॉजी लैब के बारे में भी जानकारी हासिल कर ले ताकि आपको बाद में पछताना न पड़े।
  • कई बार ऐसा होता है कि जब हम दोबारा वही टेस्ट किसी दूसरे पैथोलॉजी लैब से करवाते हैं, तो जांच बिल्कुल सामान्य आती है लेकिन पहले किए गए टेस्ट में कोई न कोई कमी नजर आती है। ऐसी हालत में आपको सही तरीके से पैथोलॉजी लैब के बारे में जानकारी लेते हुए ही वहां पर टेस्ट के लिए जाना होगा ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी या परेशानी का सामना ना करना पड़े और आप जल्द ही स्वस्थ हो सके।

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