इक्कीसवीं शताब्दी में किसी भी देश के नागरिकों के विकास में शिक्षा की भूमिका सबसे अहम है। एक शिक्षा ही थी,जिसके अभाव के कारण हमारे देश ने कई सौ सालों तक अंग्रेजो की गुलामी और अपनी सारी संपदा और समृद्धि को लूटने दिया। इसी संपदा की वजह से आज अंग्रेज देश विकसित और कई गुना तरक्की कर रहे है।
शिक्षा ही एकमात्र ऐसा साधन है,जो किसी को भी फर्स से अर्श पर पहुंचा देती हैं। आज हम शिक्षा के अंतर्गत एक शाखा के बारे में जानेंगे,जिसे बी.ए.एल.एल.बी के नाम से जाना जाता है। इसलिए हमारे साथ अंत तक जुड़े रहे और इस शाखा के बारे में विस्तार से पूरी जानकारी हासिल करे।
बी.ए.एल.एल.बी [B.A LLB] कोर्स क्या है?
बी.ए.एल.एल.बी कोर्स एक पांच साल का एक इंटीग्रेटेड यानी एकीकृत कोर्स है, जिसे पूर्ण करने के पश्चात छात्र को ग्रेजुएशन की उपाधि दिलाता है। इस कोर्स में विद्यार्थियों को कुछ विषय आर्ट्स के और बाकी विषय कानून के पढ़ाए जाते है। यह कोर्स उन सभी विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है, जो भविष्य में वकील, अधिवक्ता या जज बनना चाहते है।
चूँकि 5 साल के इस सम्मानित कोर्स में विद्यार्थियों को बैंकिंग के कानून, अपराधिक कानून, नैतिक शास्त्र, अंतरराष्ट्रीय संबंध, पारिवारिक कानून, समाज शास्त्र, इतिहास इत्यादि विषयों के बारे में गहन जानकारी दी जाती है। संक्षेप में कहें तो इस कोर्स कर लेने के बाद विद्यार्थियों के पास अपने करियर में आगे बढ़ने के बहुत से अवसर प्राप्त होते है।
बी.ए.एल.एल.बी [BA LLB] का फुल फॉर्म क्या होता है?
बी.ए.एल.एल.बी का फुल फॉर्म बैचलर ऑफ आर्ट्स-बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ होता है, जबकि हिंदी में इसे कला में स्नातक अथवा विधिक कानून में स्नातक कहा जाता है। देश के जिन विश्वविधालयों में सेमेस्टर सिस्टम चलता है, वहां पर यह कोर्स 10 सेमेस्टर्स में पूरा होता है।
इस कोर्स में दो स्नातक की उपाधि दी जाती है, जो अलग अलग करने पर छह साल का समय लेती है। जिसमे एक सेमेस्टर 6 महीने का होता है, इस तरीके के 5 साल में 10 सेमेस्टर आपको पूरे करने होते है। इस कोर्स के दौरान आप कुछ विषय BA के और बाकी LAW यानी कानून के विषय पढ़ते हैं।
BA LLB Course के दौरान पढ़े जाने वाले विषय कौन कौन से है? [BA LLB Subjects]
क्रिमिनल लॉ:
जैसा की इस विषय के नाम से ही समझा जा सकता है की इसके अंतर्गत हमें अपराधिक गतिविधियों और उससे संबंधित नियम और कानून की पढ़ाई करनी होती है।
बैंकिंग लॉ:
इस कोर्ष के अंतर्गत आपको बैंक से संबंधित नियमों और कानूनों के बारे में अध्ययन कराया जाता है।
पेटेंट अटॉर्नी:
पेटेंट अटॉर्नी के अंतर्गत ऐसे विषय आते हैं, जिसमें कोई भी व्यक्ति अपनी किसी चीज पर अपना पूरा अधिकार रखता है और ऐसे में अगर दूसरा कोई व्यक्ति उस पहले व्यक्ति के सहमति के बिना उसपर अधिकार का उपयोग करता है, तो उसके लिए जिन कानूनी नियमों का निर्धारण किया गया है, उसका अध्ययन ही पेटेंट एटर्नी के अंतर्गत किया जाता है।
साइबर लॉ:
इस कोर्स में आपको यह बताया जाता है कि आप किस प्रकार से इंटरनेट पर मानव गतिविधि द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों को निपटा सकते है, इसके लिए कौन से कानून बनाए गए हैं और उनका उपयोग कैसे किया जा सकता है।
फैमिली लॉ:
जमीन बंटवारे में आपसी विवाद, पारिवारिक विवाद में झगड़े, आपस मे मार पीट, समाज मे कुरीतियों का बढ़ावा देना, तलाक देना, भाई भाई में लड़ाई, गोद लेने से संबंधित विवाद, शादी में कुछ आपसी झगड़े, पारिवारिक या पर्सनल प्रॉब्लम इत्यादि को पारिवारिक अपराध/क्राइम कहा जा सकता है। और फैमिली लॉ के अंदर हम इन जैसी चीजें, इससे संबंधित क्राइम्स के बारे में, और उसके लिए बनाए गए नियम कानून के बारे में अध्ययन करते हैं।
कॉरपोरेट लॉ:
किसी भी देश में चल रही हर कंपनी को उस देश की सरकार द्वारा निर्धारित नियम और कानूनों को पालन करते हुए ही संचालन करना होता है, पर कुछ कंपनियां ऐसी भी होती है जो अपना व्यवसाय गैरकानूनी रूप से चलाती हैं, ऐसे में आप किस प्रकार से उस कंपनी का विरोध करेंगे, उस कंपनी को गैरकानूनी कैसे साबित करेंगे, इत्यादि जैसी चीजें आपको कॉरपोरेट लॉ के अंतर्गत पढ़नी होती है।
टैक्स लॉ:
टैक्स की भरपाई से संबंधित क्राइम के लिए निर्धारित किए गए कानूनों की पढ़ाई ही इस विषय के अंतर्गत आती है।
महिला और कानून:
सभी संस्थाओं में कार्यरत महिलाओं के स्वास्थ्य लाभ के लिए अवकाश की विशेष व्यवस्था हो, संविधान के अनुच्छेद 42 के अनुकूल करने के लिए 1961 में यह अधिनियम पारित किया गया।
क्रिमिनोलॉजी:
क्रिमिनोलॉजी लॉ की एक ऐसी शाखा है, जिसमें अपराध और उससे बचनें के तरीकों के बारे में बताया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र कानून:
सभी आंतरिक और अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक क्रियाओं का आधार तथा सेवाओं का लेन देन, अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का सम्बन्ध राष्ट्रों के मध्य समस्त आर्थिक सौदों से है, इसी चीज के बारे में इस विषय में पढ़ा जाता है।
पेशेवर नैतिकता:
यह वे नैतिक मूल्य हैं जो हमे नियमों या अन्य व्यवसाय में निर्णय लेने के तरीके के बारे में बताते हैं।
अत्याचार और उपभोक्ता संरक्षण कानून:
भारतीय संविधान के अन्तर्गत उपभोक्ताओं को शोषण, मिलावटी वस्तुओं और सेवाओं की कमी से बचाने के लिए हम इस विषय की पढ़ाई करते हैं
संवैधानिक कानून:
हमारा भारत देश संवैधानिक मूल्यों पर चलता है, यह वाक्य तो आपने अक्सर सुना होगा मगर यह संवैधानिक मूल्य क्या हैं, ये सबको नही मालूम होता, वे सभी संवैधानिक मूल्यों की पढ़ाई हम संवैधानिक कानून के अंदर करते हैं।
साक्ष्य कानून:
साक्ष्य कानून उन कानूनों का समूह होता है जो निर्धारित करते हैं कि किसी विधिक कार्यवाही में क्या-क्या तथ्य, प्रमाण के रूप में मान्य होंगे और क्या नहीं, इसकी जानकारी हमें साक्ष्य विधि पढ़ कर ही मिलती है।
मध्यस्थता, सुलह और वैकल्पिक:
जब न्यायालय में कोई केस जाता है तो न्यायाधीश उसका फैसला सुनाते है। मगर दोनो ही पार्टी के पास इसके अलावा एक और रास्ता होता है, जिसमे वो न्यायालय के बाहर मध्यस्थता, सुलह कर के केस को खत्म कर सकते हैं। इस विषय के अंदर हम इन्ही तरीकों के बारे में अध्ययन करते हैं।
मानवाधिकार और अंतर्राष्ट्रीय कानून:
इस विषय में सामान्य मापदंड शामिल हैं जो हर समय सभी पर लागू होते हैं और साथ ही विशेष मापदंड जो कुछ स्थितियों पर लागू होते हैं, जैसी चीजों का अध्ययन इस विषय में किया जाता है।
पर्यावरण कानून:
पर्यावरण किसी एक की निजी संपत्ति नही होती है, अगर आप उसे नुकसान देते पाए जाते हैं तो आप पर उचित दंड सुनिश्चित किया जाएगा। कैसा दंड, कितना दंड इन सभी बातों का ब्योरा इस विषय में अध्ययन किया जाता है।
संपत्ति कानून, संपत्ति अधिनियम के हस्तांतरण सहिता:
संपत्ति कानून, संपत्ति अधिनियम के हस्तांतरण संहिता 1882 एक जुलाई को लागू हुआ, ताकि लोग प्रॉपर्टियों का लेनदेन आसानी से कर सकें. भारतीय कानूनी व्यवस्था में सबसे पुराने कानूनों में से यह एक है,जिसका अंध्ययन इस विषय के अन्तर्गत किया जाता है।
न्यायशास्त्र:
न्यायशास्त्र एक ऐसा विषय हैं जिसको हम सीधा अपने जीवन में अप्लाई नही कर सकते है,मगर न्यायशास्त्र इस लॉं को समझने के लिए एक अच्छा विषय हैं | न्यायशास्त्र का मतलब लॉ का ज्ञान है।
व्यावहारिक प्रशिक्षण:
कानूनी सहायताया प्रैक्टिकल ट्रेनिंग होती है, जब आप बी.ए.एल.एल.बी कोर्स में अध्ययनरत हो जायेंगे तो आपको बस किताबी ज्ञान नही दिया जायगा बल्कि व्यावहारिक प्रशिक्षण भी करवाया जाएगा।
सिविल प्रक्रिया संहिता (सीपीसी)
इस विषय में सिविल मामलों में न्याय के प्रशासन से सम्बन्धित प्रक्रिया का अध्ययन हमें करना होता है।
विधियों की व्याख्या:
विधि, मनुष्य के व्यवहार के वह सामान्य नियम होते हैं, जो राज्य द्वारा स्वीकृत तथा लागू किये जाते है, जिनका पालन अनिवार्य होता है।इस विषय के अन्तर्गत हम उन्हीं सामान्य नियमों को पढ़ते हैं।
कानूनी लेखन:
कानूनी लेखन में सबूत का विश्लेषण, कानूनी ज्ञापन और ऐसे ही अन्य दस्तावेजों में तर्कों की प्रस्तुति की जाती है, इन कार्यों को सही ढंग से करने का अध्ययन हम इस विषय में करते हैं।
छत और अन्य स्थानीय कानूनों सहित भूमि कानून:
यह भारत का एक ऐसा कानून है जिसका उपयोग करके सरकारें निजी भूमि का अधिग्रहण कर सकतीं हैं, किन परिस्थितियों में सरकारों को ऐसे अधिकार मिलता है, यह इस विषय के अंदर पढ़ा जाता है।
प्रशासनिक कानून:
इस कानून के द्वारा अधिकारियों को अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों का ज्ञान होता है, यह प्रशासन से सम्बन्धित विधि है।
आपराधिक प्रक्रिया संहिता
इस विषय के अंदर सभी तरह के अपराधों के लिए मिलने वाली सजाओं का वर्णन किया गया है।
कंपनी कानून:
देश में काम कर रही सभी कम्पनी भले वो उस देश की हो या विदेशी उन्हें उस देश के कानून को मानना ही पड़ेगा,लेकिन वो भी नियमों के अनुसार। उन सभी नियमो के बारे में इस विषय में शिक्षा दी जाती है।
व्यावहारिक प्रशिक्षण – मूट कोर्ट
यह हुबहू कोर्ट रूम में चलने वाली प्रक्रिया होती है, दोनो तरफ विद्यार्थियों को वकील बना दिया जाता है, इस तरीके से विद्यार्थियों का व्यवहारिक परीक्षण, यानी प्रैक्टिकल असेसमेंट भी होता है।
बी.ए.एल.एल.बी करने के लिए क्या योग्यता आवश्यक है? [BA LLB Eligibility]
इस कोर्स को करने के किए आपको कम से कम 10+2 यानी बारहवीं पास होना जरूरी है। इससे फर्क नही पड़ता कि आपने अपनी बारहवीं कक्षा आर्ट्स स्ट्रीम से की है या मैथ्स से अन्यथा कॉमर्स स्ट्रीम से की है। हां कुछ प्राइवेट कॉलेज सिर्फ आर्ट स्टूडेंट्स को ही एडमिशन देते है, मगर ज्यादातर शिक्षण संस्थान और विश्व विद्यालय सभी को दाखिला दे देते हैं।
अब सवाल यह आता है की इस कोर्स में दाखिला लेने के लिए कितने प्रतिशत अंक होना जरूरी है। BA LLB में दाखिले के लिए बारहवीं कक्षा में निम्नतम पचास प्रतिशत अंको का होना जरूरी है।इसके अलावा कुछ निजी शिक्षण संस्थान अपने हिसाब से न्यूनतम अंको के मापदंड को बढ़ाते घटाते रहते हैं।
बी.ए.एल.एल.बी कोर्स में दाखिले की प्रक्रिया क्या है?
BA LLB में दाखिले के लिए निजी क्षेत्र के कुछ शिक्षण संस्थान और विश्व विद्यालय अपने नियमानुसार एंटरेंस एग्जाम यानी प्रवेश परीक्षा कराते हैं और उसी के तहत छात्रों को दाखिला मिलता है, इसके अलावा कुछ निजी शिक्षण संस्थान मेरिट के आधार पर यानी कक्षा बारहवीं में आए हुए अंको के आधार पर भी दाखिला दे देते हैं।
वही यदि हम बात करें राष्ट्रीय स्तर की परिक्षाओं के बारे में बात करे,तो वह परीक्षा क्लैट (CLAT) यानी कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट, है। इस परीक्षा के माध्यम से आप पूरे भारत भर की सबसे बढ़िया राष्ट्रीय विधि विश्व विद्यालयों में दाखिला ले सकते हैं। इसके अलावा इस कोर्स में दाखिले के लिए राजकीय स्तर पर भी एंटरेंस एग्जाम यानी प्रवेश परीक्षाएं करवाई जाती है। उदाहरण के लिए बी.ए.एल.एल.बी में दाखिला लेने के लिए कुछ जरूरी प्रवेश परीक्षाओं की सूची निम्न है
- LSAT India.
- ILSAT.
- TSLAWCET.
- MH CET LAW.
- AP LAWCET.
बी.ए.एल.एल.बी कोर्स के शुल्क की संरचना क्या है? [BA LLB Fee Structure]
इस कोर्स के लिए फीस एक ऐसा मुद्दा है तो बहुत ज्यादा अलग है। सभी विश्व विद्यालय में, हर एक शिक्षण संस्थान में कोर्स की पढ़ाई के लिए खर्च होने वाली राही में बहुत ज्यादा अंतर देखने को मिलता हैं। फिर भी यदि हम औसत शुल्क की बात करे तो रुपए 50,000 से 3,00,000 तक की सालाना फीस देखने को मिलती है।
भारत में बी.ए.एल.एल.बी के सबसे अच्छे शिक्षण संस्थान कौन से है? [Top BA LLB Colleges in India (List)]
- नेशनललॉस्कूलऑफइंडियायूनिवर्सिटी (NLSIU), बेंगलुरु |
- फैकल्टी ऑफ लॉ, यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली, दिल्ली |
- नेशनल अकेडमी ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (NALSAR), हैदराबाद |
- गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, गांधीनगर |
- सिम्बिओसिस लॉ स्कूल, पुणे |
- फैकल्टी ऑफ लॉ, अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी, अलीगढ़ |
- क्राइस्ट कॉलेज ऑफ लॉ, बंगलुरु |
- ILS लॉ कॉलेज, पुणे |
- भारती विद्यापीठ न्यू लॉ कॉलेज, पुणे |
- यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ एंड लीगल स्टडीज, गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली |
भारत में बी.ए.एल.एल.बी के सबसे अच्छे निजी शिक्षण संस्थान कौन से है?
- सिम्बिओसिस लॉ कॉलेज, पुणे |
- क्राइस्ट कॉलेज ऑफ लॉ, बैंगलोर |
- ILS लॉ कॉलेज, पुणे |
- भारती विद्या#पीठ न्यू लॉ कॉलेज, पुणे |
- एमिटी लॉ स्कूल, दिल्ली |
बीएएलएलबी कर लेने के बाद करियर स्कोप [BA LLB Ke Baad Kya Kare]
- यह कोर्स पूरा कर लेने के बाद आप लेक्चरर के तौर पर कार्यरत हो सकते हैं।
- आप एक लॉ ऑफिसर के रूप में काम कर सकते हैं।
- लीगल एसोसिएट की पोस्ट पर काम कर सकते हैं।
- जूनियर लॉयर का पोस्ट आपको मिल सकता है।
- आप लीगल एक्सपर्ट एडवाइजर के पद पर कार्यन्व्यत हो सकते है।
- कॉरपोरेट लॉयर, प्राइवेट प्रैक्टिस, एडवोकेट |
- गवर्नमेंट लॉयर |
- मजिस्ट्रेट |
- नोटरी |
अतः संक्षेप में कहें यह आप पर निर्भर करता है की आखिर आप जीवन में क्या करना चाहते हैं और आपकी रुचि किस तरफ है, क्योंकि इस कोर्स को सही तरीके से पढ़ लेने के बाद अवसरो की तो भरमार रहता है, बस उस अवसर को पहचानने और उसका सम्पूर्ण उपभोग लेने का ज्ञान होना चाहिए।
क्या बी.ए.एल.एल.बी कर लेने के बाद सरकारी नौकरी के लिए आवेदन किया जा सकता है?
इस कोर्स को पूरा कर लेने के बाद आपको स्नातक की उपाधि दे दी जाएगी,जिसके बाद आप उन सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के आवेदन कर सकते है,जिनके लिए न्यूनतम योग्यता स्नातक है। यह निर्भर नहीं करता है कि वह परीक्षा सरकारी नौकरी के लिए है या फिर निजी क्षेत्र की किसी कंपनी में नौकरी के लिए है। नीचे कुछ सरकारी प्रवेश परीक्षाओं को बताया जा रहा है,जिनके लिए आप स्नातक हो जाने के बाद बेझिझक आवेदन कर सकते है
- ज्यूडिशियल सर्विस एग्जाम यानी न्यायिक सेवा परीक्षा |
- आर.बी.आई ग्रेड बी (लीगल ऑफिसर)
- यू.पी.एस.सी सिविल सर्विसेज एग्जाम यानी संघ लोक सेवा आयोग प्रशासनिक सेवा परीक्षा |
- स्टेट पी.एस.सी, पी.सी.एस एग्जाम यानी राजकीय लोक सेवा आयोग परीक्षा |
- एस.एस.सी.सी.जी.एल एग्जाम यानी कर्मचारी चयन आयोग संयुक्त स्नातक स्तर परीक्षा |
- एस.बी.आई पी.ओ एग्जाम यानी भारतीय स्टेट बैंक परिविक्षाधीन अधिकारी परीक्षा |
बी.ए.एल.एल.बी कर लेने के बाद संभावित वेतन क्या हो सकता है? [BA LLB Salary]
यदि वेतन की बात करे तो वेतन आपकी पोस्ट पर निर्भर करती है। आप किस पोस्ट पर कार्यरत हैं, आपको कितना अनुभव है, या आप किस कंपनी अथवा संस्थान में है, या आप अपना खुद का व्यापार चला रहें हैं। ऐसे बहुत से कारण होते हैं, जिनपर वेतन निर्भर करता है।
बी.ए.एल.एल.बी कोर्स की विशेषताएं?
इस कोर्स को दो अलग अलग कोर्स को जोड़ कर बनाया गया है, इसलिए यह कोर्स करने से विद्यार्थियों एक अतिरिक्त साल बच जाता है। यदि इन दोनो कोर्स को अलग अलग किया जाए तो विद्यार्थियों दोनो कोर्स करने में कुल 6 साल लगेंगे, बल्कि यह कोर्स सिर्फ पांच साल का होता है।
- इस कोर्स में विद्यार्थियों को मूट कोर्ट में भेजा जाता है, जो एक असली अदालत की तरह होती है। यहां पर विद्यार्थियों को अदालत के काम करने का अनुभव प्राप्त होता है।
- इस कोर्स को कर लेने के बाद विद्यार्थियों के पास अपने करियर को बनाने के लिए असीम अवसर होते है।
- इस कोर्स के आखिर में विद्यार्थियों को इंटर्नशिप के लिए अदालत में काम कर रहे वकीलों के पास अनुभव के लिए भेजा जाता है।
- यह कोर्स विद्यार्थियों को समाज से गलत मामलों में लड़ने का मौका देती है।
- इस कोर्स को कर लेने के बाद विद्यार्थी स्वयं की एक फर्म खोल सकता है, जिसके जरिए वह अदालत में केस लड़ सकता है और अपनी फर्म में काम कर रहे वकीलों से भी केस लडवा सकता है।
- इस कोर्स को कर लेने के बाद विद्यार्थी सरकारी तथा गैर सरकारी दोनो तरह के संस्थानों के लिए काम कर सकता है।
- इस कोर्स में विद्यार्थियों को अलग अलग मूट कोर्ट में भेजा जाता है, जिससे विद्यार्थियों को बोलने में दिक्कत न हो और वो बेझिझक बोल सके।
- इस कोर्स में विद्यार्थियों को प्रतियोगिताओं के लिए अलग अलग विश्वविद्यालय में भेजा जाता है, जिससे उनका विकास हो सके।