किसानो की स्थति को देखते हुए, भारतीय सरकार द्वारा एक अहम योजना की शुरुआत की गई हैं।जिसका नाम किसान क्रेडिट कार्ड योजना हैं। सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से किसानों की ऋण आवश्यकताओं (कृषि संबंधी खर्चों) की पूर्ति के लिये पर्याप्त एवं समय पर ऋण की सुविधा उपलब्ध कराना हैं। ताकि आकस्मिक खर्चों के अलावा सहायक कार्यकलापों से संबंधित खर्चों की पूर्ति भी की जा सके। दोस्तों अगर आप भी भारतीय किसान हैं, तो हमारा यह आर्टिकल आपके काफी काम आने वाला हैं। क्योकि आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में किसान क्रेडिट कार्ड योजना से संबंधित सभी जानकारी देने वाले हैं। किसान क्रेडिट कार्ड योजना क्या हैं, से संबंधित सभी जानकारी को a to z जानने के लिए आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।
किसान क्रेडिट कार्ड पर बड़ा ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (23 जुलाई) को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपना लगातार सातवां बजट पेश किया हैं। जिसमें उन्होंने कई बातो को रखा, जिसमें से सबसे बड़ी बात किसानो के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) पर बड़ा ऐलान किया है। ये योजना किसानो के लिए चलाई गई एक अहम योजना हैं। सरकार द्वारा इस योजना के तहत अब 5 और राज्यों में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सुविधा मिलेगी. उन्होंने कहा, कृषि सेक्टर का विकास सरकारी की पहली प्राथमिकता है. नैचुरल फार्मिंग के लिए 1 करोड़ किसानों को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही ब्याज दर 2.00% तक कम हो सकती है। इसके अलावा, पुनर्भुगतान अवधि फसल की कटाई या व्यापार अवधि पर आधारित होती है जिसके लिए लोन राशि ली गई थी। इस योजना में फसलों के लिए अल्पकालिक ऋण और सावधि ऋण शामिल हैं।
भारत में किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान करने वाले शीर्ष बैंक
बैंक | क्रेडिट लिमिट | ब्याज दर |
भारतीय स्टेट बैंक | किसान की जरूरत और क्रॉप प्रोडक्शन पैटर्न के अनुसार | 3 लाख तक के लिए-7% 3 लाख से अधिक के लिए- बैंक के मुताबिक लागू ब्याज दरें |
एक्सिस बैंक | जिस भूमि पर खेती होगी, क्रॉप पैटर्न और फाइनेंश स्केल के अनुसार | प्रोडक्शन क्रेडिट- 10.70% निवेश क्रेडिट- 13.30% |
एचडीएफसी बैंक | जिस भूमि पर खेती होगी, क्रॉप पैटर्न और फाइनेंश स्केल के अनुसार | औसत एपीआर 10.08% |
बैंक ऑफ इंडिया | जिस भूमि पर खेती होगी, क्रॉप पैटर्न और फाइनेंश स्केल के अनुसार | बैंक के मुताबिक लागू ब्याज दरें |
किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत
सरकार द्वारा सबसे पहले किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत वर्ष 1998 में की गई थी। जो की कृषि आवश्यकताओं के लिए अग्रिम प्रदान करने के लिए आरवी गुप्ता समिति की सिफारिशों पर राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा तैयार की गई थी। साथ ही वर्ष 2004 में इस योजना को किसानों की निवेश ऋण आवश्यकता जैसे संबद्ध और गैर-कृषि गतिविधियों के लिये आगे बढ़ाया गया था। बजट-2018-19 में सरकार ने मत्स्य पालन और पशुपालन किसानों को उनकी कार्यशील पूंजी की ज़रूरतों को पूरा करने में मदद के लिये किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सुविधा के विस्तार की घोषणा की हैं। सरकार द्वारा अब केसीसी क्रेडिट धारकों को व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा के तहत मृत्यु और स्थायी विकलांगता के लिए 50,000 तक और अन्य जोखिमों के लिए 25,000 तक कवर किया जाएगा।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना का उद्देश्य
दोस्तों जैसा की हम सभी जानते हैं की किसानो की स्थति को बेहतर बनाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रयास किये जा रहें हैं। ताकि किसानी को अपना जीवन यापन करने में किसी समस्या का सामना ना करना पड़े। इसी बात को ध्यान में रखते हुए, वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण जी के द्वारा मंगलवार (23 जुलाई) को एक बहुत बड़ा एलान किया गया हैं। जिसमें बताया गया हैं की अब 5 और राज्यों में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सुविधा मिलेगी। सरकार द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं जैसे -किसान परिवारों की खपत आवश्यकताओ को पूरा करना। साथ ही कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिये निवेश ऋण की आवश्यकता। फसलों की खेती के लिये अल्पकालिक ऋण आवश्यकताओं को पूरा करना, आदि।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना लिस्ट
नए प्रावधान के अनुसार
सरकार द्वारा नए प्रावधान के अनुसार कुछ बाते कहीं गई हैं। जैसे –
- भारत सरकार ने 3 लाख रुपए तक के अल्पकालिक फसल ऋण के लिये 2% की ब्याज़ सहायता योजना लागू की है।
- इसके अतिरिक्त भारत सरकार किसानों को 2% की ब्याज़ सहायता और 3% का त्वरित पुनर्भुगतान प्रोत्त्साहन प्रदान करती है।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना की विशेषताएं और लाभ
- किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत स्थायी विकलांगता और मृत्यु पर 50,000 रुपये तक अन्य जोखिमों के मुकाबले 25,000 रुपये तक प्रदान किया जाता है।
- साथ ही किसानों की ऋण आवश्यकताओं (कृषि संबंधी खर्चों) की पूर्ति के लिये पर्याप्त एवं समय पर ऋण की सुविधा प्रदान करना, साथ ही आकस्मिक खर्चों के अलावा सहायक कार्यकलापों से संबंधित खर्चों की पूर्ति करना।
- प्रीमियम बैंक और उधारकर्ता दोनों द्वारा 2:1 के अनुपात में वहन किया जाता है। वैधता अवधि पांच वर्ष है, इसे तीन और वर्षों तक बढ़ाने का विकल्प है।
- यह योजना एटीएम-सक्षम रुपे डेबिट कार्ड के साथ संबंद्ध है जिसमें एकमुश्त दस्तावेज़ीकरण, सीमा में अंतर्निहित लागत वृद्धि और सीमा के भीतर किसी भी संख्या में निकासी की सुविधा है।
- इसमें 1.60 लाख रुपये तक की लोन राशि बिना किसी सिक्योरिटी/ सुरक्षा के प्रदान की जाती है।
- बजट-2018-19 में सरकार ने मत्स्य पालन और पशुपालन किसानों को उनकी कार्यशील पूंजी की ज़रूरतों को पूरा करने में मदद के लिये किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सुविधा के विस्तार की घोषणा की।
- प्रीमियम बैंक और उधारकर्ता दोनों द्वारा 2:1 के अनुपात में वहन किया जाता है। वैधता अवधि पांच वर्ष है, इसे तीन और वर्षों तक बढ़ाने का विकल्प है।
- प्रीमियम बैंक और उधारकर्ता दोनों द्वारा 2:1 के अनुपात में वहन किया जाता है। वैधता अवधि पांच वर्ष है, इसे तीन और वर्षों तक बढ़ाने का विकल्प है।
सरकारी योजना का लाभ कैसे मिलेगा
किसान क्रेडिट कार्ड का काम
- एक बार राशि स्वीकृत होने के बाद, उपयोगकर्ता को बैंक का किसान क्रेडिट कार्ड जारी किया जाएगा
- कार्डधारक अब उस क्रेडिट की सीमा पर वस्तुओं की खरीद कर सकता है
- ब्याज दर केवल लिए गए लोन की राशि पर लागू होगी
- समय पर भुगतान सुनिश्चित करेगा कि निकाले गए लोन पर न्यूनतम ब्याज दर लागू हो।
- लोन अधिकारी उस लोन राशि पर निर्णय करेगा जो आवेदक को दी जाएगी। यह 3.00 लाख रुपये तक हो सकती है।
किसान क्रेडिट कार्ड के लिए पात्रता
सरकार द्वारा इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु निम्नलिखित पात्रता निर्धारित की गई हैं जैसे –
- क्रेडिट अक्सर आर्थिक रूप से संपन्न लोगों को प्रदान किया जा रहा है।
- इस धन का उपयोग गैर-कृषि कार्यों हेतु किया जाता है, जैसे:
- रियल एस्टेट में निवेश
- वाहनों की खरीद पर
- विदेशों में बच्चों की उच्च शिक्षा पर
- उच्च ऋण प्राप्त करने के लिये भूमि की मात्रा को बढ़ाया जाता है।
- सभी किरायेदार किसान या मौखिक पट्टेदार और कृषि भूमि में बटाईदार इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
- साथ ही डेयरी किसान जिनके पास शेड हैं/पट्टे पर हैं/किराए पर है
- ऐसे सभी किसान जो फसल उत्पादन या किसी भी संबद्ध गतिविधियों के साथ–साथ गैर–कृषि गतिविधियों के लिए शार्ट-टर्म लोन के लिए योग्य हैं
- किसानों को बैंक के क्षेत्र का निवासी होना चाहिए।
यूपी गेहूं खरीद ऑनलाइन किसान पंजीकरण
आवश्यक दस्तावेज़
- पैन कार्ड,
- वोटर आईडी,
- ड्राइविंग लाइसेंस,
- पासपोर्ट
- पहचान पत्र
- पासपोर्ट आकार का फोटो
- विधिवत भरे हुए और हस्ताक्षर किया हुआ आवेदन फॉर्म।
किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन
- दोस्तों आपको सबसे पहले अपने पसंदीदा बैंक की वेबसाइट पर जाना हैं।
- वहां जाने के बाद एप्लिकेशन फॉर्म डाउनलोड और प्रिंट करना हैं।
- अब आपको आवेदन फ़ार्म नेम मांगी गई सभी जनकारी को भरना हैं।
- सभी जानकारी को भरने के बाद दस्तावेजों को निकटतम बैंक की शाखा में जमा करना हैं।
- लोन की राशि मंजूर होते ही कार्ड भेज दिया जाएगा।
- इस प्रकार आप किसान क्रेडिट कार्ड योजना का उपयोग शुरू कर सकते हैं।
FAQ’s
किसान क्रेडिट कार्ड ( केसीसी ) योजना भारत के किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा अगस्त 1998 में शुरू की गई एक क्रेडिट योजना है।
कार्ड के आधार पर प्रारंभिक क्रेडिट सीमा निम्न के आधार पर पेश की जाती है:
भूमि क्षेत्र, बोई गई फसल, आदि
कटाई के बाद का खर्च और घरेलू आवश्यकताएं
फसल और कृषि संपत्ति के रखरखाव के लिए आवश्यक अन्य व्यय जिसमें फसल बीमा के साथ-साथ व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना भी शामिल है
किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए लोन की अधिकतम अवधि 5 साल है।
सरकार की तरफ से माफी 2024 योजना के अंतर्गत प्राथमिक लक्ष्य किसानों को उनकी बकाया ऋण को माफ करना हैं।
आम तौर पर, व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा की ओर प्रीमियम 1 वर्ष के लिए 15 रुपये है, और 3 साल के अवधि के लिए 45 रुपये है।