एनएसए के बारे में बहुत सारे भ्रम हो सकते है जैसे बहुत NSA को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के रूप में जानते है जबकि बहुत लोग देश के National Security Advisor के रूप में एनएसए को परिभाषित करते है |
आज आपके सारे भ्रम जोकि आपके दिमाग में NSA को लेकर है, सभी समाप्त हो जायेंगे | हम चाहते है हम NSA के बारे में वो सब जाने जो बहुत जरूरी है और ऐसा जाने कि आप ओर लोगो को भी इसके विषय में बता सके |
National Security Advisor या राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
सबसे पहले देश के National Security Advisor के बारे में जानते है एनएसए (NSA) का पद एक सम्मानजनक पद होता है | यह एक ऐसा पद होता है, जो भारत सरकार के सबसे शक्तिशाली नौकरशाहों में से एक माना जाता है | NSA के इस पद की शुरुआत पहली बार नवंबर 1998 से की गई थी | NSA के पद पर जिस व्यक्ति का चयन किया जाता है वह व्यक्ति अधिकतर भारतीय विदेश सेवा या भारतीय पुलिस सेवा से सम्बन्ध रखता हो | वहीं भारत में सर्व प्रथम राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में इस पद पर ब्रजेश मिश्रा को चुना गया था, लेकिन अब वर्तमान समय में NSA अजीत डोभाल को इस पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है |
रासुका (National Security Act) क्या है ?
NSA को रासुका ( राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ) भी कहते हैं, इसमें प्रदर्शनकारियों द्वारा किये गये अपराध तथा साथ ही राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर इस क़ानून की धारा का प्रयोग प्रशासन द्वारा किया जाता है | रासुका का मतलब राष्ट्रीय सुरक्षा कानून या अधिनियम (National security Act NSA) होता है | अगर इसके अन्तरगत सजा की बात करें तो आप भी जान ले कि इसमें हिरासत में लिए व्यक्ति को अधिकमत एक साल जेल में रखा जा सकता है | रासुका ( राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ) के अंतर्गत अगर सरकार को ये लगता कि कोई भी व्यक्ति देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले कार्यों को करने से रोक रहा है तो वह उसे गिरफ्तार करने की शक्ति प्रशासन को दे सकती है।
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार में अंतर
जिस व्यक्ति को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में चुना जाता है वह व्यक्ति भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) का वरिष्ठ अधिकारी बन जाता है | NSA का पद प्राप्त करने वाला व्यक्ति राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर भारत के प्रधानमंत्री के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यरत होता है | वर्तमान में अजीत डोभाल ने एनएसए का पद प्राप्त कर लिया हैं | वह अपने दूसरे कार्यकाल की जिम्मेदारी बहुत ही निष्ठा के साथ निभा रहे हैं और उन्हें सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद की भी जिम्मेदारी सौंप दी गई | वही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून या रासुका देश हित में उन असामाजिक तत्वों पर लगायी जाती है जिनसे देश को खतरा है या होने की सम्भावना है| इसका उद्धरण है भीम आर्मी के चीफ “चंद्रशेखर” जिन्हें रासुका के चलते गिरफ्तार किया गया था और काफी दिनों तक जेल में रहना पड़ा था|
अजीत डोभाल से पहले, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर अब तक 4 व्यक्तियों को नियुक्ति दी जा चुकी थी, जिसमे श्री ब्रजेश मिश्रा; भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी नवंबर 1998 में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा नियुक्त भारत के पहला राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार घोषित किये गए थे, जो 22 मई 2004 तक अपने पद पर कार्यरत रहे थे |
एनएसए (NSA) का फुल फॉर्म क्या है ?
एनएसए का फुल फॉर्म दो रूपों में परिभाषित किया जा सकता है जिससे विरोध का आभास न हो| हम NSA का पूरा नाम हिंदी में परिभाषित करते है जिससे आपको कंफ्यूजन न हो |
- NSA का पहला फुल फॉर्म राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में किया जा सकता है जिसे अंग्रेजी में “National Security Advisor” भी कहते है
- वही NSA का दूसरा फुल फॉर्म राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के रूप में जाना जाता है जिसे अंग्रजी भाषा में “National Security Act” भी कहते है |
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के कार्य
- राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) ही होता है, जो भारत के प्रधानमंत्री को भारत के लिए बाहरी और आंतरिक सुरक्षा खतरों से संबंधित सभी मामलों पर सलाह देने का काम करता है |
- अपने कार्य की जिम्मेदारी निभाते हुए सभी खुफिया रिपोर्ट जानकारी लेता है और उन्हें प्रधानमंत्री के सामने पेश करने का काम करता है | इसके साथ ही इस पद को प्राप्त करने वाला व्यक्ति भारत के प्रधानमंत्री की तरफ से रणनीतिक और संवेदनशील मुद्दों पर आयोजित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बैठकों में भी शामिल होता है |
- NSA के पद पर कार्य करने वाला व्यक्ति चीन, पाकिस्तान और इजरायल के साथ सुरक्षा मामलों पर प्रधानमंत्री के विशेष दूत के रूप में भी कार्य करता है | इसके अलावा वह एनएसए, आधिकारिक विदेशी और राजकीय यात्राओं पर प्रधानमंत्री के साथ जाता है |
- किसी देश पर आक्रमण करने या बाहरी खतरों से बचाने में मुख्य सलाहकार होता है, उसी के रणनीति के अनुसार कदम भी उठाये जाते है |
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की सैलरी
इस पद को प्राप्त करने वाले व्यक्ति को प्रति माह 1,62,500 रुपये सैलरी (पुष्टि नहीं कर सकते) प्रदान की जाती है लेकिन इस पद को प्राप्त को करने वाले व्यक्ति को बहुत अधिक मेहनत करनी होती हैं, जिसके बाद ही वह व्यक्ति इस पद को प्राप्त करने में सफल हो पाता है | वेतन के अलावा अन्य सरकारी सुविधाएँ भी प्रदान की जाती है |
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की अब तक की सूंची
क्र.स. | नाम NSA | कार्यकाल | प्रधानमंत्री |
1. | ब्रजेश मिश्र (IFS) | नवम्बर 1998 से 22 मई 2004 | अटल बिहारी वाजपेयी |
2. | J. N. दीक्षित (IFS) | 23 मई 2004 से 3 जनवरी 2005 | मनमोहन सिंह |
3. | M. K. नारायणन (IPS) | 3 जनवरी 2005 से 23 जनवरी 2010 | मनमोहन सिंह |
4. | शिवशंकर मेनन (IFS) | 24 जनवरी 2010 से 28 मई 2014 | मनमोहन सिंह |
5. | अजीत डोभाल (IPS) | 30 मई 2014 से वर्तमान तक | नरेंद्र मोदी |
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नागरिकता संशोधन बिल (CITIZENSHIP AMENDMENT BILL) क्या है
FAQ
एनएसए कानून के तहत भारत सरकार को देश हित में किसी भी आरोपी पर रासुका या NSA कानून लगाकर उसे गिरफ्तार करने की शक्ति प्रदान करता है ||
यदि देश को किसी भी व्यक्ति से खतरा होता है तो केंद्र या राज्य सरकार इस कानून के तहत उस व्यक्ति पर NSA लगा सकता है |