कहा जाता है कि अगर दो या दो से ज़्यादा व्यक्ति एक साथ एकत्रित हो जाएं तो वह एक संगठन कहलाता है और संगठन में ज़्यादा लोग होने की वजह से संगठन की शक्ति बढ़ जाती है। कुछ इसी का उदाहरण यूरोपियन यूनियन है जो कई वर्षों से विश्व की आर्थिकता में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
27 देशों के इस समूह के बारे में बहुत सारे लोग जानना चाहते हैं कि आखिर यूरोपियन यूनियन क्या है और इसके लक्ष्य क्या हैं। आपकी इसी जिज्ञासा के लिए हम इस लेख में जानकारी देने वाले हैं कि यूरोपियन यूनियन क्या है जिसे अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ कर आपको यूरोपियन यूनियन के बारे में सारी जानकारी प्राप्त हो जाएगी।
सुरक्षा परिषद (UNSC) क्या है ?
यूरोपियन यूनियन (EU) क्या है?
यूरोपियन यूनियन 27 देशों का एक समूह है जिस का निर्माण विश्व की आर्थिकता को मज़बूत बनाने के लिए किया गया था। इस समूह के देश आपस में बिना किसी कर (tax) के व्यापार कर सकते हैं और इनके सामने अगर कोई मुश्किल आती है तो समूह के सभी सदस्य मिलकर उसका सामना करते हैं।
कुछ लोग यूरोपियन यूनियन को EU भी कह देते हैं। इस यूनियन में मौजूद देशों के लोग सदस्य देशों में बिना किसी पासपोर्ट में जा सकते हैं और व्यापार कर सकते हैं क्योंकि इस समूह में बॉर्डर जैसी समस्या है ही नहीं और संघ की यही विशेषता यूरोपियन यूनियन को एक शक्तिशाली समूह बनाती है।
यूरोपियन यूनियन का अपना एक खुद का संसद भी है जिसमें समय समय पर नीतियों पर चर्चा की जाती है और इन नीतियों को सभी देशों पर लागू किया जाता है। अगर कोई सदस्य देश इन नीतियों को मानने से इंकार कर देता है तो वह नीतियां उस देश पर लागू नहीं होती जिसका अर्थ है कि संघ सभी सदस्यों की इच्छाओं का आदर करता है।
यूरो मुद्रा इसका सबसे बड़ा उदाहरण है जो 27 देशों के इस समूह में से केवल 19 देशों में ही मान्य है। इन मान्य देशों को यूरो ज़ोन भी कहा जाता है। बाकी के 8 सदस्य देश इस मुद्रा को अपने देश में संचालित नहीं करना चाहते जिससे हमें यह देखने को मिलता है कि कुछ चीज़ों में यूरोपियन यूनियन अपने सदस्यों का समर्थन भी करता है।
परंतु जो मुद्दे बड़े होते हैं और यूरोपियन यूनियन के हित में होते हैं उनका सभी देशों को पालन करना होता है। इसका एक उदाहरण ब्रिटेन है जिसने कई सालों तक इस संघ से बहार निकलने का प्रयास किया और आख़िरकार 2020 में सफलतापूर्वक यूरोपियन यूनियन की सदस्य्ता को अलविदा कह दिया।
वर्तमान में यूरोपियन यूनियन का मुख्यालय बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में है और साथ ही साथ इसके दो कार्यालय दो जगहों लक्ज़मबर्ग और स्ट्रॉबग्र में स्थित हैं। यूरोपियन यूनियन के ज़्यादातर कार्यालय बेल्जियम देश में स्थित हैं।
यूरोपियन यूनियन में शामिल देशों की सूची [List of European Union Countries]
यूरोपियन यूनियन में कुल 27 देश शामिल है जिस की सूचि कुछ इस प्रकार है-
- जर्मनी
- डेनमार्क
- लक्समबर्ग
- बेल्जियम
- आयरलैंड
- फ्रांस
- इटली
- नीदरलैंड
- पुर्तगाल
- ग्रीस
- स्पेन
- फिनलैंड
- स्वीडन
- ऑस्ट्रिया
- साइप्रस
- लातविया
- चेक गणतंत्र
- पोलैंड
- एस्टोनिया
- हंगरी
- क्रोएशिया
- लिथुआनिया
- रोमानिया
- माल्टा
- स्लोवाकिया
- स्लोवेनिया
- बुल्गारिया
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पहले इस समूह में 28 देश शामिल थे लेकिन 31 जनवरी 2020 को ब्रिटेन ने यूरोपियन यूनियन की सदस्य्ता छोड़ दी जिसके बाद इसमें 27 सदस्य बचे हैं। यूरोपियन यूनियन से निकलने वाला ब्रिटेन ही इकलौता और पहला सदस्य देश है।
यूरोपियन यूनियन का इतिहास [History of Europian Union]
यूरोपियन यूनियन की स्थापना 6 अलग अलग देशों ने मिलकर की थी जिसका मूल उद्देश्य आपस में कर मुक्त व्यापार करना है, जिससे सभी देश आर्थिक रूप से मज़बूत हों और बिना किसी दिक्कत के यह सभी देश आपस में आयात और निर्यात कर सकें।
उस समय इस संघ का नाम यूरोपियन कोल एंड स्टील कम्युनिटी (Europian Coal and Steal Community) रखा गया था और यह पेरिस संधि का समय था। इस संधि की स्थापना वर्ष 1951 में 6 देशों ने मिलकर की थी जिसका मुख्य उद्देश्य था कि सभी सदस्य देश कोयले और स्टील के व्यापार को विकसित कर सकें और अपनी आर्थिक स्थिति को मज़बूत कर सकें। उस समय इस संघ में जर्मनी, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड, बेल्जियम और लक्समबर्ग शामिल थे।
पेरिस संधि की पार सफलता से प्रेरित होकर इन 6 देशों ने एक और संधि का गठन किया जिसे रोम संधि कहा जाता है। साथ ही साथ इस संधि का नाम यूरोपियन आर्थिक समुदाय (Europian Economic Community) रख दिया गया। वर्ष 1973 में इस संघ का विकास देखते हुए संघ के साथ डेनमार्क, ब्रिटेन और आयरलैंड भी जुड़ गए।
इनके बेहतर आर्थिक विकास को देखते हुए वर्ष 1981 से 1986 के बीच 3 और देश शामिल हो गए जोकि ग्रीस, स्पेन और पुर्तगाल थे। इससे संघ के सदस्यों की संख्या 12 हो गई। संघ के विकास के लिए वर्ष 1991 में मेस्ट्रिच संधि हुई जिसमें कई बड़े परिवर्तन हुए, इसमें 2 महत्त्वपूर्ण बदलाव थे। इसमें पहला बदलाव यह था कि इस संघ का नाम बदलकर यूरोपियन यूनियन कर दिया गया और दूसरा संघ द्वारा यूरोपियन मुद्रा को जारी किया गया जिसका नाम यूरो रखा गया।
बाद में वर्ष 1995 में संघ के साथ 3 और नए सदस्य जुड़े जोकि स्वीडन, ऑस्ट्रिया और फ़िनलैंड थे। इसके बाद संघ के कुल सदस्य 15 हो गए। नाइस संधि के दौरान वर्ष 2004 में यूरोपियन यूनियन का सबसे बड़ा बदलाव हुआ जिसके तहत संघ के साथ 10 देश एक साथ जुड़े जिसके बाद संघ के सदस्यों की संख्या 25 हो गयी और EU विश्व का सबसे बड़ा आर्थिक समुदाय बन गया।
बाद में इस समूह में वर्ष 2007 में रोमानिया और बुल्गारिया भी इसमें शामिल हो गए और आख़िरकार वर्ष 2013 में क्रोशिया के शामिल हो जाने के साथ इसकी संख्या 28 हो गई लेकिन 2020 में ब्रिटेन द्वारा इसकी सदस्य्ता छोड़ दी गयी और संघ में सदस्यों की संख्या वापिस 27 हो गई।
यूरोपियन समूह का ढांचा [EU Structure]
यूरोपियन समूह का निर्माण तीन भागों से मिलकर बनता है जोकि हैं काउंसिल ऑफ यूरोपियन यूनियन, यूरोपियन कमीशन और यूरोपियन पार्लियामेंट। यह तीनों भाग यूरोपियन संघ के लिए महत्त्वपूर्ण हैं और कहीं ना कहीं यह तीनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इस बारे में हम निम्न विस्तृत रूप से बताने जा रहे हैं।
यूरोपियन परिषद
यूरोपियन परिषद को अंग्रेजी में काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स कहा जाता है और इसके लगभग 50 प्रतिशत सदस्य न्यायिक व्यवस्था का भाग होते हैं। 1 वर्ष में 4 बार इनकी बैठक होती है और बड़े बड़े राजनितिक फैसले यूरोपियन परिषद द्वारा लिए जाते हैं। सुरक्षा नीतियों का ज़िम्मा भी यूरोपियन परिषद के सर पर ही होता है। यूरोपियन संघ के अध्यक्ष को 6 महीनों के लिए चुना जाता है और हर 6 महीनों में कुछ नियमों के तहत अध्यक्ष को चुना जाता है।
यूरोपियन आयोग
संघ द्वारा किये जाने वाले रोज़ाना के कार्यों को यूरोपियन आयोग के द्वारा अंजाम दिया जाता है। इसमें हर देश का एक कमिश्नर होता है जो अपने अपने देश की प्रतिनिधता करताहै। इसके प्रतिनिधि और अध्यक्ष को यूरोपियन परिषद द्वारा नामित किया जाता है और इसके लिए यूरोपियन संसद की स्वीकृति जरूरी होती है।
यूरोपियन संसद
यूरोपियन संसद में विदेशी और महत्त्वपूर्ण मामलों पर विचार विमर्श करने के लिए होता है। इसके कुल 785 सदस्य होते हैं और इसके अध्यक्ष द्वारा स्पीकर का कार्य किया जाता है। सदस्यों का चुनाव संबंधित देश की जनता द्वारा किया जाता है। अध्यक्षों की सीटों को निश्चित किया जाता है और हर 2 साल, 6 महीनों के बाद अध्यक्ष ओर उपाध्यक्ष को चुना जाता है।
यूरोपियन यूनियन के लक्ष्य
यूरोपियन यूनियन का मुख्य लक्ष्य संघ के सदस्य देशों की आर्थिकता को विश्व में मज़बूत करना और इनके सामने आने वाली समस्याओं का समाधान करना है। लेकिन इसके अलावा इस संघ के और भी लक्ष्य हैं जिसकी जानकारी कुछ इस प्रकार है:-
- EU के सभी नागरिकों की शांति, मूल्य और कल्याण को सुनिश्चित करना।
- वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति पर ध्यान देना और नए अविष्कारों के लिए नागरिकों का प्रोत्साहन करना।
- सामाजिक भेदभाव और बहिष्कारों का समाधान करना।
- समूह देशों की भाषायी और सामाजिक विभिन्नताओं का आदर करना।
- एक ऐसे मौद्रिक और आर्थिक संघ का निर्माण करना जिसकी मुद्रा यूरो है।
- यूरोपियन यूनियन के सभी सदस्यों की आर्थिक, सामाजिक और क्षेत्रीय एकजुटता को बढ़ावा देना।
- एक आंतरिक बाजार का निर्माण करना जिसमें किसी नागरिक को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े।
- महिलाओं और पुरषों के बीच बीच समानता के साथ साथ बच्चों को सुरक्षा प्रदान करना।
यूरोपियन यूनियन (EU) के सामने चुनौतियां
इस बात से हम कतई इंकार नहीं कर सकते कि यूरोपियन यूनियन ने विश्व के आर्थिक सुधार के लिए एक अहम भूमिका निभा रहा है। लेकिन अभी भी इस संघ के सामने बहुत सारी ऐसी चुनौतियां हैं जिनमें EU को जल्द से जल्द सुधार करने की आव्यशकता है।
- वर्तमान में कोई यह नहीं कह सकता कि सभी पुराने राज्य इस समूह के सदस्य रहेंगे या नहीं क्योंकि लिस्बन संधि के बाद से सभी सदस्यों को समूह से बाहर होने का अधिकार मिल चुका है। हाल के वित्तीय संकट ने ग्रीस देश को काफी नुक्सान पहुँचाया है जिससे यह आशंका जताई जा रही है की ग्रीस इस संगठन से बाहर हो जाएगा।
- यूरोपियन नेताओं को अब यह डर सता रहा है कि पागमन सुरक्षा गारंटी अब सामान्य हितों और गठबंधन पर नहीं बल्कि अमेरिकी प्रौद्योगिकी और मेटिरियल की खरीद पर ज़्यादा ध्यान केंद्रित करेगा।
- जिन देशों में श्रम सस्ता है वहां पर लोगों के दैनिक जीवन प्रभावित होते हैं और EU को इस समस्या को जल्द से जल्द सुलझाने की आव्यशकता है।
- यूरोपियन यूनियन की स्थिरता और सुरक्षा के लिए संयुक्त राज्य की तरह रूस के साथ अपने संबंधों पर पुनर्विचार करने के लिए दबाव डाल रहा है। हाल ही में वर्ष 2014 में रूस द्वारा क्रीमिया राज्य-हरन की निंदा करते हुए आग्रह किया कि वह यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्रों में अलगाववादी ताकतों का समर्थन करना बंद करें।
- यूरोपियन यूनियन प्रमुख सक्षम प्रौद्योगिकियों के विकास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है परन्तु यूरोपीय संघ में प्रमुख सक्षम प्रौद्योगिकियों से संबंधित निर्माण में कमी हो रही है जोकि भविष्य में एक बड़ी समस्या हो सकती है।