हमारे देश में विभिन्न प्रकार की राजनीतिक पार्टियाँ है | निर्वाचन आयोग (Election Commission) के अनुसार हमारे देश में राजनीतिक दलों को तीन भागों में विभाजित किया गया है, जिन्हें हम राष्ट्रीय पार्टी, राज्य पार्टी और क्षेत्रीय पार्टी के नाम से जानते है | यदि हम राष्ट्रीय पार्टियों को बात करे तो, इस समय भारत में 7 राजनीतिक पार्टियों को राष्ट्रीय दल का दर्जा मिला हुआ है और लगभग 50 दलों को राज्य स्तरीय तथा क्षेत्रीय स्तर पर लगभग 2293 पार्टियाँ पंजीकृत है |
आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से टीएमसी (Trinamool Party) अर्थात तृणमूल कांग्रेस के बारें में जानकारी दे रहे है | आपको बता दे, कि तृणमूल कांग्रेस को राष्ट्रीय स्तर का दर्जा मिला हुआ है | दरअसल, टीएमसी पश्चिम बंगाल की पार्टी है, इस राजनीतिक पार्टी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विघटन के बाद बनाया गया | यदि आपको इस पार्टी के बारें में जानकारी नहीं है, तो आईये जानते है, कि टीएमसी (TMC) क्या है, मतलब, फुल फॉर्म क्या है?
बीजेपी (BJP) का फुल फॉर्म क्या है
टीएमसी का फुल फार्म क्या है (TMC Full Form in Politics)
टीएमसी या AITC का फुल फार्म अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (All India Trinamool Congress) है | टीएमसी भारत का प्रमुख राजनीतिक दलों में से एक है, जो मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल में सक्रिय है। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस का स्वीकृत चुनाव चिह्न ‘दो फूल’ हैं |
टीएमसी का राजनीतिक नारा
“माँ, माटी और मनुष्य” है
TMC Party Logo and Symbol
टीएमसी का क्या मतलब होता है?
टीएमसी अर्थात तृणमूल (trinamool meaning) कांग्रेस भारत के पश्चिम बंगाल की एक अहम क्षेत्रीय दल है, लगभग दो दशक से अधिक समय तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ काम करने के बाद ममता बनर्जी नें 1 जनवरी 1998 को अपनी पार्टी सर्व भारतीय तृणमूल कांग्रेस की स्थापना की | वर्तमान समय में इस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष ममता बनर्जी हैं | वर्ष 2011 के पश्चिम बंगाल राज्य विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस नें 294 में 184 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत प्राप्त किया और ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनी।
तृणमूल कांग्रेस नें वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव में अपनें बेहतर प्रदर्शन से 42 सीटों में से 34 सीट पर जीत हासिल की और 2014 लोकसभा चुनाव मेंतृणमूल कांग्रेस देश की चौथी सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी थी। इसी तरह टीएमसी नें वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव मेंअपनी जीत बरकरार रखी | आपको बता दें, कि तृणमूल कांग्रेस को 2 सितंबर 2016 को चुनाव आयोग द्वारा राष्ट्रीय राजनीतिक दल के रूप में मान्यता प्राप्त हुई थी |
टीएमसी का इतिहास (History Of AITC)
टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी नें लगभग 26 वर्ष तक कांग्रेस का साथ निभाया परन्तु विचारधारा मेल न खानें के कारण उन्होंने 1998 में कांग्रेस का दामन छोड़ दिया | इसके बाद ममता बनर्जी नें मुखिया के रूप में नई पार्टी तृणमूल कांग्रेस की शुरुआत की और 1999 के दिसंबर माह में चुनाव आयोग से आधिकारिक दस्तावेज में दर्ज हुआ | तृणमूल कांग्रेस नें वर्ष 1999 में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन किया और लोकसभा चुनाव में पार्टी नें 8 सीटों पर अपनी जीत दर्ज की।
तृणमूल कांग्रेस निरंतर सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ती गयी और वर्ष 2000 में कोलकाता नगर निगम चुनाव में शानदार जीत हासिल कर इसे भी अपनें नाम कर लिया | सन 2001 में पार्टी ने गठबंधन के लिए कांग्रेस (आई) से हाथ मिलाया और विधानसभा चुनाव में 60 सीटों पर जीती, जबकि 2004 लोकसभा चुनाव में यह गठबंधन सिर्फ एक ही पर सीट आपनी जीत दर्ज कर सकी।
वर्ष 2006 में इस गठबंधन नें विधानसभा चुनाव में 30 सीटों पर जीत दर्ज की और 2011 के पश्चिम बंगाल राज्य विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस नें 294 में 184 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत प्राप्त किया और ममता बैनर्जी मुख्यमंत्री बनीं | 18 सितंबर 2012 के बाद तृणमूल कांग्रेस नें कांग्रेस (आई) से गठबंधन समाप्त कर दिया |
टीएमसी की राजनीतिक विचारधारा (TMC’s Political Ideology)
टीएमसी अर्थात तृणमूल कांग्रेस का बंगाली में राजनीतिक नारा ‘माँ, माटी और मनुष्य’ है | पार्टी का यह राजनीतिक नारा 2011 बंगाल विधानसभा चुनाव प्रचार में दूर- दूर तक फैला और इसकी पहचान बना| टीएमसी द्वारा चलाया गया यह नारा भारत के छह प्रचलित नारों में एक था, जिसकी पुष्टि 2011 में प्रकाशित एक रिपोर्ट से हुआ | तृणमूल कांग्रेस लोकतांत्रिक समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, उदारीकरण की विचारधारा के मूल सिद्धांत पर देश की राजनीति में सक्रिय है |
विधानसभा चुनाव में नामांकन कैसे होता है
केरल चुनाव (Kerala Election)
टीएमसी नें मणिपुर की विधानसभा से शुरुआत करते हुए पार्टी नें केरल की तरफ अपना पहला कदम बढ़ाया और 2014 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी नें 5 सीटों पर अपनें प्रत्याशियों को मैदान में उतारा इसके साथ ही वर्ष 2016 में केरल विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस पार्टी बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़ा ।
मणिपुर चुनाव (Manipur Election)
तृणमूल कांग्रेस पहली बार पश्चिम बंगाल से बाहर निकल कर 2012 के विधानसभा चुनाव में उतरी और 8 सीटों पर जीत दर्ज की | सबसे खास बात यह है, कि 60 सीटों वाली मणिपुर विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस 10 प्रतिशत वोटों के साथ एक अकेली विपक्षी पार्टी बनी थी, हालाँकि 2017 के विधानसभा में टीएमसी को सिर्फ विष्णुपुर की एक मात्र सीट पर जीत मिली, जबकि कांग्रेस की सबसे अधिक 28 सीटे होने के बावजूद मणिपुर की सत्ता पर कब्ज़ा होने से महरूम रह गई | यहाँ भाजपा शून्य से 21 सीट की जीत के साथ गठबंधन कर सत्ता पर कब्ज़ा किया। मणिपुर 2017 चुनाव में टीएमसी को मतदान का 5.6 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे |
टीएमसी का सदस्य कैसे बनें (How to become a member of TMC)
तृणमूल कांग्रेस अर्थात टीएमसी का सदस्य (tmc party membership) बननें के लिए आप अपनें क्षेत्र के स्थानीय कार्यालय में संपर्क कर सकते है | इसके आलावा आप टीएमसी की अधिकारिक वेबसाइट, AITC Portal http://aitcofficial.org/ के माध्यम से ऑनलाइन सदस्यता ग्रहण कर सकते है |
फ्लोर टेस्ट (FLOOR TEST) क्या होता है
भारत के सभी राष्ट्रीय पार्टियों की सूची (List of all National Parties in India)
क्र०स० |
पार्टी का नाम |
गठन |
1. |
1980 | |
2. |
बहुजन समाज पार्टी (BSP) |
1984 |
3. |
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) |
1964 |
4. |
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) |
1925 |
5. |
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) |
1885 |
6. |
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) |
1999 |
7. |
तृणमूल कांग्रेस पार्टी (TMC) |
1998 |
8. |
नेशनल पीपुल्स पार्टी |
2013 |
यहाँ आपको टीएमसी (TMC) राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी के विषय में बताया गया है | इससे समबन्धित अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो कमेंट करे और अपना प्रश्न पूछें, आपके प्रश्न का जल्द ही उत्तर देने का प्रयास किया जायेगा | इसी तरह की और भी जानकारी के लिए hindiraj.com पोर्टल पर विजिट करते रहे |