सीटी स्कैन क्या होता है



आपने X-ray, Sonography आदि का नाम सुना होगा। CT SCAN इनकी अपेक्षा एक विशिष्ट एवं बड़ी रेडियोलोजी जांच होती है। कभी-कभी डॉक्टर भी आसानी से किसी भी मरीज को देखकर नहीं बता सकते, कि उसे क्या बीमारी है। इसलिए सामान्य से दिखने वाले व्यक्ति को भी कोई भी गंभीर बीमारी हो सकती है, जिसका पता CT SCAN के माध्यम से आसानी से लगाया जा सकता है। 

CT SCAN एक बड़ा स्वास्थ्य परीक्षण तो है ही, साथ ही महंगे होने के साथ-साथ इसे बिना डॉक्टरी सलाह के नहीं किया जाता। आज आपको इस आर्टिकल में सीटी स्कैन क्या होता है | CT Scan का फुल फॉर्म – सीटी स्कैन क्यों किया जाता है, इसके बारे में डिटेल में सभी जानकारी बताई गई हैं।

CT Scan

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सीटी स्कैन क्या होता है?

सीटी (कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी) स्कैन से मतलब एक ऐसी जांच से है जिसके लिए कंप्यूटर व एक्सरे मशीन का ईस्तमाल किया जाता है। यह एक गहन चिकित्सकीय परीक्षण है, जिसका उपयोग मुख्यतः गंभीर बीमारियों का पता लगाने के लिए किया जाता है, इसे बहुत ही सावधानी से किया जाता है। इसके अलावा इसमें शरीर के हर भाग के छोटे से छोटे हिस्से को दिखाया जाता है ताकि पेशेंट को शरीर में जो भी परेशानी है उसे पहचाना जा सके और उसका इलाज किया जा सके।

CT SCAN का फुल फॉर्म

CT SCAN का फुल फॉर्म “Computed Tomography Scan” होता है। इसे हिंदी में भी कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन ही कहते हैं। 

सीटी स्कैन के द्वारा शरीर के हर हिस्से का आसानी से कंप्यूटर द्वारा X Ray फोटो लिया जाता है, इन फोटोज से क्रॉस सेक्शनल तस्वीरें बनती है, जो मरीज के शरीर में आई कोई भी गड़बड़ी को आसानी से समझने में मदद करती है।

सीटी स्कैन X- ray पिक्चर्स की तुलना में बहुत अच्छे रिजल्ट देती है। ये शरीर के विभिन्न भागों में नरम ऊतकों, रक्त वाहिकाओं और हड्डियों को दिखा सकते है, यानि सीटी स्कैन का उपयोग शरीर के कई भागों की अंदरूनी तस्वीरें निकालने के लिए प्रयुक्त होती हैं। CT SCAN की मदद से हम शरीर के निम्न भागों का अच्छे से अध्ययन कर सकते हैं, जिसमें शामिल हैं:

  • सिर
  • कंधे
  • रीढ़ की हड्डी
  • दिल
  • पेट
  • घुटना 
  • छाती आदि।

सीटी स्कैन कैसे किया जाता है? 

CT Scan Kaise Hota Hai in Hindi: जब किसी व्यक्ति या पेशेंट का सीटी स्कैन किया जाता है, तो उसे एक सुरंग जैसी संरचना वाली मशीन में लिटाया जाता है, इसके बाद मशीन के अंदर के भाग घूमते हैं और अलग-अलग एंगल से फोटोज ली जाती हैं और ये फोटोज कंप्यूटर पर भेजी जाती हैं, जहां शरीर के विशेष क्षेत्र अर्थात जिस भी भाग में मरीज को परेशानी है उस क्षेत्र की 3D Pictures ली जाती हैं और उन पिक्चर्स के प्रिंट निकाले जाते हैं। इसके बाद डॉक्टर प्रिंट करके ली गई पिक्चर्स का परीक्षण करके मरीज की अंदरूनी बीमारी का पता लगाते हैं।

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सीटी स्कैन से क्या पता चलता है

CT SCAN क्यों किया जाता है: CT SCAN के कई उपयोग होते हैं, लेकिन यह बीमारियों के निदान और चोटों का गहनता से अध्ययन करने में मदद करता है इसे आप डॉक्टर की सलाह से करा सकते हैं। CT SCAN का उपयोग जटिल बीमारियों को समझने, चोटों के निदान आदि के लिए किया जाता है, इसके अलावा भी डॉक्टर्स द्वारा निम्न रोगों का पता लगाने के लिए भी सीटी स्कैन कराने की सलाह दी जाती है, जैंसे –

  • इन्फेक्शन का इलाज, मांसपेशियों से संबंधित बीमारियां।
  • हड्डियों के फ्रेक्चर्स।
  • ट्यूमर, कैंसर के ट्यूमर आदि स्थान का पता लगाने के लिए।
  • रक्त कोशिकाओं और वाहिकाओं का सूक्ष्मतम अध्ययन करने के लिए।
  • आंतरिक चोटों और आंतरिक रक्तस्राव का पता लगाने के लिए।
  • कैंसर और ह्रदय रोग से संबंधित कुछ विशेष चीजों का पता लगाने के लिए 

समन्यतः सीटी स्कैन कराने में बहुत ही कम समय लगता है और इसे करते समय आपके शरीर को किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुंचाई जाती है। 

सीटी स्कैन कराते समय ध्यान रखने योग्य बातें

सीटी स्कैन कराते समय निम्न बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए, जैंसे –

  • CT SCAN कराने से पहले आपको कुछ भी खाना पीना नहीं चाहिए।
  • सीटी स्कैन कराते समय यदि आपने गले में या कहीं भी कोई ज्वैलरी पहन रखी है तो उसे उतार देना चाहिए।
  • पेट का सीटी स्कैन कराते समय बहुत ही सावधानी रखनी चाहिए क्योंकि इसमें शरीर के सभी अंगों की इमेज ली जाती है।
  • बिना डॉक्टरी सलाह के सीटी स्कैन नहीं कराना चाहिए।
  • सीटी स्कैन कराते समय कई बार आपको सांस रोकने के लिए भी कहा जा सकता हैं।
  • सीटी स्कैन कराते समय जिसमें आपको लिटाया जाता है, वो धीरे-धीरे अंदर की ओर सरकती है इसलिए डरना नहीं चाहिए।

इन सबके अलावा और भी कई सावधानियां हैं जो टेक्नीशियन द्वारा सीटी स्कैन कराते समय बताई जाती हैं।

सीटी स्कैन से क्या नुकसान होता है

कहते है जो चीज फायदा देती है वो थोड़ा हो सही लेकिन नुकसान भी करती है। इसलिए सीटी स्कैन के भी कई नुकसान हैं जो निम्न हैं।

  • सामान्य X ray की तुलना में सीटी स्कैन में ज्यादा रेडिएशन होता है।
  • अगर आपने बहुत बार सीटी स्कैन कराएं है तो आपको रेडिएशन का खतरा बढ़ सकता है।
  • रेडिएशन से कैंसर का खतरा भी रहता है। 
  • बच्चों में खास कर पेट और छाती का सीटी स्कैन कराने से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा ज्यादा होता हैं।
  • कुछ लोगों को कंट्रास्ट से एलर्जी का खतरा हो सकता हैं।

MRI Scan क्या होता है ?

सीटी स्कैन की फीस

CT Scan Me Kitna Paisa Lagta Hai: सीटी स्कैन की फीस ज्यादा नहीं है, इसकी सामान्य फीस 500 से शुरू होकर 2000 से 3000 तक भी हो सकती है और ये इस बात पर भी निर्भर करता ही की CT SCAN किस भाग या अंग का होना हैं।

हालांकि सरकारी अस्पतालों में सीटी स्कैन कराने में 500 रुपए ही लगते हैं। वही अगर आप बड़े और प्रसिद्ध अस्पतालों में सीटी स्कैन कराएं तो इसकी फीस लगभग 2000 से 5000 रुपए तक हो सकती है।

निष्कर्ष

दोस्तों CT SCAN जितना लाभदायक है उतना ही हानिकारक क्योंकि इससे निकले रेडिएशन से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा होता है इसलिए प्रयास करें की सीटी स्कैन कराने से बचें या आवश्यक होने पर ही कराएं। ऊपर मैने आपको सीटी स्कैन से संबंधित सभी जानकारियां साझा कर दी है। उम्मीद है, आपको आर्टिकल पसंद आया होगा। धन्यवाद!

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