Moon to Earth Distance: अक्सर रात को सोने के समय हमें आसमान में एक ऐसी चीज दिखाई देती है जो सफेद रंग की होती है। इस चीज का आकार कभी आधा होता है तो कभी पूरा होता है। इसी चीज को चंद्रमा (Moon) कहा जाता है, जिसे चंद्र अथवा चांद के नाम से भी जाना पहचाना जाता है। अलग-अलग धार्मिक लोगों में इसका अलग अलग महत्व है। चंद्रमा हमें आसमान में दिखाई देता है। इसलिए काफी लोगों के मन में यह सवाल आता है कि क्या चंद्रमा पर पहुंचा जा सकता है। अगर हां, तो धरती से चंद्रमा की दूरी कितनी हो सकती है और आखिर चंद्रमा का आकार कभी आधा तो कभी पूरा क्यों होता है।
इन सभी सवालों का जवाब आपको इस आर्टिकल में प्राप्त होने वाले हैं, क्योंकि इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि “चांद धरती से कितनी दूरी पर है” अथवा “धरती से चांद की दूरी कितनी है” साथ ही हम आर्टिकल में “चांद के बारे में रोचक तथ्य” की जानकारी भी प्राप्त करेंगे।
चाँद धरती से कितना दूर है ?
Chand Dharti Se Kitna Dur Hai: पृथ्वी पर से हमें चांद साफ तौर पर दिखाई देता है, जो कि सफेद रंग का होता है, जिसमें थोड़े-थोड़े दाग होते हैं। चांद कभी आधा दिखाई देता है तो कभी पूरा दिखाई देता है।
काफी लोग नहीं जानते हैं कि चांद धरती से कितनी दूरी पर है अथवा धरती से चांद की दूरी कितनी है। बता दें की धरती से चांद की दूरी काफी अधिक है। चंद्रमा हमारी पृथ्वी अर्थात धरती से लगभग 3,84,403 किलोमीटर और 238857 मील की दूरी पर मौजूद है।
पृथ्वी के चारों तरफ चांद के द्वारा चक्कर लगाया जाता है। इसीलिए चांद की दूरी कभी पृथ्वी से ज्यादा हो जाती है तो कभी पृथ्वी से कम हो जाती है। इसलिए कभी भी चंद्रमा और पृथ्वी की दूरी को एक समान नहीं माना जाता है। वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार चंद्रमा का वजन 81 अरब टन के आसपास है।
चंद्रमा के बारे में एक मजेदार बात यह भी है कि इसके पास अपना खुद का प्रकाश नहीं है बल्कि सूरज की जो किरणें होती है उसी की रोशनी की वजह से चंद्रमा हमेशा चमकता रहता है। चांद जब अपने पूरे आकार में आ जाता है तब उसे पूर्णिमा कहा जाता है अथवा पूर्णमासी की रात कहा जाता है।
इस दिन को गंगा स्नान करने के लिए भारत देश में शुभ माना जाता है। चांद 24 घंटे रहता है परंतु रात में अंधेरा होने की वजह से यह दिखाई देता है और दिन में सूरज की रोशनी ज्यादा होने की वजह से यह हमें नहीं दिखाई देता है।
चाँद से धरती की दुरी | 384803 किमी |
प्रक्रमण समय | 27.321661 दिन |
औसत परिक्रमण गति | 1.022 किमी/सेकंड |
झुकाव | 5.145° क्रांतिवृत्त से (पृथ्वी की भूमध्य रेखा से 18.29° व 28.58° के बीच) |
चंद्रमा तक पहुंचने में कितना समय लगता है ?
चांद पर धरती से पहुंचने में तकरीबन 1 साल, एक महीना और 2 सप्ताह का समय लगता है। देखा जाए तो कुल मिलाकर जिस अंतरिक्ष यान के द्वारा व्यक्ति चांद पर जा रहा है उस अंतरिक्ष यान की स्पीड के आधार पर चांद पर पहुंचने के समय की गणना होती है।
चांद किसकी परिक्रमा करता है ?
चंद्रमा किसका चक्कर लगाता है: चंद्रमा के द्वारा लगातार हमारे पृथ्वी ग्रह की परिक्रमा की जाती रहती है और यह तकरीबन 27.3 दिन में धरती का एक चक्कर पूरा करता है और चंद्रमा के द्वारा अपने अक्ष के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में 27.3 दिन लगते हैं। यही वजह है कि हमें चंद्रमा का एक ही हिस्सा दिखाई देता है और दूसरा हिस्सा नहीं दिखाई देता है।
हालांकि जब पूर्णिमा की रात आती है तब चंद्रमा पूर्ण आकार में हमें आसमान में गोल गोल दिखाई देता है। पूर्णिमा की रात में चंद्रमा की रोशनी से रात में भी हमें काफी चीजें साफ तौर पर दिखाई देती हैं। हिंदू और मुस्लिम समुदाय के कई त्यौहार चांद से जुड़े हुए हैं। जैसे मुसलमानों में चांद ईद के त्यौहार से संबंधित है, वही हिंदुओं में चांद करवा चौथ के त्यौहार से संबंधित है।
चाँद (चंद्रमा) के बारे में रोचक तथ्य
- धरती से हमें भले ही चंद्रमा गोलाकार दिखाई देता है परंतु इसका आकार अंडाकार होता है।
- पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह अगर कोई है तो वह चंद्रमा ही है और 181 सौर मंडल के उपग्रह में यह पांचवा सबसे बड़ा उपग्रह है।
- चंद्रमा पर जाने वाला अर्थात चंद्रमा पर अपना पहला कदम रखने वाले व्यक्ति का नाम नील आर्मस्ट्रांग था।
- नेशनल स्पेस एजेंसी के द्वारा चंद्रमा पर वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध करवा दी गई है, जिसकी स्पीड 19 एमबीपीएस के आसपास में है।
- चंद्रमा पर 14 दिनों का 1 दिन होता है और 14 दिनों की रात 1 रात होती है।
- धरती के 5 दिन को मिला दिया जाए तो चंद्रमा पर 1 दिन होता है।
- रॉकेट के द्वारा चंद्रमा पर पहुंचने में 13 घंटे लगते हैं। वही अगर कार के द्वारा चंद्रमा पर जाया जाए तो 130 दिन के आसपास लगेंगे।
- सूरज और चंद्रमा के बीच जब धरती आती है तब चंद्र ग्रहण लगता है।
- चंद्रमा पर जो अंतरिक्ष यात्री जाते हैं उन्हें आइसलैंड नाम के देश में ट्रेनिंग प्रदान की जाती है।
- चंद्रमा पर वातावरण मौजूद नहीं है। इसलिए चंद्रमा पर कोई भी आवाज नहीं सुनाई देती है।
- चंद्रमा का निर्माण आज से तकरीबन 5 साल पहले धरती और मार्स के आकार के तत्व के बीच भीषण टकराव के बाद जो अवशेष बचा था उसी की वजह से बना था।
- चांद का वजन लगभग 81 अरब टन के आसपास है।
- चंद्रमा का कुल व्यास धरती के व्यास के सिर्फ चौथा हिस्सा जितना ही है और तकरीबन 49 चांद धरती में आसानी से समाहित हो सकते हैं।
- जितना क्षेत्रफल अफ्रीका का है उतना ही क्षेत्रफल लगभग चांद का भी है।
- अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग के द्वारा चांद पर जब अपना पहला कदम रखा गया था तो उसके निशान वर्तमान के समय में भी मौजूद हैं क्योंकि चांद पर हवा नहीं होती है। इसलिए उनके पैर के निशान मिटे नहीं है।
- अगर पृथ्वी से चांद गायब हो जाता है तो धरती पर दिन सिर्फ 6 घंटे के लिए ही होगा।
- धरती के गुरुत्वाकर्षण शक्ति की तुलना में चांद की गुरुत्वाकर्षण शक्ति कम होती है। आंकड़े के अनुसार चांद पर पहुंचने के पश्चात इंसान का वजन 16.5% कम हो जाता है। इसलिए जब चांद पर कोई अंतरिक्ष यात्री जाता है तब वह ज्यादा उछल कूद करने में सक्षम होते हैं।
- धरती पर मौजूद समुद्र में जो ज्वार भाटा आता है वह चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण शक्ति की वजह से ही आता है।
- चंद्रमा पर जो गड्ढे दिखाई देते हैं यह धूमकेतु की वजह से होते हैं।
- अमेरिका द्वारा साल 1950 में चांद को एटम बम के द्वारा उड़ाने की योजना का निर्माण किया गया था।
- चांद पर पानी की खोज भारत देश ने ही की है।
चन्द्र ग्रहण (Lunar Eclipse) क्या होता है
FAQ
चाँद कितनी दूर है ?
3,84,403 किलोमीटर
पृथ्वी से चांद की दूरी कितनी है ?
3,84,403 किलोमीटर
धरती से चांद कितनी दूर है ?
3,84,403 किलोमीटर