आई.सी.एम.आर (ICMR) एक संस्था है, यह एक ऐसी संस्था है, जो भारत में जैव-चिकित्सा अनुसंधान हेतु निर्माण, समन्वय और प्रोत्साहन के लिए शीर्ष संस्था मानी जाती है। इसके साथ ही यह संस्था विश्व के सबसे पुराने आयुर्विज्ञान संस्थानों में से एक हैं। इसके अलावा भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा इस संस्था को वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है। इस परिषद का मुख्यालय रामलिंगस्वामी भवन, अंसारी नगर, नई दिल्ली में स्थित है।
वहीं इसी तरह सीडीएससीओ (CDSCO) भी के संस्था है, जो दवा निर्माताओं से सामान्य रूप से उपयोग में आने वाली एंटीबायोटिक दवाओं के प्रतिकूल प्रभावों की जानकारी आम जनता के लिये उपलब्ध कराने के लिए आदेश जारी करता है | इसलिए यदि आप भी आईसीएमआर (ICMR) | सीडीएससीओ (CDSCO) के विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको आईसीएमआर (ICMR) | सीडीएससीओ (CDSCO) क्या है, फुल फॉर्म की हिंदी में जानकारी प्रदान की जा रही है |
आईसीएमआर के बारे में जानकारी
आईसीएमआर (ICMR) को भारत सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान करने करने के लिए और समन्वय स्थापित करने के लिए विशेष रूप से वर्ष 1911 में ‘इंडियन रिसर्च फण्ड एसोसिएशन’ की स्थापना की गई थी। इसके अलावा इसके संगठन और इसकी गतिविधियों में कई बदलाव भी किये गए है | इसके बाद जब वर्ष 1949 में इसके कार्यों में बहुत अधिक तरक्की पाई गई तो, इस संस्था का नाम ‘भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद’ (आई सी एम आर) रख दिया गया था |
जैव आयुर्विज्ञान के विभिन्न विषयों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की सदस्यता में बने एक वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड द्वारा इसके वैज्ञानिक एवं तकनीकी मामलों में भी मदद प्राप्त कराई जाती है। यह एक ऐसा बोर्ड है, जिसे मुख्य रूप से वैज्ञानिक सलाहकार दलों, वैज्ञानिक सलाहकार समितियों, विशेषज्ञ दलों, टास्क फोर्स, संचालन समितयों, आदि द्वारा सहायता मिलती है, जो परिषद की विभिन्न शोध गतिविधियों का मूल्यांकन करने का काम करती हैं और साथ ही उन पर अपनी नजर बनाये रखती है |
आईसीएमआर (ICMR) का फुल फॉर्म
आईसीएमआर (ICMR) का फुल फॉर्म “भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद” होता है, जो मुख्य रूप से शोध प्राथमिकताएं राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राथमिकताओं के अनुरूप होता हैं, क्योंकि इस संस्था में संचारी रोगों पर नियंत्रण और उनका चिकित्सा प्रबन्ध, प्रजनन क्षमता नियंत्रण, मातॄ एवं शिशु स्वास्थ्य, पोषणज विकारों का नियंत्रण, स्वास्थ्य सुरक्षा वितरण हेतु वैकाल्पिक नीतियों का विकास, पर्यावरणी एवं एयावसायिक स्वास्थ्य समस्याओं को रोकना, कैंसर, हृदवाहिकीय रोगों अंधता, मधुमेह तथा चयापचयज एवं रुधिर विकारों जैसे प्रमुख असंचारी रोगों पर अनुसंधान, मानसिक स्वास्थ्य अनुसंधान और औषध अनुसंधान (पारम्परिक औषधियों सहित) आदि शामी है |
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सीडीएससीओ (CDSCO) क्या है
सीडीएससीओ (CDSCO) भी एक संस्था है | यह एक ऐसी संस्था है, जो प्रमुख रूप से आदेश देने का काम करता है| यानी यह संस्था दवा निर्माताओं से सामान्य रूप से उपयोग में आने वाली एंटीबायोटिक दवाओं के प्रतिकूल प्रभावों की जानकारी आम जनता के लिये उपलब्ध कराने के निर्देश जारी करता है |
वहीं इसी संस्था को भारत के फार्माकोविजिलेंस प्रोग्राम (Pharmacovigilance Programme of India- PvPI) के राष्ट्रीय समन्वय केंद्र ने कुछ सामान्य एंटीबायोटिक दवाओं से उत्पन्न होने वाले प्रतिकूल प्रभावों की जानकारी प्रदान की थी | इसके बाद CDSCO ने दवा निर्माताओं को निर्देश दिया है कि, इन दवाओं से होने वाले दुष्प्रभाव (Side Effect) की जानकारी दवाओं में संलग्न पत्रक में उपलब्ध कराई जाए। इसके साथ ही CDSCO ने दवा निर्माताओं को लिखा है कि, निम्नलिखित सात यौगिकों के संभावित दुष्प्रभावों की जानकारी आम आदमी के लिये उपलब्ध कराई जाए |
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सीडीएससीओ (CDSCO) का फुल फॉर्म क्या है
सीडीएससीओ (CDSCO) का फुल फॉर्म “Central Drugs Standard Control Organization” होता है | इसे हिंदी भाषा में “केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन “ कहा जाता है | इस पद के लिए आवेदन भी जारी किये जाते हैं, जिसमें बड़ी तदाद में अभ्यर्थी शामिल होकर इसके लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षा देते है |
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