National Anthem in Hindi: भारत का राष्ट्रगान जन गण मन अधिनायक हर भारतीय व्यक्ति की अस्मिता और सम्मान के साथ जुड़ा हुआ है। यह सिर्फ सात आठ लाइन ही नहीं है बल्कि यह हमारे भारत देश का और हमारी भारत माता का सम्मान है।
इसलिए सरकार के द्वारा राष्ट्रगान को लेकर के काफी कठोरता दिखाई जाती है और सरकार के द्वारा राष्ट्रगान को गाने के लिए कुछ नियम भी तय किए गए हैं। ताकि राष्ट्रगान को पूरा सम्मान दिया जा सके और जो लोग राष्ट्रगान का अपमान करें उन्हें दंडित किया जा सके। इस लेख में हम भारत का राष्ट्रगान (जन गण मन) और उसके लिरिक्स को देखेंगे।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के बारे में जानकारी
भारत का राष्ट्रगान (जन गण मन) हिंदी में
भारत का राष्ट्रगान निम्नानुसार है।
जन गण मन भारत के राष्ट्रगान का संपूर्ण संस्करण
“जन गण मन-अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता!
पंजाब सिंधु गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंगा
बिंध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छल जलधि तरंग
तब शुभ नामें जागे तब शुभ आशीष माँगे,
गाहे तब जय – गाथा।
जन गण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता!
जय हे जय हे जय हे जय जय जय जय हे.”
Jan Gan Man in Hindi [Picture]
भारत के राष्ट्रगान का छोटा संस्करण
Rashtriya Gaan in Hindi: हमारे देश के राष्ट्रगान जन गण मन अधिनायक का जो छोटा संस्करण है, उसमें सिर्फ पहली और आखरी लाइन ही आती है। इसे गाने में सिर्फ 20 सेकंड का समय ही लगता है। विभिन्न मौके पर इसे गाया जाता है। राष्ट्रगान का छोटा संस्करण निम्नानुसार है।
“जन-गन-मन-अधिनायक जय हे
भारत-भाग्य-विधाता
जय हे जय हे जय हे,
जय जय जय, जय हे…..”
भारत के राष्ट्रगान जन गण मन का अर्थ
वर्ष 1950 में हमारे देश के राष्ट्रगान में कुछ संशोधन किया गया था जिसके अंतर्गत राष्ट्रगान में सिंध की जगह पर सिंधू शब्द डाला गया है क्योंकि देश का बंटवारा होने के पश्चात सिंध इलाका पाकिस्तान के हिस्से में चला गया था। राष्ट्रगान का मतलब कुछ इस प्रकार है।
“सभी इंसानों के दिमाग के शासक कला तुम ही हो
भारत की किस्मत बनाने वाले।
तुम्हारा नाम पंजाब, सिन्ध, गुजरात और मराठों के दिलों के साथ ही बंगाल, ओड़िसा, और द्रविड़ों को भी उत्तेजित करता है,
इसका शोर विन्ध्य और हिमालय के पहाड़ों में सुनाई पड़ता है,
गंगा और जमुना के संगीत में मिलती है और भारत की समुद्र की लहरों के द्वारा बखान किया जाता है।
वो तुम्हारे आर्शीवाद के लिये विनती करते है और तुम्हारी तारीफ के गीत गाते है।
तुम्हारे हाथों में ही सब की सुरक्षा का इंतजार है,
तुम भारत की किस्मत को बनाने वाले।
जय हो जय हो जय हो तुम्हारी।”
भारत का राष्ट्रीय गान
भारत के राष्ट्रगान को सिर्फ कुछ विशेष अवसरों पर ही गाया जाता है। भारत के राष्ट्रगान की स्टार्टिंग जन गण मन से होती है और इसकी समाप्ति जय हे जय हे से होती है। भारत के राष्ट्रगान को लिखने के लिए संस्कृत और बंगाली भाषा का इस्तेमाल किया गया है।
भारत के राष्ट्रगान के रचयिता के तौर पर रविंद्र नाथ टैगोर को जाना जाता है और हिंदी और उर्दू भाषा में भारत के राष्ट्रगान को अनुवाद करने का काम आबिदाली नाम के व्यक्ति के द्वारा किया गया था। भारत के राष्ट्रगान को गाने में तकरीबन 52 सेकंड का समय लगता है। हालांकि इसके छोटे संस्करण को गाने में सिर्फ 20 सेकंड का समय लगता है।
पंडित नेहरू जी के द्वारा अनुरोध करने पर संगीतकार हर्बट मुरिल्ल के द्वारा इसे ऑर्केस्ट्रा की धुन पर गाया गया था। टैगोर के द्वारा राष्ट्रगान का अंग्रेजी में भी अनुवाद किया गया है। इसके अलावा रविंद्र नाथ टैगोर ने बांग्लादेश के राष्ट्रगान की भी रचना की थी।
भारत के राष्ट्रगान का इतिहास
पहली बार बंगाली भाषा में टैगोर जी के द्वारा भारत के राष्ट्रगान को लिखा गया था और इसके हिंदी संस्करण को संविधान सभा के द्वारा वर्ष 1950 में 24 जनवरी के दिन स्वीकार किया गया था।
टैगोर जी के द्वारा जन गण मन के गीत और संगीत को साल 1911 में बनाया गया था और इंडियन नेशनल कांग्रेस के कोलकाता के अधिवेशन में साल 1911 में 27 दिसंबर के दिन इसे पहली बार सामूहिक रूप से गाया गया था।
बंगाली भाषा से ही अंग्रेजी भाषा में राष्ट्रगान का पूरा वर्जन ट्रांसलेट किया गया है और इसके संगीत को आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में रहने वाले मदनापल्ले के द्वारा सजाया गया है।
जब राष्ट्रगान पर लगाया गया प्रतिबंध
साल 1975 तक फिल्म के समाप्त होने के पश्चात भारत का राष्ट्रगान जन गण मन अधिनायक को गाए जाने की परंपरा थी। परंतु यह देखने में आया कि फिल्म पूरी होने के पश्चात कुछ लोगों के द्वारा राष्ट्रगान को सही सम्मान नहीं दिया जा रहा था।
इसलिए सरकार के द्वारा राष्ट्रगान को गाने पर रोक लगा दी गई। हालांकि कुछ सालों के बाद फिल्म के चालू होने से पहले केरल गवर्नमेंट के द्वारा गवर्नमेंट सिनेमाघर में एक बार फिर से राष्ट्रगान को बढ़ावा दिया जाना प्रारंभ किया गया।
जब सरकार ने सिनेमाघर में फिर से अनिवार्य किया राष्ट्रगान
साल 2016 में भारत की सुप्रीम कोर्ट के द्वारा एक फैसला सुनाया गया जिसके अंतर्गत फिर से देश भर में मौजूद सभी गवर्नमेंट और प्राइवेट सिनेमाघर में राष्ट्रगान जन गण मन अधिनायक को बजाना आवश्यक कर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जब सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान बजे तब सिनेमा हॉल के परदे पर भारत का तिरंगा दिखाई देना चाहिए साथ ही हॉल के अंदर सभी लोगों को खड़े हुए होना चाहिए।
भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों की सूची
राष्ट्रगान आचार संहिता क्या है ?
आचार संहिता एक प्रकार का नियम होता है जिसके अंतर्गत यह बताया गया है कि राष्ट्रगान का गायन करते समय क्या-क्या करना चाहिए और कौन सी बातें ध्यान में रखनी चाहिए। भारतीय गवर्नमेंट के द्वारा समय-समय पर आचार संहिता के बारे में जानकारी दी जाती है।
राष्ट्रगान को पूरा गाने में 52 सेकंड का समय लगता है। गवर्नमेंट ने एक कानून धारा 71 लागू किया है जिसके अंतर्गत जिस व्यक्ति के द्वारा भारत के राष्ट्रगान का अपमान किया जाएगा। उसके खिलाफ जुर्माने के अलावा कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
जिसके अंतर्गत उसे 3 साल तक की सजा भी हो सकती है। नीचे कुछ नियमों का वर्णन हमने किया है जो राष्ट्रगान गाने के दरमियान ध्यान में रखनी चाहिए।
- राष्ट्रगान किसी भी पर्व और औपचारिक राज्य के कार्यक्रम में गाया जा सकता है।
- इसके अलावा राष्ट्रपति के सामने जब परेड संपन्न हो जाए अथवा उपराज्यपाल के सामने या फिर राज्यपाल के समक्ष जब परेड संपन्न हो जाए तब जन गण मन अधिनायक गाया जा सकता है।
- राष्ट्रपति के द्वारा देश के नाम पर संबोधन करने से पहले या फिर बाद में तथा राज्यपाल और उपराज्यपाल के आने पर राष्ट्रगान गाया जा सकता है।
- नेवी में कलर को फैलाने के दरमियान और रेजिमेंट के रंग की प्रस्तुति होने पर राष्ट्रगान गा सकते हैं।
- किसी अहम मौके पर जब भारतीय गवर्नमेंट के द्वारा कोई खास निर्देश दिया गया हो तब राष्ट्रगान गा सकते हैं।
- बैंड द्वारा गाने पर राष्ट्रगान को ड्रम के आगे रखना चाहिए अथवा ड्रम के द्वारा साथ की धीमी गति से राष्ट्रीय सलामी पूरी होने के बाद इसे गा सकते हैं।
- किसी भी कार्यक्रम में झंडा फहराने के बाद राष्ट्रगान गा सकते हैं।
- सुबह के समय स्कूल में राष्ट्रगान गा सकते हैं।
- राष्ट्रगान गाने के दरमियान सभी लोगों को सावधान की मुद्रा में खड़ा होना चाहिए।
FAQ
जन गण मन अधिनायक
रविंद्र नाथ टैगोर
52 सेकंड
3 साल की जेल अथवा जुर्माना अथवा दोनों ही
1950, 24 जनवरी