न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी): भारत सरकार ने किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने हेतु, प्रत्येक वर्ष नई – नई योजनाएं लागू करती है, जिससे की किसानों की आय में बढ़ोत्तरी हो सके | केंद्र सरकार का लक्ष्य 2022 तक किसानों की आय दुगुना करना है | इसी कड़ी में किसानों के अनाज का उचित मूल्य दिलाने के सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि कि एमएसपी (MSP) योजना लागू कर रखा है | इसके जरिये सरकार प्रतिवर्ष किसानों के अनाज के मूल्य में बढ़ोत्तरी करेगी |
इससे किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य प्राप्त हो सकेगा | भारत में माध्यम और निम्न वर्ग के किसानों कि स्थिति पहले से ही दयनीय रही है, लेकिन सरकार द्वारा जारी की रही वर्तमान में योजनाओं इसमें सुधार देखने को मिला है | यदि आप भी न्यूनतम समर्थन मूल्य क्या है, एमएसपी फुल फॉर्म, निर्धारण और किस-किस फसल पर एमएसपी मिलता है इसके बारे में जानना चाहते है तो यहां पर जानकारी उपलब्ध कराई गई है |
एमएसपी (MSP) क्या है [What is MSP in Hindi] ?
Nyuntam Samarthan Mulya Kya Hota Hai: एमएसपी (MSP) को मंजूरी 24 दिसंबर 1964 को दी गई थी, परन्तु उसी समय इसे लागू नहीं किया गया था। उस समय के भारत सरकार के सचिव पद पर रहे बी शिवरामन ने 19 अक्टूबर 1965 को इस पर अंतिम मुहर लगाई थी, जिसके बाद 1966-67 में पहली बार गेहूं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि कि एमएसपी (MSP) की घोषणा की गई थी। जिसके बाद से प्रत्येक वर्ष सरकारों ने फसलों हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा के साथ शुरुआत की गई थी। समर्थन मूल्य की घोषणा फसलों की बुवाई से ठीक पहले घोषणा की जाती है।
एमएसपी (MSP) का फुल फॉर्म
MSP Full Form in Agriculture: MSP का फुल फॉर्म “Minimum Support Price” होता है, इसका शाब्दिक उच्चारण ‘मिनिमम सपोर्ट प्राइस’ होता है | इसका हिंदी में अर्थ “न्यूनतम समर्थन मूल्य” होता है | भारत एक कृषि प्रधान देश है, एमएसपी (MSP) का सम्बन्ध किसान की फसल के निम्नतम मूल्य से है | इसके द्वारा सरकार द्वारा प्रतिवर्ष अनाज के मूल्य बढ़ाने का नियम रखा गया है |
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एमएसपी (MSP) का निर्धारण | Calculation of MSP Explained
- देश के अलग-अलग क्षेत्रों में किसी भी फसल की प्रति हेक्टेयर लागत के अनुसार निर्धारित की जाती है |
- सरकारी और सार्वजनिक एजेंसियों जैसे एफसीआई और नेफेड की स्टोरेज क्षमता को देखकर MSP का निर्धारण होता है|
- देश के अलग-अलग इलाकों में प्रति क्विंटल अनाज की पूरी लागत के अनुसार तय होता है |
- प्रति क्विंटल अनाज उगाने में होने वाले खर्च और आने वाले वर्ष में किया जाने वाले बदलाव के मुताबिक किया जाता है|
- अनाज का मार्केट में मूल्य और अगले एक वर्ष में किया जाने वाला औसत बदलाव के अनुसार |
- किसान के बुवाई से लेकर बेचने तक के खर्च के अनुसार निर्धारण होता है |
- एक परिवार पर खपत होने वाले अनाज के मुताबिक होता है |
- इसके अलावा अनाज के भंडारण, लाने ले जाने का खर्च, लगने वाले टैक्स, बाजार की मंडियों का टैक्स और अन्य फायदे और नुक्सान के मुताबिक |
- विश्व बाजार (World Market) में उस अनाज की मांग और उसकी उपलब्धता को देखते किया जाता है |
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एमएसपी (MSP) के लाभ
- एमएसपी (MSP) का नई तकनीकी को किसानों में लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है |
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के द्वारा निर्धन व्यक्तियों का आय का हस्तांतरण होता है |
- इससे कृषि व्यापर की शर्तो को उचित स्तर पर बनाकर रखा जा सकता है | इसके द्वारा क्रॉपिंग पैटर्न को ऐच्छिक दिशा में ले जाने में मदद मिलती है |
- भारत में खाद्द्य सुरक्षा से निपटारे हेतु गेहूं , चावल ,आदि के क्षेत्र में क्रॉपिंग पैटर्न में बदलाव देखने को मिला है |
- इसके द्वारा भारत में खाद्द्यान उत्पादन में आत्मपूर्णता की स्थिति बनाई जा सकी है |
- इसके माध्यम से खाद्द्यान और अन्य फसलों की मार्केट में कीमत स्थिरता को लागू किया जाता है |
एमएसपी फसलों की सूची
MSP Crops List in Hindi: भारत सरकार द्वारा किसानो को 4 प्रकार की फसलो पर एमएसपी दिया जाता है : –
- अनाज: धान, गेहूं, बाजरा, मक्का, ज्वार, रागी, जौ
- दाल: चना, अरहर, मूंग, उड़द, मसूर
- ऑयलसीड: मूंग, सोयाबीन, सरसों, सूरजमुखी, तिल, नाइजर या काला तिल, कुसुम
- अन्य फसल : गन्ना, कपास, जूट, नारियल
यहाँ पर आपको न्यूनतम समर्थन मूल्य या एमएसपी (MSP) के विषय में जानकारी प्रदान की गई | यदि इस जानकारी से संतुष्ट है, या फिर इससे समबन्धित अन्य कोई जानकारी पाना चाहते है तो कमेंट करे और अपना सुझाव प्रकट करे, आपकी प्रतिक्रिया का जल्द ही उत्तर दिया जायेगा | अधिक जानकारी के लिए hindiraj.com पोर्टल पर विजिट करते रहे |
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