कोर्ट मैरिज कैसे करें: इस समय सभी कोर्ट मैरिज का ही चयन कर रहें है क्यूंकि सभी को कोर्ट मैरिज का विकल्प सबसे बेहतर लग रहा है। जोकि कानूनी रूप से भी सही है और आगे चलकर भी विवाहित जोड़ों को किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। कोर्ट मैरिज ना केवल लंबे समय तक चलने वाली शादी के फंक्शन से बचाता है। इसके साथ ही सस्ते में कानूनी रूप से एक कपल को पति-पत्नी का दर्जा भी प्रदान करता है।
क्योंकि आज के समय में होने वाली शादियों से लोगों को काफी ज्यादा खर्चा हो जाता है। तो बचत करने के तरीके से भी यह विकल्प काफी अच्छा है। तो आज Court Marriage Kaise Kare, Court Marriage Process In Hindi इसके बारे में हम आपको बताने वाले है। तो चलिए बिना समय व्यर्थ किए आगे बढ़ते है और कोर्ट मैरिज कैसे करे से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त करते है।
कोर्ट मैरिज क्या होता है | Court Marriage Kya Hai
यह जानने से पहले की Court Marriage के लिए आवेदन कैसे करें। उससे पहले हम जान लेते हैं कि कोर्ट मैरिज क्या है, तो कोर्ट मैरिज करना कोर्ट में शादी करना है। हर एक इंसान के दिल में अपनी शादी को लेकर अलग-अलग अरमान रहते हैं कि वह किस तरीके से अपनी शादी करना चाहते और सबसे ज़्यादा लोग अपनी पसंद के हमसफर से शादी करना चाहते हैं। परंतु हमारे परिवार वाले हमारी इस पसंद में शामिल नहीं हो पाते हैं। परंतु हम अपने हमसफ़र के बिना जी नहीं पाते हैं। इस कारण ही हम घर वालों के खिलाफ जाकर शादी करते हैं।
कभी कोई लड़का या लड़की प्यार में फस कर कोई गलत कदम ना उठा लें। इस कारण कोर्ट ऐसे लोगों की शादी करा देता है और उन्हें पति पत्नी का अधिकार प्रदान कर देता है। कोर्ट के अनुसार लड़के की आयु 21 वर्ष एवं लड़की की आयु 18 वर्ष हो और दोनों एक दूसरे से शादी करने के लिए पूरी तरह से सहमत भी होने चाहिए। जिसके बाद कोर्ट के सामने उन दोनों की शादी करा दी जाती है| इसके साथ ही उन्हें Court Marriage Certificate भी प्रदान कर दिया जाता है। जोकि उनके विवाह का साबुत होता है।
Court Marriage करने के लिए नियम और शर्तें क्या है?
यदि कोई लड़का या लड़की Court Marriage करना चाहते हैं तो उन्हें कोर्ट मैरिज के कुछ नियम एवं शर्तो का पालन करना जरूरी होता है। तभी आप रजिस्ट्रार के सामने कोर्ट मैरिज कर सकते हैं। वह नियम एवं शर्तें क्या है। उसकी जानकारी हमें आपको नीचे दी है जो कि इस प्रकार है:-
- सबसे पहली शर्त यह है कि लड़का एवं लड़की दोनों में से किसी की भी शादी पहले ना हुई हो।
- उसके साथ ही युवक की 21 साल से ऊपर तथा युवती की आयु 18 साल के ऊपर होनी चाहिए।
- कोर्ट मैरिज करने के समय लड़की और लड़के दोनों की मानसिक स्थिति सही होना भी अनिवार्य है।
- आपसी रिश्तेदारी जैसे बुआ बहन आदि में शादी नहीं हो सकती है। यह नियम केवल हिंदू धर्म के लिए ही लागू किया जाता है।
- लड़की और लड़का दोनों ही शारीरिक रूप से संतान उत्पत्ति करने में सक्षम होने चाहिए।
कोर्ट मैरिज फीस कितनी लगती है?
लड़का या लड़की को विशेष विवाह अधिनियम 1954 के अंतर्गत अपने संबंधित जिला के विवाह अधिकारी के पास लिखित सूचना देना होगा। जब यह लिखित सुचना दे दी जाएगी। उसके उपरांत 30 दिनों तक अगर कोई व्यक्ति इस शादी के खिलाफ आपत्ति दर्ज नहीं कराता। तो 30 दिनों के पश्चात लड़का और लड़की Court Marriage Fees जमा करके कोर्ट मैरिज आसानी से कर सकते है। आपको यह बता दें की हर जगह कोर्ट मैरिज फेस अलग अलग होती है। वैसे ज़्यादातर हर जगह फीस ₹1000 होती है। इसके साथ ही अन्य औपचारिकता, कागजी कार्रवाई तथा वकील आदि की व्यवस्था करने में आपका 2000 से ₹3000 भी खर्चा हो सकते हैं।
Court Marriage के लिए ज़रूरी दस्तावेज़
कोर्ट मैरिज करने के लिए लड़का या लड़की दोनों के पास में लिखित दस्तावेज होने अनिवार्य है जो कि कुछ इस प्रकार है:-
- पैन कार्ड
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- वोटर आईडी कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
- निवास प्रमाण पत्र
- पंजीकरण का आवेदन फॉर्म
- लड़की के चार पासपोर्ट साइज फोटो
- लड़के के चार पासपोर्ट साइज फोटो।
- तलाकशुदा मामले में तलाक के कागजात।
- विधवा/विदुर के मामले में पति/पत्नी का प्रमाण पत्र।
- लड़की का आयु प्रमाण पत्र।
- लड़के का आयु प्रमाण पत्र के साथ-साथ हाई स्कूल मार्कशीट जन्म प्रमाण पत्र दोनों की।
ऑनलाइन कोर्ट मैरिज कैसे करें?
आपको बता दें की अभी तक पूरे भारत में कहीं पर भी ऑनलाइन कोर्ट मैरिज करने की सुविधा उपलब्ध नहीं की गई है। इस कारण आप Online Court Marriage नहीं कर सकते है।
Court Marriage के लिए आवेदन कैसे करें?
कोर्ट मर्रिज करने वाले सभी इच्छुक युवक एवं युवती को नीचे दिए गए चरणों का पालन करना होगा जोकि कुछ इस प्रकार है:-
- सर्वप्रथम लड़का एवं लड़की दोनों को लिखित सूचना अपने जिले के विवाह अधिकारी को देनी होगी।
- जिसके पश्चात सूचना देते समय आपको अपनी आयु निवास से जुड़े ज़रूरी दस्तावेज़ों को भी जमा करना होगा।
- अब अधिकारी द्वारा इस सुचना को प्रकाशित किया जाएगा
- आपके द्वारा दी गई सूचना की फोटोकॉपी ऑफिस में एक विशेष स्थान पर लगाई जाएगी।
- फिर सूचना की दूसरी प्रति उस जिला कार्यालय में प्रकाशित की जाएगी जहां विवाह पक्ष स्थाई रूप से निवासी कर रहे हैं।
- इसके साथ ही विवाह अधिकारी की उपस्थिति में दोनों पक्ष यानि लड़का लड़की और तीन गवाह, कोर्ट मैरिज के घोषणा पर हस्ताक्षर करते हैं। अब अधिकारी द्वारा इस घोषणा पर हस्ताक्षर किया जाएगा।
- उसके बाद आपको कोर्ट मर्रिज, विवाह अधिकारी के ऑफिस में या इसी के आस पास उचित दूरी के भीतर किसी भी स्थान पर सम्पन्न किया जाता है।
- जिसके बाद विवाह अधिकारी की उपस्थिति में वर और वधू का फाॅर्म स्वीकार किया जाता है।
- अब विवाह अधिकारी द्वारा मैरिज सर्टिफिकेट पत्र पुस्तिका में एक प्रमाण पत्र दर्ज करता है।
- जब दोनों पक्षों वर और वधु और अन्य तीन गवाहों द्वारा हस्ताक्षर कर लिए जाते हैं तो यह सर्टिफिकेट Court Marriage का निर्णायक प्रमाण बन जाता है।
कोर्ट मैरिज के फायदे?
- यदि कोर्ट मैरिज करते हैं तो ज्यादा खर्च नहीं होता है।
- इसके साथ ही विदेश में रहने के लिए स्पाउस वीजा की आवश्यकता होती है। उस समय कोर्ट मैरिज सर्टिफिकेट काम आता है।
- यह मेर्रिज सर्टिफिकेट लीगल डाक्यूमेंट्स की तरह काम करता है।
- इस सर्टिफिकेट के माध्यम से जॉइंट प्रोपर्टी ,जॉइंट वर्क के कामो के लिए भी इस्तेमाल कर सकते है।
कोर्ट मैरिज के बाद पुलिस प्रोटेक्शन कैसे लें ?
अगर आपको ऐसा लगता है Court Marriage के बाद आपको या आपके पार्टनर की जान को खतरा है, तो आप इसके लिए पुलिस से सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं। जिसके लिए पुलिस आपकी पूरी सहायता प्रदान करेगी।
कोर्ट मैरिज से जुड़े प्रश्न (FAQs)
कोर्ट मैरिज क्या होता है?
कोर्ट मैरिज एक ऐसा शादी है जिसमे लड़का लड़की दोनों ही रजिस्ट्रार ऑफिस में उपस्थित होकर सरकारी कागज़ातों के अनुसार तथा कुछ गवाहों के सामने शादी करते है। लेकिन लड़के की आयु 21 वर्ष पूरी होनी चाहिए और लड़की की आयु 18 वर्ष पूरी होनी चाहिए।
मैरिज रेजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की जरुरत क्यों होती है ?
इस सर्टिफिकेट की ज़रूरत बैंक अकाउंट खुलवाने ,वीजा अप्लाई करने ,पासपोर्ट आदि में पड़ती।
कोर्ट मैरिज के लिए युवक एवं युवती की कितनी आयु होनी चाहिए?
इसके लिए लड़के की आयु 21 से अधिक और लड़की की आयु 18 से अधिक होनी चाहिए।
किस वर्ष से सुप्रीम कोर्ट ने विवाह का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है ?
वर्ष 2006 से सुप्रीम कोर्ट ने विवाह का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है।
कोर्ट मैरिज के बाद क्या तलाक ले सकते हैं ?
हाँ यदि कोर्ट मैरिज के बाद एक साल तक तलाक नहीं ले सकते। कुछ विशेष परिस्थितियों में तलाक ले सकता हैं।
भारत में शादियों का रेजिस्ट्रेशन किस एक्ट के तहत किया जाता है ?
भारत देश में विवाह का पंजीकरण हिंदू मैरिज एक्ट 1955 या स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत किया जा सकता है।