Parliament in Hindi: केंद्र स्तर पर संविधान द्वारा स्थापित विधायिका को संसद या Parliament of India कहा जाता है | अपितु किसी भी राज्य में भी विधायिका होती है और उसे राज्य स्तर पर विधानमंडल या Legislative of State कहते है लेकिन भारत देश में सबसे बड़ी विधायिका के रूप में संसद ही है जो केंद्र सरकार के गठन में कार्य करती है और संविधान अनुसार के अनुसार प्राप्त शक्तियों के आधार पर कार्यपलिका को सहयोग व नियंत्रित करती है |
भारत में देश हित के कानून संसद में ही बनाये जाते है जिसके आधार पर हम कह सकते है कि भारत में संसदीय प्रणाली है जो भारत की जनता के प्रति उत्तरदायी है | भारतीय संविधान (The Constitution of India) के पांचवें भाग के अंतर्गत अनुच्छेद 79 से 122 में संसद के गठन, संरचना, अवधि, अधिकारियों, प्रक्रिया, विशेषाधिकार सहित अधिकारों के बारे में वर्णन किया गया है जिसके बारे में आगे हम विस्तार पूर्वक जानेगे |
केंद्र सरकार और राज्य सरकार क्या होती है
भारतीय संसद के कितने अंग है ?
भारतीय सर्वोच विधायिका या संसद राष्ट्रपति और दो सदनों- लोक सभा (हाउस आफ द पीपुल) और राज्य सभा (काँसिल ऑफ स्टेट्स) से मिला कर बनती है | संसद के निर्माण में एक उच्च सदन जिसे राज्य सभा तथा एक निम्न सदन जिसे लोकसभा के नाम से जाना जाता है | जबकि देश का राष्ट्रपति जोकि दोनों में किसी भी सदन का सदस्य नहीं होता है | यही तीनो अंगो के द्वारा देश का मार्गदर्शन जनता के प्रतिनिधिव के आधार पर किया जाता है | संसद का गठन निम्न अंगो के द्वारा किया है:-
लोकसभा (Lower House)
यह निम्न सदन के रूप में जाना जाता है और देश के सभी राज्यों से जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि ही लोकसभा के सदस्य बनते है | लोकसभा चुनाव जोकि 5 वर्ष में एक बार कराया जाता है, संसदीय निर्वाचन क्षेत्रो की जनता द्वारा व्यस्क मताधिकार के आधार पर जनप्रतिनिधि का चयन किया जाता है | इसकी सदस्यता के लिए उम्मीदवार 25 वर्ष न्यूनतम अनिवार्य है | लोक सभा की वर्तमान सदस्य संख्या 545 है। विभिन्न राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के बीच विभाजित सदस्यों की संख्या निम्नवत् है-
(1) आंध्र प्रदेश 42
(2) अरुणाचल प्रदेश 2
(3) असम 14
(4) बिहार 40
(5) छत्तीसगढ़ 11
(6) गोवा 2
(7) गुजरात 26
(8) हरियाणा 10
(9) हिमाचल प्रदेश 4
(10) जम्मू और कश्मीर 6
(11) झारखंड 14
(12) कर्नाटक 28
(13) केरल 20
(14) मध्य प्रदेश 29
(15) महाराष्ट्र 48
(16) मणिपुर 2
(17) मेघालय 2
(18) मिजोरम 1
(19) नागालैंड 1
(20) उड़ीसा 21
(21) पंजाब 13
(22) राजस्थान 25
(23) सिक्किम 1
(24) तमिलनाडु 39
(25) त्रिपुरा 2
(26) उत्तरांचल 5
(27) उत्तर प्रदेश 80
(28) पश्चिम बंगाल 42
(29) अंडमान और निकोबार 1
(30) चंडीगढ़ 1
(31) दादर और नागर हवेली 1
(32) दमन और द्वीव 1
(33) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली 7
(34) लक्षद्वीप 1
(35) पांडिचेरी 1
(36) आंग्ल भारतीय ( यदिराष्ट्रपति ने मनोनीत किये है)
भारत में राष्ट्रपति की शक्तियां और कार्य
राज्य सभा (Upper House)
इसे उच्च सदन के नाम से भी जाना जाता है और इसमें 250 से अधिक सदस्य हैं | राज्यसभा के सदस्य का चयन अप्रत्यक्ष चुनाव के द्वारा 6 वर्ष के लिए किया जाता है | इसका चुनाव राज्यों की विधानसभाओ द्वारा समानुपातिक प्रणाली द्वारा किया जाता है | योग्यता के रूप में इसके उम्मीदवार की आयु न्यूनतम 30 होनी चाहिए |
राज्यसभा में देश के राष्ट्रपति द्वारा 12 सदस्यों को साहित्य, विज्ञान, कला और सामाजिक सेवा केक्षेत्र से मनोनीत किया जाता है | वर्तमान में राज्य सभा में 245 सदस्य है जिनका विभिन्न राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रवार विभाजन निम्नवत है |
(1) आंध्र प्रदेश 18
(2) अरुणाचल प्रदेश 1
(3) असम 7
(4) बिहार 16
(5) छत्तीसगढ़ 5
(6) गोवा 1
(7) गुजरात 15
(8) हरियाणा 5
(9) हिमाचल प्रदेश 3
(10) जम्मू और कश्मीर 4
(11) झारखंड 6
(12) कर्नाटक 12
(13) केरल 9
(14) मध्य प्रदेश 11
(15) महाराष्ट्र 19
(16) मणिपुर 1
(17) मेघालय 1
(18) मिजोरम 1
(19) नागालैंड 1
(20) उड़ीसा 10
(21) पंजाब 7
(22) राजस्थान 10
(23) सिक्किम 1
(24) तमिलनाडु 18
(25) त्रिपुरा 1
(26) उत्तरांचल 3
(27) उत्तर प्रदेश 31
(28) पश्चिम बंगाल 16
(29) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली 3
(30) पांडिचेरी 1
(31) संविधान के अनुच्छेद 80(1)(क) के अंतर्गत 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नामनिर्दिष्ट होंगे।
राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है
राष्ट्रपति (President of India)
यह देश का सर्वोच पद है और देश के राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष के माध्यम से किया जाता है | राष्ट्रपति के पास संसद के दोनों सदनों को बुलाने या सत्रावसान या लोकसभा को भंग करने का अधिकार संविधान के अनुसार दिया गया है | राष्ट्रपति का चुनाव, कार्य व शक्ति के बारे में पहले ही विस्तार पूर्वक बता चुके है, आप लेख जरूर पढ़े |
संसद के कार्य और शक्तिया (Power and Work of Parliament of India)
- केंद्र व समवर्ती सूची में विषयों पर संसद कानून बनाती है तथा विशेष परिस्तिथि के अनुसार राज्य के विषय में भी कानून बना सकती है |
- वित्त नियमो के आधार पर नया कर लगाने व हटाने का पूर्ण अधिकार संसद को ही प्राप्त है |
- संसद की राजनैतिक कार्यपालिका जोकि मंत्रिमंडल है, जनता के प्रति उत्तरदायी है | अगर संसद में अपना विश्वास मत साबित नहीं कर पाती तो केंद्र सरकार को इस्ताफा देना पड़ता है |
- संसद के द्वारा केंद्र सरकार पर पूर्ण नियंत्रण रखा जाता है तथा कोई भी लोकहित कानून या बिल बिना संसद में पास किये बिना लागू नहीं किया जा सकता है |
- संविधान संशोधन जैसे महत्वपूर्ण कार्यो में संसद महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है तथा इसके लिए विशेष बहुमत की जरुरत होती है जिससे सिर्फ सच में लोकहित में बना बिल ही पारित कराया जा सकता है | यह एक मुश्किल प्रक्रिया भी है |
- संसद के द्वारा राष्ट्रपति को महाभियोग द्वारा हटाया जा सकता है |
- देश के उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए पहले प्रस्ताव राज्यसभा में ही लाया जा सकता है |
- राज्य सूची के विषय में विधेयक पहले राज्यसभा में पेश किया जाता है |
- अखिल भारतीय सेवा सेवाओ के संबंध में बिल पहले राज्यसभा में ही पेश किया जाता है |
- धन विधेयक पहले लोकसभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है |
- धन विधेयक के संबंध में अंतिम शक्ति लोक सभा के पास होती है, राज्यसभा में सिर्फ बिल में बदलाव के सुझाव दिए जा सकते है इस बिल के संबंध में ज्यादा अधिकार लोकसभा के पास है |
- राष्ट्रपति द्वारा आपातकाल चालू रखने के लिए संसद से स्वीकृति लेना जरूरी है |
संसद के विशेष अधिकार (Privileges)
- अधिवेशन के दौरान संसद की मंजूरी के बिना किसी भी सदस्य को गवाही के लिए नहीं कहा जा सकता |
- अपितु संसद में अभिव्यक्ति के आधार पर स्वतंत्र रूप से विचार रखने का अधिकार है परन्तु देश के उच्च या उच्चतम न्यायालय के न्यायधीशो के व्यव्हार के बारे में चर्चा नहीं कर सकते |
- संसद के किसी भी सदन द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट या पर्चे के विरुद्ध कोर्ट में उनके विरुद्ध कार्यवाही नहीं की जा सकती |
हमे उम्मीद है आपको संसद क्या है, संसद के कार्य व शक्तिया के बारे में जानकारी व गठन प्रक्रियाका ज्ञान पूर्ण रूप से हो गया होगा | लेख अच्छा लगा हो तो आगे शेयर करे |
विधानसभा चुनाव में नामांकन कैसे होता है
FAQ
संसद के पास लोकसभा में 543 और राज्यसभा में 245 की स्वीकृत सदस्य है |
संसद में दो भाग होते है लोकसभा व राज्यसभा |
एक वर्ष में करीबन 3 सत्र होते है |