सामान्य तौर पर देखा जाता है कि जब किसी प्राइवेट कंपनी में या किसी प्राइवेट संस्थान में काम किया जाता है, तो वहां पर सबसे बड़ा ओहदा एक सीईओ का ही होता है। सीईओ एक जिम्मेदार व्यक्ति होता है, जो कंपनी की बागडोर अपने हाथ में रखता है और हर संभव कोशिश करता है कि उनकी कंपनी लगातार प्रॉफिट कमाते हुए आगे बढ़ सके।
ऐसे में आज हम आपको कुछ मुख्य भारतीय मूल के CEO के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जो भारतीय मूल के होते हुए भी विदेशी कंपनियों की बागडोर अपने हाथ में रखे हुए हैं।
भारतीय मूल के सीईओ की सूची 2023
सत्य नडेला
सत्य नडेला का नाम आज के समय में सबसे ज्यादा सुनने में आता है, वर्ष 2014 में उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ के रूप में पदभार संभाला। साथ ही साथ उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट के कई सारे ऐसे आयामों पर जोर दिया जिसके माध्यम से भविष्य में भी एक अच्छी नींव रखी जा सकती है। उन्होंने क्लाउड कंप्यूटिंग, मोबाइल एप्लीकेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करते हुए बिजनेस को लगभग $100000 के फायदे पर पहुंचा दिया। इसकी बदौलत उनकी कंपनी के शेयर में जबरदस्त इजाफा हुआ और उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट की तरक्की में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सुंदर पिचई
दुनिया सबसे बड़ी टेक कम्पनी गूगल के CEO भी भारतीय मूल के सुंदर पिचाई हैं वर्तमान में वह गूगल और उसकी पैरेंटिंग कम्पनी अल्फाबेट के सीईओ के रूप में कार्यरत है। उन्होंने अपनी पढ़ाई IIT खड़गपुर से पूर्ण की और साथ ही साथ यूनिवर्सिटी ऑफ पेसिलवेनिया से एमबीए भी किया। गूगल को ज्वाइन करने के बाद ही उन्होंने कई और महत्वपूर्ण योजनाओं पर काम किया जिसमें गूगल क्रोम बनाने में भी उनकी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका मानी गई।
थॉमस कुरियन
Google cloud जो की गूगल द्वारा अपने उपयोगकर्ताओं को मुहैया करवाई गई एक क्लाउड कंप्यूटिंग सेवा है उसके CEO थॉमस कुरियन हैं। भारतीय मूल के थॉमस कुरियन ने एमबीए की पढ़ाई के बाद “मैकेंजी एंड कंपनी” से शुरुआत की थी। इनका जन्म केरल में हुआ था साथ ही साथ इनकी प्रारंभिक पढ़ाई बेंगलुरु में हुई थी। जिसके बाद उन्होंने अमेरिका में शिफ्ट कर के वहां पढ़ाई को जारी रखा और अब उन्होंने कई सारे ऐसे आयाम पार किए हैं जिसमें गूगल क्लाउड मुख्य रूप से है, जो आज हमारे बहुत काम का साबित हो रहा है।
शांतनु नारायण
भारतीय मूल के शांतनु नारायण ने भी कई मुख्य कंपनियों के साथ अपना काम आगे बढ़ाया जिसमें सबसे बड़ा एडोबी (Adobe) का नाम है, adobe आज पूरी दुनिया में प्रसिद्ध मल्टी नेशनल सॉफ्टवेर कम्पनी है। वर्तमान में वह Adobe Inc के एक चेयरमैन, प्रेसिडेंट और CEO भी हैं। धीरे-धीरे उन्होंने अपने काम में प्रगति की और आज उन्हें इस बड़ी आईटी कंपनी का एक CEO होने के नाते भारतीय मूल के CEO की लिस्ट में टॉप पर रखा जाता है।
निकेश अरोडा़
हमारी इस अगली कड़ी में गाजियाबाद के निकेश अरोड़ा है। इनकी पढ़ाई दिल्ली के एयर फोर्स स्कूल से हुई और साथ ही साथ उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है। अपनी डिग्री हासिल कर लेने के बाद यह नौकरी के लिए विदेश की तरफ रुख कर गए, जहां पर इन्हें बेहतरीन सफलता हासिल हुई और नौकरी के साथ ही साथ उन्होंने एमबीए भी बोस्टन यूनिवर्सिटी से किया, वर्तमान में वह Palo Alto Networks नामक एक अमेरिकी साइबर सिक्यूरिटी कम्पनी के CEO हैं।
अरविंद कृष्णा
आज के समय की सबसे दिग्गज टेक कंपनी जिसके बारे में हम सभी ने सुना ही हैं, अरविंद कृष्णा “आईबीएम” के चेयरमैन तथा CEO है जिन्होंने पिछले कई सालों से आईबीएम को अपनी कार्य क्षमता के हिसाब से सफलता हासिल कराई है। इन्होंने कंप्यूटर इंजीनियरिंग में पीएचडी की डिग्री हासिल की है और आने वाले समय में भी इनसे उम्मीद की जा सकती है कि वह इस Tech कंपनी को आगे बढ़ा सकें।
राजीव सुरी
राजीव सुरी का नाम भी हम किसी से अछूता नहीं हैं। हम सभी ने कभी ना कभी नोकिया फोन का इस्तेमाल किया ही है जहां राजीव सूरी ने नोकिया के सीईओ के रूप में पदभार संभाल रखा था वहीं अब वे Inmarsat के सीईओ हैं, जो एक ब्रिटिश मोबाइल सेटेलाइट की कंपनी है और राजीव सूरी वहां रहते हुए भी बेहतरीन कार्य कर रहे हैं।
पराग अग्रवाल
विश्व में करोड़ों लोग ट्विटर का उपयोग कर अपने विचारों को साझा भी करते हैं। मूल रूप से ट्विटर एक अमेरिका की वेबसाइट है जिसके सीईओ पराग अग्रवाल है, जो मूल रूप से भारतीय हैं। साथ ही साथ उन्होंने अपनी शिक्षा भी भारत में प्राप्त की है, जो आईआईटी मुंबई से इंजीनियरिंग किए है।
रेवथी अद्वैती
भारतीय सीईओ की लिस्ट में अगला नाम रेवती अद्वैथी का है जिन्होंने सेमीकंडक्टर की कंपनी Flextronic मैं सीईओ का पदभार संभाला था। इन्होंने अपना कार्यभार बखूबी निभाया और आगे भी उनसे यही उम्मीद की जा रही है कि अपनी कंपनी को आगे की ओर ले जाएंगी। उन्होंने इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस से सॉफ्टवेयर की डिग्री हासिल की है उन्हें 2020 में सबसे प्रभावशाली महिला के रूप में भी चुना गया है, जो उनके लिए एक गौरवान्वित पल था।
जय श्री उल्लाल
जयश्री उल्लाल ने 2008 में “एरिश्ता नेटवर्क” में सीईओ का पदभार संभाला था और उन्होंने भी बेहतर कार्य कुशलता दिखाते हुए कंपनी को आगे की राह में ले जाने का प्रण लिया था। जहां उन्हें लगभग 10 साल बाद 2018 में दुनिया के बेहतर सीईओ का खिताब प्राप्त हुआ था। इन्होंने भी लंदन से बैचलर इन यूनिवर्स इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी और उसके बाद ही अपने बेहतर काम को अंजाम दिया था।
निष्कर्ष (Conclusion)
इस प्रकार से आज हमने देखा कि भारतीय मूल होने के बावजूद भी कुछ ऐसे सीईओ हैं जिन्होंने विदेश की धरती में जाकर अपना नाम कमाया है और हमारे देश के लिए भी एक नई राह खोल रखी है। सामान्य तौर पर देखा जाता है कि विदेशों में भारतीयों को ज्यादा तवज्जो नहीं दिया जाता लेकिन इन सीईओ के कारण भी विदेशों में भी हम भारतीयों का मान बना हुआ है। उम्मीद करते हैं आपको भी इनकी जिंदगी से कुछ मार्गदर्शन प्राप्त हुआ होगा और आप भी लगातार आगे बढ़ते हुए अपनी मंजिल तक पहुंच पाएंगे।
उम्मीद करते हैं आपको हमारी दी हुई जानकारी अच्छी लगी होगी और आर्टिकल को पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।